फाजिल्का जिले के जलालाबाद के राजपूत मोहल्ले में एक महिला की कैंची मार कर हत्या करने का मामला सामने आया है l बताया जा रहा है कि करीब 4 महीने पहले उक्त महिला ने पत्नी की हत्या के मामले ने जेल से आए व्यक्ति से कोर्ट मैरिज की थीl जिसके बाद अब किसी बात को लेकर हुए विवाद के दौरान उक्त व्यक्ति ने आज उसे भी यानी अपनी दूसरी पत्नी को भी कैंची से वार कर मौत के घाट उतार दिया l 6 महीने पहले ही आया था जेल से जानकारी देते हुए मृतका प्रकाश कौर (50 वर्षीय) के भतीजे शंटी ने बताया कि उसकी ताई जिसके पति की मौत हो चुकी है और उसके द्वारा करीब 4 महीने पहले रमन शर्मा नामक शख्स जो करीब 6 महीने पहले अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में जेल से करीब 10 साल की सजा काट कर वापस लौटा था, उससे कोर्ट मैरिज करवाई थी l जिसका उनके घर आना जाना था l उसने बताया कि उक्त व्यक्ति द्वारा महिला को बेटे का घर छोड़ अपने साथ रहने के लिए मजबूर किया जा रहा था l कैंची से किया हमला लेकिन महिला अपने बेटे और बहू के यहां रहती थी जो घर छोड़ कर नहीं जाना चाहती थी l इसी को लेकर दोनों में खड़े हुए विवाद के चलते उक्त व्यक्ति ने उसे चेतावनी दी कि इस बार उसके घर के पास लगने वाले खज्जी पीर का मेला उसे नसीब नहीं होगाl इसी चेतावनी को लेकर उसने आज महिला के घर आकर कैंची से वार कर महिला को मौत के घाट उतार दियाl फिलहाल मामला पुलिस के पास पहुंचा है तो मौके पर पुलिस भी पहुंची हैl जिनके द्वारा मामले में जांच शुरू कर दी गई हैl मामले की जांच में जुटी पुलिस उधर जलालाबाद के डीएसपी एआर शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस मौके पर पहुंची है l उन्होंने बताया कि आरोपी मौके से फरार हो गया है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी है। वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच पड़ताल कर बनती कार्रवाई की जा रही है l फाजिल्का जिले के जलालाबाद के राजपूत मोहल्ले में एक महिला की कैंची मार कर हत्या करने का मामला सामने आया है l बताया जा रहा है कि करीब 4 महीने पहले उक्त महिला ने पत्नी की हत्या के मामले ने जेल से आए व्यक्ति से कोर्ट मैरिज की थीl जिसके बाद अब किसी बात को लेकर हुए विवाद के दौरान उक्त व्यक्ति ने आज उसे भी यानी अपनी दूसरी पत्नी को भी कैंची से वार कर मौत के घाट उतार दिया l 6 महीने पहले ही आया था जेल से जानकारी देते हुए मृतका प्रकाश कौर (50 वर्षीय) के भतीजे शंटी ने बताया कि उसकी ताई जिसके पति की मौत हो चुकी है और उसके द्वारा करीब 4 महीने पहले रमन शर्मा नामक शख्स जो करीब 6 महीने पहले अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में जेल से करीब 10 साल की सजा काट कर वापस लौटा था, उससे कोर्ट मैरिज करवाई थी l जिसका उनके घर आना जाना था l उसने बताया कि उक्त व्यक्ति द्वारा महिला को बेटे का घर छोड़ अपने साथ रहने के लिए मजबूर किया जा रहा था l कैंची से किया हमला लेकिन महिला अपने बेटे और बहू के यहां रहती थी जो घर छोड़ कर नहीं जाना चाहती थी l इसी को लेकर दोनों में खड़े हुए विवाद के चलते उक्त व्यक्ति ने उसे चेतावनी दी कि इस बार उसके घर के पास लगने वाले खज्जी पीर का मेला उसे नसीब नहीं होगाl इसी चेतावनी को लेकर उसने आज महिला के घर आकर कैंची से वार कर महिला को मौत के घाट उतार दियाl फिलहाल मामला पुलिस के पास पहुंचा है तो मौके पर पुलिस भी पहुंची हैl जिनके द्वारा मामले में जांच शुरू कर दी गई हैl मामले की जांच में जुटी पुलिस उधर जलालाबाद के डीएसपी एआर शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस मौके पर पहुंची है l उन्होंने बताया कि आरोपी मौके से फरार हो गया है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी है। वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच पड़ताल कर बनती कार्रवाई की जा रही है l पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में घर के अंदर घुसकर पति-पत्नी पर हमला:आरोप-नशे में हमलावरों ने तेजधार हथियार से उंगलियां काटी, कंधा उतारा; बाल-बाल बचा बच्चा पंजाब के जालंधर में गुरुवार को देर रात मोहल्ला कोट सदीक में घर के अंदर खाना खा रहे पति पत्नी पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। घटना के वक्त उनका छोटा बच्चा भी मौके पर मौजूद था, जिसकी जान मां ने किसी तरह बचाई। महिला ने आरोप लगाया है कि उक्त सभी आरोपी घटना के वक्त नशे में थे। जिन्होंने पहले उन्हें घर के अंदर घुसकर पीटा और फिर जब वह अस्पताल लौट रहे थे, तब उन्हें बूटा मंडी के पास बुरी तरह से पीटा गया। देर रात परिवार द्वारा सिविल अस्पताल जालंधर से एमएलआई कटवाई गई थी और मामले की जानकारी सिटी पुलिस को दी गई थी। पीड़िता बोली- पड़ोस में रहते हैं सभी आरोपी कोट सदीक मोहल्ले की रहने वाली पूजा ने बताया कि वह रोजाना की तरह अपने घर पर मौजूद थे। उनके साथ उनका पति और बच्चा भी थे। इस दौरान उन पर हमला हुआ। जब वह इलाज के लिए जा रहे थे तो रास्ते में भी आरोपियों ने हमला किया। पीड़ित महिला ने कोट सदीक के रहने वाले सोनी, शिकारी, रवि और अन्य युवकों पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। पूजा ने कहा- मारपीट करने वाले मुख्य आरोपी उनके पड़ोस में ही रहते हैं। पहले कभी भी उनके साथ कोई विवाद नहीं हुआ था। मगर देर रात नशे में धुत होकर आरोपियों ने वारदात कर दी। पीड़िता बोली- मारपीट के दौरान मुझे गलत ढंग से छुआ गया पीड़ित पूजा ने कहा- मारपीट के दौरान एक युवक अपने कान में बालियां पहनी हुई थी, उसने गलत ढंग से छूने की कोशिश की। मगर किसी तरह महिला ने अपनी इज्जत बचाई। पूजा ने आरोप लगाया है कि उक्त आरोपियों ने पति के कंधे और उंगलियों पर कई वार किए गए। पूजा ने कहा- मेरे पति का कंधा उतार दिया गया और उनकी उंगलियां काट दी गई।
गुरुओं के सिद्धांत पंथक नेतृत्व में भी अहम : धामी
गुरुओं के सिद्धांत पंथक नेतृत्व में भी अहम : धामी भास्कर न्यूज | अमृतसर गुरुओं के सिद्धांत सिखों के व्यक्तिगत जीवन के साथ पंथ नेतृत्व को आकार देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। पंथ विरोधी ताकतें सिखों की इस विरासत और सिद्धांतों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। यह विचार एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गुरु रामदास की 450वें गुरुआई दिवस और श्री गुरु अमरदास की के 450वें ज्योति जोत दिवस शताब्दी समागम के मौके पर खालसा कॉलेज में आयोजित सेमिनार के दौरान व्यक्त किए। यह सेमिनार धर्म प्रचार कमेटी की तरफ से हुआ। प्रधान ने कहा कि गुरुओं ने विश्व के धार्मिक इतिहास में एक अनूठी विचारधारा दी। आज जब सिख समुदाय तीसरे और चौथे गुरु साहिब जी से संबंधित दो महत्वपूर्ण शताब्दी मना रहा है, तो यह कौमी कर्तव्य है कि गुरुओं द्वारा सिख धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए किए गए संस्थागत प्रयासों को अपनी दिशा में आगे बढ़ाया जाए। प्रधान ने धार्मिक और सांप्रदायिक सौहार्द की चर्चा करते हुए कहा कि आज मीरी-पीरी का सिख सिद्धांत विरोधियों को चुभ रहा है। उनका सारा जोर श्री अकाल तख्त साहिब और सिख संगठन शिरोमणि कमेटी को एक-दूसरे से दूर करने पर है। उन्होंने संगत से अपील की कि हमें जहां हमें पंथक पहरेदारी करनी है, वहीं समाज को बांटने वाली ताकतों से भी लड़ना है। समागम के मौके सचखंड श्री हरिमंदर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी परविंदरपाल सिंह, प्रसिद्ध सिख विद्वान डॉ. हरभजन सिंह देहरादून, डॉ. परमवीर सिंह पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और डॉ. इंद्रजीत सिंह गोगोआनी प्रिंसिपल खालसा कॉलेज सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने श्री गुरु रामदास जी के जीवन और विचारधारा के बारे में महत्वपूर्ण और शोधपूर्ण विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि गुरु के पवित्र वाणी से मानव जीवन के विकास की सर्वांगीण शिक्षा मिलती है। उन्होंने गुरबाणी के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ इतिहास में श्री अमृतसर शहर की विशिष्टता के बारे में उभरते विचारों को साझा किया। विद्वान वक्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में रहने वाले सिखों के लिए श्री गुरु रामदास जी द्वारा बसाई नगरी श्री अमृतसर साहिब बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां स्थित सचखंड श्री हरमंदिर साहिब हर सिख के दिल में धड़कता है। इससे पहले खालसा कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. महल सिंह ने स्वागत भाषण देकर सेमिनार की शुरुआत की। सेमिनार के दौरान कमेटी के अध्यक्ष वकील धामी, महासचिव भाई राजिंदर सिंह मेहता और धर्म प्रचार कमेटी के सचिव बलविंदर सिंह काहलवां ने प्रमुख हस्तियों और वक्ताओं को सम्मानित किया। इसके अलावा, धर्म प्रचार समिति और सिख धर्म अध्ययन पत्राचार पाठ्यक्रम द्वारा आयोजित धार्मिक परीक्षा में अग्रणी स्थान हासिल करने वाले बच्चों को भी छात्रवृत्ति राशि से सम्मानित किया गया। सेमिनार में एसजीपीसी के महासचिव भाई राजिंदर सिंह मेहता, मेंबर भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल, एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका, सुरजीत सिंह भिट्टेवड्ड, गुरमीत सिंह बूह, सुरजीत सिंह तुगलवाल, सतपाल सिंह तलवंडी भाई दर्शन सिंह शेरखां, अमरीक सिंह शाहपुर, बीबी किरनजोत कौर, धर्म प्रचार कमेटी के में भाई अजय सिंह प्रकाशसी, सुखवर्ष सिंह पन्नू, ओएसडी सतबीर सिंह धामी, सचिव बलविंदर सिंह काहलवां, उप सचिव शाहबाज सिंह, हरभजन सिंह वक्ता आदि मौजूद थे।
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी नोटिस पर डेरा प्रमुख राम रहीम की और प्रतिक्रिया आई है। डेरा प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में डेरा अपना पक्ष रखेगा। पंजाब सरकार की याचिका पर सवाल उठाते हुए डेरा प्रवक्ता ने कहा कि इस याचिका में अधूरे तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है। इसका हम कानूनी जवाब सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पूरे तथ्यों के साथ दायर करेंगे। हमने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष जब सभी तथ्यों को रखा था तो हाईकोर्ट ने इन केसों पर रोक लगा दी थीI सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इसलिए हाईकोर्ट गया था राम रहीम जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम के ट्रायल पर रोक को चुनौती दी गई थी।दरअसल, 2021 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने जून और अक्टूबर 2015 के बीच श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की तीन अलग-अलग घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने राम रहीम को आरोपी बनाया था। डेरा प्रमुख ने की थी सीबीआई जांच जारी रखने की मांग हाईकोर्ट में डेरा प्रमुख ने पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। जिसमें सरकार ने जांच को सीबीआई को सौंपने की अपनी सहमति वापस ले ली थी। अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने मांग की थी कि सीबीआई को बेअदबी के मामलों की जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए। इस साल मार्च में हाईकोर्ट ने इस याचिका को बड़ी बेंच को भेज दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई सहमति को बाद में वापस लिया जा सकता है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जिस पर पंजाब सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कल की सुनवाई में दी गईं ये दलीलें वहीं कल यानी 18 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि 6 सितंबर की अधिसूचना कानून की नजर में सही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराया है। दूसरी ओर, प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने बस वही किया है जो पंजाब सरकार ने वैकल्पिक रूप से अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा दो तरह के मामलों से संबंधित है – पहला- पुलिस गोलीबारी की घटनाओं से संबंधित है, और दूसरा- बेअदबी से संबंधित है। इसके अलावा, इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार लिए गए हैं, इसलिए हाईकोर्ट द्वारा बड़ी बेंच को रेफर किया गया। सीनियर वकील ने यह भी कहा कि मामला आज डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है और अगर राज्य स्थगन नहीं ले रहा होता, तो अब तक इस पर फैसला हो चुका होता। माथुर की बात सुनते हुए जस्टिस गवई ने पूछा, “कैसे… समन्वय पीठ के आदेश की अनदेखी कर सकते हैं? “पंजाब के एजी ने भी माथुर की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सभी मामले अधिसूचना का हिस्सा थे। आखिरकार, पीठ ने नोटिस जारी किया और विवादित आदेश पर रोक लगा दी। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जून 2019 में, सीबीआई ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल दोनों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कुछ ही महीनों के भीतर, पंजाब सरकार ने सीबीआई को जांच करने की अनुमति देने वाली सहमति वापस ले ली और मामलों को राज्य पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया। तीनों मामलों में आरोप तय करने पर बहस के दौरान फरीदकोट अदालत में मुकदमा लंबित था। सीबीआई जांच के नतीजे से पूरी तरह अलग हटकर, एसआईटी ने कई डेरा अनुयायियों, तीन राष्ट्रीय समिति के सदस्यों और डेरा प्रमुख राम रहीम को बेअदबी के मामलों में आरोपी बनाया। पंजाब पुलिस ने विवादास्पद, गुरमीत राम रहीम सिंह को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया। 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी के मामलों में राम रहीम और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजाब के फरीदकोट से चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था।