प्रयागराज में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। युवक की कनपटी में सटाकर गोली मारी गई है। लाश को देखकर ऐसी आशंका जताई जा रही है कि देर रात उसका मर्डर किया गया है। मौके पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौजूद है। पूरा मामला, यमुनानगर के घूरपुर थाना क्षेत्र का है। यहां थाने से महज 2 किलोमीटर दूर इरादतगंज हवाई पट्टी इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। सूचना पाकर सुबह मौके पर पहुंची घूरपुर पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है। फोरेंसिक के अलावा डॉग स्क्वायड की टीम भी बुलाई गई है। युवक की शिनाख्त के प्रयास जारी युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने इलाके के लोगों से पूछताछ की है। युवक के गले में लोहे की जंजीर पड़ी मिली है। आशंका है कि बंधक बनाकर युवक की हत्या की गई है। खबर अपडेट की जा रही है…. प्रयागराज में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। युवक की कनपटी में सटाकर गोली मारी गई है। लाश को देखकर ऐसी आशंका जताई जा रही है कि देर रात उसका मर्डर किया गया है। मौके पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौजूद है। पूरा मामला, यमुनानगर के घूरपुर थाना क्षेत्र का है। यहां थाने से महज 2 किलोमीटर दूर इरादतगंज हवाई पट्टी इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। सूचना पाकर सुबह मौके पर पहुंची घूरपुर पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है। फोरेंसिक के अलावा डॉग स्क्वायड की टीम भी बुलाई गई है। युवक की शिनाख्त के प्रयास जारी युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने इलाके के लोगों से पूछताछ की है। युवक के गले में लोहे की जंजीर पड़ी मिली है। आशंका है कि बंधक बनाकर युवक की हत्या की गई है। खबर अपडेट की जा रही है…. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मनमोहन चंडीगढ़ में जिस यूनिवर्सिटी से पढ़े, वहीं प्रोफेसर बने:क्लास-लेक्चररूम में यादें सहेजीं; कोठी से था लगाव; क्लासमेट बोले- बरसों बाद भी पहचाना
मनमोहन चंडीगढ़ में जिस यूनिवर्सिटी से पढ़े, वहीं प्रोफेसर बने:क्लास-लेक्चररूम में यादें सहेजीं; कोठी से था लगाव; क्लासमेट बोले- बरसों बाद भी पहचाना 2 बार देश के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। मनमोहन सिंह का चंडीगढ़ से पुराना नाता रहा। उन्होंने यहां स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) से पढ़ाई की और इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहे। मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से 1952 में इकोनॉमिक्स में बैचलर और 1954 में मास्टर डिग्री हासिल की थी। इसके बाद 1957 से 1966 तक पंजाब यूनिवर्सिटी में ही इकोनॉमिक्स के सीनियर फैकल्टी के रूप में नौकरी की थी। यूनिवर्सिटी में उनकी कुर्सी और प्रोफेसर रहते लेक्चर के बाद बैठने वाले कमरे को सहेजकर रखा गया है। यूनिवर्सिटी में अलॉट हुए उनके क्वार्टर की भी रेनोवेशन कराई जा रही है। उनकी चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में कोठी है, जिसका नंबर 727 है। इस कोठी में कोई नहीं रहता। मगर, उनके लगाव के कारण कोठी की देखभाल के लिए केयरटेकर रखा हुआ है। उनके पास की कोठी में मनमोहन सिंह के कॉलेज फ्रैंड हंसराज भी मिले। उन्होंने कहा कि स्कूल में सबसे मुश्किल सवाल वही हल करते थे। विदेश जाने के बाद मुझे लगा कि वे भूल गए होंगे लेकिन एक बार मिले तो सीधे नाम लेकर हालचाल पूछकर हैरान कर दिया। आखिरी बार मनमोहन सिंह 2018 में चंडीगढ़ आए थे। तब वह पंजाब यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद दैनिक भास्कर की टीम उनकी कोठी और पंजाब यूनिवर्सिटी में पहुंची। सबसे पहले टीम कोठी में पहुंची। कोठी बंद थी। देखभाल करने वाले दंपती कोठी के पीछे बैठे हुए थे। उनसे कोठी के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि कमरे बंद हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के पारिवारिक सदस्य उन्हें बीच-बीच में फोन करते रहते हैं। केयरटेकर आनंद सिंह बिष्ट ने कहा कि पूर्व PM के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। मैं कोठी की देखभाल करता हूं। कोठी में फिलहाल कोई नहीं रहता है। इस दौरान टीम को देखकर पास की कोठी में रहने वाले हंसराज वहां पहुंच गए। वह भावुक हो गए। हंसराज बताते हैं कि मैं और मनमोहन सिंह पक्के दोस्त थे। हम दोनों अमृतसर में हिंदू कॉलेज में इकट्ठे पढ़े। 2 साल यानी 1952 से 1954 तक हम इकट्ठा रहे। हम दोनों क्लास में टॉपर थे। हमारी BA की क्लास में 30 स्टूडेंट थे। प्रोफेसर हम दोनों को मुश्किल सवाल देते थे
हंसराज ने आगे कहा कि क्लास में मैथमेटिक्स के प्रोफेसर हम दोनों को मुश्किल सवाल दे देते थे। प्रोफेसर कहते थे कि तुम दोनों इन सवालों को हल कर सकते हो, बाकी लड़के इन्हें हल नहीं कर सकते हैं। इसके बाद हम दोनों मिलकर सवाल हल करते थे। हल किए सवाल के बारे में प्रोफेसर को बताते तो वह बहुत खुश होते थे। इसके बाद मैं अमेरिका चला गया। संपर्क खत्म हो गया। मैं 2-3 साल में इंडिया आता था। ऐसे में कभी मुलाकात का मौका नहीं मिला। वह बिजी आदमी थे। हमने सोचा कि वह हमें कैसे पहचानेंगे, लेकिन एक बार मुझे मिले और कहा कि हंसराज क्या हाल हैं, देखा ये होता प्यार असली। ये वाक्य मुझे आज भी याद है। तनख्वाह को डोनेट करते थे
उन्होंने कहा कि मनमोहन की चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में 727 नंबर कोठी है। कोठी की देख-रेख उनकी बेटी करती है। मैं कोठी नंबर 729 में रहता हूं। हंसराज ने कहा कि मनमोहन बेस्ट प्राइम मिनिस्टर थे। उन्होंने बेहतर काम किया। उन्हें जो तनख्वाह भारत सरकार देती थी, वह उसे डोनेट कर देते थे। कमरा नंबर-40 A में चेयर स्थापित
इसके बाद टीम पंजाब यूनिवर्सिटी में पहुंची। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की छुट्टियां हैं, लेकिन सभी प्रोफेसर यूनिवर्सिटी में पहुंचे थे। सभी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को याद कर रहे थे। इसके बाद टीम इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट में पहुंची। जहां कमरा नंबर-40 A में उनकी चेयर स्थापित की गई है। वह इसी क्लासरूम में पढ़ते थे। इसके बाद वहां के प्रोफेसर उस कमरे में ले गए, जहां मनमोहन सिंह लेक्चर लगाने के बाद बैठते थे। कमरे में उनकी फोटो लगी है। आलमारियों में किताबें रखी हैं। उसके सामने ही लाइब्रेरी है, जिसमें उनसे जुड़ी किताबें रखी हैं। संदेश में लिखा- मैं भारत के भविष्य के बारे में आश्वस्त हूं
डिपार्टमेंट में ही एक मीटिंग हॉल है, जहां एक बोर्ड लगा है। उस पर उनकी फोटो लगी है। फोटो के साथ उनका संदेश लिखा हुआ मिला- मैं भारत के भविष्य के बारे में आश्वस्त हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख शक्ति के रूप में भारत का उदय एक ऐसा विचार है, जिसका समय आ गया है। परंपरा को आधुनिकता के साथ तथा एकता को विविधता के साथ मिलाकर यह राष्ट्र दुनिया को आगे का रास्ता दिखा सकता है। यूनिवर्सिटी में मनमोहन सिंह की ही चर्चा
इसके बाद टीम ने पंजाब यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स की चेयरपर्सन डॉ. समिता शर्मा से बात की। उन्होंने कहा कि रात को प्रोफेसर मनमोहन के निधन की खबर मिली। उनसे जुड़ी सारी यादें ताजा हो गईं। कल से ही हम सारे उनसे रिलेटेड बातें कर रहे हैं। सारी यूनिवर्सिटी आज उन्हीं के बारे में बात कर रही है। उन्होंने कहा कि जब हम यहां पढ़ाई करते थे तो उनका नाम सुनते थे। 1991 में देश में जो इकोनॉमिक्स रिफोर्म लाए गए, वह सारे के सारे मनमोहन सिंह ही लाए थे। इसके लिए लोग उन्हें याद रखते हैं। हमने तो उनके बारे में किताबों में ही पढ़ा है और आगे बच्चों को भी पढ़ाया है। उन्होंने कहा कि 2018 में मुझे उनसे मिलने का मौका मिला था। एक कार्यक्रम में मनमोहन सिंह आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं। उनकी पोलाइटनेस मुझे सबसे ज्यादा अच्छी लगी। डिपार्टमेंट की सीढ़ियां नहीं चढ़ पाए थे मनमोहन सिंह
डॉ समिता ने कहा कि तब मनमोहन सिंह डिपार्टमेंट की सीढ़ियां नहीं चढ़ पाए थे। तब उनकी उम्र 85 साल के करीब थी। नीचे ही हमने उनसे सिग्नेचर लिए थे। इस दौरान उन्होंने जो प्यार से बात की, वह हमेशा हमारे साथ रहेगी। क्वार्टर में फैमिली भी लेकर आए थे मनमोहन सिंह
इसके बाद प्रोफेसर यूनिवर्सिटी के अंदर बने उस क्वार्टर (F-15) में ले गए, जहां मनमोहन सिंह करियर की शुरुआती के दिनों में रहे थे। यहां रेनोवेशन का काम चल रहा है। प्रोफेसर बताते हैं कि यहां पर मनमोहन सिंह 3 से 4 साल रहे हैं। उनकी फैमिली भी यहां आई थी। डायरेक्टर बोले- कैंसर अस्पताल में विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध
जिस होमी भाभा कैंसर अस्पताल की मनमोहन सिंह ने नींव रखी थी, उसके डायरेक्टर आशीष गुलिया ने कहा कि हमें उनके योगदान को याद रखना होगा। 30 दिसंबर 2013 को उन्होंने इस अस्पताल का शिलान्यास किया था। यहां पंजाब के साथ उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और राजस्थान समेत अन्य जगहों से मरीज आते हैं। यहां विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। पिछले वर्ष यहां 18 हजार से ज्यादा नए कैंसर मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ। ————————– मनमोहन सिंह से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…. मनमोहन ने खुद बताया-इकोनॉमिक्स ही क्यों लिया:अमृतसर हिंदू कॉलेज लेता था आधी फीस पूरी दुनिया डॉ. मनमोहन सिंह की इकोनॉमिक समझ का लोहा मानती है। कॉलेज में बाकी सब्जेक्ट्स की जगह उन्होंने इकोनॉमिक्स को ही क्यों चुना? इसके पीछे दिलचस्प वाकया है जिसका खुलासा 2018 में खुद डॉ. मनमोहन सिंह ने किया जब वह अमृतसर के हिंदू कॉलेज की एलुमनी मीट और कनवोकेशन में बतौर चीफ गेस्ट शामिल आए। पढ़ाई के दौरान हिंदू कॉलेज ही उनका पहला कॉलेज रहा। पूरी खबर पढ़ें… बंटवारे में पाकिस्तान छोड़ पंजाब आए मनमोहन सिंह, पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी; PU में प्रोफेसर रहे डॉ. मनमोहन सिंह का पंजाब और चंडीगढ़ से गहरा नाता रहा। मनमोहन सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अमृतसर में ही। बाद में उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं। पंजाब ने जब चंडीगढ़ के पास मुल्लांपुर में न्यू चंडीगढ़ बसाना शुरू किया तो मनमोहन सिंह ने ही वहां की मेडिसिटी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का नींव पत्थर रखा था। पूरी खबर पढ़ें…
विनेश फोगाट लड़ेंगी हरियाणा विधानसभा का चुनाव? महिला पहलवान ने खुद रूख किया साफ
विनेश फोगाट लड़ेंगी हरियाणा विधानसभा का चुनाव? महिला पहलवान ने खुद रूख किया साफ <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी राणनीति बनाने में जुटी है. इस बीच पहलवान विनेश फोगाट के भी चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है. जींद में एक कार्यक्रम के दौरान विनेश फोगाट ने राजनीति में आने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए अपना रूख साफ किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजनीति में आने के बारे में मंच से बोलते हुए विनेश फोगाट ने कहा, ”मुझे नहीं पता जो भी राजनीतिक बातें हो रही है. बहुत दिन से मेरे ऊपर प्रेशर भी है. आपकी उम्मीदें भी हैं. परमात्मा मुझे जो भी रास्ता दिखाएगा, मैं वो करूंगी. रही बात कुश्ती की तो वो भी मुझे नहीं पता कि मैं कर पाऊंगी या नहीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>WFI अध्यक्ष संजय सिंह के इस बयान पर कि ‘विनेश फोगाट राजनीति ना करे’ उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कंट्रोवर्सी के सवाल ना पूछो, संजय सिंह कौन है, मैं नहीं जानती हूं. कुश्ती से संन्यास लेने के बारे में जब विनेश फोगाट से पूछा गया तो उनका कहना था कि जब मेरा मन क्लीयर होगा तो उस दिन सोचूंगी कि आगे क्या करना है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>विनेश फोगाट मंगलवार (27 अगस्त) को जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर सम्मान समारोह में पहुंची थी. उन्होंने खटकड़ टोल के पास बनने वाले किसानों के शहीद स्मारक के भूमि पूजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि महिला पहलवान विनेश फोगाट उस वक्त काफी चर्चा में आ गईं, जब पेरिस ओलंपिक में अपनी वेट कैटेगरी से मात्र 100 ग्राम अधिक वजन के कारण वो डिसक्वालीफाई हो गईं. लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी और संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स के सामने दलील रखी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में 14 अगस्त को फैसला आया और सीएएस ने भारतीय पहलवान की अपील को सिरे से खारिज कर दिया था. जिसके बाद पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलने की उम्मीद टूट गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि हरियाणा में एक ही चरण में 1 अक्टूबर को चुनाव होने जा रहे हैं. वहीं, 4 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोमनाथ गोयल की रिपोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘कांग्रेस ये हिम्मत भी नहीं कर पाई कि…’, किरण चौधरी की जीत पर CM नायब सैनी का बड़ा दावा” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/cm-nayab-singh-saini-targets-congress-on-kiran-chaudhary-win-as-rajya-sabha-mp-2770305″ target=”_self”>’कांग्रेस ये हिम्मत भी नहीं कर पाई कि…’, किरण चौधरी की जीत पर CM नायब सैनी का बड़ा दावा</a></strong></p>
हरियाणा में महिला वकील ने बच्चे को पीटा,VIDEO:बेटे से लड़ने वाले को गिरेबान पकड़कर जबरदस्ती लिफ्ट में ले गई, गालियां दीं
हरियाणा में महिला वकील ने बच्चे को पीटा,VIDEO:बेटे से लड़ने वाले को गिरेबान पकड़कर जबरदस्ती लिफ्ट में ले गई, गालियां दीं हरियाणा के गुरुग्राम में महिला वकील ने 7 साल के बच्चे के साथ बेरहमी से मारपीट की। घटना सेक्टर-70 स्थित एक सोसाइटी की है। महिला के बेटे का सोसाइटी में ही रहने वाले बच्चे के साथ झगड़ा हाे गया था। बच्चे ने झगड़े के बारे में अपनी मां को बताया। इसके बाद महिला आई और दूसरे बच्चे को लिफ्ट में ले जाकर गालियां देनी शुरू कर दी। इसके बाद उसके साथ मारपीट भी की। घटना का अब CCTV वीडियो सामने आया है। पुलिस ने बच्चे के परिवार की शिकायत पर महिला वकील के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बच्चे से मारपीट से जुड़े PHOTOS.. पकड़कर लिफ्ट में ले गई पुलिस के मुताबिक फरहान वारसी नाम की महिला वकील सोसाइटी में रहती है। उसका बेटा सोसाइटी में ही रहने वाले बच्चों संग खेल रहा था। बच्चों में आपस में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। बच्चे ने अपनी मां को झगड़े के बारे में बताया। इसके बाद फरहान वारसी गुस्से में बच्चों के पास पहुंची। वहां जाकर उसने 2 बच्चों को गिरेबान से पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें लिफ्ट के अंदर ले गई। वहां लेकर महिला ने बच्चे को गालियां दी और मारपीट भी की। इसके बाद दूसरे बच्चों ने घर जाकर अपने पेरेंट्स से घटना के बारे में बताया। परिजनों ने CCTV चेक किए परिवार के लोगों ने सोसाइटी में लगे CCTV कैमरे चेक किए। फुटेज में फरहान वारसी बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करती हुई दिखी। 28 जुलाई को परिवार के लोगों ने बादशाहपुर थाने में घटना की शिकायत दी। पुलिस ने जांच के बाद 1 अगस्त को फरहान वारसी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया।