हरियाणा के फरीदाबाद जिला में बल्लभगढ़ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को अपने चुनावी प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री व दो बार विधायक रह चुके हैं। तीसरी बार फिर से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। जब वह चुनावी प्रचार करने बल्लभगढ़ में पहुंचे तो लोगों ने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया। साथ ही लोगों की भीड़ भी तितर-बितर होने लगी। इस पर उन्होंने मंच से कसम खाते हुए क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने का वादा किया। लोगों ने भाजपा प्रत्याशी से पूछे सवाल ये मामला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ विधानसभा में पड़ने वाले सेक्टर 22 का है, जहां पर सोमवार को देर शाम भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा चुनावी प्रचार के तहत एक जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। उनके आते ही वहां पर लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी और लोगों ने मूलचंद शर्मा को घेरते हुए सवाल पूछने लगे। लोगों ने कहा कि वह 10 साल से विधायक और सरकार में मंत्री रहे। लेकिन उसके बाद भी उनके इलाके में न तो पीने के पानी की समस्या का समाधान हुआ और ना ही सीवर जाम से लोगों को निजात मिल पाई है। मूलचंद शर्मा ने किया समस्या से निजात दिलाने का वादा इसी दौरान लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी और वहां बैठे लोग मूलचंद शर्मा के आने के बाद जनसभा छोड़कर जाने लगे। जैसे तैसे मूलचंद शर्मा के समर्थकों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की लेकिन फिर भी काफी देर तक शोर-शराबा होता रहा। अपना विरोध होता देख भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा को मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कसम खाई। उन्होंने कहा कि वह इस बार गंगा यमुना की कसम खाते हैं, वह ब्राह्मण परिवार से हैं इस बार जीतने के बाद पीने के पानी की समस्या और सीवर ओवरफ्लो से लोगों को निजात दिलाएंगे। हरियाणा के फरीदाबाद जिला में बल्लभगढ़ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को अपने चुनावी प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री व दो बार विधायक रह चुके हैं। तीसरी बार फिर से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। जब वह चुनावी प्रचार करने बल्लभगढ़ में पहुंचे तो लोगों ने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया। साथ ही लोगों की भीड़ भी तितर-बितर होने लगी। इस पर उन्होंने मंच से कसम खाते हुए क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने का वादा किया। लोगों ने भाजपा प्रत्याशी से पूछे सवाल ये मामला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ विधानसभा में पड़ने वाले सेक्टर 22 का है, जहां पर सोमवार को देर शाम भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा चुनावी प्रचार के तहत एक जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। उनके आते ही वहां पर लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी और लोगों ने मूलचंद शर्मा को घेरते हुए सवाल पूछने लगे। लोगों ने कहा कि वह 10 साल से विधायक और सरकार में मंत्री रहे। लेकिन उसके बाद भी उनके इलाके में न तो पीने के पानी की समस्या का समाधान हुआ और ना ही सीवर जाम से लोगों को निजात मिल पाई है। मूलचंद शर्मा ने किया समस्या से निजात दिलाने का वादा इसी दौरान लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी और वहां बैठे लोग मूलचंद शर्मा के आने के बाद जनसभा छोड़कर जाने लगे। जैसे तैसे मूलचंद शर्मा के समर्थकों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की लेकिन फिर भी काफी देर तक शोर-शराबा होता रहा। अपना विरोध होता देख भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा को मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कसम खाई। उन्होंने कहा कि वह इस बार गंगा यमुना की कसम खाते हैं, वह ब्राह्मण परिवार से हैं इस बार जीतने के बाद पीने के पानी की समस्या और सीवर ओवरफ्लो से लोगों को निजात दिलाएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के रेसलर ने करोड़ों के दावों की हवा निकाली:विनेश फोगाट के पति बोले- झूठ न फैलाएं, हमें कोई पैसा नहीं मिला
हरियाणा के रेसलर ने करोड़ों के दावों की हवा निकाली:विनेश फोगाट के पति बोले- झूठ न फैलाएं, हमें कोई पैसा नहीं मिला हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट का दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक स्वागत करने वालों की लिस्ट अब इनाम राशि के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि विनेश को विभिन्न संस्थाओं से करोड़ों रुपए का इनाम मिला है। इनमें कुछ नामी संस्थाओं से जुड़े लोग भी अपनी इनाम राशि को लेकर प्रचार प्रसार करने में लगे हैं। लेकिन, विनेश के पति सोमवीर राठी ने इन दावों की हवा निकाल दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें कोई इनाम नहीं मिला है। यह सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन है। 125 किमी का रोड शो निकला
बता दें कि पेरिस ओलिंपिक से खेलकर स्वदेश लौटी विनेश फोगाट का शनिवार को भव्य स्वागत हुआ। दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली तक करीब 125 किलोमीटर का रोड शो निकाला गया। इसी बीच 100 से ज्यादा जगहों पर उनका स्वागत किया गया। हर जगह कार्यक्रम में विनेश को लोगों ने पुरस्कार स्वरूप नोटों की मालाएं, मेडल, गदा और अन्य उपहार दिए। बलाली पहुंचने पर भी सैकड़ों लोगों ने विनेश को कुछ न कुछ भेंट किया। इसके लिए विनेश सभी लोगों का धन्यवाद कर चुकी हैं। सोशल मीडिया पर लिस्ट वायरल हुई
इसके बाद रविवार को सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हुई, जिसमें विनेश को करोड़ों रुपए की भारी भरकम इनाम राशि दिए जाने का दावा किया गया। X पर कई वेरिफाइड अकाउंट होल्डर भी इसे शेयर कर चुके। शाम होते-होते इस लिस्ट पर किसी तरह का कोई रिएक्शन एवं ऑब्जेक्शन न आने के चलते लोग इसे प्रमाणित समझ रहे थे। इसी बीच विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी ने इस लिस्ट का खंडन कर दिया। यह सोमवीर ने जवाब दिया
सोमवीर राठी ने X पर लिखा, ‘निम्नलिखित संस्थाओं, व्यापारियों, कंपनियों और पार्टियों द्वारा विनेश फोगाट को कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। आप सभी हमारे शुभ चिंतक लोग हैं। कृपया झूठी खबरें न फैलाएं। इससे हमारा नुकसान तो होगा ही, सामाजिक मूल्यों का भी नुकसान होगा। यह सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन मात्र है।’ गांव वालों ने 100 रुपए से लेकर 21 हजार तक दिया इनाम
विनेश के गांव बलाली पहुंचने पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर विनेश के लिए पुरस्कार की रकम जुटाई। छोटे-बड़े सभी ने इसमें बढ़-चढ़ कर अपनी ओर से योगदान दिया, जिसमें गांव के चौकीदार की ओर से 100 से लेकर फौजी भाईचारा समूह के सदस्यों की ओर से 21,000 तक की रकम शामिल था। कथित तौर पर दान देर रात में आया। गांव की सरपंच रीतिका सांगवान विनेश के स्वागत समारोह में शामिल नहीं हो सकीं और उन्होंने अपने पति से उनका स्वागत करने के लिए कहा। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया। 2. विनेश का वजन 2.7 किलो ज्यादा था भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक, विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट मिले, 100 ग्राम ज्यादा था बुधवार सुबह दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। इसके बाद नियमानुसार सिर्फ 15 मिनट मिले, लेकिन इतने कम समय में विनेश का वजन घटाकर 50KG तक नहीं लाया जा सका। लास्ट में जब वेट किया गया तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला। ओलिंपिक कमेटी के फैसले के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया। 4. डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील भी की विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की। 5. विनेश ने लिया संन्यास, सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट विनेश ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया। विनेश ने 5 लाइनों की पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।” 6. 14 अगस्त को अपील खारिज हुई 14 अगस्त को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने विनेश फोगाट की याचिका खारिज कर दी थी। विनेश फोगाट ने याचिका लगाकर सिल्वर मेडल की मांग की थी।
पानीपत में योगेश्वर का निर्दलीय चुनाव लड़ने से इनकार:बोले- मैं टेंशन लेता तो शुगर हो जाती; पापियों को परीक्षा लेने का हक नहीं
पानीपत में योगेश्वर का निर्दलीय चुनाव लड़ने से इनकार:बोले- मैं टेंशन लेता तो शुगर हो जाती; पापियों को परीक्षा लेने का हक नहीं हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने बुधवार शाम बाद 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट के जारी होते ही हरियाणा भाजपा में भगदड़ मच गई है। इस सूची के जारी होते ही कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे गिरने शुरू हो गए। गोहाना विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे पहलवान और बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने एक्स हैंडल पर गाने के साथ पोस्ट शेयर की। जिसमें उन्होंने लिखा कि चरित्र जब पवित्र है तो क्यों है ये दशा तेरी, ये पापियों को हक नहीं कि लें ये परीक्षा तेरी, तू ख़ुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश, तू चल तेरे वजूद को समय की भी तलाश है। इसके बाद उनके समर्थक फैसला लेने के लिए कह रहे थे। उन्हें निर्दलीय मैदान में आने के लिए कहा जा रहा था। जिस पर योगेश्वर दत्त ने निर्दलीय चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि आप सभी को राम राम। मैं शांति से अपनी एकेडमी में हूं। किसी बात की मैं टेंशन नहीं लेता, भाई जी इसलिए खुश हूं, नहीं तो शुगर हो जाती अब तक। गोहाना सीट से जताई थी चुनाव लड़ने की इच्छा
योगेश्वर दत्त गोहाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे और उन्होंने नेतृत्व को भी यह बात बताई थी। रेसलर ने कहा था कि अब चुनाव का समय आ गया है, इसलिए मुझे गोहाना से चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। मैं भविष्य के बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन मैंने अपनी इच्छा जाहिर की है और नेतृत्व को बताया है कि मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं। 2020 में बरोदा से लड़ा था चुनाव
साल 2012 ओलिंपिक में पदक जीतने वाले योगेश्वर दत्त को 2020 में बरोदा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदूराज नरवाल ने हराया था। दत्त साल 2019 में भी कांग्रेस के तीन बार के विजेता कृष्ण हुड्डा से सीट हार गए थे।
हरियाणा सरकार पर अल्पमत का खतरा:निर्दलीय MLA के निधन के बाद बढ़ा संकट; 44 के बहुमत की जगह BJP के पास 42 विधायक
हरियाणा सरकार पर अल्पमत का खतरा:निर्दलीय MLA के निधन के बाद बढ़ा संकट; 44 के बहुमत की जगह BJP के पास 42 विधायक हरियाणा में गुरुग्राम के निर्दलीय विधायक के निधन से BJP सरकार पर अल्पमत का संकट गहरा गया है। गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का कल (25 मई) को निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में मौजूदा वक्त में कुल बहुमत का आंकड़ा 44 का है लेकिन भाजपा सरकार के पास अब 42 ही विधायकों का समर्थन बचा है। ऐसे में विपक्षी फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए घेर सकते हैं। कांग्रेस और JJP पहले ही गवर्नर को लेटर लिखकर नायब सैनी सरकार के बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है। पहले हरियाणा विधानसभा का पूरा अंकगणित जानिए.. हरियाणा विधानसभा में मौजूदा स्थिति क्या है?
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। करनाल से मनोहर लाल खट्टर और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 विधायक बचे थे। इसके बाद बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में अब कुल विधायक 87 रह गए हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 का हो गया है। अल्पमत की चर्चा कैसे शुरू हुई?
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को सीएम की कुर्सी से हटाकर लोकसभा टिकट दे दी। उनकी जगह नायब सैनी सीएम बनाए गए। उन्हें भाजपा के 41, हलोपा के 1 और 6 निर्दलीय समेत 48 विधायकों का समर्थन मिला था। हालांकि पहले खट्टर और फिर सरकार के समर्थन वाले रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमबीर सांगवान ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा। अब सरकार के साथ कितने विधायक बचे?
खट्टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नैनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी दलों की क्या स्थिति है?
हरियाणा में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। इसके अलावा जजपा के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय भी अब सरकार के विपक्ष में हैं। भाजपा के 42 के मुकाबले पूरे विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं। हालांकि जजपा की ओर से अपने 2 विधायक जोगीराम सिहाग और राम निवास के विरुद्ध स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी गई है, जिसमें दोनों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे। सैनी चुनाव जीते तो फिर सरकार और विपक्ष बराबर हो जांएगे
इसमें एक और दिलचस्प स्थिति 4 जून को बनेगी। सीएम नायब सैनी खट्टर की जगह करनाल से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह सीट जीत जाते हैं तो फिर सत्ता पक्ष के पास 43 विधायक हो जाएंगे। अगर जजपा के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्ष, दोनों बराबर हो जाएंगे। क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी।