बठिंडा में शिरोमणी अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। अकाली दल ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान को सुखबीर सिंह बादल पर हुए कातिलाना हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान अकाली दल के प्रवक्ता सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि अमृतसर के पुलिस कमिशनर गुरप्रीत सिंह भुल्लर की हमलावर और कट्टर आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा के साथ मिलीभगत थी। बठिंडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के प्रवक्ता सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि यही कारण है कि अमृतसर पुलिस ने जानबूझकर अपराधी के खिलाफ एक कमजोर केस दर्ज किया। जिसमें लिखा गया कि नारायण चौड़ा ‘संगत’ का सदस्य था, जिसने सरदार सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और हाथापाई के दौरान हवा में गोली चलाई गई थी। नारायण चौड़ा को पुलिस द्वारा दिया जा रहा संरक्षण सरदार रोमाणा ने कहा, कि जिस तरह से आतंकी नारायण चौड़ा को अमृतसर पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। उससे पता चलता है कि वह गुरप्रीत भुल्लर का ‘‘कैट’’ (अनौपचारिक पुलिस ऑपरेटिव) है। अमृतसर पुलिस ने 6 घंटे की देरी के बाद मामले में केस दर्ज किया और सरदार सुखबीर बादल के निजी सुरक्षा अधिकारी जसबीर सिंह के कहने पर केस दर्ज नहीं किया। जिन्होंने हमले को नाकाम किया। बल्कि एक ऐसे पुलिस अधिकारी के नाम पर दर्ज किया जो मौके पर मौजूद ही नहीं था। यह मामले को कमजोर करने और यहां तक कि अपराधी को क्लीन चिट देने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे दो दिनों की गहन रेकी के बाद किए गए पूर्वनियोजित हमले के बजाय ‘हवाई फायर’ का एक साधारण मामला बना दिया गया है। अमृतसर पुलिस ने की नारायण चौड़ा की मदद- रोमाणा सरदार रोमाणा ने यह भी कहा कि किस तरह अमृतसर के पुलिस कमिशनर ने घटना के तत्काल बाद यह दावा करके मामले की जांच को भटकाने और यहां तक कि कमजोर करने की कोशिश की। यह सरदार सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा उन्हें दी गई। उन्होंने कहा, यह इस तथ्य के बावजूद किया गया कि अमृतसर पुलिस ने नारायण चौड़ा की मदद की और खूंखार अपराधी को सरदार सुखबीर बादल के नजदीक आने दिया गया। रोमाणा ने की एसएसओ के मोबाइल जब्त करने की मांग सरदार रोमाणा ने जानलेवा हमले के पीछे की साजिश और इसके बाद शुरू किए गए कवर अप ऑपरेशन को उजागर करने के लिए अमृतसर पुलिस कमिशनर, एसपी हरपाल रंधावा और अमृतसर के ई डिवीजन थाने के एसएसओ के मोबाइल फोन जब्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलेगा कि एसपी हरपाल रंधावा ने श्री दरबार साहिब परिसर की रेकी के दौरान अपराधी चौड़ा को वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों दिया और यह भी कि सरदार सुखबीर बादल को खत्म करने की साजिश आम आदमी पार्टी के शीर्ष स्तर से चल रही है। मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती पुलिस- रोमाणा सरदार रोमाणा ने एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस सरदार बादल के खिलाफ हमले में सीधे तौर पर शामिल हैं। इसीलिए वह इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। अकाली दल पूरे मामले की सीबीआई या एनआईए जांच या फिर उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करता है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि पार्टी राज्यपाल से संपर्क करेगी और उन्हें बताएगी कि किस तरह से सरदार बादल की सुरक्षा में खामियां छोड़ी गई और कैसे चौड़ा को पकड़ने के लिए कोई भी कोशिश नही की गई। जबकि वह श्री दरबार साहिब परिसर की रेकी कर रहा था। इस तथ्य के बावजूद कि आतंकवादी ने पहले दावा किया था कि अकाली नेता उसकी हिट लिस्ट में हैं। बठिंडा में शिरोमणी अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। अकाली दल ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान को सुखबीर सिंह बादल पर हुए कातिलाना हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान अकाली दल के प्रवक्ता सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि अमृतसर के पुलिस कमिशनर गुरप्रीत सिंह भुल्लर की हमलावर और कट्टर आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा के साथ मिलीभगत थी। बठिंडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के प्रवक्ता सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि यही कारण है कि अमृतसर पुलिस ने जानबूझकर अपराधी के खिलाफ एक कमजोर केस दर्ज किया। जिसमें लिखा गया कि नारायण चौड़ा ‘संगत’ का सदस्य था, जिसने सरदार सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और हाथापाई के दौरान हवा में गोली चलाई गई थी। नारायण चौड़ा को पुलिस द्वारा दिया जा रहा संरक्षण सरदार रोमाणा ने कहा, कि जिस तरह से आतंकी नारायण चौड़ा को अमृतसर पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। उससे पता चलता है कि वह गुरप्रीत भुल्लर का ‘‘कैट’’ (अनौपचारिक पुलिस ऑपरेटिव) है। अमृतसर पुलिस ने 6 घंटे की देरी के बाद मामले में केस दर्ज किया और सरदार सुखबीर बादल के निजी सुरक्षा अधिकारी जसबीर सिंह के कहने पर केस दर्ज नहीं किया। जिन्होंने हमले को नाकाम किया। बल्कि एक ऐसे पुलिस अधिकारी के नाम पर दर्ज किया जो मौके पर मौजूद ही नहीं था। यह मामले को कमजोर करने और यहां तक कि अपराधी को क्लीन चिट देने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे दो दिनों की गहन रेकी के बाद किए गए पूर्वनियोजित हमले के बजाय ‘हवाई फायर’ का एक साधारण मामला बना दिया गया है। अमृतसर पुलिस ने की नारायण चौड़ा की मदद- रोमाणा सरदार रोमाणा ने यह भी कहा कि किस तरह अमृतसर के पुलिस कमिशनर ने घटना के तत्काल बाद यह दावा करके मामले की जांच को भटकाने और यहां तक कि कमजोर करने की कोशिश की। यह सरदार सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा उन्हें दी गई। उन्होंने कहा, यह इस तथ्य के बावजूद किया गया कि अमृतसर पुलिस ने नारायण चौड़ा की मदद की और खूंखार अपराधी को सरदार सुखबीर बादल के नजदीक आने दिया गया। रोमाणा ने की एसएसओ के मोबाइल जब्त करने की मांग सरदार रोमाणा ने जानलेवा हमले के पीछे की साजिश और इसके बाद शुरू किए गए कवर अप ऑपरेशन को उजागर करने के लिए अमृतसर पुलिस कमिशनर, एसपी हरपाल रंधावा और अमृतसर के ई डिवीजन थाने के एसएसओ के मोबाइल फोन जब्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलेगा कि एसपी हरपाल रंधावा ने श्री दरबार साहिब परिसर की रेकी के दौरान अपराधी चौड़ा को वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों दिया और यह भी कि सरदार सुखबीर बादल को खत्म करने की साजिश आम आदमी पार्टी के शीर्ष स्तर से चल रही है। मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती पुलिस- रोमाणा सरदार रोमाणा ने एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस सरदार बादल के खिलाफ हमले में सीधे तौर पर शामिल हैं। इसीलिए वह इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। अकाली दल पूरे मामले की सीबीआई या एनआईए जांच या फिर उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करता है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि पार्टी राज्यपाल से संपर्क करेगी और उन्हें बताएगी कि किस तरह से सरदार बादल की सुरक्षा में खामियां छोड़ी गई और कैसे चौड़ा को पकड़ने के लिए कोई भी कोशिश नही की गई। जबकि वह श्री दरबार साहिब परिसर की 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