सिविल अस्पताल बठिंडा में आज पुलिस में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब नशा तस्करी मामले में नामजद दो गिरफ्तार युवकों में से एक ने पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया। गनीमत रही कि आरोपी ज्यादा दूर नहीं जा पाया तथा पुलिस ने उसे मौके पर काबू कर लिया। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। थाना सिविल लाइंस पुलिस नशा तस्करी मामले में नामजद दो युवक साहिल और रवि कुमार को मेडिकल के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी। इस दौरान अचानक रवि कुमार द्वारा पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने उसे दबोच लिया तथा फिर से गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारी मनजीत सिंह ने बताया कि आरोपी युवक को मेडिकल के लिए अस्पताल में लेकर आया गया था। जिसने पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया लेकिन उसे मौके पर उसे पकड़ लिया गया। आरोपी युवक के खिलाफ थाना सिविल लाइंस में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है। सिविल अस्पताल बठिंडा में आज पुलिस में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब नशा तस्करी मामले में नामजद दो गिरफ्तार युवकों में से एक ने पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया। गनीमत रही कि आरोपी ज्यादा दूर नहीं जा पाया तथा पुलिस ने उसे मौके पर काबू कर लिया। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। थाना सिविल लाइंस पुलिस नशा तस्करी मामले में नामजद दो युवक साहिल और रवि कुमार को मेडिकल के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी। इस दौरान अचानक रवि कुमार द्वारा पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने उसे दबोच लिया तथा फिर से गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारी मनजीत सिंह ने बताया कि आरोपी युवक को मेडिकल के लिए अस्पताल में लेकर आया गया था। जिसने पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया लेकिन उसे मौके पर उसे पकड़ लिया गया। आरोपी युवक के खिलाफ थाना सिविल लाइंस में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में लगी 100 करोड़ की घोड़ा मंडी:सबसे ऊंचे घोड़े डेविड की कीमत 21 करोड़; नुकरा-मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की डिमांड बढ़ी पंजाब के मुक्तसर में ऐतिहासिक माघी मेले में विश्व स्तरीय घोड़ा मंडी का आयोजन किया गया है। जहां लगभग 100 करोड़ रुपए मूल्य के घोड़े-घोड़ियां एकत्रित किए गए है। यह घोड़ा मंडी 10 दिनों तक चलने वाली है और यहां देश भर से घोड़ा व्यापारी और पालक पहुंचे हैं। घोड़ा मंडी में मुख्य रूप से नुकरा और मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की खरीद-बिक्री हो रही है। व्यापारियों के अनुसार, नुकरा घोड़ों की सबसे अधिक मांग मुंबई फिल्म सिटी, जयपुर और दिल्ली में है। जहां इनका उपयोग विवाह समारोहों में किया जाता है। वहीं मारवाड़ी घोड़ों के प्रमुख खरीदार राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसान और घोड़ा पालक हैं। घोड़ा मंडी में इन राज्यों के पहुंचे व्यापारी घोड़ा मंडी में तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुणे और मुंबई से व्यापारी पहुंचे हैं। प्रमुख व्यापारी असलम खान, के.बाल छिंदे और चौधरी हरफूल ने बताया कि मुक्तसर की यह मंडी विश्व की सर्वश्रेष्ठ घोड़ा मंडियों में से एक है। यहां काठियावाड़ और सिंधी नस्ल के घोड़े कम संख्या में देखने को मिलते हैं। मंडी में आया 21 करोड़ का घोड़ा घोड़ा मंडी में आए संजम स्टड फार्म बादल के घोड़ा पालक विक्रमजीत सिंह विक्की बराड़ ने अपने मारवाड़ी नस्ल के घोड़े डेविड की कीमत 21 करोड़ रुपए बताई है। विक्की ने दावा किया कि 38 महीने का यह घोड़ा 72 इंच ऊंचा है, जो भारत में सबसे ऊंचा है। इस घोड़े के जन्म के एक घंटे बाद इसकी कीमत एक करोड़ रुपए लग गई थी। घोड़े की कीमत उसकी नस्ल, कद और माता-पिता पर निर्भर करती है। इस घोड़े की खुराक छोले, बाजरा, मोठ और अन्य होती है। साथ ही पांच से सात किलो दाना दिया जाता है। नुकरा घोड़ा बिलावल बना आकर्षण का केंद्र मंडी में पहुंचा 26 महीने का 69 इंची नुकरा घोड़ा बिलावल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। घोड़े के मालिक जसपाल सिंह गांव तरखानवाला ने बताया कि घोड़े की कीमत करोड़ों में है। लेकिन यह उनका पालतू घोड़ा है जिसे वे बेचना नहीं चाहते। वहीं गुरमेल सिंह पटवारी की नीले चमकीले रंग की 66 इंची मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी नूरी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, जिसका कद और रंग अनोखा है। इसकी कीमत 67 लाख रुपए है। मंडी में पहुंचे 3370 घोड़े घोड़ा मंडी के प्रबंधक सुखपाल सिंह भाटी ने बताया कि करीब 3370 घोड़े मंडी में आ चुके हैं। यह घोड़ा मंडी 20 जनवरी तक लगेगी। यह घोड़ा मंडी भारत की प्रमुख मंडियों में से एक है। मेले में पहुंचे इन घोड़ों की कीमत 100 करोड़ के करीब बनती है, लेकिन यह सभी घोड़े बिकाऊ नहीं होते। ज्यादातर घोड़े सिर्फ प्रदर्शनी के लिए होते हैं, जबकि कुछ बेचने के लिए आते हैं।
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