मसूरी के नाहल में नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ की हत्या से कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर का पुलिस महकमा सन्न और शोकाकुल है। अंतिम सांस तक सौरभ बदमाशों से जांबाज सिपाही की तरह जूझे। सौरभ के अन्य साथी भी इस दौरान चोटिल हुए हैं। सोमवार शाम को ही गृह जनपद में मृतक पुलिसकर्मी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। नोएडा में थी पहली भर्ती
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शामली के बधैव कन्नूखेड़ा गांव के सौरभ कुमार 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए। पहली तैनाती उनकी नोएडा में हुई। 2020 में उनकी शादी दिल्ली पुलिस में तैनात पुलिसकर्मी की बेटी आयुषी से हुई। दोनों सेक्टर-122 में किराये का मकान लेकर रह रहे थे। तीन दिन पहले आयुषी अपने मायके चली गईं। रविवार को रात नौ बजे के करीब आयुषी ने सौरभ को मैसेज किया और खाना खाने के लिए कहा। इस पर सौरभ ने कहा कि वह एक जरुरी काम से बाहर जा रहा है। घटना से पहले आया था फोन
दो घंटे में वापस आने के बाद खाना खाने की बात कही। घटना के कुछ समय पहले भी पत्नी की कॉल उनके मोबाइल पर आई। जैसे ही सौरभ की मौत की खबर उनकी पत्नी आयुषी, पिता उत्तम कुमार और भाई रजत कुमार को मिली, सभी अवाक रह रहे। सौरभ दो भाइयों में छोटे थे। पूरे घर की जिम्मेदारी उनके ऊपर ही थी। पिता और भाई गांव में रहकर किसानी करते हैं। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में तैनात सौरभ के कई पुलिसकर्मी साथी गांव पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए। सौरभ की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस कमिश्नरेट ने दी आर्थिक सहायता
घटना की जानकारी होने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह भी गाजियाबाद पहुंची। उन्होंने अपने वेतन से एक लाख रुपए मृतक पुलिसकर्मी के परिवार को दिए। इसके अलावा जिले में तैनात सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने वेतन से एक दिन की अनुग्रह धनराशि सौरभ कुमार के परिजनों को आर्थिक सहायता स्वरूप देने का निर्णय लिया है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की ओर से 75 लाख 16 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। अगले महीने घूमने की थी योजना
सौरभ के साथियों ने बताया कि वह अगले महीने पत्नी के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बना रहा था। सौरभ ने साथियों से कहा था कि काफी दिन हो गया वह कहीं घूमने नहीं गया है। ऐसे में वह दस दिन की छुट्टी लेकर परिवार के साथ जाएगा। पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी बेसुध हो गई है। सौरभ के माता-पिता भी एकदम शांत हैं। वह किसी से कोई बात नहीं कर रहे हैं। बड़ा भाई ही परिवार को संभाल रहा है। अंतिम संस्कार में नोएडा पुलिस के अधिकारी और पुलिसकर्मी भी शामिल हुए हैं। पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले मसूरी के नाहल में नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ की हत्या से कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर का पुलिस महकमा सन्न और शोकाकुल है। अंतिम सांस तक सौरभ बदमाशों से जांबाज सिपाही की तरह जूझे। सौरभ के अन्य साथी भी इस दौरान चोटिल हुए हैं। सोमवार शाम को ही गृह जनपद में मृतक पुलिसकर्मी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। नोएडा में थी पहली भर्ती
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शामली के बधैव कन्नूखेड़ा गांव के सौरभ कुमार 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए। पहली तैनाती उनकी नोएडा में हुई। 2020 में उनकी शादी दिल्ली पुलिस में तैनात पुलिसकर्मी की बेटी आयुषी से हुई। दोनों सेक्टर-122 में किराये का मकान लेकर रह रहे थे। तीन दिन पहले आयुषी अपने मायके चली गईं। रविवार को रात नौ बजे के करीब आयुषी ने सौरभ को मैसेज किया और खाना खाने के लिए कहा। इस पर सौरभ ने कहा कि वह एक जरुरी काम से बाहर जा रहा है। घटना से पहले आया था फोन
दो घंटे में वापस आने के बाद खाना खाने की बात कही। घटना के कुछ समय पहले भी पत्नी की कॉल उनके मोबाइल पर आई। जैसे ही सौरभ की मौत की खबर उनकी पत्नी आयुषी, पिता उत्तम कुमार और भाई रजत कुमार को मिली, सभी अवाक रह रहे। सौरभ दो भाइयों में छोटे थे। पूरे घर की जिम्मेदारी उनके ऊपर ही थी। पिता और भाई गांव में रहकर किसानी करते हैं। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में तैनात सौरभ के कई पुलिसकर्मी साथी गांव पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए। सौरभ की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस कमिश्नरेट ने दी आर्थिक सहायता
घटना की जानकारी होने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह भी गाजियाबाद पहुंची। उन्होंने अपने वेतन से एक लाख रुपए मृतक पुलिसकर्मी के परिवार को दिए। इसके अलावा जिले में तैनात सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने वेतन से एक दिन की अनुग्रह धनराशि सौरभ कुमार के परिजनों को आर्थिक सहायता स्वरूप देने का निर्णय लिया है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की ओर से 75 लाख 16 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। अगले महीने घूमने की थी योजना
सौरभ के साथियों ने बताया कि वह अगले महीने पत्नी के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बना रहा था। सौरभ ने साथियों से कहा था कि काफी दिन हो गया वह कहीं घूमने नहीं गया है। ऐसे में वह दस दिन की छुट्टी लेकर परिवार के साथ जाएगा। पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी बेसुध हो गई है। सौरभ के माता-पिता भी एकदम शांत हैं। वह किसी से कोई बात नहीं कर रहे हैं। बड़ा भाई ही परिवार को संभाल रहा है। अंतिम संस्कार में नोएडा पुलिस के अधिकारी और पुलिसकर्मी भी शामिल हुए हैं। पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बदमाशों से घिरने के बाद भी अंतिम सांस तक लड़े:घटना से तीन घंटे पहले पत्नी का आया मैसेज, “लिखा खाना खा लेना ” 75 लाख की आर्थिक मदद
