हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अरावली की सुरम्य वादियों में आयोजित 17 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला रविवार को भव्य समापन के साथ संपन्न हो गया। समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जबकि हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, राज्य मंत्री राजेश नागर, विधायक सतीश फागना और धनेश अदलखा विशिष्ट अतिथि रहे। पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह मेला हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जहां 13 लाख पर्यटक आए थे। वहीं इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 18 लाख पहुंच गई। इसके अलावा, वर्ष 2015 तक केवल 20 देशों की भागीदारी थी, जो इस बार बढ़कर 44 देशों तक पहुंच गई। 17 दिनों में 22 करोड़ रुपए का व्यापार समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने पर्यटन मंत्री का आभार जताते हुए मेले की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सुझाव दिया कि मेले की अवधि चार सप्ताह तक बढ़ाई जाए और इस प्रस्ताव को पर्यटकों से सहमति भी दिलवाई। इस मेले में हस्तशिल्पियों ने 22 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार किया। प्रत्येक हस्तशिल्पी को औसतन 3-4 लाख रुपए की आमदनी हुई। जिससे स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक संबल मिला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह मेला भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार का केंद्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संस्कृति को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प पर्यटन मंत्री ने बताया कि सूरजकुंड मेला और कुरुक्षेत्र की गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेले की समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए हर वर्ष स्कूलों के बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिससे उन्हें भारतीय कला और शिल्प के प्रति जागरूक किया जा सके। पहले यह मेला 14 दिनों तक चलता था, जिसे बाद में बढ़ाकर 17 दिन कर दिया गया। हर वर्ष यह मेला फरवरी के पहले शुक्रवार से शुरू होता है। जिससे इसमें तीन वीकेंड शामिल हो सकें और अधिक से अधिक पर्यटक इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सकें। भविष्य में और विस्तार की योजना सरकार अब इस मेले को और अधिक भव्य और विस्तृत बनाने की योजना बना रही है। आने वाले वर्षों में इसके आयोजन की अवधि और भागीदार देशों की संख्या को और बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अरावली की सुरम्य वादियों में आयोजित 17 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला रविवार को भव्य समापन के साथ संपन्न हो गया। समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जबकि हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, राज्य मंत्री राजेश नागर, विधायक सतीश फागना और धनेश अदलखा विशिष्ट अतिथि रहे। पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह मेला हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जहां 13 लाख पर्यटक आए थे। वहीं इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 18 लाख पहुंच गई। इसके अलावा, वर्ष 2015 तक केवल 20 देशों की भागीदारी थी, जो इस बार बढ़कर 44 देशों तक पहुंच गई। 17 दिनों में 22 करोड़ रुपए का व्यापार समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने पर्यटन मंत्री का आभार जताते हुए मेले की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सुझाव दिया कि मेले की अवधि चार सप्ताह तक बढ़ाई जाए और इस प्रस्ताव को पर्यटकों से सहमति भी दिलवाई। इस मेले में हस्तशिल्पियों ने 22 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार किया। प्रत्येक हस्तशिल्पी को औसतन 3-4 लाख रुपए की आमदनी हुई। जिससे स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक संबल मिला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह मेला भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार का केंद्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संस्कृति को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प पर्यटन मंत्री ने बताया कि सूरजकुंड मेला और कुरुक्षेत्र की गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेले की समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए हर वर्ष स्कूलों के बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिससे उन्हें भारतीय कला और शिल्प के प्रति जागरूक किया जा सके। पहले यह मेला 14 दिनों तक चलता था, जिसे बाद में बढ़ाकर 17 दिन कर दिया गया। हर वर्ष यह मेला फरवरी के पहले शुक्रवार से शुरू होता है। जिससे इसमें तीन वीकेंड शामिल हो सकें और अधिक से अधिक पर्यटक इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सकें। भविष्य में और विस्तार की योजना सरकार अब इस मेले को और अधिक भव्य और विस्तृत बनाने की योजना बना रही है। आने वाले वर्षों में इसके आयोजन की अवधि और भागीदार देशों की संख्या को और बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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