फाजिल्का की अनाज मंडी में दोपहर करीब 3:00 बजे एक बच्चा खेलते हुए एक बोरवेल में जा गिरा। इसके बारे में जैसे ही लोगों को पता चला तो यहां हड़बड़ी मच गई। इस मामले की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को मिलने पर एडीसी राकेश कुमार पोपली और मार्केट कमेटी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद बच्चे का रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला गया और उपचार के लिए सिविल अस्पताल फाजिल्का पहुंचाया गया। जहां पर डॉक्टरों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की देख रेख में बच्चे का उपचार शुरू कर दिया गया। जिसके बाद बच्चे को बचा लिया गया। खेलते वक्त बोरवेल में गिरा बच्चा जानकारी मुताबिक शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे एक बच्चा खेलते वक्त बोरवेल में जा गिरा। जिसके बाद तुरंत प्रशासन हरकत में आया और बच्चे का रेस्क्यू शुरू कर दिया। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की टीम के अलावा अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद बच्चे को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बताया जा रहा है कि बोरवेल करीब 10 से 12 फुट गहरा था। जिससे आधे घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को निकाला। इसके बाद उसे फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है। जहां उसका उपचार किया गया। मौके पर पहुंचे अधिकारी इस बारे जानकारी देते हुए फाजिल्का डीसी सोनू दुग्गल ने बताया कि बच्चे के बोरवेल में गिरने के तुरंत बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर भेजा। इसके बाद वे खुद भी पहुंची और बच्चे के इलाज के दौरान मौके पर उपस्थित रहीं। जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को सही समय पर उपचार देकर खतरे से बाहर निकाल लिया। उन्होंने बताया कि बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चे की मां की दिमागी हालत नहीं है ठीक वहीं बच्चे की माता दिमागी तौर पर कमजोर बताई जा रही है और पिता मेहनत मजदूरी करने के लिए अमृतसर गया हुआ है। बताया जा रहा है कि इनके इस बच्चे के अलावा कुल 6 बच्चे हैं। जिनमें से यह सबसे छोटा बच्चा है। यह पिछले काफी सालों से बिहार से आए हुए थे और अनाज मंडी फाजिल्का के पास झोंपड़ी बना कर उसमें रह रहे थे। वे आस पास के घरों से मांग कर अपना भरण पोषण करते हैं। फाजिल्का की अनाज मंडी में दोपहर करीब 3:00 बजे एक बच्चा खेलते हुए एक बोरवेल में जा गिरा। इसके बारे में जैसे ही लोगों को पता चला तो यहां हड़बड़ी मच गई। इस मामले की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को मिलने पर एडीसी राकेश कुमार पोपली और मार्केट कमेटी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद बच्चे का रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला गया और उपचार के लिए सिविल अस्पताल फाजिल्का पहुंचाया गया। जहां पर डॉक्टरों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की देख रेख में बच्चे का उपचार शुरू कर दिया गया। जिसके बाद बच्चे को बचा लिया गया। खेलते वक्त बोरवेल में गिरा बच्चा जानकारी मुताबिक शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे एक बच्चा खेलते वक्त बोरवेल में जा गिरा। जिसके बाद तुरंत प्रशासन हरकत में आया और बच्चे का रेस्क्यू शुरू कर दिया। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की टीम के अलावा अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद बच्चे को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बताया जा रहा है कि बोरवेल करीब 10 से 12 फुट गहरा था। जिससे आधे घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को निकाला। इसके बाद उसे फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है। जहां उसका उपचार किया गया। मौके पर पहुंचे अधिकारी इस बारे जानकारी देते हुए फाजिल्का डीसी सोनू दुग्गल ने बताया कि बच्चे के बोरवेल में गिरने के तुरंत बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर भेजा। इसके बाद वे खुद भी पहुंची और बच्चे के इलाज के दौरान मौके पर उपस्थित रहीं। जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को सही समय पर उपचार देकर खतरे से बाहर निकाल लिया। उन्होंने बताया कि बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चे की मां की दिमागी हालत नहीं है ठीक वहीं बच्चे की माता दिमागी तौर पर कमजोर बताई जा रही है और पिता मेहनत मजदूरी करने के लिए अमृतसर गया हुआ है। बताया जा रहा है कि इनके इस बच्चे के अलावा कुल 6 बच्चे हैं। जिनमें से यह सबसे छोटा बच्चा है। यह पिछले काफी सालों से बिहार से आए हुए थे और अनाज मंडी फाजिल्का के पास झोंपड़ी बना कर उसमें रह रहे थे। वे आस पास के घरों से मांग कर अपना भरण पोषण करते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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यूपीएससी का पेपर किसी के लिए टफ रहा तो किसी के लिए आसान। पेपर देने पहुंचे गौतम, रजनी, नेहा, राजन ने बताया कि पेपर अच्छा रहा। परीक्षा को लेकर परीक्षा सेंटरों को पेपर शुरू होने से एक घंटा पहले अंदर दाखिल काया गया फिर सेंटर के गेट बंद कर दिए गए। किसी को भी ना तो अंदर जाने दिया और ना ही किसी के मोबाइल, स्मार्ट वाच अंदर जाने दी। पेपर देने पहुंचे विधार्थियों के बैग व अन्य सामान को सेटर के बाहर गेट पर ही रखवा लिया गया। सुरक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों के बाहर पंजाब पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था।
45 डिग्री तापमान के बीच खडे हो पेरेंट्स बच्चों का करते रहे इंतजार
यूपीएससी परीक्षा को लेकर जहां विधार्थियों के मन में सुबह से ही डर था कि पेपर किस तरह का रहेगा, तो वहीं उनके पेरेंट्स भी बच्चों का हौंसला बनाए रखने के लिए तपती गर्मी के बीच उन्हें सेंटर तक छोडने पहुंचे। 45 डिग्री तापमान के बाहर धूप पर पेरेंट्स अपने बच्चों के सेंटर से बाहर आने का इंतजार करते रहे। जैसे ही पेपर समाप्त होने पर गेट खुला तो पेरेंट्स बच्चों को लेने गेट तक पहुंचे। इन परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा लुधियाना में यूपीएससी परीक्षा के लिए एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज, एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज पुरानी बिल्डिंग, पीजी बिल्डिंग, एसडीपी कॉलेज गर्ल्स, गवर्नमेंट कॉलेज दरेसी रोड चांद सिनेमा के पीछे, गवर्नमेंट कॉलेज गर्ल्स, गवर्नमेंट आर्य कॉलेज बॉयज, एसआरएस पॉलिटेक्निकल कॉलेज, कुंदन विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल, ननकाना साहिब पब्लिक स्कूल, गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज, खालसा कॉलेज गर्ल्स, गुजरांवाला गुरु नानक खालसा कॉलेज गर्ल्स, गुरु नानक पब्लिक स्कूल और मालवा सेंटर कॉलेज गर्ल्स में ये परीक्षाएं हुई।
कई सेंटर के बाहर खडे थे वाहन, पुलिस ने खदेडे़
यूपीएससी परीक्षा को लेकर प्रशासन की तरफ से धारा 144 लगा रखी थी तो वहीं कई सेंटरों के बाहर गाडि़यां खडी थी, जिन्हें पुलिस ने खदेड़ा।
डीसी बोली संपन्न हुई यूपीएससी परीक्षा
डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि परीक्षा में पहले सेशन में 3122 और दूसरे सेशन में 3094 विद्यार्थियों ने पेपर दिया। डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा संपन्न हो गई है जो दो बैंच में हुई। प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारियां की गई थी। उन्होंने परीक्षा को लेकर ड्यूटी पर तैनात हर कर्मचारी व अधिकारी का आभार जताया जिन्होंने ड्यूटी को पूरी लग्न से दी।
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अंडा विक्रेता की बेटी बनी पंजाब क्रिकेट टीम की कप्तान:वूमेन अंडर-23 टी-20 टीम का कर रही नेतृत्व, राजकोट में पहला मैच जीता फाजिल्का के लाल बत्ती चौक के नजदीक अंडे की रेहड़ी लगाने वाले टेकचंद उर्फ बबली की बेटी प्रियंका पंजाब महिला क्रिकेट टीम की कप्तान चुनी गई है l इसके बाद बबली को उसकी रेहड़ी पर आने वाले लोग बधाइयां देने लगे हैं l बबली का कहना है कि उसकी बेटी ने फाजिल्का का ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब का नाम रोशन किया है l इतना ही नहीं हाल ही में राजकोट में हुआ पहला मैच भी उन्होंने जीत लिया है l पंजाब महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनी प्रियंका के पिता टेकचंद उर्फ बबली रेवाड़िया ने बताया कि उसकी बेटी प्रियंका को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक थाl उसके इस शौक को फाजिल्का जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने पूरा किया l एसोसिएशन द्वारा कोच अर्पित ने उसे क्रिकेट सिखाया और माहिर बनाया l सबसे पहले प्रियंका फरीदकोट में पढ़ाई के दौरान मोगा क्रिकेट एसोसिएशन के साथ जुड़ी l जिसके बाद अपनी पढ़ाई दौरान बरनाला क्रिकेट एसोसिएशन के साथ खेलते हुए अपने इस खेल के प्रति जुनून को साबित कियाl बेटे से कम नहीं है प्रियंका : टेकचंद आज उसके इसी शौक ने उसे इस मुकाम पर पहुंचा दियाl आज उसे महिला अंडर-23 इंटरस्टेट टी-20 टीम पंजाब का कप्तान चुना गया है l जिस पर उन्हें गर्व हैl बबली का कहना है कि उसकी बेटी प्रियंका ने फाजिल्का का शहर का ही नहीं बल्कि पंजाब का नाम रोशन कर दिया हैl उन्होंने बताया कि उनकी लड़की 17 वर्ष की थी, जब से उसे क्रिकेट खेलने का शौक थाl उन्होंने भी अपनी बेटी का बहुत सहयोग किया है l उसकी बेटी, उसके लिए बेटे से कम नहीं है l बबली ने बताया कि उसकी बेटी की लगन और मेहनत के चलते ही आज वह पंजाब टीम की कप्तान चुनी गई है l
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