हरियाणा के फरीदाबाद में बादशाह खान सिविल अस्पताल में अव्यवस्था खत्म नहीं हो रही। शुक्रवार शाम को यहां एक व्यक्ति के शव को ले जाने के लिए अस्पताल स्टाफ ने टूटा हुआ स्ट्रैचर दे दिया। कुछ देर बाद ही शव इससे जमीन पर जा गिरा। इस घटना के बाद परिजन गुस्सा उठे। अस्पताल में आने वाले लोगों का कहना है कि इस तरह की अव्यवस्थाएं यहां आम बात हैं। अधिकारी इनको लेकर कोई कदम नहीं उठा रहे। जानकारी के अनुसार नवादा गांव का रहने वाला 29 जितेंद्र कुमार शुक्रवार शाम को अपने पड़ोस में विनोद के घर पर वॉशिंग मशीन ठीक करने के लिए गया था। चचेरे भाई राहुल ने बताया कि जितेंद्र को मशीन ठीक करते समय बिजली का करंट लगा। वे उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जब वे जितेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल की मोर्चरी में ले जाने लगे तो उनको टूटा हुआ स्ट्रैचर दिया गया। राहुल ने बताया कि स्ट्रैचर में केवल तीन पहिए थे, उसका एक पहिया गायब था। इसके चलते जब स्ट्रैचर को धक्का मारा गया तो जितेंद्र का शव धड़ाम से फर्श पर जा गिरा। इसके चलते जितेंद्र के परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने अस्पताल स्टाफ की इस लापरवाही पर उन्हें काफी खरी खोटी सुनाई। जैसे तैसे परिजनों को समझा बुझा कर शांत किया गया। इसके बाद वह इमरजेंसी वार्ड के बाहर रखे दूसरे स्ट्रैचर को लेने गए। वहां पर केवल एक ही स्ट्रैचर रखा हुआ था और वह भी टूटा हुआ था। उसके भी तीन ही पहिए थे। उन्होंने हालात को देखते हुए शव को बड़ी मुश्किल से मोर्चरी तक पहुंचाया। बीके अस्पताल के पीएमओ दारा सिंह राठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच कराएंगे। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के फरीदाबाद में बादशाह खान सिविल अस्पताल में अव्यवस्था खत्म नहीं हो रही। शुक्रवार शाम को यहां एक व्यक्ति के शव को ले जाने के लिए अस्पताल स्टाफ ने टूटा हुआ स्ट्रैचर दे दिया। कुछ देर बाद ही शव इससे जमीन पर जा गिरा। इस घटना के बाद परिजन गुस्सा उठे। अस्पताल में आने वाले लोगों का कहना है कि इस तरह की अव्यवस्थाएं यहां आम बात हैं। अधिकारी इनको लेकर कोई कदम नहीं उठा रहे। जानकारी के अनुसार नवादा गांव का रहने वाला 29 जितेंद्र कुमार शुक्रवार शाम को अपने पड़ोस में विनोद के घर पर वॉशिंग मशीन ठीक करने के लिए गया था। चचेरे भाई राहुल ने बताया कि जितेंद्र को मशीन ठीक करते समय बिजली का करंट लगा। वे उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जब वे जितेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल की मोर्चरी में ले जाने लगे तो उनको टूटा हुआ स्ट्रैचर दिया गया। राहुल ने बताया कि स्ट्रैचर में केवल तीन पहिए थे, उसका एक पहिया गायब था। इसके चलते जब स्ट्रैचर को धक्का मारा गया तो जितेंद्र का शव धड़ाम से फर्श पर जा गिरा। इसके चलते जितेंद्र के परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने अस्पताल स्टाफ की इस लापरवाही पर उन्हें काफी खरी खोटी सुनाई। जैसे तैसे परिजनों को समझा बुझा कर शांत किया गया। इसके बाद वह इमरजेंसी वार्ड के बाहर रखे दूसरे स्ट्रैचर को लेने गए। वहां पर केवल एक ही स्ट्रैचर रखा हुआ था और वह भी टूटा हुआ था। उसके भी तीन ही पहिए थे। उन्होंने हालात को देखते हुए शव को बड़ी मुश्किल से मोर्चरी तक पहुंचाया। बीके अस्पताल के पीएमओ दारा सिंह राठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच कराएंगे। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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