ऑटिज्म एक ऐसा डिसऑर्डर है जो कि लगातार बढ़ रहा है। कोविड के बाद ऑटिज्म के अलावा वर्चुअल ऑटिज्म के मामले भी बढ़े हैं। हालांकि इसे जांच और इलाज की उपलब्धता और जागरुकता का बढ़ना भी माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार ऑटिज्म के मामले 2-8 साल के बच्चों में रिपोर्ट हो रहे हैं। जिसमें 5-6 बच्चे रोजाना कंसलटेशन के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि जितनी जल्दी इलाज और ट्रेनिंग की शुरुआत होगी उतने अवसर बच्चों के ऑटिज्म स्पेक्ट्रम या रेंज से बाहर आने के हो सकते हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अतुल मदान ने बताया कि ऑटिज्म को समय पर पहचानने और बिना देरी किए ट्रेनिंग और इलाज की शुरुआत से काफी हद तक बदलाव संभव है। भास्कर एक्सप्लेनर : 3 साल की उम्र में पता चले तो हल संभव ऑटिज्म को कैसे पहचान सकते हैं? -ये न्यूरोलॉजिकल और डेवल्पमेंट डिसऑर्डर है। इसकी तीन श्रेणियां हैं जिसमें पहली बच्चे का उम्र के मुताबिक बात न करना, दूसरी अपने आप बात न कर पाना, आई कॉन्टेक्ट न बनाना व तीसरी श्रेणी में हाथ को बार-बार हिलाना, पंजे के बल चलना इत्यादि शामिल हैं। अगर बच्चे में ये आदतें हैं तो कंसलटेशन जरूरी है। ये किस उम्र में होता व दवा से इलाज होता है? -आमतौर पर डेढ़ साल की उम्र तक इसके लक्षण नहीं आते। लेकिन डेढ़ साल के बाद कई तरह के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। हम अक्सर कहते हैं कि अगर 3 साल से पहले ही पता चल जाए तो इलाज और ट्रेनिंग से काफी हल हो सकता है। इसमें दवाइयां नहीं होती बल्कि ट्रेनिंग जैसे स्पीच, बिहेवियर की ट्रेनिंग होती हैं। इन बच्चों के लिए ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट, स्पेशल एजुकेटर, बिहेवियर थैरेपिस्ट, पेरेंटल ट्रेनर की जरूरत होती है। समय पर इलाज न हो तो क्या समस्याएं आती हैं? -कई बार पेरेंट्स या घर के बड़े ही बच्चे के बोलने में देरी, लोगों से न मिलने की आदत या आंखें मिला कर बात न कर पाने की बातों को यह कह कर टालते हैं कि सीख जाएगा अभी छोटा है। लेकिन यह देरी बच्चे के लिए परेशानी वाली हो सकती है। इसमें अगर ये बच्चे सामाजिक तौर पर एक्टिव नहीं होंगे तो समाज और पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे। फिर उनके व्यवहार में गुस्सा, चीजें फेंकना, खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाना जैसे व्यवहार में बदल सकता है। ऑटिज्म एक ऐसा डिसऑर्डर है जो कि लगातार बढ़ रहा है। कोविड के बाद ऑटिज्म के अलावा वर्चुअल ऑटिज्म के मामले भी बढ़े हैं। हालांकि इसे जांच और इलाज की उपलब्धता और जागरुकता का बढ़ना भी माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार ऑटिज्म के मामले 2-8 साल के बच्चों में रिपोर्ट हो रहे हैं। जिसमें 5-6 बच्चे रोजाना कंसलटेशन के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि जितनी जल्दी इलाज और ट्रेनिंग की शुरुआत होगी उतने अवसर बच्चों के ऑटिज्म स्पेक्ट्रम या रेंज से बाहर आने के हो सकते हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अतुल मदान ने बताया कि ऑटिज्म को समय पर पहचानने और बिना देरी किए ट्रेनिंग और इलाज की शुरुआत से काफी हद तक बदलाव संभव है। भास्कर एक्सप्लेनर : 3 साल की उम्र में पता चले तो हल संभव ऑटिज्म को कैसे पहचान सकते हैं? -ये न्यूरोलॉजिकल और डेवल्पमेंट डिसऑर्डर है। इसकी तीन श्रेणियां हैं जिसमें पहली बच्चे का उम्र के मुताबिक बात न करना, दूसरी अपने आप बात न कर पाना, आई कॉन्टेक्ट न बनाना व तीसरी श्रेणी में हाथ को बार-बार हिलाना, पंजे के बल चलना इत्यादि शामिल हैं। अगर बच्चे में ये आदतें हैं तो कंसलटेशन जरूरी है। ये किस उम्र में होता व दवा से इलाज होता है? -आमतौर पर डेढ़ साल की उम्र तक इसके लक्षण नहीं आते। लेकिन डेढ़ साल के बाद कई तरह के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। हम अक्सर कहते हैं कि अगर 3 साल से पहले ही पता चल जाए तो इलाज और ट्रेनिंग से काफी हल हो सकता है। इसमें दवाइयां नहीं होती बल्कि ट्रेनिंग जैसे स्पीच, बिहेवियर की ट्रेनिंग होती हैं। इन बच्चों के लिए ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट, स्पेशल एजुकेटर, बिहेवियर थैरेपिस्ट, पेरेंटल ट्रेनर की जरूरत होती है। समय पर इलाज न हो तो क्या समस्याएं आती हैं? -कई बार पेरेंट्स या घर के बड़े ही बच्चे के बोलने में देरी, लोगों से न मिलने की आदत या आंखें मिला कर बात न कर पाने की बातों को यह कह कर टालते हैं कि सीख जाएगा अभी छोटा है। लेकिन यह देरी बच्चे के लिए परेशानी वाली हो सकती है। इसमें अगर ये बच्चे सामाजिक तौर पर एक्टिव नहीं होंगे तो समाज और पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे। फिर उनके व्यवहार में गुस्सा, चीजें फेंकना, खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाना जैसे व्यवहार में बदल सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब बंद के चलते परीक्षाएं स्थगित:गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने अधिसूचना की जारी; 30 दिसंबर की परीक्षा अब 12 जनवरी को होगी गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर ने 30 दिसंबर 2024 को होने वाली परीक्षाओं के स्थगित करने का फैसला किया है। यह निर्णय किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए पंजाब बंद के समर्थन में लिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बात को स्पष्ट किया है कि बंद के कारण उस दिन निर्धारित सभी डिग्री परीक्षाएं (स्नातक स्तर की) नहीं होंगी। स्थगित हुई परीक्षाओं को अब 12 जनवरी 2025 से आयोजित किया जाएगा। नई तिथियों के संबंध में विस्तृत जानकारी यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इस संदर्भ में परीक्षा संचालन और समय-सारणी से संबंधित कोई भी अपडेट गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों और छात्रों को यह निर्देश दिया है कि वे संशोधित तिथियों के अनुसार अपनी तैयारियों को व्यवस्थित करें। परीक्षा से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने की हिदायत दी गई है। स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी नए समय अनुसार करने के आदेश अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि परीक्षा संचालन से संबंधित किसी भी अन्य जानकारी या निर्देश विश्वविद्यालय के पोर्टल पर प्रकाशित किए जाएंगे। इसके साथ ही छात्रों और परीक्षा केंद्रों को सूचित किया गया है कि वे समय पर सभी आवश्यक सूचनाओं को देखें और परीक्षा की तैयारी के लिए तत्पर रहें। इस सूचना के अंत में परीक्षा नियंत्रक ने सभी संबंधित विभागों को सूचित कर दिया है कि स्थगित हुई परीक्षाओं के आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं।

ट्रांसफार्मर से तेल चोरी का डर: रात में पुलिस की ड्यूटी निभा रहा पावरकॉम का स्टाफ
ट्रांसफार्मर से तेल चोरी का डर: रात में पुलिस की ड्यूटी निभा रहा पावरकॉम का स्टाफ सतीश कपूर | अमृतसर सिटी सर्कल में बिजली ट्रांसफार्म से तेल चोरी होने से पावरकॉम दुखी हो चुका है। ट्रांसफार्म से तेल चोरी होने की लिखित शिकायत सिटी सर्किल के डिप्टी चीफ इंजीनियर राजीव पराशर की ओर से पुलिस कमिश्नर को दे दी है। परंतु इसके बावजूद अभी तक बिजली ट्रांसफार्म से तेल चोरी होने की घटनाएं नहीं रुक रही। जिसको लेकर पावरकॉम अधिकारियों की नींद हराम हो चुकी है। बिजली के इन ट्रांसफॉर्म से तेल चोरी रोकने के लिए अब पावरकॉम अधिकारियों ने रात को ड्यूटी पर तैनात टेक्निकल स्टाफ और सीएचबी कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है। मौखिक तौर पर लगाई ड्यूटी दौरान टेक्निकल स्टाफ बिजली बंद की शिकायतें हल करने के साथ-साथ हर एक घंटे के बाद अपने ट्रांसफार्म की देखभाल भी करेगा। जबकि उसकी फोटो खींचकर इलाके के जेई को भी डालेगा। आदेशों में बोला है कि ड्यूटी दौरान जिसके ट्रांसफॉर्म से तेल चोरी हो गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है। वही इस मौखिक अधिकारों को लेकर कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है। ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी रोकना पुलिस की ड्यूटी है। वही पावरकाम बिजली बंद की शिकायतों के अलावा पुलिस की ड्यूटी भी निभा रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ तो स्टाफ की कमी और ऊपर से रात को ट्रांसफार्म की रखवाली करना काफी मुश्किल काम है। रात के समय अकेला कर्मचारी ट्रांसफॉर्म को देखने गया और तेल चोरी करने वाले उन पर हमला करके जख्मी कर देता है तो इसकी जिम्मेदारी पावरकॉम मैनेजमेंट की होगी। वहीं सिटी सर्कल के डिप्टी चीफ इंजी, राजीव पराशर की कहना है कि ट्रांसफार्म से तेल चोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा। ड्यूटी तो पुलिस की है पर रात को काम करने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। अमृतसर| पावरकॉम के सिटी सर्कल इलाके के ट्रांसफार्म से तेल चोरी होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। पिछले डेढ़े महीने में पिंक प्लाजा, ढाब बस्ती राम, कटड़ा शेर सिंह, दुर्ग्याणा टेंपल सबडिविजन, गोल बाग, सुभाष पार्क, सुल्तानपिंड, चाटी विंड रोड में बिजली ट्रांसफार्म में से तेल और पीतल के रॉड चोरी हो चुके हैं। वहीं अब घी मंडी बिजली घर से चलने वाले ईस्ट मोहन नगर में 500 केवी के ट्रांसफार्म से 200 लीटर तेल चोरी कर लिया गया। जिसकी लिखित शिकायत एसडीओ इंजी जसवंत सिंह द्वारा पुलिस को दी गई पर अभी तक कोई भी चोर गिरफ्तार नहीं किया गया। एसडीओ का कहना है कि इसका पता उन्हें तब चला जब इलाके की बिजली बंद होने की शिकायतें आई। वहीं ट्रांसफार्म से तेल चोरी करने वाले एक व्यक्ति की वीडियो सीसी कैमरे में कैद हो गई। जिसकी वीडियो पावरकाम ने किसी के घर से ली है। वहीं सिटी सर्किल के डिप्टी चीफ इंजी. राजीव पराशर का कहना है कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी लॉ एंड आर्डर को तेल चोरी होने की लिखित शिकायतें करके फोन भी किया पर अभी तक पुलिस चोर गिरोह को नहीं पकड़ पाए।
बढ़ते गौ हत्या के मामलों को लेकर की बैठक
बढ़ते गौ हत्या के मामलों को लेकर की बैठक जालंधर| हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने बढ़ रहे गौ हत्या के मामलों के संबंध में मीटिंग की। हिंद क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्हा, शिवसेना नेता सुनील बंटी, रोहित जोशी, ललित बब्बू ने कहा कि पिछले कुछ समय से गौ हत्या तथा गौ मांस की तस्करी की घटनाओं में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदू शास्त्रों में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि देश-विदेश में बसे हिंदुओं के लिए गाय माता देवी-देवताओं की भांति पूजनीय है। इस तरह की घटनाओं से हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। पंजाब सरकार को इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।