प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्डू की पीटकर हत्या का मामला जिला प्रशासन, पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हत्याकांड के बाद पुलिस अफसरों ने किसी तरह बवाल होने से बचा लिया लेकिन अब वकीलों का आक्रोश आंदोलन में बदल गया है। जिला अधिवक्ता संघ के ऐलान के बाद इस हत्याकांड के विरोध में पिछले शुक्रवार से शुरू हुई वकीलों की हड़ताल एक हफ्ते पूरे होने जा रही है। यानि 8 दिनों से जिला अदालत के वकील हड़ताल पर रहकर न्यायिक कार्य से वितर हैं। कामकाज ठप होने से जिला अदालत में सुनवाई ठप है। वकीलों ने कचहरी परिसर के बाहर टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। अफसरों से कई राउंड की वार्ता फेल हो गई। हालांकि इसके बाद भी हजारों वकील संयम बरत रहे हैं और बवाल होते होते बच रहा है। प्रयागराज जिला अदालत बड़ी अदालतों में शुमार हैं। यहां करीब रोज 4 हजार तक केसों की सुनवाई होती रही है। अब 8 दिनों की हड़ताल की वजह से अमूमन 18000 केसों की सुनवाई लटक गई है। यह आंकड़ा वकील ही बता रहे हैं। विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, हंगामा करने वाले वकीलों का कहना है कि 8 दिनों में 18000 केसों की सुनवाई टल रही है। जिला प्रशासन को इसकी फिक्र नहीं है। वकीलों का संगठन आंकड़ों को और ज्यादा बताता है। आपको बता दें कि प्रयागराज जिला अदालत में करीब 25 सेंशन जजों के यहां सुनवाई होती है। इसी प्रकार 18 मजिस्ट्रेट सुनवाई करते हैं जो क्रिमिनल केसों को देखते हैं। इसी तरह करीब 27 सिविल मजिस्ट्रेट हैं जहां एक दिन में 200 के करीब केसों को देखा जाता है। अधिवक्ता मनीष खन्ना बताते हैं कि आंकड़ा देखा जाए तो एक मजिस्ट्रेट के यहां करीब 200 केसों की सुनवाई एक दिन में होती है। इससे ज्यादा केस भी सुने जाते हैं। हड़ताल की वजह से एक भी केस नहीं सुने जा रहे हैं। इस पर प्रशासन को विचार करना चाहिए। क्या है मामला जानिये प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्डू की हत्या के खिलाफ वकीलों की हड़ताल जारी है। अपनी मांगों पर अड़े वकील लगातार न्यायिक कार्य से विरत चल रहे हैं। वकीलों ने कचहरी परिसर के ही टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों समेत अन्य वकील अपनी बातें रख रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई लेकिन हड़ताल खत्म नहीं हुई। धीरे धीरे वकीलों का आक्रोश बढ़ रहा है। गुरुवार को भी वकीलों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला हत्याकांड में अब तक की गई प्रशासनिक कार्यकार्र से असंतुष्ट वकीलों के तेवर तीखे हो गए हैं। वकीलों का कहना है कि जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि गिरफ्तारी तत्काल नहीं की गई तो आंदोलन की दिशा और दशा बदलने को मजबूर होना पड़ेगा। वकीलों ने निर्णय लिया है कि अब सड़क पर आमसभा शुरू होगी। वकीलों ने मांग किया है कि परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रूपये, शस्त्र लाइसेंस, सरकारी नौकरी दी जाए। हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। हमलावरों के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएं। उन्हे ठेकेदारी में ब्लैक लिस्टेड किया जाए। डीएम, कमिश्नर कार्यालय का घेराव हंगामा हो चुका है गुस्साए वकील जमकर हंगामा कर चुके हैं। हड़ताल के पहले दिन कचहरी गेट पर पुतला दहन के साथ ही टायर जलाकर विरोध जताया था। रोज नारेबाजी हाेती है। शनिवार को डीएम कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया गया था। साथ ही पुलिस कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन दे चुके हैं। जिला अधिवक्ता संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। वकील एकजुट हैं। वह कचहरी परिसर में रोज सभा कर रहे हैं। जेल भेजे गए आरोपी 1. निखिल कान्त सिंह पुत्र मान सिंह निवासी नरियांव थाना जंहागीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, उम्र करीब 26 वर्ष। 2. प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह पुत्र जितेन्द्र प्रताप सिहं निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, उम्र 48 वर्ष 3.मनोज सिंह पुत्र स्वर्गीय बबन सिंह निवासी ग्राम तिलापुर जमधारवा थाना रेवती जिला बलिया जानिये कब हुई हत्या, क्या था घटनाक्रम 17 नवंबर की रात प्रयागराज के सलोरी इलाके में अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्डू पर जानलेवा हमला हुआ था। सिंचाई विभाग के ठेकेदार से विवाद के बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। ठेकेदार के साथ तीन गाड़ियों से आए लोगों ने फायरिंग करने के बाद अखिलेश शुक्ला को राइफल की बट्, राड से इतना पीटा कि वह खून से लथपथ हो गए। इसके बाद हमलावर उन्हें छोड़कर चले गए। मारपीट में कई और लोग भी जख्मी हुए हैं। गंभीर हालत में वकील को अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें मेदांता लखनऊ रेफर कर दिया गया था। इसके बाद 21 नवंबर को अखिलेश शुक्ला की मौत हो गई थी। वकील की मौत के बाद सलोरी बाजार बंद हो गया। शव पहुंचने पर हंगामे की तैयारी थी लेकिन पुलिस अधिकारियों ने समझा कर मामला शांत करा दिया था। 22 नवंबर की सुबह वकील के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया था। जिला अधिवक्ता संघ ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान करते हुए हड़ताल कर दी थी। प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्डू की पीटकर हत्या का मामला जिला प्रशासन, पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हत्याकांड के बाद पुलिस अफसरों ने किसी तरह बवाल होने से बचा लिया लेकिन अब वकीलों का आक्रोश आंदोलन में बदल गया है। जिला अधिवक्ता संघ के ऐलान के बाद इस हत्याकांड के विरोध में पिछले शुक्रवार से शुरू हुई वकीलों की हड़ताल एक हफ्ते पूरे होने जा रही है। यानि 8 दिनों से जिला अदालत के वकील हड़ताल पर रहकर न्यायिक कार्य से वितर हैं। कामकाज ठप होने से जिला अदालत में सुनवाई ठप है। वकीलों ने कचहरी परिसर के बाहर टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। अफसरों से कई राउंड की वार्ता फेल हो गई। हालांकि इसके बाद भी हजारों वकील संयम बरत रहे हैं और बवाल होते होते बच रहा है। प्रयागराज जिला अदालत बड़ी अदालतों में शुमार हैं। यहां करीब रोज 4 हजार तक केसों की सुनवाई होती रही है। अब 8 दिनों की हड़ताल की वजह से अमूमन 18000 केसों की सुनवाई लटक गई है। यह आंकड़ा वकील ही बता रहे हैं। विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, हंगामा करने वाले वकीलों का कहना है कि 8 दिनों में 18000 केसों की सुनवाई टल रही है। जिला प्रशासन को इसकी फिक्र नहीं है। वकीलों का संगठन आंकड़ों को और ज्यादा बताता है। आपको बता दें कि प्रयागराज जिला अदालत में करीब 25 सेंशन जजों के यहां सुनवाई होती है। इसी प्रकार 18 मजिस्ट्रेट सुनवाई करते हैं जो क्रिमिनल केसों को देखते हैं। इसी तरह करीब 27 सिविल मजिस्ट्रेट हैं जहां एक दिन में 200 के करीब केसों को देखा जाता है। अधिवक्ता मनीष खन्ना बताते हैं कि आंकड़ा देखा जाए तो एक मजिस्ट्रेट के यहां करीब 200 केसों की सुनवाई एक दिन में होती है। इससे ज्यादा केस भी सुने जाते हैं। हड़ताल की वजह से एक भी केस नहीं सुने जा रहे हैं। इस पर प्रशासन को विचार करना चाहिए। क्या है मामला जानिये प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्डू की हत्या के खिलाफ वकीलों की हड़ताल जारी है। अपनी मांगों पर अड़े वकील लगातार न्यायिक कार्य से विरत चल रहे हैं। वकीलों ने कचहरी परिसर के ही टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों समेत अन्य वकील अपनी बातें रख रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई लेकिन हड़ताल खत्म नहीं हुई। धीरे धीरे वकीलों का आक्रोश बढ़ रहा है। गुरुवार को भी वकीलों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला हत्याकांड में अब तक की गई प्रशासनिक कार्यकार्र से असंतुष्ट वकीलों के तेवर तीखे हो गए हैं। वकीलों का कहना है कि जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि गिरफ्तारी तत्काल नहीं की गई तो आंदोलन की दिशा और दशा बदलने को मजबूर होना पड़ेगा। वकीलों ने निर्णय लिया है कि अब सड़क पर आमसभा शुरू होगी। वकीलों ने मांग किया है कि परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रूपये, शस्त्र लाइसेंस, सरकारी नौकरी दी जाए। हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। हमलावरों के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएं। उन्हे ठेकेदारी में ब्लैक लिस्टेड किया जाए। डीएम, कमिश्नर कार्यालय का घेराव हंगामा हो चुका है गुस्साए वकील जमकर हंगामा कर चुके हैं। हड़ताल के पहले दिन कचहरी गेट पर पुतला दहन के साथ ही टायर जलाकर विरोध जताया था। रोज नारेबाजी हाेती है। शनिवार को डीएम कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया गया था। साथ ही पुलिस कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन दे चुके हैं। जिला अधिवक्ता संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। वकील एकजुट हैं। वह कचहरी परिसर में रोज सभा कर रहे हैं। जेल भेजे गए आरोपी 1. निखिल कान्त सिंह पुत्र मान सिंह निवासी नरियांव थाना जंहागीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, उम्र करीब 26 वर्ष। 2. प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह पुत्र जितेन्द्र प्रताप सिहं निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, उम्र 48 वर्ष 3.मनोज सिंह पुत्र स्वर्गीय बबन सिंह निवासी ग्राम तिलापुर जमधारवा थाना रेवती जिला बलिया जानिये कब हुई हत्या, क्या था घटनाक्रम 17 नवंबर की रात प्रयागराज के सलोरी इलाके में अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्डू पर जानलेवा हमला हुआ था। सिंचाई विभाग के ठेकेदार से विवाद के बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। ठेकेदार के साथ तीन गाड़ियों से आए लोगों ने फायरिंग करने के बाद अखिलेश शुक्ला 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गोदावरी नदी का जल स्तर बढ़ा, छत्तीसगढ़-तेलंगाना हाईवे बंद, NH पर वाहनों की लगी लंबी कतार
गोदावरी नदी का जल स्तर बढ़ा, छत्तीसगढ़-तेलंगाना हाईवे बंद, NH पर वाहनों की लगी लंबी कतार <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदी नाले उफान पर है और कई गांवों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया है, इसके अलावा नेशनल हाईवे में भी आवागमन प्रभावित हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़- तेलंगाना नेशनल हाईवे भी पूरी तरह से बाधित हो गया है, दरअसल छत्तीसगढ़ के कोंटा ब्लॉक में गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ जाने से नदी का पानी सड़क पर आ गया है और जिसके चलते अब यहां से वाहनों का गुजरना मुश्किल हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सड़क पूरी तरह से डूब जाने के चलते तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है, बताया जा रहा है कि धीरे-धीरे गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है, और अगर यही हालात रहे तो एक बार फिर कोंटा ब्लॉक के कई गांव डूब सकते हैं.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>भीषण बारिश के बीच राहत और बचाव कार्य में लगे हमारे जवानों ने मानवता की प्रशंसनीय मिशाल पेश की है। आंतरिक सुरक्षा के साथ जनसेवा के प्रति जवानों का समर्पण हमे सदैव गौरवान्वित करता है। <a href=”https://t.co/34ObFIKaJl”>https://t.co/34ObFIKaJl</a></p>
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) <a href=”https://twitter.com/vishnudsai/status/1815775992843239618?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 23, 2024</a></blockquote>
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<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्तर संभाग के दो जिलों में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश</strong><br />दरअसल बस्तर संभाग के बीजापुर और सुकमा जिले में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो रही है, लगातार मूसलाधार बारिश से एक तरफ जहां सुकमा जिले के कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं और नदी नाले उफान में होने के चलते आवागमन प्रभावित हो गया है</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही गोदावरी नदी भी अपने पूरे शबाब पर है, बताया जा रहा है कि लगातार गोदावरी नदी का जल स्तर बढ़ता ही जा रहा है, पिछले साल भी गोदावरी नदी में आये बाढ़ की वजह से कोंटा ब्लॉक के कई गांव डूब गए थे और कुछ लोगों की जान भी चली गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेशनल हाईवे का मार्ग पूरी तरह से हो गया है बंद</strong><br />एसडीआरएफ की टीम ने कई ग्रामीणों का सुरक्षित रेस्क्यू किया था, जिन्हें राहत शिविर में रखा गया था, इस बार भी ऐसे ही हालात पैदा हो रहे हैं, जिस तरह से गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है, इससे तेलंगाना और छत्तीसगढ़ नेशनल हाईवे का मार्ग भी पूरी तरह से बंद हो गया है, जिस वजह से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है, हालांकि सभी वाहन चालक सड़कों से पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि हर घंटे गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, जिसके चलते बाढ़ की संभावना बनी हुई है ,इधर जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और बाढ़ आपदा प्रबंधन को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजापुर में भी बारिश ने मचाई जमकर तबाही</strong><br />सुकमा जिले के साथ-साथ बीजापुर जिले में भी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है, यहां भी जगदलपुर -बीजापुर मार्ग भारी बारिश की वजह से बंद हो गया है, कई नदी -नाले पूरी तरह से तूफान पर है, हालांकि कई जगहों पर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इन उफनते नदी नाले और पुल- पुलियों को पार कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उठानी पड़ रही है जहां नदी नालों का जल स्तर बढ़ जाने की वजह से उनके गांव टापू में तब्दील हो गए हैं, ऐसे में वे शहरी इलाके से पूरी तरह से कट गए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बस्तर कलेक्टर का बड़ा एक्शन, लापरवाही बरतने वाले चार शिक्षकों को किया निलंबित” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/bastar-collector-takes-action-against-education-department-suspends-4-teachers-negligence-ann-2744310″ target=”_self”>बस्तर कलेक्टर का बड़ा एक्शन, लापरवाही बरतने वाले चार शिक्षकों को किया निलंबित</a></strong></p>
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झारखंड में टूटा रिकॉर्ड, दोबारा बनेगी सोरेन सरकार, क्या जेल ने बदला इतिहास? <p style=”text-align: justify;”>भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. लेकिन जो परिणाम आए उससे उसकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही, झारखंड चुनाव में एक रिकॉर्ड भी टूटा है और वो रिकॉर्ड है एक सरकार के दोबारा राज्य की सत्ता में आने का.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, 81 सदस्यीय विधानसभा वाला ये राज्य सियासी तौर पर काफी अस्थिर रहा है. ये वही राज्य है जहां पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे मधु कोडा राज्य के मुख्यमंत्री तक बन चुके हैं. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां का कैसा सियासी मिजाज है. इतना ही नहीं, साल 2000 जब ये राज्य बिहार से अलग होकर बना, उसके बाद से बीजेपी की तरफ से बनाए गए मुख्यमंत्री रघुवर दास ही एक ऐसा सीएम रहे, जिन्होंने पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा किया था. हालांकि, उसके बाद अगले चुनाव में उन्हें भी शिकस्त का सामना करना पड़ा. यानी, इससे पहले कोई भी सरकार झारखंड की सत्ता में दोबारा नहीं आ पाई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में राजनीतिक जानकार इस बार के चुनाव में जेएमएम की जीत के पीछे एक बड़ा फैक्टर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजना मान रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार अभय दूबे का कहना है कि झारखंड हो या फिर महाराष्ट्र, दोनों ही राज्यों में बीजेपी की तरफ से वादों और योजनाओं में कहीं कोई कई नहीं की गई थी, उसके बाद अगर बीजेपी को हार का मूंह देखना पड़ा तो इसके पीछे का फैक्टर है- हेमंत सोरेन को जेल भेजा जाना.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभय दूबे कहते हैं कि झारखंड और महाराष्ट्र में जो सत्ताधारी दल थे, उनकी तरफ से योजनाएं चलाई जा रही थी. उन योजनाओं को उस दलों को फायदा भी हुआ. लेकिन, झारखंड में हेमंत सोरेन को लेकर एक हमदर्दी की लहर पूरे आदिवासी इलाकों में थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदिवासी इलाकों में मतदान का जब पहला दौर हुआ था, उसमें जेएमएम ने बहुत लंबी चौड़ी बाजी मारी है. इसलिए अगर बीजेपी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी एक्शन नहीं लिया होता तो शायद हो सकता था कि बीजेपी झारखंड में इतनी खराब हालत में नहीं होती. इसलिए, बीजेपी की पराजय में हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जा रहा है.</p>
रोहतक की बेटी ने एशियन चैंपियनशिप में जीता गोल्ड:लोग मारते थे ताने, 4 साल पहले हो गई थी पिता की मौत
रोहतक की बेटी ने एशियन चैंपियनशिप में जीता गोल्ड:लोग मारते थे ताने, 4 साल पहले हो गई थी पिता की मौत रोहतक के गांव टिटौली की बेटी अंतिम कुंडू ने अंडर-23 एशियन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले भी अंतिम कुंडू कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर अपनी पहचान बना चुकी हैं। अंतिम कुंडू ने करीब 4 साल पहले कुश्ती शुरू की थी। अंतिम कुंडू के चाचा अजय आर्य ने बताया कि अंतिम शुरू में कबड्डी खेलती थी। लेकिन उसका भविष्य संवारने के लिए उन्होंने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया। क्योंकि अंतिम के चाचा अजय आर्य और अंतिम के दादा राज सिंह भी पहलवान थे। अंतिम कुंडू ने 4 साल पहले कुश्ती का अभ्यास किया था। जब अंतिम ने अभ्यास शुरू किया तो उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। लेकिन अंतिम कुंडू ने हार नहीं मानी और अभ्यास जारी रखा। लड़की को बिगाड़ देगा कहते थे लोग अजय आर्य ने बताया कि जब अनंत कुंडू खेलने जाती थी तो लोग उसे ताने मारते थे। गांव वाले कहते थे कि वह लड़की को बिगाड़ देगा। लेकिन अनंत कुंडू ने कड़ी मेहनत की और कई मेडल जीते। जिसके बाद अब ताने मारने वाले लोग भी उसके मुरीद हो गए। उन्होंने बताया कि अनंत के चार भाई-बहन हैं। अनंत की एक बड़ी बहन और एक छोटी बहन है, दोनों की शादी हो चुकी है। भाई छोटा है।