प्रोफेसर अली खान के बचाव में उतरे रितेश पांडे:कहा- अली खान की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण, उन्हें जल्द मिले न्याय, राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं प्रोफेसर

प्रोफेसर अली खान के बचाव में उतरे रितेश पांडे:कहा- अली खान की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण, उन्हें जल्द मिले न्याय, राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं प्रोफेसर

अम्बेडकर नगर के पूर्व सांसद और भाजपा नेता रितेश पांडे ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि अली खान को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए। रितेश पांडे ने लिखा, “मैं प्रोफेसर अली खान को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। हम लंबे समय से मित्र हैं और मैं उनके परिवार से भी परिचित हूं। प्रोफेसर अली बहुत समझदार और राष्ट्रभक्त व्यक्ति हैं। जिस पोस्ट के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई, उसे वह पहले ही हटा चुके थे।” अखिलेश ने बना नाम लिए किया था सपोर्ट ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के बाद हुआ विवाद
सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। इस पर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस भेजा था। भाजपा युवा मोर्चा के नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर राई थाने में एफआईआर दर्ज की गई और 19 मई को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उन्हें सोनीपत कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन की रिमांड मंजूर हुई। पोस्ट को लेकर दो FIR, महिला आयोग ने भी जताई आपत्ति
प्रोफेसर अली खान के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई हैं- एक भाजपा नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर और दूसरी महिला आयोग के समन की अवमानना को लेकर। आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने यूनिवर्सिटी जाकर भी जांच की, लेकिन प्रोफेसर वहां मौजूद नहीं मिले। आयोग का कहना है कि प्रोफेसर की टिप्पणियों में महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान और सशस्त्र बलों की भूमिका को कमतर आंकने का प्रयास था। आयोग ने डॉ. अली की बर्खास्तगी की मांग की है। क्या कहा था अली खान ने
प्रोफेसर अली खान ने एक पोस्ट में कहा था कि कर्नल सोफिया कुरैशी की सराहना करने वालों को भीड़ हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई के पीड़ितों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को “दिखावटी” बताते हुए कहा था कि यदि दिखावटीपन को जमीन पर नहीं उतारा गया, तो यह केवल पाखंड है। प्रोफेसर की सफाई: पोस्ट को गलत समझा गया
डॉ. अली खान ने कहा कि महिला आयोग ने उनकी पोस्ट को गलत तरीके से पढ़ा और व्याख्या की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैंने विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल किया है। मेरा उद्देश्य शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना था, न कि किसी का अपमान।” इन धाराओं में केस दर्ज प्रोफेसर अली खान पर आईपीसी की जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनमें शामिल हैं: अशोका यूनिवर्सिटी का बयान अशोका यूनिवर्सिटी ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान को हिरासत में लिया गया है। हम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। आइए जानते हैं कौन हैं अली खान महमूदाबाद प्रोफेसर डॉ. अली खान महमूदाबाद का जन्म 2 दिसंबर 1982 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के प्रतिष्ठित ला मार्टिनियर कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद वे इंग्लैंड के किंग्स कॉलेज स्कूल में 1996 तक पढ़े। वर्ष 2001 में उन्होंने विन-चेस्टर कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज (यूके) से डॉक्टरेट (PhD) की उपाधि प्राप्त की। समाजवादी पार्टी से नाता रहा है नाता डॉ. अली खान महमूदाबाद वर्ष 2018 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और 2019 से 2022 तक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में सक्रिय रहे। उस दौरान उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सबसे करीबी सहयोगियों में गिना जाता था। हालांकि, 2022 के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली और फिलहाल किसी भी राजनीतिक पद पर नहीं हैं। पैतृक संपत्ति विवाद में परिवार की लंबी कानूनी लड़ाई डॉ. अली खान महमूदाबाद, मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान ‘सुलेमान’ के पुत्र हैं, जिन्हें राजा साहिब महमूदाबाद के नाम से जाना जाता है। राजा सुलेमान ने अपने जीवन के लगभग 40 वर्ष शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जब्त की गई अपनी पैतृक संपत्ति को वापस पाने की कानूनी लड़ाई में बिताए। राजा सुलेमान का शैक्षणिक और राजनीतिक जीवन भी उल्लेखनीय रहा। उन्होंने 1965 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से गणित का अध्ययन किया और बाद में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद स्थित महमूदाबाद विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस विधायक भी रहे। वे अवध क्षेत्र के लोकप्रिय नेताओं में शुमार किए जाते थे। करोड़ों की संपत्ति, जिसका कई दशकों से चल रहा है विवाद महमूदाबाद परिवार की संपत्तियां उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सीतापुर और उत्तराखंड के नैनीताल तक फैली हुई हैं। इनमें लखनऊ के बीचों-बीच स्थित प्रतिष्ठित बटलर पैलेस, हजरतगंज का एक बड़ा भाग, हलवासिया मार्केट और महमूदाबाद किला जैसे ऐतिहासिक भवन शामिल हैं। इनकी अनुमानित कीमत कई हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। राजा सुलेमान का निधन अक्टूबर 2023 में लंबी बीमारी के बाद हुआ। वे महमूदाबाद रियासत के अंतिम शासक राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान के इकलौते पुत्र थे। राजा अमीर अहमद खान स्वतंत्रता-पूर्व भारत के सबसे धनी ज़मींदारों में गिने जाते थे। वे मुस्लिम लीग के प्रमुख वित्तपोषकों में से एक थे और विभाजन से पहले पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे। लेखन और शोध कार्यों के लिए भी प्रसिद्ध डॉ. अली खान महमूदाबाद एक प्रख्यात लेखक और शोधकर्ता भी हैं। फरवरी 2020 में उनकी किताब Poetry of Belonging प्रकाशित हुई, जिसमें 1850 से 1950 के बीच भारत की मुस्लिम कल्पनाओं को रेखांकित किया गया है। उन्होंने अवध, लखनऊ के सूफीवाद, शिया समुदाय और भारतीय मुस्लिम विचारधारा पर केंद्रित कई अकादमिक लेख और किताबें भी लिखी हैं। इंग्लैंड से पढ़े, दादा मुस्लिम लीग में रहे; सोनीपत में 2 FIR के बाद गिरफ्तार हरियाणा में सोनीपत की अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को पुलिस ने रविवार (18 मई) को अरेस्ट कर लिया। प्रोफेसर खान ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक को लेकर सेना पर कमेंट किए थे। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले अली खान के दादा विभाजन से पहले मुस्लिम लीग के कोषाध्यक्ष थे। उन्होंने मुस्लिम लीग की आर्थिक मदद भी की थी। पढ़ें पूरी खबर… सेना पर कमेंट करने वाले प्रोफेसर खान गिरफ्तार हरियाणा में सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कमेंट करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सोनीपत पुलिस ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार कर लिया है। अशोका यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले इस प्रोफेसर ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर भी आपत्तिजनक पोस्ट की थी। पढ़ें पूरी खबर… अम्बेडकर नगर के पूर्व सांसद और भाजपा नेता रितेश पांडे ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि अली खान को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए। रितेश पांडे ने लिखा, “मैं प्रोफेसर अली खान को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। हम लंबे समय से मित्र हैं और मैं उनके परिवार से भी परिचित हूं। प्रोफेसर अली बहुत समझदार और राष्ट्रभक्त व्यक्ति हैं। जिस पोस्ट के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई, उसे वह पहले ही हटा चुके थे।” अखिलेश ने बना नाम लिए किया था सपोर्ट ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के बाद हुआ विवाद
सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। इस पर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस भेजा था। भाजपा युवा मोर्चा के नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर राई थाने में एफआईआर दर्ज की गई और 19 मई को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उन्हें सोनीपत कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन की रिमांड मंजूर हुई। पोस्ट को लेकर दो FIR, महिला आयोग ने भी जताई आपत्ति
प्रोफेसर अली खान के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई हैं- एक भाजपा नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर और दूसरी महिला आयोग के समन की अवमानना को लेकर। आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने यूनिवर्सिटी जाकर भी जांच की, लेकिन प्रोफेसर वहां मौजूद नहीं मिले। आयोग का कहना है कि प्रोफेसर की टिप्पणियों में महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान और सशस्त्र बलों की भूमिका को कमतर आंकने का प्रयास था। आयोग ने डॉ. अली की बर्खास्तगी की मांग की है। क्या कहा था अली खान ने
प्रोफेसर अली खान ने एक पोस्ट में कहा था कि कर्नल सोफिया कुरैशी की सराहना करने वालों को भीड़ हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई के पीड़ितों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को “दिखावटी” बताते हुए कहा था कि यदि दिखावटीपन को जमीन पर नहीं उतारा गया, तो यह केवल पाखंड है। प्रोफेसर की सफाई: पोस्ट को गलत समझा गया
डॉ. अली खान ने कहा कि महिला आयोग ने उनकी पोस्ट को गलत तरीके से पढ़ा और व्याख्या की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैंने विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल किया है। मेरा उद्देश्य शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना था, न कि किसी का अपमान।” इन धाराओं में केस दर्ज प्रोफेसर अली खान पर आईपीसी की जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनमें शामिल हैं: अशोका यूनिवर्सिटी का बयान अशोका यूनिवर्सिटी ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान को हिरासत में लिया गया है। हम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। आइए जानते हैं कौन हैं अली खान महमूदाबाद प्रोफेसर डॉ. अली खान महमूदाबाद का जन्म 2 दिसंबर 1982 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के प्रतिष्ठित ला मार्टिनियर कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद वे इंग्लैंड के किंग्स कॉलेज स्कूल में 1996 तक पढ़े। वर्ष 2001 में उन्होंने विन-चेस्टर कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज (यूके) से डॉक्टरेट (PhD) की उपाधि प्राप्त की। समाजवादी पार्टी से नाता रहा है नाता डॉ. अली खान महमूदाबाद वर्ष 2018 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और 2019 से 2022 तक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में सक्रिय रहे। उस दौरान उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सबसे करीबी सहयोगियों में गिना जाता था। हालांकि, 2022 के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली और फिलहाल किसी भी राजनीतिक पद पर नहीं हैं। पैतृक संपत्ति विवाद में परिवार की लंबी कानूनी लड़ाई डॉ. अली खान महमूदाबाद, मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान ‘सुलेमान’ के पुत्र हैं, जिन्हें राजा साहिब महमूदाबाद के नाम से जाना जाता है। राजा सुलेमान ने अपने जीवन के लगभग 40 वर्ष शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जब्त की गई अपनी पैतृक संपत्ति को वापस पाने की कानूनी लड़ाई में बिताए। राजा सुलेमान का शैक्षणिक और राजनीतिक जीवन भी उल्लेखनीय रहा। उन्होंने 1965 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से गणित का अध्ययन किया और बाद में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद स्थित महमूदाबाद विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस विधायक भी रहे। वे अवध क्षेत्र के लोकप्रिय नेताओं में शुमार किए जाते थे। करोड़ों की संपत्ति, जिसका कई दशकों से चल रहा है विवाद महमूदाबाद परिवार की संपत्तियां उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सीतापुर और उत्तराखंड के नैनीताल तक फैली हुई हैं। इनमें लखनऊ के बीचों-बीच स्थित प्रतिष्ठित बटलर पैलेस, हजरतगंज का एक बड़ा भाग, हलवासिया मार्केट और महमूदाबाद किला जैसे ऐतिहासिक भवन शामिल हैं। इनकी अनुमानित कीमत कई हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। राजा सुलेमान का निधन अक्टूबर 2023 में लंबी बीमारी के बाद हुआ। वे महमूदाबाद रियासत के अंतिम शासक राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान के इकलौते पुत्र थे। राजा अमीर अहमद खान स्वतंत्रता-पूर्व भारत के सबसे धनी ज़मींदारों में गिने जाते थे। वे मुस्लिम लीग के प्रमुख वित्तपोषकों में से एक थे और विभाजन से पहले पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे। लेखन और शोध कार्यों के लिए भी प्रसिद्ध डॉ. अली खान महमूदाबाद एक प्रख्यात लेखक और शोधकर्ता भी हैं। फरवरी 2020 में उनकी किताब Poetry of Belonging प्रकाशित हुई, जिसमें 1850 से 1950 के बीच भारत की मुस्लिम कल्पनाओं को रेखांकित किया गया है। उन्होंने अवध, लखनऊ के सूफीवाद, शिया समुदाय और भारतीय मुस्लिम विचारधारा पर केंद्रित कई अकादमिक लेख और किताबें भी लिखी हैं। इंग्लैंड से पढ़े, दादा मुस्लिम लीग में रहे; सोनीपत में 2 FIR के बाद गिरफ्तार हरियाणा में सोनीपत की अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को पुलिस ने रविवार (18 मई) को अरेस्ट कर लिया। प्रोफेसर खान ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक को लेकर सेना पर कमेंट किए थे। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले अली खान के दादा विभाजन से पहले मुस्लिम लीग के कोषाध्यक्ष थे। उन्होंने मुस्लिम लीग की आर्थिक मदद भी की थी। पढ़ें पूरी खबर… सेना पर कमेंट करने वाले प्रोफेसर खान गिरफ्तार हरियाणा में सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कमेंट करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सोनीपत पुलिस ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार कर लिया है। अशोका यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले इस प्रोफेसर ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर भी आपत्तिजनक पोस्ट की थी। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर