<p style=”text-align: justify;”>बेहतर होता कि वित्त मंत्री जी कुंभ के बजट के साथ ही वहां फैली अव्यवस्था और असंवेदनशीलता की भी चर्चा करती । <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> जैसे गौरवपूर्ण, भव्य और पवित्र आयोजन में आए श्रद्धालुओं के लिए असल जमीन पर प्रबंधन करने की जगह प्रदेश सरकार मीडिया प्रबंधन और झूठे प्रचार में लगी है।</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”>बेहतर होता कि वित्त मंत्री जी कुंभ के बजट के साथ ही वहां फैली अव्यवस्था और असंवेदनशीलता की भी चर्चा करती । <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> जैसे गौरवपूर्ण, भव्य और पवित्र आयोजन में आए श्रद्धालुओं के लिए असल जमीन पर प्रबंधन करने की जगह प्रदेश सरकार मीडिया प्रबंधन और झूठे प्रचार में लगी है।</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जनवरी 2025 ने दर्ज किया गर्मी का रिकॉर्ड! 125 साल में तीसरा सबसे गर्म रहा महीना
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जालंधर के अस्पताल में हंगामा:परिजनों और अस्पताल स्टाफ में हाथापाई, दूसरे हॉस्पिटल में बच्ची ने तोड़ा दम जालंधर के पठानकोट चौक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती एक बच्ची को अन्य अस्पताल में ले जाने की बात को लेकर बच्ची के परिजनों और अस्पताल स्टॉफ में हाथापाई हो गई। काफी देर तक बच्ची के परिजनों ने हंगामा किया। इसके बाद बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचते ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, जालंधर की परशुराम कॉलोनी निवासी 3 साल की बच्ची मानवी को बुखार के चलते पठानकोट चौक के नजदीक एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था। पूरा दिन बीत जाने के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार की सुबह डॉक्टरों की तरफ से मानवी के परिवार को बच्ची की हालत के बारे में बताया गया कि बच्चों की हालत नाजुक है। वहीं, बच्ची की तबीयत को देखने के लिए परशुराम कालोनी निवासी अरविंद कुमार बच्चों के रिश्तेदार अभिषेक के साथ वहां पर पहुंचा। उधर, बच्ची की हालत देखने के बाद अस्पताल के डॉ. धर्मवीर की तरफ से बच्ची के इलाज शुरू करने के लिए लामा फॉर्म पर साइन करने के लिए लड़की के घर वालों को कहा गया। दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहते थे परिजन जबकि बच्ची के घर वाले छुट्टी के लिए जोर दे रहे थे। सीनियर डॉक्टर धर्मवीर ने कहा कि फार्म के ऊपर साइन करने के बाद लड़की का इलाज शुरू किया जाएगा, क्योंकि लड़की की तबीयत नाजुक है। लड़की के शरीर में इंफेक्शन ज्यादा हो गई है। लड़की के घर वालों ने कंसर्ट फॉर्म के ऊपर साइन करने से मना किया। अरविंद कुमार के साथ आए अभिषेक ने कहा कि हम लड़की को यहां से ले जाएंगे और दूसरे अस्पताल में दिखाएंगे। बस इसी के बीच डॉक्टर और परिजनों में बात बढ़ गई। बात बढ़ाने के बाद दोनों हाथापाई हो गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। डॉक्टर धर्मवीर ने कहा कि पहले लड़की के घर वालों की तरफ से मुझे पीटा गया और मेरे आंख पर मुक्का मारा गया। दूसरे पक्ष के अरविंद कुमार ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ की तरफ से उसको पीटा गया और उसके सिर पर किसी चीज से वार किया गया। अरविंद कुमार ने कहा कि वह पुलिस में कंप्लेंट देंगे। दूसरे अस्पताल में मौत मानवी की मां मोनी ने बताया कि, बाद में बच्ची की नकोदर चौक के नजदीक दोआबा हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां दाखिल होते ही बच्ची मानवी ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर द्वारा बताया गया मानवी को पिछले काफी दिनों से तेज बुखार हो रहा था जिसके कारण उसकी तबीयत खराब बताई जा रही थी। तबीयत खराब के चलते मानवी को पठानकोट चौक के नजदीक एक निजी हड़ताल में दाखिल करवाया गया, मगर मानवी को कोई फर्क नहीं पड़ा। इसलिए मानवी को दूसरे हास्टल में आज दोपहर लेकर जाया गया, जहां पर मानवी ने दम तोड़ दिया।
सिपाही भर्ती: 21 नवंबर को रिजल्ट जारी होने की उम्मीद:नवंबर के अंत में शुरू होगी दस्तावेजों का सत्यापन और फिर होगी दौड़
सिपाही भर्ती: 21 नवंबर को रिजल्ट जारी होने की उम्मीद:नवंबर के अंत में शुरू होगी दस्तावेजों का सत्यापन और फिर होगी दौड़ उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती 2024 का प्रारंभिक परिणाम गुरुवार को जारी होने की उम्मीद है। 60244 पदों के लिए परीक्षा अगस्त के अंत में होगी। माना जा रहा है कि 21 नवंबर की शाम पांच बजे तक प्रारंभिक परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। दस्तावेजों का सत्यापन और शारीरिक दक्षता परीक्षा 28 नवंबर से शुरू कराई जाएगी। दौड़ की प्रक्रिया 15 दिसंबर के बाद शुरू होगी। ढाई गुना अभ्यर्थियों का जारी होगा कटआफ सूत्रों ने बताया कि कटआफ में वैकेंसी के सापेक्ष ढाई गुना अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाएगी। यानी करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों की कटआफ सूची लंबवत और क्षैतिज आरक्षण के अनुरूप जारी की जाएगी। करीबी जोनल मुख्यालय पर होगी डीवीपीएसटी सूत्रों का कहना है कि अभ्यर्थियों को उनके गृह जनपद के करीबी जोनल मुख्यालय पर डीवीपीएसटी के लिए बुलाया जाएगा। इसी तरह जो दूसरे राज्य के अभ्यर्थी होंगे उन्हें भी उनकी राज्य से लगने वाली सीमा के जोनल मुख्यालय पर बुलाया जाएगा। मसलन राजस्थान के जो अभ्यर्थी हैं उन्हें आगरा, हरियाणा और दिल्ली के अभ्यर्थियों को मेरठ, मध्य प्रदेश के अभ्यर्थियों को कानपुर और बिहार व झारखंड और छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों को वाराणसी डीवीपीएसटी के लिए बुलाया जाएगा। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन राजीव कृष्ण ने बताया कि बहुत जल्द परिणाम जारी किया जाएगा और आगे की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। परिणाम घोषित होने की आधिकारिक सूचना भर्ती बोर्ड की वेबसाइट पर दी जाएगी।
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले मैं अब कैसे जीऊंगी…? पूरा गांव श्मशान बन गया…। गांव में अब अकेला मेरा घर बचा है…। यह शब्द शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव की अनीता के हैं। अनीता ने बुधवार आधी रात की आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके परिवार ने भागकर जान जरूर बचाई है, लेकिन अब परिवार अकेले बचा है। वे कैसे रहेंगे? अनीता कह रही हैं कि भगवान यह आपने क्या कर दिया? गांव को श्मशान बना दिया। मुझे भी गांव वालों के साथ ले चलते। मैं गांव वालों के बगैर कैसे जीऊं? अनीता ने बताया कि रात में अचानक से उनका घर हिला। वह जिस बिस्तर पर सोई थीं, वह भी हिल गया। फिर जोर-जोर से आवाजें आईं। जब बाहर निकलकर देखा तो तबाही मची हुई थी। इसी दौरान गांव के कुछ लोग उनके घर की ओर आए। उन्होंने हांफते हुए बताया कि बाढ़ आई है। इसके बाद उनके परिवार के सदस्य रात में घर छोड़कर थोड़ी ऊंचाई पर स्थित भगवती माता के मंदिर में भागे। वहां पर उन्होंने पूरी रात काटी। उनके साथ गांव के ही 10-12 लोग भी मंदिर में थे। अनीता का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर था, इसलिए वे लोग बच गए। अनीता ने बताया कि उनके घर में 5 सदस्य हैं। बाढ़ के समय घर में 4 लोग मौजूद थे। उनके मवेशी भी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पड़ोसी इस बाढ़ में बह गए। अनीता की तरह गांव में दूसरे लोग भी नम आंखों से अपनों को तलाश रहे हैं। सबकी नजरें समेज खड्ड पर टिकी हुई है। उम्मीद है कि उनके अपने सुरक्षित मिल जाएंगे। 2 मिनट भी लेट होते तो नहीं बचते: कुलविंदरा
गांव की कुलविंदरा बताती हैं कि रात 12 बजे बादल फटने की सूचना मिली। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बाहर भागे। यदि 2 मिनट लेट हो जाते तो बचना मुश्किल हो जाता। उन्होंने बताया कि समेज गांव में 8 से 10 मकान बहे हैं। रात में तबाही देखते हुए वह गांव से काफी ऊंचाई पर स्थित मंदिर पहुंचे। सुबह 5 बजे वापस नीचे गांव गए तो पूरे गांव का नामोनिशान तक मिट गया था। उन्होंने बताया कि लोगों के साथ-साथ गाय भी बाढ़ में बही हैं। न घर बचा न घर वाले
बाढ़ से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के करीब 15 सदस्य लापता हैं। उनकी बेटी और बेटी के 2 बच्चों का भी कुछ अता-पता नहीं है। बच्चों में एक बेटा (4) और बेटी (7) थे। ये दोनों DPS में पढ़ते थे। इनसे उनकी लास्ट टाइम करीब 4 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने बताया कि वह सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, और घटना के समय रामपुर में थे। उन्हें रात करीब 2 बजे सूचना मिली। इसके बाद वह करीब 4 बजे यहां पहुंचे तो देखा कि न घर है और न ही घर वाले। यहां का मंजर देखकर वह दंग रह गए। आधी रात में भागकर बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शी आशीष ने बताया कि रात करीब 12 बजे जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो 5 मिनट में ही गांव के पुल तक पानी भर आया। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने कुछ परिवार बह गए। उन्होंने बताया कि सामने ग्रीनको कंपनी के कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस था। उन्हें पहले पता लग गया था। कंपनी के कुछ कर्मचारी दूसरे लोगों को बचाने के चक्कर में खुद बाढ़ में बह गए। गांव के लोग भगवान बनकर आए
समेज स्कूल के चौकीदार दयानंद (41) ने बताया कि वह स्कूल में काफी देर तक फंसे रहे। स्कूल के एक टीचर ने DPI को आधी रात में फोन किया। इसके बाद DPI के कहने पर गांव के लोगों ने खिड़की व शीशे तोड़कर दयानंद को स्कूल से बाहर निकाला, क्योंकि निचली मंजिल का दरवाजा मलबे में दब गया था। सुरक्षित निकाले गए दयानंद कहते हैं कि गांव के लोग उनके के लिए भगवान बनकर आए। ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की अकाउंटेंट बच्चों समेत मलबे में दफन
रामपुर के कांदरी निवासी जय सिंह का हंसता-खेलता परिवार भी समेज के सैलाब में उजड़ गया है। जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) मलबे में दफन हो गए। अब जय सिंह बार-बार बेसुध हो रहे हैं। जय सिंह के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि भाभी कल्पना ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट थीं। खड्ड के डर से उन्होंने झाखड़ी के रत्नपुर के लिए अपना ट्रांसफर करवा लिया था। बाढ़ वाले दिन ही उन्हें अपना सामान शिफ्ट करना था। लेकिन, कुदरत ने उन्हें समेज छोड़ने ही नहीं दिया। एक हफ्ते तक घर में बच्चों ने की मौज मस्ती
कुशाल ने बताया कि अक्षिता और अद्विक को स्कूल से एक सप्ताह की मानसून ब्रेक थी। इसलिए, दोनों बच्चे एक हफ्ते तक कांदरी में मस्ती करते रहे। बीते मंगलवार को दोनों बच्चे भाभी के साथ समेज गए। बुधवार रात को हादसा हुआ। हादसे वाले दिन जय सिंह समेज में नहीं थे। इस वजह से उनकी जान बच गई। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के 3 मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, 2 बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे। 36 लोगों का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं
समेज हादसे में कुल मिलाकर 36 लोग लापता है। 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी का सुराग नहीं लग पाया है। माना जा रहा है कि खड्ड में अत्यधिक पानी की वजह से लोग दूर तक बह गए हों। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने समेज से लेकर शिमला के सुन्नी तत्तापानी तक सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है।