हरियाणा के फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में आधी रात को जमकर हंगामा हुआ। गांव में झगड़े के बाद इलाज के लिए अस्पताल आए एक पक्ष के लोगों पर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा अस्पताल की इमरजेंसी में हमला कर दिया और उनको पीटना शुरू कर दिया। इससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। ढाणी माजरा गांव में रात को कोल्ड ड्रिंक की बोतल को लेकर दुकान पर विवाद हुआ था। इसके बाद दोनों पक्षों के लोगों में अस्पताल में फिर विवाद हो गया और मामला लात घूसों तक पहुंच गया। दोनों पक्षों के बीच जमकर हुई लड़ाई को लेकर डॉक्टर ने अस्पताल चौकी में सूचना दी लेकिन कोई नहीं पहुंचा। इसके बाद डायल 112 पर सूचना दी गई और मौके पर पहुंची डायल 112 टीम के बाद दोनों पक्ष शांत हुए। हालांकि अस्पताल प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है। मामले के मुताबिक अस्पताल में दाखिल ढाणी माजरा निवासी संदीप ने बताया कि उसकी गांव में ही किरयाणा की दुकान है। दुकान पर एक युवक कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेने के लिए आया। आरोप है कि जब उसने रुपए मांगे तो देने से मना कर दिया और कहा कि जबरदस्ती लेकर जाएंगे। इसी बात को लेकर विवाद हो गया और 10 से 12 युवकों ने हमला कर दिया। मौके पर मौजूद दोस्त राजेंद्र, रोबिन और सौरभ ने बचाने का प्रयास किया तो उन पर भी हमला किया गया। इसके बाद वह अस्पताल में आकर दाखिल हो गए। बताया जा रहा है कि इस दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे और फिर बहस शुरू हो गई। इसके बाद दोनों पक्ष इमरजेंसी में डॉक्टर के केबिन के बाहर आपस में भिड़ गए। इस घटना की अंदर से किसी ने वीडियो बना ली, जिसमें एक पक्ष दूसरे पक्ष को बुरी तरह पीटता हुआ नजर आ रहा है। हरियाणा के फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में आधी रात को जमकर हंगामा हुआ। गांव में झगड़े के बाद इलाज के लिए अस्पताल आए एक पक्ष के लोगों पर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा अस्पताल की इमरजेंसी में हमला कर दिया और उनको पीटना शुरू कर दिया। इससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। ढाणी माजरा गांव में रात को कोल्ड ड्रिंक की बोतल को लेकर दुकान पर विवाद हुआ था। इसके बाद दोनों पक्षों के लोगों में अस्पताल में फिर विवाद हो गया और मामला लात घूसों तक पहुंच गया। दोनों पक्षों के बीच जमकर हुई लड़ाई को लेकर डॉक्टर ने अस्पताल चौकी में सूचना दी लेकिन कोई नहीं पहुंचा। इसके बाद डायल 112 पर सूचना दी गई और मौके पर पहुंची डायल 112 टीम के बाद दोनों पक्ष शांत हुए। हालांकि अस्पताल प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है। मामले के मुताबिक अस्पताल में दाखिल ढाणी माजरा निवासी संदीप ने बताया कि उसकी गांव में ही किरयाणा की दुकान है। दुकान पर एक युवक कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेने के लिए आया। आरोप है कि जब उसने रुपए मांगे तो देने से मना कर दिया और कहा कि जबरदस्ती लेकर जाएंगे। इसी बात को लेकर विवाद हो गया और 10 से 12 युवकों ने हमला कर दिया। मौके पर मौजूद दोस्त राजेंद्र, रोबिन और सौरभ ने बचाने का प्रयास किया तो उन पर भी हमला किया गया। इसके बाद वह अस्पताल में आकर दाखिल हो गए। बताया जा रहा है कि इस दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे और फिर बहस शुरू हो गई। इसके बाद दोनों पक्ष इमरजेंसी में डॉक्टर के केबिन के बाहर आपस में भिड़ गए। इस घटना की अंदर से किसी ने वीडियो बना ली, जिसमें एक पक्ष दूसरे पक्ष को बुरी तरह पीटता हुआ नजर आ रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में गोपाल कांडा की बढ़ी मुश्किलें:इनेलो-भाजपा के समर्थन के बावजूद कार्यकर्ताओं ने प्रचार से बनाई दूरी, बयानों से बढ़ा कन्फ्यूजन
हरियाणा में गोपाल कांडा की बढ़ी मुश्किलें:इनेलो-भाजपा के समर्थन के बावजूद कार्यकर्ताओं ने प्रचार से बनाई दूरी, बयानों से बढ़ा कन्फ्यूजन हरियाणा में गोपाल कांडा को भाजपा के प्रति प्रेम और इनेलो का समर्थन भारी पड़ सकता है। दोनों की पार्टी के आम कार्यकर्ता कांडा के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। कांडा के बार-बार बयान बदलने से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है वहीं भाजपा का समर्थन लेने से कांडा के प्रचार से इनेलो कार्यकर्ताओं ने दूरी बना ली है। कांडा को आस है कि सिरसा के साथ लगते गांवों में इनेलो का वोट बैंक जो उनको मिलेगा मगर भाजपा के समर्थन से ऐसा होता नहीं दिख रहा। वहीं कांडा के बयानों से भाजपा कार्यकर्ताओं में उलझन है। भाजपा समर्थन के बाद कांडा ने कहा था कि मैंने किसी का समर्थन नहीं मांगा, इसके बाद से भाजपा के कार्यकर्ता कांडा के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी बैठाने के बाद भी स्थानीय पदाधिकारी अपनी ही पार्टी से नाराज है और कांडा के प्रचार से दूरी बना ली है। बता दें कि गोपाल कांडा पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार गोकुल सेतिया से 603 वोट से जीते थे मगर अब गोकुल के कांग्रेस में जाने के बाद कांडा को कड़ी टक्कर मिल रही है। लोकसभा चुनाव में कांडा का साथ लिया मगर हारी थी भाजपा बता दें कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गोपाल कांडा से समर्थन लिया था मगर भाजपा एक ही विधानसभा में आगे रही। अगर कांग्रेस पुराना प्रदर्शन दोहराती है तो गोपाल कांडा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं इनेलो के अधिकतर वर्कर भाजपा पार्टी से नाराज हैं और भाजपा के समर्थन से उन्होंने गोपाल कांडा के प्रचार से दूरी बना ली है और कांडा बंधुओं के लिए चुनाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने पहले प्रत्याशी खड़ा किया, बाद में बैठाया भाजपा के 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बाद गोपाल कांडा ने अकेले लड़ने का फैसला लिया था। मगर ऐन वक्त पर इनेलो ने अपना समर्थन गोपाल कांडा को दे दिया। इसके बाद भाजपा ने कांडा के पक्ष में अपने प्रत्याशी का नामांकन वापस ले लिया। प्रदेश में इनेलो और भाजपा दोनों अलग-अलग लड़ रही है। इनेलो भाजपा पर लगातार हमलावर है। ऐसे में विपक्षी दल तीनों पार्टियों पर चुटकी ले रही हैं। हरियाणा में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चुटकी लेते हुए X अकाउंट पर लिखा था कि ” अजब, विचित्र, गजब नजारा, खट्टर कहे कांडा हमारा, कांडा इनेलो को प्यारा, एक ने उम्मीदवार नहीं उतारा, दूसरा कहे गठबंधन है हमारा, ऊपर से है दोनों को इशारा, बेवकूफ बनाना काम तुम्हारा। कांडा और भाजपा नेताओं ने बदले बयान दरअसल गोपाल कांडा के बार-बार बयान बदलने और भाजपा नेताओं की अलग-अलग बयानबाजी से विपक्षी दलों को चुटकी लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस और जजपा इसे इनेलो और भाजपा का इसे साइलेंट गठबंधन करार दे रहे हैं। मगर इनेलो का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर भ्रम फैला रही है, ताकि भाजपा के खिलाफ वोट बटोरा जा सके, जबकि सच्चाई ये है दोनों पार्टी कांग्रेस और भाजपा की विदाई तय है। इनेलो नेता अभय ने कहा था- कांडा-भाजपा का गठबंधन नहीं दरअसल, भाजपा कैंडिडेट के कांडा के समर्थन के बाद इनेलो सबसे ज्यादा बैकफुट पर है। क्योंकि इनेलो बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफत का वोट बटोरना चाहती है। ऊपर से उनके सहयोगी गोपाल कांडा का भाजपा ने समर्थन किया तो कांग्रेस और जजपा हमलावर हो गए। पत्रकारों ने सवाल पूछे तो अभय चौटाला ने कहा कि कांडा अपने मुंह से कहेंगे तो वह मानेंगे। इसके बाद कांडा ने प्रेसवार्ता बुलाकर कहा कि भाजपा से उन्होंने कभी समर्थन मांगा ही नहीं था। प्रदेश में इनेलो गठबंधन की सरकार बनेगी।
हरियाणा में कैंडिडेट सिलेक्शन के लिए 3 सर्वे करेगी कांग्रेस:प्रभारी से मीटिंग में फैसला; नेताओं, प्राइवेट एजेंसी के बाद हाईकमान भी फील्ड में आएगा
हरियाणा में कैंडिडेट सिलेक्शन के लिए 3 सर्वे करेगी कांग्रेस:प्रभारी से मीटिंग में फैसला; नेताओं, प्राइवेट एजेंसी के बाद हाईकमान भी फील्ड में आएगा हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी हैं। लोकसभा चुनाव में विधानसभा की 90 में से 46 सीटों पर बढ़त मिली देख कांग्रेस ने इंटरनल सर्वे शुरू कर दिया है। जिसमें जिताऊ उम्मीदवारों की खोज की जा रही है। कांग्रेस का यह सर्वे हर विधानसभा में होगा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उम्मीदवार फाइनल करने के लिए 3 सर्वे कराएगी। पहला सर्वे कांग्रेस की जिला स्तर की कमेटी करेगी। दूसरा सर्वे प्राइवेट एजेंसी से कराया जाएगा। तीसरा और फाइनल सर्वे AICC की टीम करेगी। सर्वे के दौरान कांग्रेस हरियाणा के जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखेगी। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इसी तरह सर्वे कराया था। जिसकी वजह से 2019 में जीरो सीट के मुकाबले इस पर कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब रहीं। कांग्रेस का मानना है कि इसी सर्वे की बदौलत उन्हें मजबूत उम्मीदवार मिले। 2 सर्वे पूरे होने के बाद मांगे जाएंगे आवेदन
कांग्रेस की ओर से 2 सर्वे पूरे होने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से आवदेन मांगे जाएंगे। आवेदन के आधार पर ही अंत में एक फाइनल सर्वे आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से किया जाएगा। इस सर्वे में सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को ध्यान में रखा जाएगा। कांग्रेस इस बार भी भाजपा की लिस्ट आने के बाद ही जांच परख कर उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। हरियाणा में इस बार कांग्रेस को विश्वास है कि वह 70 से अधिक सीटें जीत सकती है। लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव लड़ेगी
कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तर्ज पर ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसके संकेत कांग्रेस ने अभी से दे दिए हैं। लोकसभा की तरह की भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश प्रभारी कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं। इसके समानांतर ही सर्वे शुरू हुआ है। इसके अलावा स्टार प्रचारकों में भी प्रदेश के नेताओं को शामिल किया जाएगा। इस बार उन उम्मीदवारों का टिकट कटना तय है जिसकी रिपोर्ट लोकसभा चुनाव में नेगेटिव रही है। ऐसे नेताओं की अलग से सूची तैयार हो रही है। ऐसे में बड़े नेताओं को झटका लग सकता है। प्रभारी के फीडबैक में करनाल-भिवानी की सबसे खराब रिपोर्ट
हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को हरियाणा लोकसभा चुनावों को लेकर उम्मीदवारों से मंत्रणा की थी। बाबरिया ने बैठक न करके एक-एक कर उम्मीदवारों व जीतकर आए सांसदों से बातचीत की। प्रदेश प्रभारी को सबसे खराब रिपोर्ट भिवानी, करनाल की मिली है। यहां के उम्मीदवारों ने भीतरघात की रिपोर्ट दी। वहीं हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी ने भी भीतरघात की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि हिसार के बड़े नेताओं ने साथ नहीं दिया। अगर वे साथ होते तो जीत का मार्जिन और बड़ा होता। इतना ही नहीं कुछ नेताओं के भाजपा प्रत्याशी की मदद करने की बात रिपोर्ट में कही गई है। इसी तरह गुरुग्राम में भी स्थानीय नेताओं के अहीरवाल क्षेत्र में साथ नहीं देने की बात सामने आई है। हाईकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट कांग्रेस हाई कमान को सौंपी जाएगी। बाबरिया ने उम्मीदवारों से आगामी विधानसभा के संभावित नामों पर चर्चा भी की ओर उनकी तरफ से हर विधानसभा में कौन बेहतर उम्मीदवार हो सकता है, उनके नाम भी पूछे। वहीं चुनाव में बढ़चढ़ कर काम करने वाले नेताओं और काम न करने वाले नेताओं व भीतरघात करने वालों के नाम भी उम्मीदवारों ने बताए। प्रभारी से मीटिंग में कांग्रेस की 5 सीटों पर हार की ये वजहें… गुटबाजी भारी पड़ी हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि 2 सीटों पर उन्हें गुटबाजी की वजह से नुकसान हुआ। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर MLA किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। किरण चौधरी ने तो हुड्डा कैंप पर उनकी सियासी हत्या की साजिश रचने जैसे आरोप तक लगा डाले। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राव दान सिंह की हार का अंतर 41 हजार 510 वोट रहा। भिवानी जिले की 3 में से 2 सीटों पर भाजपा को लीड मिली। इनमें किरण चौधरी की तोशाम सीट शामिल रही। अगर पार्टी के नेता एकजुटता दिखाते तो यहां रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में भी आ सकता था। गुरुग्राम सीट पर भी यही कहानी रही। यहां कांग्रेस कैंडिडेट राज बब्बर 75 हजार वोट से हारे। लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव इस सीट पर लंबे अर्से से एक्टिव थे लेकिन पार्टी ने ऐन मौके पर उनकी जगह राज बब्बर को टिकट थमा दिया। इससे कैप्टन नाराज हो गए। राज बब्बर की इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अजय यादव बहुत कम मौकों पर नजर आए। फरीदाबाद सीट पर भी टिकट न मिलने के कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण दलाल की नाराजगी देखने को मिली। पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई
लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी का सक्रियता से प्रचार करते नजर नहीं आए। हालांकि चुनाव नतीजों में बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही जेपी को सबसे बड़ी लीड मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला की तिकड़ी ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे।
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में आज सांसद दीपेंद्र हुड्डा के कार्यक्रम से पहले ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। उनका आरोप था कि इस जनसभा में शहीद का अपमान किया गया है। ग्रामीणों ने सभा करवाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को घेर लिया। उन्होंने नारेबाजी कर घोड़ेला खूब खरी-खरी सुनाई। घोड़ेला ने गांव सरसौद में दीपेंद्र की जनसभा रखवाई थी। स्टेडियम में रखी थी जनसभा
इस जनसभा का स्थान गांव के स्टेडियम को बनाया गया। जहां शहीद की प्रतिमा लगी थी, मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्टेडियम में लगी शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए। जब इस बारे में शहीद के परिजनों को पता चला तो वह भड़क गए। इसी दौरान जब कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला जनसभा स्थल पर पहुंचे तो शहीद के परिजनों और ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। शहीद की मां बोली- पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे
शहीद की मां ने रामनिवास घोड़ेला से कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। तुम उसका सम्मान करने के बजाय उसकी प्रतिमा पर पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे हो। इसके बाद बाकी ग्रामीण भी शहीद की मां के साथ विरोध में उतर आए। बाद में दीपेंद्र हुड्डा के आने से पहले शहीद की प्रतिमा से पोस्टर हटा लिए गए ताकि कार्यक्रम में किसी तरह का बवाल ना हो जाए। शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत : पूर्व सरपंच
गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग भयाणा ने बताया कि 12 बजे दीपेंद्र हुड्डा का गांव में कार्यक्रम था। मगर कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला के समर्थकों और कांग्रेस वर्करों ने शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए जिससे शहीद का अपमान हुआ है। शहीद की मां को जब इसका पता चला तो उसने घोड़ेला से सवाल-जवाब किए। ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया कि ऐसा नहीं होना चाहिए। सबको शहीदों का मान सम्मान करना चाहिए। 2020 में शहीद हुए थे अजीत सिंह
सरसौद गांव के अजीत सिंह भारतीय सेना में थे और 2020 को वह शहीद हो गए थे। उनका जब पार्थिव शरीर गांव पहुंचा था तो पूरा गांव एकत्रित हुआ था। शहीद के परिवार में उनके पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। बेटा विदेश में है और बेटी पढ़ाई कर रही है। उनके परिवार में अजीत सिंह के पिता दलेल सिंह हैं। इनके अलावा 2 भाई हैं। जिनमें एक बीएसएफ में हैं और दूसरे भाई खेती करते हैं। सरंपच किताब सिंह बोले- जो हुआ गलत हुआ
वहीं इस मामले में सरपंच किताब सिंह का कहना है कि शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत है। शहीद की प्रतिमा उस जगह बनी है, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ था। ऐसे में परिवार की भावनाएं प्रतिमाएं और स्थान दोनों से जुड़ी हुई है। जब अजीत सिंह शहीद हुए तो पंचायत ने ही 6 महीने बाद प्रतिमा लगवाई थी।