फरीदकोट के गांव डल्लेवाल के 30 वर्षीय प्रितपाल सिंह की नशे की ओवरडोज से मौत का मामला सामने आया है, जिसका पुलिस पोस्टमॉर्टम करवा रही है। परिजनों का आरोप है कि उनका बेटा पेट्रोल पंप पर काम करता था और जब शाम को घर लौटा तो गांव के ही दो लड़कों ने उसे नशीला इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि गांव के लोग खुलेआम नशा बेचते हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती और अगर पकड़े भी जाते हैं तो जल्द ही छोड़ दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय गांव में नशा नहीं बिकता था, लेकिन अब नशा आम हो गया है, गांव में खुलेआम नशा बिक रहा है। किसाना संगठन के सदस्यों ने आरोप लगाया कि गांव में खुलेआम नशा बिक रहा है लेकिन पुलिस नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। फरीदकोट के गांव डल्लेवाल के 30 वर्षीय प्रितपाल सिंह की नशे की ओवरडोज से मौत का मामला सामने आया है, जिसका पुलिस पोस्टमॉर्टम करवा रही है। परिजनों का आरोप है कि उनका बेटा पेट्रोल पंप पर काम करता था और जब शाम को घर लौटा तो गांव के ही दो लड़कों ने उसे नशीला इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि गांव के लोग खुलेआम नशा बेचते हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती और अगर पकड़े भी जाते हैं तो जल्द ही छोड़ दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय गांव में नशा नहीं बिकता था, लेकिन अब नशा आम हो गया है, गांव में खुलेआम नशा बिक रहा है। किसाना संगठन के सदस्यों ने आरोप लगाया कि गांव में खुलेआम नशा बिक रहा है लेकिन पुलिस नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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SC से भरत इंदर सिंह चहल को मिली राहत:पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार की गिरफ्तारी पर लगी रोक, जांच में सहयोग के आदेश
SC से भरत इंदर सिंह चहल को मिली राहत:पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार की गिरफ्तारी पर लगी रोक, जांच में सहयोग के आदेश आय से अधिक संपत्ति मामले में पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार रहे भरत इंदर सिंह चहल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा है कि याची पर दंड योग कार्रवाई न की जाए। साथ ही चहल को कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग दें। वहीं, पंजाब सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है। 25 अक्टूबर को उनके खिलाफ पटियाला अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट में रखी थी यह दलील चहल के वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि 76 वर्षीय चहल कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। साथ ही जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। हालांकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि, आर्थिक अपराधों में अग्रिम जमानत देने से पहले अदालत को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो सकता है और जनता के विश्वास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। जस्टिस सिंधु ने स्पष्ट किया था कि “चूंकि चहल के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है, और उन्हें अग्रिम जमानत देना जांच को प्रभावित कर सकता है।” आमदनी 7 करोड़, खर्च 31 करोड़ हुआ विजिलेंस के मुताबिक मार्च 2017 से सितंबर 2021 तक चहल और उसके पारिवारिक सदस्यों की आय 7,85,16,905 रुपए थी। जबकि 31,79,89,011 रुपए खर्च किए गए, जो आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 305 फीसदी अधिक है। आरोप हैं कि भरत इंदर सिंह चहल ने अपने और अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर कई संपत्ति बनाई। आरोपी चहल की संपत्ति आरोपी भरत इंदर सिंह चहल की संपत्ति में सरहिंद रोड पटियाला स्थित दसमेश लग्जरी वैडिंग रिजॉर्ट (अलकाजार), मिनी सचिवालय रोड पटियाला पर 2595 गज की पांच मंजिला कॉमर्शियल इमारत (पशु पालन विभाग की साइट), नाभा रोड पर टोल प्लाजा के समीप गांव कलियान में 72 कनाल 14 मरले जमीन शामिल है। इनके अलावा फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव मालाहेड़ी और हरबंसपुरा में भी जमीन खरीदी गई है। फिलहाल विजिलेंस मामले की आगामी जांच में जुटी है।
पंजाब में अधिकारियों और किसानों की बैठक:दिल्ली-कटरा हाईवे परियोजना की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास, इंजीनियर को पीटा गया था
पंजाब में अधिकारियों और किसानों की बैठक:दिल्ली-कटरा हाईवे परियोजना की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास, इंजीनियर को पीटा गया था पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) परियोजनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रहे विवादों के बाद अब समस्याओं को सुलझाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। शनिवार को अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी चरणजीत सिंह की अध्यक्षता में एनएचएआई अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में अमृतसर के एसएसपी के अलावा गुरदासपुर, बठला और पठानकोट के डीएसपी अधिकारी मौजूद थे। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों और किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया। तीनों जिलों की पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया। पुलिस विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इस तरह की समन्वय बैठकें जारी रहेंगी, ताकि एनएचएआई की परियोजनाएं समय पर और जल्द से जल्द पूरी हो सकें। प्रोजेक्ट्स को लेकर चल रहा केंद्र-राज्य के बीच विवाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य में चल रही परियोजनाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे हाल ही में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। परियोजना का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे संबंधित एक तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई। यहां कुछ लोगों ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के ठेकेदार के कैंप पर हमला किया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों और कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने पत्र में लिखा- मुझे पता चला है कि पंजाब में हालात खराब होते जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए कई ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के कारण केंद्र को पहले भी पंजाब में 104 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। 3263 करोड़ की लागत उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अब भी पंजाब सरकार एनएचएआई के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य में 293 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो इस कॉरिडोर का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
हरियाणा विधानसभा को चंडीगढ़ में जगह देने पर बवाल:पंजाब की राजनीतिक पार्टियों ने केंद्र की नियत पर उठाएं सवाल; कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे
हरियाणा विधानसभा को चंडीगढ़ में जगह देने पर बवाल:पंजाब की राजनीतिक पार्टियों ने केंद्र की नियत पर उठाएं सवाल; कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे चंडीगढ़ में हरियाणा की विधानसभा की नई इमारत बनाने के लिए दी जा रही जगह पर पंजाब ने ऐतराज जताया है। इस मुद्दे को लेकर पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। राज्य की हर पार्टी के नेता ने इस पर ऐतराज जताया है। नेताओं का कहना है कि चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक है। ऐसे में किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की इमारत नहीं बनने देंगे। केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब का हक कमजोर कर रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) इस मामले को कोर्ट में लेकर जाने की तैयारी में है। पूर्व मंत्री व विधायक अनमोल गगन मान ने कहा कि हमारी सरकार इस मामले में पीछे नहीं हटेगी। इस फैसले के खिलाफ हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे। धरने प्रदर्शन तक किए जाएंगे। हम हर तरह की लड़ाई लडे़ंगे पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार बाज नहीं आ रही है। जिस तरह की खबरें आ रही है कि चंडीगढ़ में हरियाणा को विधानसभा बनाने के लिए दस एकड़ जगह दी जा रही है। इसके बदले हरियाणा चंडीगढ़ प्रशासन को 12 एकड़ जगह पंचकूला में देगा। हरियाणा 12 एकड़ जगह चंडीगढ़ प्रशासन को देने की बजाय अपनी जगह पर विधानसभा बना ले। केंद्र की बीजेपी सरकार किसी न किसी तरीके से चंडीगढ़ पर पंजाब का हक कमजोर करने की कोशिश कर रही है। सभी जानते हैं कि जब चंडीगढ़ बना था तो वह पंजाब के गांवों को उजाड़कर बसाया गया था। वहीं, जब वह पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। रीआरगेनाइजेशन एक्ट बना था। उसमें साफ कहा गया था कि यह अस्थाई इंतजाम है। हरियाणा बाद में अपनी राजधानी अलग बनाएगा। भारत में जहां भी नए राज्य बने हैं। वहां पर ऐसा ही होता आया है। लेकिन केंद्र सरकार पंजाब काे हर तरीके से बर्बाद करना चाहती है। हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे। चंडीगढ़ पर बुनियादी, सामाजिक, आर्थिक तौर पर पंजाब का हक है। इसके लिए हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे। पंजाब के हक कमजोर करने की कोशिश कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि – ऐसा करके केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर उनका हक कमजोर करने की कोशिश में लगी हुई है। कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा पंजाब के हकों को छीनने में लगी रहती है। लेकिन इस बार इस चीज को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस चीज का हम विरोध और निंदा करते हैं। चंडीगढ़ पर पंजाब का हक शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के हकों पर यह बहुत बड़ा डाका है। हरियाणा चंडीगढ़ में एक अलग विधानसभा बनाने की तैयारी में है। चंडीगढ़ पंजाब का है। 22 गांवों को उजाड़कर चंडीगढ़ बना है। हरियाणा को हमने लीज पर अपनी इमारतें दी हुई है। केंद्र हरियाणा की स्थाई विधानसभा बनाकर चंडीगढ़ को यूटी बनाना चाहता है। इस चीज को हम होने नहीं देंगे। उन्होंने पंजाब सरकार को भी घेरा। कहा जब से भगवंत मान पंजाब के सीएम बने हैं, तब से केंद्र सरकार पंजाब के हकों का हनन कर रही है।