बठिंडा जिले में सीआईए स्टाफ वन की तरफ से जिले के विभिन्न गांवों में हेरोइन की सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सीआईए टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों से 514 ग्राम हेरोइन और बैटरी स्कूटर बरामद किया गया। जिनके खिलाफ थाना नेहियांवाला में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जबकि उन्हें अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उक्त लोग हेरोइन कहां से लेकर आते थे और किस-किस गांव में सप्लाई करते थे। उनके गिरोह में ओर कितने लोग शामिल है। पुलिस के अनुसार उक्त गिरोह के लाेग थोड़ी-थोड़ी मात्रा में विभिन्न गांवों में हेरोइन सप्लाई करते थे। पुलिस को देखकर किया भागने का प्रयास शुक्रवार को प्रेसवार्ता करते हुए एसएसपी अमनीत कोंडल ने बताया कि बीती 10 अक्टूबर को सीआईए स्टाफ-1 बठिंडा की पुलिस टीम द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों एवं संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के सिलसिले में गांव भोखड़ा के स्लिप रोड से वापस बठिंडा की ओर जा रहे थे। तभी 3 व्यक्ति बैटरी वाले स्कूटर के साथ संदिग्ध अवस्था में खड़े दिखे। जब पुलिस पार्टी की गाड़ी उनके पास रुकी तो उक्त व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर भागने लगे। तभी पुलिस पार्टी ने घेराबंदी कर उन तीनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। 514 ग्राम हेरोइन बरामद जिन्होंने राजपत्रित अधिकारी की उपस्थिति में अपनी तलाशी लेने के लिए कहा, उन्होंने मौके पर ही राजपत्रित अधिकारी डीएसपी अमरजीत सिंह को बुलाया और उनकी उपस्थिति में तीनों की तलाशी ली। उनकी तलाशी लेने पर 514 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पकड़े गए तीनों तस्करों की पहचान जगजीत सिंह निवासी गांव फत्ता मलूका जिला मानसा, गगनदीप सिंह और अमनदीप सिंह निवासी गांव भोखड़ा के रूप में हुई है। 2 के खिलाफ पहले से दर्ज है केस एसएसपी ने बताया कि आरोपी जगजीत सिंह बेरोजगार है, जिस पर थाना झुनीर में पहले एक मामला दर्ज है। जबकि गगनदीप सिंह बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई करता है और उस पर बठिंडा के थाना सिविल लाइन में साल 2022 में हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है। वहीं तीसरे आरोपी अमनदीप सिंह खेती करता है। लेकिन उस पर पहले कोई मामला दर्ज नहीं है। वे यह हेरोइन कहां से लेकर आए, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है। उन्हें यह हेरोइन अलग-अलग गांवों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सप्लाई करनी थी। उक्त तीनों आरोपियों को उक्त मामले में गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड में लिया गया, जिससे और भी कई अहम खुलासे होने की संभावना है। बठिंडा जिले में सीआईए स्टाफ वन की तरफ से जिले के विभिन्न गांवों में हेरोइन की सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सीआईए टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों से 514 ग्राम हेरोइन और बैटरी स्कूटर बरामद किया गया। जिनके खिलाफ थाना नेहियांवाला में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जबकि उन्हें अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उक्त लोग हेरोइन कहां से लेकर आते थे और किस-किस गांव में सप्लाई करते थे। उनके गिरोह में ओर कितने लोग शामिल है। पुलिस के अनुसार उक्त गिरोह के लाेग थोड़ी-थोड़ी मात्रा में विभिन्न गांवों में हेरोइन सप्लाई करते थे। पुलिस को देखकर किया भागने का प्रयास शुक्रवार को प्रेसवार्ता करते हुए एसएसपी अमनीत कोंडल ने बताया कि बीती 10 अक्टूबर को सीआईए स्टाफ-1 बठिंडा की पुलिस टीम द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों एवं संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के सिलसिले में गांव भोखड़ा के स्लिप रोड से वापस बठिंडा की ओर जा रहे थे। तभी 3 व्यक्ति बैटरी वाले स्कूटर के साथ संदिग्ध अवस्था में खड़े दिखे। जब पुलिस पार्टी की गाड़ी उनके पास रुकी तो उक्त व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर भागने लगे। तभी पुलिस पार्टी ने घेराबंदी कर उन तीनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। 514 ग्राम हेरोइन बरामद जिन्होंने राजपत्रित अधिकारी की उपस्थिति में अपनी तलाशी लेने के लिए कहा, उन्होंने मौके पर ही राजपत्रित अधिकारी डीएसपी अमरजीत सिंह को बुलाया और उनकी उपस्थिति में तीनों की तलाशी ली। उनकी तलाशी लेने पर 514 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पकड़े गए तीनों तस्करों की पहचान जगजीत सिंह निवासी गांव फत्ता मलूका जिला मानसा, गगनदीप सिंह और अमनदीप सिंह निवासी गांव भोखड़ा के रूप में हुई है। 2 के खिलाफ पहले से दर्ज है केस एसएसपी ने बताया कि आरोपी जगजीत सिंह बेरोजगार है, जिस पर थाना झुनीर में पहले एक मामला दर्ज है। जबकि गगनदीप सिंह बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई करता है और उस पर बठिंडा के थाना सिविल लाइन में साल 2022 में हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है। वहीं तीसरे आरोपी अमनदीप सिंह खेती करता है। लेकिन उस पर पहले कोई मामला दर्ज नहीं है। वे यह हेरोइन कहां से लेकर आए, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है। उन्हें यह हेरोइन अलग-अलग गांवों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सप्लाई करनी थी। उक्त तीनों आरोपियों को उक्त मामले में गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड में लिया गया, जिससे और भी कई अहम खुलासे होने की संभावना है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के स्कूल में बच्चों की पिटाई:प्रिंसिपल ने लाइन में खड़ा कर पीटा; बोली- क्लास रूम में लड़ रहे थे, VIDEO सामने आया पंजाब के मोगा में एक स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चों को लाइन में खड़े कर पीटा। इसके बाद अब पिटाई का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपी प्रिंसिपल को नौकरी से निकाल दिया गया। मामला मोगा के कस्बा धर्मकोट के यूके इंटरनेशनल स्कूल का है। बताया जा रहा है कि मई 2024 में स्कूल में यह घटना घटी थी। स्कूल की प्रिंसिपल ने अपने ऑफिस में कुछ बच्चों को बुलाया था। इसके बाद सभी को लाइन में खड़ा किया और पिटाई की। क्लास रूम में मारपीट कर रहे थे बच्चे
इस मामले में स्कूल के सेक्रेटरी बलकार सिंह ने बताया कि उनके सामने यह वीडियो अब आया है। इसके बाद हमने आरोपी प्रिंसिपल पिंकी नरूला से बात की। इस बारे में प्रिंसिपल का कहना था कि बच्चे क्लास रूम में एक-दूसरे के साथ मारपीट कर रहे थे। प्रिंसिपल ने बताया था कि उन्होंने बच्चों का बीच-बचाव कराया। इसके बाद भी जब बच्चे नहीं माने तो उन्हें अपने ऑफिस में बुलाया और सजा दी। गर्मी की छुटि्टयों से पहले का मामला
स्कूल सेक्रेटरी ने बताया कि जब हमने वीडियो देखा कि प्रिंसिपल बच्चों को पीट रही है तो कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रिंसिपल को नौकरी से हटा दिया गया। हमने अन्य सभी टीचरों को चेतावनी दी है कि अगर ऐसा बर्ताव करता कोई पाया गया तो उसे भी बाहर कर दिया जाएगा। वहीं, इस मामले में बच्चों के परिजनों का कहना है कि प्रिंसिपल ने बच्चों को मई में पीटा था। इसके बाद स्कूल में गर्मियों की छुट्टियां हो गई। इस घटना के बारे में स्कूल प्रशासन को पहले ही पता चल गया था, तो उन्होंने प्रिंसिपल को निकाल दिया था। बच्चों के पेरेंट्स का कहना है कि जब स्कूल प्रशासन को लगा कि घटना के बारे में किसी को पता नहीं चला तो उन्होंने प्रिंसिपल को वापस नौकरी पर रख लिया। इसके बाद लोग इकट्ठा होकर जब स्कूल में पहुंचे तो स्कूल ने प्रिंसिपल को नौकरी से निकाल दिया। लोगों को भी घटना के बारे में वीडियो देखकर ही पता चला था। उनका कहना था कि बच्चों ने उन्हें इसके बारे में बताया तक नहीं।
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