बघेल के घर ईडी रेड से गर्माई पंजाब की राजनीति:वड़िंग बोले- बीजेपी को डर कहीं सरकार न बना दें, हम डरने वाली नहीं

बघेल के घर ईडी रेड से गर्माई पंजाब की राजनीति:वड़िंग बोले- बीजेपी को डर कहीं सरकार न बना दें, हम डरने वाली नहीं

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चल रही है। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है। बघेल ने अपनी पोस्ट में कहा कि यदि इस कार्रवाई के जरिए कोई पंजाब में कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है। उनकी यह टिप्पणी पंजाब की राजनीति में हलचल मचा रही है। यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब 13 मार्च को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक तय है, जिसमें बघेल भी शामिल होंगे। कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग समेत अन्य नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को डर है कि बघेल कहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार न बना दें। ऐसे में वह डराने में लगे हैं, हम डरने वाले नहीं है। दिल्ली चुनाव के बाद पंजाब कांग्रेस का नया प्रभारी पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले, जनवरी 2024 में दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र यादव को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 13 में से 7 सीटें जीती थीं। इसके अलावा, उप चुनाव, निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव भी उन्हीं की अगुवाई में लड़े गए थे। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और यादव चुनाव हार गए, जिसके बाद भूपेश बघेल को पंजाब का नया प्रभारी बनाया गया। बघेल ने 24 फरवरी को पंजाब का पहला दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और 25 फरवरी को चंडीगढ़ में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। हम अपने नेता के साथ खड़े हैं कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर पोस्ट में वीडियों में कहा है- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी यह पहली रेड तो नहीं है। इससे पहले भी सीबीआई और ईडी की रेड हो चुकी हैं। जिस तरह से बीजेपी सरकार एजेंसियों का उपयोग कर रही है, वह उचित नहीं है। सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है और विपक्षी दलों के नेताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। बीजेपी चाहती है कि हमारे नेताओं को इधर-उधर व्यस्त रखा जाए, क्योंकि बघेल अभी पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बने हैं। उन्हें डर है कि कहीं पंजाब में जाकर कांग्रेस की सरकार ही न बना दें। इसके पीछे का मकसद सब जानते हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इन हरकतों से बीजेपी को कुछ हासिल होगा। भूपेश बघेल एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जमीनी स्तर से अपनी लड़ाई लड़ी और प्रदेश में सरकार बनाई। पूरा देश मानता है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने नई सोच को जन्म दिया। आम जनता, हर वर्ग उनके शासन में खुश था। बीजेपी जिन तरीकों से राज्यों में अपनी सरकार बना रही है, वह सबके सामने है। लेकिन बघेल जी हमारे सम्मानित नेता हैं, और हम उनके साथ खड़े हैं। जितना हमें डराओगे, हम उतने ही मजबूत होंगे। हमारे नेता राहुल गांधी कहते हैं— “डरो मत।” जो डरने वाले थे, वे भाग गए। एनएसयूआई पंजाब के अध्यक्ष इशरप्रीत सिंह सिद्धू का कहना है कि चुनाव अभी दो साल दूर हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी से एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। 58 से 18 पर सिमट गई थी कांग्रेस पंजाब कांग्रेस का 2022 का विधानसभा चुनाव प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। पार्टी महज 18 सीटों पर सिमट गई थी। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ से 37,000 वोटों से हार गए थे, वहीं चमकौर साहिब से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कई अन्य कांग्रेस मंत्री भी चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और 13 में से 7 सीटें जीतीं। चरणजीत सिंह चन्नी ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। वहीं, आम आदमी पार्टी सिर्फ 3 सीटें ही जीत पाई, जबकि उसके 5 मंत्री चुनाव हार गए थे। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चल रही है। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है। बघेल ने अपनी पोस्ट में कहा कि यदि इस कार्रवाई के जरिए कोई पंजाब में कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है। उनकी यह टिप्पणी पंजाब की राजनीति में हलचल मचा रही है। यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब 13 मार्च को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक तय है, जिसमें बघेल भी शामिल होंगे। कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग समेत अन्य नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को डर है कि बघेल कहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार न बना दें। ऐसे में वह डराने में लगे हैं, हम डरने वाले नहीं है। दिल्ली चुनाव के बाद पंजाब कांग्रेस का नया प्रभारी पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले, जनवरी 2024 में दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र यादव को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 13 में से 7 सीटें जीती थीं। इसके अलावा, उप चुनाव, निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव भी उन्हीं की अगुवाई में लड़े गए थे। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और यादव चुनाव हार गए, जिसके बाद भूपेश बघेल को पंजाब का नया प्रभारी बनाया गया। बघेल ने 24 फरवरी को पंजाब का पहला दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और 25 फरवरी को चंडीगढ़ में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। हम अपने नेता के साथ खड़े हैं कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर पोस्ट में वीडियों में कहा है- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी यह पहली रेड तो नहीं है। इससे पहले भी सीबीआई और ईडी की रेड हो चुकी हैं। जिस तरह से बीजेपी सरकार एजेंसियों का उपयोग कर रही है, वह उचित नहीं है। सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है और विपक्षी दलों के नेताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। बीजेपी चाहती है कि हमारे नेताओं को इधर-उधर व्यस्त रखा जाए, क्योंकि बघेल अभी पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बने हैं। उन्हें डर है कि कहीं पंजाब में जाकर कांग्रेस की सरकार ही न बना दें। इसके पीछे का मकसद सब जानते हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इन हरकतों से बीजेपी को कुछ हासिल होगा। भूपेश बघेल एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जमीनी स्तर से अपनी लड़ाई लड़ी और प्रदेश में सरकार बनाई। पूरा देश मानता है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने नई सोच को जन्म दिया। आम जनता, हर वर्ग उनके शासन में खुश था। बीजेपी जिन तरीकों से राज्यों में अपनी सरकार बना रही है, वह सबके सामने है। लेकिन बघेल जी हमारे सम्मानित नेता हैं, और हम उनके साथ खड़े हैं। जितना हमें डराओगे, हम उतने ही मजबूत होंगे। हमारे नेता राहुल गांधी कहते हैं— “डरो मत।” जो डरने वाले थे, वे भाग गए। एनएसयूआई पंजाब के अध्यक्ष इशरप्रीत सिंह सिद्धू का कहना है कि चुनाव अभी दो साल दूर हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी से एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। 58 से 18 पर सिमट गई थी कांग्रेस पंजाब कांग्रेस का 2022 का विधानसभा चुनाव प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। पार्टी महज 18 सीटों पर सिमट गई थी। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ से 37,000 वोटों से हार गए थे, वहीं चमकौर साहिब से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कई अन्य कांग्रेस मंत्री भी चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और 13 में से 7 सीटें जीतीं। चरणजीत सिंह चन्नी ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। वहीं, आम आदमी पार्टी सिर्फ 3 सीटें ही जीत पाई, जबकि उसके 5 मंत्री चुनाव हार गए थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर