हरियाणा के फरीदाबाद में कर्ज में डूबे केमिस्ट ने पडोस में परचून की दुकान चलाने वाले दुकानदार के बेटे का फिरौती मांगने की नीयत से पहले अपहरण कर लिया फिर उसे बेहोश करने के लिए नशीला इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन में नशीली दवाई की मात्रा अधिक होने के चलते बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद घबराए केमिस्ट ने बच्चे के शव को खुर्दबुर्द करने की नीयत से फतेहपुर से होकर गुजर रही आगरा नहर में फेंक दिया। लेकिन बच्चे का शव झाड़ियों में अटक गया। घटना के बाद मृतक बच्चे के परिजनों ने पड़ोसी को शक के आधार पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। केमिस्ट की निशानदेही पर बच्चे के शव को आगरा कैनाल से बरामद किया गया। पुलिस शव के पोस्टमार्टम व अन्य कार्रवाई में लगी है। जाने क्या है पूरा मामला जानकारी अनुसार बल्लभगढ़ स्थित सेक्टर 62 आशियाना फ्लैट में उमेश चंद की परचून की दुकान है। 13 जून को शाम 6:30 बजे के करीब उसका बेटा 13 वर्षीय कुश अपनी दुकान से पड़ोस की दुकान पर बर्फ लेने के लिए साइकिल लेकर निकला था। बच्चा जब बर्फ लेकर नहीं आया तो महज 5 मिनट में ही उसकी मां प्रियंका ने अपने बच्चे को खोजना शुरू किया। लेकिन उसके बेटे कुश का कहीं कुछ पता नहीं चला। उसके माता-पिता के साथ उसके अन्य परिजन भी उसकी खोज में लग थे। छत पर मिली साइकिल पड़ोस में दवा की दुकान चलाले वाला विशाल बच्चे की तलाश में परिवार के साथ था। काफी तलाश के बाद बच्चे की साइकिल विशाल के घर की छत पर मिली। इसके बाद सीसीटीवी के आधार पर बच्चे के माता-पिता व अन्य पड़ोसियों ने विशाल पर बच्चे के अपहरण का शक जताया और विशाल को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। बच्चे के माता-पिता के मुताबिक उन्होंने विशाल सहित कुल तीन लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था, जिनमें से पुलिस ने अन्य को छोड़ दिया। आगरा कैनाल में मिला शव पुलिस ने केमिस्ट विशाल से पूछताछ की तो उसने बच्चे की हत्या का राज खोल दिया। उसने बताया कि बच्चे को बेहोश करने के लिए नशे का इंजेक्शन दिया था, लेकिन डोज ज्यादा होने से उसकी मौत हो गई। शव को इसके बाद नहर में फेंक दिया ओर वह बच्चे के परिजनों के साथ मिल कर उसकी तलाश करने का ड्रामा करने लगा। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बच्चे के शव को बरामद कर लिया है। शव आगे बहने की बजाय वहीं पर झाड़ियों में फंस गया था। उमेश चंद के मुताबिक उनके बेटे की हत्या करने वाला उनका पड़ोसी विशाल कर्ज में डूबा हुआ है। इस कर्ज को उतारने की नीयत से उन्होंने उनके बच्चे कार फिरौती मांगने के लिए अपहरण किया था। बच्चा आठवीं कक्षा में पढता था। पुलिस पर लगे लापरवाही के आरोप कुश के पिता उमेशचंद ने बताया कि पुलिस ने केस में लापरवाही बरती है। बच्चे के परिजनों के मुताबिक उन्होंने महज 6 घंटे में ही आरोपी विशाल को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था, लेकिन पुलिस आरोपी से बच्चे के बारे में समय रहते पता नहीं कर पाई। इसके चलते उनके बच्चे की जान चली गई। एसएचओ बोले- पूछताछ जारी थाना आदर्श नगर के एसएचओ कृष्ण का कहना है कि मृतक बच्चे के परिजनों के बयान के आधार पर अपहरणकर्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विशाल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि रिमांड के दौरान पूछताछ में अन्य आरोपियों का भी खुलासा हो सके। हरियाणा के फरीदाबाद में कर्ज में डूबे केमिस्ट ने पडोस में परचून की दुकान चलाने वाले दुकानदार के बेटे का फिरौती मांगने की नीयत से पहले अपहरण कर लिया फिर उसे बेहोश करने के लिए नशीला इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन में नशीली दवाई की मात्रा अधिक होने के चलते बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद घबराए केमिस्ट ने बच्चे के शव को खुर्दबुर्द करने की नीयत से फतेहपुर से होकर गुजर रही आगरा नहर में फेंक दिया। लेकिन बच्चे का शव झाड़ियों में अटक गया। घटना के बाद मृतक बच्चे के परिजनों ने पड़ोसी को शक के आधार पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। केमिस्ट की निशानदेही पर बच्चे के शव को आगरा कैनाल से बरामद किया गया। पुलिस शव के पोस्टमार्टम व अन्य कार्रवाई में लगी है। जाने क्या है पूरा मामला जानकारी अनुसार बल्लभगढ़ स्थित सेक्टर 62 आशियाना फ्लैट में उमेश चंद की परचून की दुकान है। 13 जून को शाम 6:30 बजे के करीब उसका बेटा 13 वर्षीय कुश अपनी दुकान से पड़ोस की दुकान पर बर्फ लेने के लिए साइकिल लेकर निकला था। बच्चा जब बर्फ लेकर नहीं आया तो महज 5 मिनट में ही उसकी मां प्रियंका ने अपने बच्चे को खोजना शुरू किया। लेकिन उसके बेटे कुश का कहीं कुछ पता नहीं चला। उसके माता-पिता के साथ उसके अन्य परिजन भी उसकी खोज में लग थे। छत पर मिली साइकिल पड़ोस में दवा की दुकान चलाले वाला विशाल बच्चे की तलाश में परिवार के साथ था। काफी तलाश के बाद बच्चे की साइकिल विशाल के घर की छत पर मिली। इसके बाद सीसीटीवी के आधार पर बच्चे के माता-पिता व अन्य पड़ोसियों ने विशाल पर बच्चे के अपहरण का शक जताया और विशाल को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। बच्चे के माता-पिता के मुताबिक उन्होंने विशाल सहित कुल तीन लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था, जिनमें से पुलिस ने अन्य को छोड़ दिया। आगरा कैनाल में मिला शव पुलिस ने केमिस्ट विशाल से पूछताछ की तो उसने बच्चे की हत्या का राज खोल दिया। उसने बताया कि बच्चे को बेहोश करने के लिए नशे का इंजेक्शन दिया था, लेकिन डोज ज्यादा होने से उसकी मौत हो गई। शव को इसके बाद नहर में फेंक दिया ओर वह बच्चे के परिजनों के साथ मिल कर उसकी तलाश करने का ड्रामा करने लगा। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बच्चे के शव को बरामद कर लिया है। शव आगे बहने की बजाय वहीं पर झाड़ियों में फंस गया था। उमेश चंद के मुताबिक उनके बेटे की हत्या करने वाला उनका पड़ोसी विशाल कर्ज में डूबा हुआ है। इस कर्ज को उतारने की नीयत से उन्होंने उनके बच्चे कार फिरौती मांगने के लिए अपहरण किया था। बच्चा आठवीं कक्षा में पढता था। पुलिस पर लगे लापरवाही के आरोप कुश के पिता उमेशचंद ने बताया कि 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संविधान के जानकार मानते हैं कि वैसे तो यह महज कागजी औपचारिकता है, लेकिन संवैधानिक तौर पर अनिवार्य होने से इसे हर हाल में पूरा करना होगा। ऐसी सूरत में भी सेशन न बुलाया गया हो, ऐसा कोई उदाहरण देश में नहीं है। 14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक
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