AIIMS ऋषिकेश के डॉक्टर पर मिठाई बांटने को लेकर विवाद, पहलगाम हमले के अगले दिन की घटना पर एफआईआर दर्ज

AIIMS ऋषिकेश के डॉक्टर पर मिठाई बांटने को लेकर विवाद, पहलगाम हमले के अगले दिन की घटना पर एफआईआर दर्ज

<p style=”text-align: justify;”>अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश के एक डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में हुए आतंकी हमले के अगले दिन अस्पताल परिसर में मिठाई बांटी थी. यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. डॉक्टर पर यह आरोप है कि उन्होंने 23 अप्रैल को मिठाई बांटकर “जश्न” मनाया, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला तब सामने आया जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) के ऋषिकेश जिला अध्यक्ष राजेंद्र पांडे ने 16 मई को ऋषिकेश कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा कि डॉक्टर का यह कृत्य हिंदू समाज की हत्या पर खुशी जताने जैसा है, जो अत्यंत निंदनीय है. शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉक्टर पूर्व में भी सोशल मीडिया पर भारत विरोधी टिप्पणियां कर चुके हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 196 (1)(a), 196 (1)(b) और 197 (1)(a) के तहत मामला दर्ज किया है. इन धाराओं के तहत किसी भी वर्ग, समुदाय या धर्म के बीच शत्रुता फैलाने, सामाजिक वैमनस्य पैदा करने और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयानबाजी करने को दंडनीय अपराध माना गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरे मामले पर आरोपी डॉक्टर ने सफाई देते हुए सभी आरोपों को खारिज किया है. डॉक्टर का कहना है कि 23 अप्रैल को वह आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर में ड्यूटी पर थे. उस दिन ईद का त्योहार था और कुछ नर्सिंग स्टाफ ने उनसे मिठाई लाने की बात कही थी. डॉक्टर के अनुसार, उन्होंने इसे एक सामान्य सामाजिक सौहार्द के प्रतीक के तौर पर देखा और अस्पताल में मिठाई बांटी. उनका कहना है कि इसका उद्देश्य किसी धर्म, जाति या समुदाय की भावनाएं आहत करना नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टर ने यह भी बताया कि उन्हें इस विवाद की जानकारी बाद में मिली और अब वह मानसिक तनाव में हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है और वे इसके खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाएंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी ओर से किसी प्रकार की भारत विरोधी या सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की गई है और अगर किसी को ऐसा लगता है, तो यह दुर्भावनापूर्ण व्याख्या हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>AIIMS प्रशासन ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर फिलहाल अस्पताल से छुट्टी पर चले गए हैं और संस्थान भी आंतरिक स्तर पर पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऋषिकेश पुलिस का कहना है कि वे मामले की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और दोनों पक्षों की बात सुनी जाएगी. यदि डॉक्टर निर्दोष पाए जाते हैं, तो उन्हें कानूनी राहत मिलेगी, लेकिन अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में एबीपी लाइव से बातचीत में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया था, जिस पर जांच शुरू की गई. प्रारंभिक जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं, जिनके आधार पर डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है,</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान यह भी पाया गया कि आरोपी डॉक्टर द्वारा पहले भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट की गई थीं, जो देश की एकता और सुरक्षा से संबंधित गंभीर चिंताएं उत्पन्न करती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि यह मामला देश की सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा सकती,फिलहाल इस प्रकरण की गहन जांच जारी है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी,</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसएसपी अजय सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष और तथ्यात्मक जांच कर रही है, ताकि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए और अगर कोई दोषी है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सके.</p> <p style=”text-align: justify;”>अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश के एक डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में हुए आतंकी हमले के अगले दिन अस्पताल परिसर में मिठाई बांटी थी. यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. डॉक्टर पर यह आरोप है कि उन्होंने 23 अप्रैल को मिठाई बांटकर “जश्न” मनाया, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला तब सामने आया जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) के ऋषिकेश जिला अध्यक्ष राजेंद्र पांडे ने 16 मई को ऋषिकेश कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा कि डॉक्टर का यह कृत्य हिंदू समाज की हत्या पर खुशी जताने जैसा है, जो अत्यंत निंदनीय है. शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉक्टर पूर्व में भी सोशल मीडिया पर भारत विरोधी टिप्पणियां कर चुके हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 196 (1)(a), 196 (1)(b) और 197 (1)(a) के तहत मामला दर्ज किया है. इन धाराओं के तहत किसी भी वर्ग, समुदाय या धर्म के बीच शत्रुता फैलाने, सामाजिक वैमनस्य पैदा करने और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयानबाजी करने को दंडनीय अपराध माना गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरे मामले पर आरोपी डॉक्टर ने सफाई देते हुए सभी आरोपों को खारिज किया है. डॉक्टर का कहना है कि 23 अप्रैल को वह आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर में ड्यूटी पर थे. उस दिन ईद का त्योहार था और कुछ नर्सिंग स्टाफ ने उनसे मिठाई लाने की बात कही थी. डॉक्टर के अनुसार, उन्होंने इसे एक सामान्य सामाजिक सौहार्द के प्रतीक के तौर पर देखा और अस्पताल में मिठाई बांटी. उनका कहना है कि इसका उद्देश्य किसी धर्म, जाति या समुदाय की भावनाएं आहत करना नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टर ने यह भी बताया कि उन्हें इस विवाद की जानकारी बाद में मिली और अब वह मानसिक तनाव में हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है और वे इसके खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाएंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी ओर से किसी प्रकार की भारत विरोधी या सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की गई है और अगर किसी को ऐसा लगता है, तो यह दुर्भावनापूर्ण व्याख्या हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>AIIMS प्रशासन ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर फिलहाल अस्पताल से छुट्टी पर चले गए हैं और संस्थान भी आंतरिक स्तर पर पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऋषिकेश पुलिस का कहना है कि वे मामले की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और दोनों पक्षों की बात सुनी जाएगी. यदि डॉक्टर निर्दोष पाए जाते हैं, तो उन्हें कानूनी राहत मिलेगी, लेकिन अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में एबीपी लाइव से बातचीत में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया था, जिस पर जांच शुरू की गई. प्रारंभिक जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं, जिनके आधार पर डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है,</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान यह भी पाया गया कि आरोपी डॉक्टर द्वारा पहले भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट की गई थीं, जो देश की एकता और सुरक्षा से संबंधित गंभीर चिंताएं उत्पन्न करती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि यह मामला देश की सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा सकती,फिलहाल इस प्रकरण की गहन जांच जारी है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी,</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसएसपी अजय सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष और तथ्यात्मक जांच कर रही है, ताकि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए और अगर कोई दोषी है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सके.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पाकिस्तान के लिए जासूसी करने की आरोपी ज्योति मल्होत्रा के पिता का सनसनीखेज दावा, ‘अगर मेरी बेटी…’