अमृतसर | बटाला रोड मुस्तफाबाद में हजरत गौस पाक दरगाह में सालाना मेला करवाया गया। सेवादार बाबा राजे शाह कादरी की अध्यक्षता में करवाए मेले में मेहंदी रस्म अदा की गई। वहीं शहर के प्रसिद्ध कव्वालों ने बाबा का गुणगान किया। इसमें संत समाज ने हाजरी लगाई। इस मौके पर बाबा बीटे शाह, बाबा चन्ने शाह, बाबा गोरे शाह, बाबा प्रदीप शाह, वीना शाह आदि मौजूद थे। अमृतसर | बटाला रोड मुस्तफाबाद में हजरत गौस पाक दरगाह में सालाना मेला करवाया गया। सेवादार बाबा राजे शाह कादरी की अध्यक्षता में करवाए मेले में मेहंदी रस्म अदा की गई। वहीं शहर के प्रसिद्ध कव्वालों ने बाबा का गुणगान किया। इसमें संत समाज ने हाजरी लगाई। इस मौके पर बाबा बीटे शाह, बाबा चन्ने शाह, बाबा गोरे शाह, बाबा प्रदीप शाह, वीना शाह आदि मौजूद थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में कारोबारी के घर मिला विषखोपड़ा, VIDEO:8 घंटे तक दहशत में रहा परिवार, रेस्क्यू कर होशियारपुर के जंगल में छोड़ा गया
जालंधर में कारोबारी के घर मिला विषखोपड़ा, VIDEO:8 घंटे तक दहशत में रहा परिवार, रेस्क्यू कर होशियारपुर के जंगल में छोड़ा गया पंजाब के जालंधर में वडाला चौक के पास पॉश इलाके में एक व्यापारी के घर से जंगली छिपकली (विषखोपड़ा) निकल आई। पूरा परिवार करीब 8 घंटे तक दहशत में रहा, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह उक्त जंगली छिपकली को पकड़ा और बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार ने सबसे पहले उक्त जंगली छिपकली को घर की लॉबी में घूमते देखा। जिसके बाद इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई और उक्त जानवर को रेस्क्यू किया गया। परिवार ने बताया- उनके घर के साथ वाला प्लॉट काफी बड़ा है। वहीं से यह जानवर उनके घर में घुस आया। छिपकली को होशियारपुर के जंगल में छोड़ा गया विभाग अधिकारी जसवंत सिंह ने जालंधर रेंज की रेस्क्यू टीम के कर्मचारी प्रदीप शर्मा को मामले की जानकारी दी और उन्हें तुरंत मौके पर जाने के आदेश दिए। प्रदीप ने वहां पहुंचकर आधे घंटे के भीतर उक्त जंगली छिपकली को काबू कर लिया। जिसके बाद उसे मौके पर ही एक डिब्बे में बंद कर दिया गया और तुरंत होशियारपुर के जंगलों में छोड़ दिया गया। आपको बता दें कि इस जानवर को कई नामों से जाना जाता है, जैसे विषखोपड़ा, जंगली छिपकली, मॉनिटर छिपकली और अन्य। परिवार के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले भी घर के अंदर से ऐसी ही लंबी छिपकली निकली थी, लेकिन वह खुद ही घर से बाहर चली गई थी।
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शंभू बॉर्डर पर डटे एक और किसान की मौत:दिल का दौरा पड़ने से गई जान; राजपुरा से पीजीआई किया गया था रैफर पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान मोर्चे पर डटे एक और किसान की शुक्रवार-शनिवार की रात मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने के बाद किसान को इलाज के लिए अस्पताल दाखिल किया गया था। जहां उनकी जान चली गई। मारे गए किसान नेता की पहचान बलविंदर सिंह (72) के तौर पर हुई है। वे मोगा के रहने वाले थे। बलविंदर सिंह तीन एकड़ जमीन का मालिक था। हाल ही में सरकार की बेरुखी और अनदेखी के चलते वे शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा बने थे। बलविंदर सिंह की मौत के बाद उनका परिवार और गांववाले गहरे शोक में हैं। किसान नेताओं का कहना है कि यह बेहद दुखद और दर्दनाक स्थिति है। किसानों को अपने अपनों के शवों को कंधे पर उठाकर गांव ले जाना पड़ रहा है। बीते दिन बिगड़ी थी सेहत बलविंदर सिंह कुछ दिनों से बीमार थे। उनकी तबियत बिगड़ने पर सबसे पहले उन्हें राजपुरा ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर देखी गई। इसके बाद उन्हें पटियाला रेफर किया गया, और अंततः पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां देर रात उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद उनका शव पीजीआई में पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। केंद्र सरकार की अनदेखी और किसानों में बढ़ता असंतोष बलविंदर सिंह की मौत ने एक बार फिर से किसानों में सरकार के प्रति रोष और असंतोष को बढ़ा दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों और उपेक्षा के कारण किसान आंदोलन में शामिल किसानों का स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को जल्द से जल्द मानने का आग्रह किया है ताकि किसानों को आंदोलन के दौरान इस तरह की समस्याओं और दुखद घटनाओं का सामना न करना पड़े।
कपूरथला में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग ने लगाया कैंप:250 आवेदनों पर हुई सुनवाई; बकाया मामले 15 दिन में निपटाने के दिए निर्देश
कपूरथला में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग ने लगाया कैंप:250 आवेदनों पर हुई सुनवाई; बकाया मामले 15 दिन में निपटाने के दिए निर्देश कपूरथला में राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग की ओर से विशेष कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें बाल अधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों और विभिन्न विभागों की ओर से बच्चों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को लेकर सुनवाई की गई। 250 आवेदनों का हुआ निपटारा कैंप में आए अधिकारियों ने करीब 250 आवेदकों के मामलों का निपटारा किया। जबकि कुछ आवेदनों पर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई कर डीसी के माध्यम से आयोग को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए है। कैंप में राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता, पंजाब राज्य बाल अधिकार सुरक्षा आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह और DC अमित कुमार पांचाल की मौजूदगी में बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की सुनवाई की गई। डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह के कैंप लगाए जाएंगे। विभाग के अधिकारी इन कैंपों के माध्यम से बच्चों को मौके पर ही आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। समय पर हो समस्याओं का निपटारा उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से बच्चों की अधिकतर समस्याएं स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, खाद्य एवं सिविल सप्लाई, आधार कार्ड, सेवा केंद्र आदि से संबंधित है। जिसका समय पर निपटारा किया जाए। उन्होंने जिला प्रोग्राम अधिकारी से लेकर नोडल अधिकारी को ऐसे मामलों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। डीसी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता को आश्वासन दिया कि लोगों की सुविधा के लिए गांवों में लगाए जाने वाले कैंपों का सिलसिला इसी तरह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी बाल अधिकारों के उल्लंघन के मामलों और इन कैंपों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं का विशेष ध्यान रखेंगे।