हरियाणा के फतेहाबाद के टोहाना ग्रामीण इलाके में दरिंदगी का शिकार हुई साढ़े 3 साल की मासूम बच्ची ने आखिरकार 9 दिनों बाद रोहतक पीजीआई में दम तोड़ दिया। बच्ची को उसके पिता के ही जानकार 2 युवकों ने आधी रात को घर से उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। अलसुबह बच्ची खून से लथपथ हालत में सड़क पर मिली थी। पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह शर्मनाक घटना 29 जून की रात की है। तब से बच्ची पीजीआई रोहतक में भर्ती थी। बच्ची के माता-पिता ने बताया था कि वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बहराइच क्षेत्र के रहने वाले हैं। डेढ़ 2 माह पहले टोहाना के पास स्थित एक गांव में खेत मजदूरी करने के लिए आए थे। यहां एक जमींदार के खेत में वह रह रहे हैं। 29 जून शनिवार रात को उनकी जान पहचान के 3 युवक उनके घर आए थे। वह भी आसपास के गांवों के खेतों में मजदूरी करते हैं। रात को वे वापस चले गए और परिवार सो गया। पिता ने बताया कि आधी रात को 3 बजे वह उठा तो देखा कि बच्ची अपने बिस्तर पर नहीं थी। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को उठाया और खेत मालिक को भी सूचित किया। सभी ने बच्ची की तलाश शुरू कर दी। बच्ची कुछ ही दूरी पर जाखल रोड पर लहूलुहान हालत में मिली। बच्ची ने बताया कि युवकों ने उसके साथ हैवानियत की है। इसके बाद परिजन अल सुबह करीब 4-5 बजे बच्ची को एम्बुलेंस से टोहाना नागरिक अस्पताल ले आए। वहां पुलिस को भी सूचित किया गया। बच्ची की हालत गंभीर थी और उसे प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर कर दिया गया। खेत मालकिन ने बताया कि आरोपी इन्हीं की तरह खेतों में काम करते हैं। एक बार तो आरोपी चले गए थे। जब परिवार के लोग सो गए तो पीछे से ही वह बच्ची को उठाकर ले गए। टोहाना सदर थाना के SHO देवीलाल ने बताया कि पीड़ित पक्ष खेतों में धान लगाने के लिए काम करते हैं। उनके खेत मकान में मुकेश, सतीश और शंभू नामक 3 लोग आए थे। जहां उन्होंने शराब व मीट आदि की पार्टी की। बाद में शंभू वहां से चला गया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद में बाकी दोनों द्वारा बच्ची को उठाकर गलत काम करने की बात सामने आई थी। दोनों के खिलाफ रेप, पॉक्सो एक्ट और अपहरण के आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हरियाणा के फतेहाबाद के टोहाना ग्रामीण इलाके में दरिंदगी का शिकार हुई साढ़े 3 साल की मासूम बच्ची ने आखिरकार 9 दिनों बाद रोहतक पीजीआई में दम तोड़ दिया। बच्ची को उसके पिता के ही जानकार 2 युवकों ने आधी रात को घर से उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। अलसुबह बच्ची खून से लथपथ हालत में सड़क पर मिली थी। पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह शर्मनाक घटना 29 जून की रात की है। तब से बच्ची पीजीआई रोहतक में भर्ती थी। बच्ची के माता-पिता ने बताया था कि वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बहराइच क्षेत्र के रहने वाले हैं। डेढ़ 2 माह पहले टोहाना के पास स्थित एक गांव में खेत मजदूरी करने के लिए आए थे। यहां एक जमींदार के खेत में वह रह रहे हैं। 29 जून शनिवार रात को उनकी जान पहचान के 3 युवक उनके घर आए थे। वह भी आसपास के गांवों के खेतों में मजदूरी करते हैं। रात को वे वापस चले गए और परिवार सो गया। पिता ने बताया कि आधी रात को 3 बजे वह उठा तो देखा कि बच्ची अपने बिस्तर पर नहीं थी। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को उठाया और खेत मालिक को भी सूचित किया। सभी ने बच्ची की तलाश शुरू कर दी। बच्ची कुछ ही दूरी पर जाखल रोड पर लहूलुहान हालत में मिली। बच्ची ने बताया कि युवकों ने उसके साथ हैवानियत की है। इसके बाद परिजन अल सुबह करीब 4-5 बजे बच्ची को एम्बुलेंस से टोहाना नागरिक अस्पताल ले आए। वहां पुलिस को भी सूचित किया गया। बच्ची की हालत गंभीर थी और उसे प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर कर दिया गया। खेत मालकिन ने बताया कि आरोपी इन्हीं की तरह खेतों में काम करते हैं। एक बार तो आरोपी चले गए थे। जब परिवार के लोग सो गए तो पीछे से ही वह बच्ची को उठाकर ले गए। टोहाना सदर थाना के SHO देवीलाल ने बताया कि पीड़ित पक्ष खेतों में धान लगाने के लिए काम करते हैं। उनके खेत मकान में मुकेश, सतीश और शंभू नामक 3 लोग आए थे। जहां उन्होंने शराब व मीट आदि की पार्टी की। बाद में शंभू वहां से चला गया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद में बाकी दोनों द्वारा बच्ची को उठाकर गलत काम करने की बात सामने आई थी। दोनों के खिलाफ रेप, पॉक्सो एक्ट और अपहरण के आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
बरवाला में कांग्रेस नेताओं ने घोड़ेला से बनाई दूरी:टिकट के दावेदार नेता नहीं कर रहे प्रचार, गंगवा और संजना में बना मुकाबला
बरवाला में कांग्रेस नेताओं ने घोड़ेला से बनाई दूरी:टिकट के दावेदार नेता नहीं कर रहे प्रचार, गंगवा और संजना में बना मुकाबला हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला मुश्किलों में पड़ते नजर आ रहे हैं। गुटबाजी के कारण यहां कांग्रेस की लड़ाई खुद से हैं। इसी कारण दूसरे उम्मीदवार भाजपा के रणबीर गंगवा और इनेलो की संजना सातरोड़ में मुकाबला बनता दिख रहा है। शहरों व साथ लगते इलाकों में जहां गंगवा की टीमें एक्टिव हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में संजना सातरोड़ लगातार प्रचार कर रही हैं। रामनिवास घोड़ेला पर 2 बार लगातार हार का टैग भी है, और सीएलयू कांड के आरोपों पर हलके में ही लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। किसान नेताओं ने पिछले दिनों पंचायत कर रामनिवास घोड़ेला की उम्मीदवारी का विरोध जताया था। अब किसान नेताओं ने इसको लेकर 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। बता दें कि किसानों ने एआईसीसी दफ्तर दिल्ली में पिछले दिनों टिकट वितरण को लेकर भारी विरोध किया था। मगर कांग्रेस ने बरवाला में सीएलयू कांड के आरोपी को टिकट दे दिया। गंगवा को ओबीसी और संजना को जाट वर्ग दे रहा समर्थन रणबीर गंगवा पूर्व डिप्टी स्पीकर रहे हैं। वह करीब 10 साल से विधायक हैं और 2010 से 2014 तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। उनके राजनीतिक जीवन में उन पर किसी तरह का दाग नहीं है। यही कारण है कि घोड़ेला को छोड़ ओबीसी वर्ग गंगवा को समर्थन करने में लगा है। पहले कुम्हार सभा और अब उसके बाद जांगड़ा सभा ने भी रणबीर गंगवा का समर्थन किया है। इसके अलावा प्रमुख पार्टियों से ओबीसी फेस मैदान में है, तो इनेलो ने जाट फेस संजना सातरोड़ पर दांव खेला है। संजना हलके में लगातार सक्रिय है। इनेलो से टिकट मिलने पर उनकी स्थिति और मजबूत मानी जा रही है। मुकाबला गंगवा और संजना के बीच देखने को मिल रहा है। घोड़ेला को अपनों का ही साथ नहीं बता दें कि सीएलयू कांड में राम निवास घोड़ेला पर आरोप लगे हैं। उम्मीदवार का विरोध टिकट मिलने से पहले हो रहा था। ऐसे में कांग्रेस के स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, रणधीर धीरा, राजेश संदलाना, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ने वाली है। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस 2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष के साले की हादसे में मौत:हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर दुर्घटना, कार से दोस्त के साथ समैण जा रहे थे
भाजपा जिला उपाध्यक्ष के साले की हादसे में मौत:हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर दुर्घटना, कार से दोस्त के साथ समैण जा रहे थे हरियाणा के हिसार में हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर कार एक्सिडेंट में भाजपा जिला उपाध्यक्ष रणधीर सिंह धीरू के साले प्रवीण कुमार की मौत हो गई। जबकि उनके साले के दोस्त जयपाल को गंभीर हालत में बरवाला के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। प्रवीण कुमार के दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी हैं जो अभी पढ़ रहे हैं। पुलिस ने मृतक प्रवीण कुमार के जीजा रणधीर धीरू के बयान पर इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई की है। पुलिस को दिए बयान में रणधीर सिंह धीरू ने बताया कि उनका साला प्रवीण कुमार बरवाला वार्ड 13 स्थित लक्ष्मी विहार कॉलोनी में परिवार के साथ रहता है। उसकी उम्र 42 साल थी और वह बरवाला में ही इंजीनियरिंग वर्कशॉप चलाता था। 6 नवंबर को रात को प्रवीण कुमार और उसका साथ जयपाल भैणी बादशाहपुर से गांव समैण अपनी गाड़ी लेकर किसी काम से गए थे। रात करीब 9 बजे फोन पर सूचना मिली कि समैण से वापस आते समय हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर होटल हवेली के पास एक्सीडेंट में प्रवीण कुमार की मौत हो गई है और साथी जयपाल घायल अवस्था में है और दोनों को बरवाला के सीएचसी में दाखिल करवाया गया है। अस्पताल में प्रवीण ने तोड़ा दम, दोस्त की हालत गंभीर
धीरू ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचे तब तक प्रवीण की सांसें रुक चुकी थी। उनके चेहरे, जबड़े और सिर पर गहरी चोट के निशान थे और खून बह रहा था। दोस्त जयपाल के भी सिर और चेहरे पर चोट लगी है। इसके बाद हमने हादसे वाले जगह पर जाकर तसल्ली की। सड़क पर मरा मिला सांड, गाड़ी गड्ढे में मिली
धीरू ने बताया कि मौके पर जाकर देखा तो गाडी सड़क किनारे गड्ढे में गिरी हुई मिली और सड़क किनारे सांड मरा हुआ मिला। हो सकता है गाड़ी के आगे रोड पर सांड आने से प्रवीण कुमार की मौत हुई और जयपाल घायल हो गया हो। पुलिस ने कार्रवाई की है। हादसे के बाद से परिवार में मातम छाया हुआ है।
नूंह में डीसी ने सरपंच को पद से हटाया:पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला; नामांकन के समय छिपाई जानकारी
नूंह में डीसी ने सरपंच को पद से हटाया:पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला; नामांकन के समय छिपाई जानकारी हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका खंड के पिनंगवा की ग्राम पंचायत चांदडाका के सरपंच अली मोहम्मद को डीसी ने पद से हटा दिया है। उन पर पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप हैं। चुनाव के नामांकन के समय से ही उन पर आरेाप लग रहे थे। बाद में प्रशासन की ओर से इनकी जांच की गई। जानकारी के अनुसार डीसी के पत्र क्रमांक नंबर 1891-94 द्वारा ग्राम पंचायत चांदडाका के सरपंच अली मोहम्मद पर ग्राम पंचायत के गैर मुमकिन पहाड़ खसरा नंबर 42 में अवैध रूप से कब्जा कर दुकान बनाने के आरोप को लेकर लंबे समय से जांच चल रही थी। पुन्हाना के एसडीएम द्वारा भी जांच में मौके की निशानी रिपोर्ट के आधार को मानते हुए सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत की जमीन पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अगुआई में भी अवैध कब्जों की पुष्टि मानी गई है। इसके अलावा मौके के अधिकारियों की रिपोर्ट और निशान दही की रिपोर्ट भी संलग्न है। जिसमें भी सरपंच को कब्जाधारी दर्शाया गया है । इसके अलावा फिरोजपुर झिरका की उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा भी जांच के दौरान सरपंच द्वारा किसी भी प्रकार की कोई अवैध कब्जा को लेकर जवाबदेही नहीं दी गई। वहीं शिकायतकर्ता युसूफ पुत्र खुशी का निवासी चांदडाका द्वारा फोटो और दस्तावेज पेश किए गए हैं। सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत की उन्हें दुकानों में चुनावी कार्यालय बनाया हुआ था। जानकारी के मुताबिक 28 मार्च 2024 को भी खंड विकास पंचायत अधिकारी द्वारा भी उक्त पंचायत की जमीन पर कब्जा मुक्त करने के लिए सरपंच को पत्राचार किया गया था । वहीं गत 30 सितंबर को भी फिरोजपुर झिरका उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय में दोनों पक्षों की सुनवाई के दौरान भी सरपंच द्वारा कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। जिसके चलते सभी दस्तावेजों को आधार मानते हुए पंचायत राज्य अधिनियम 1994 की धारा 175(एन) के तहत सरपंच पद के चुनाव नामांकन के समय पंचायती जमीन पर अवैध कब्जा करने के कारण अयोग्य करार देते हुए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51(3)(b)(c)(e) के तहत डीसी ने फैसला लिया है। डीसी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए ग्राम पंचायत चांदडाका खंड पिनगवा के सरपंच पद को रिक्त घोषित कर दिया है और खंड विकास पंचायत अधिकारी को बहुमत वाले पांच को जल्द ही रिकॉर्ड सपना की दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।