पंजाब के बरनाला में एक सप्ताह पूर्व मिले ट्रक ड्राइवर के शव के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले एक दंपती को गिरफ्तार किया है। दंपती ने ट्रक ड्राइवर से लिफ्ट लेने के बाद मौत के घाट उतारा था। आपको बता दें कि 8 जून को पुलिस स्टेशन रुडेके कलां के क्षेत्रांतर्गत मानसा रोड पर एक ट्रक ड्राइवर की ट्रक में लाश मिली थी। पुलिस ने इस केस को सुलझाने का दावा किया है और बठिंडा निवासी जसवंत सिंह और उसकी पत्नी अंजू निवासी बठिंडा को गिरफ्तार किया है। आज प्रेस वार्ता के दौरान बरनाला पुलिस के एसपी सनदीप सिंह मंड, डीएसपी तथा मनजीत सिंह ने बताया कि 8 जून को तेजिंदर सिंह निवासी उत्तर प्रदेश की लाश मिली थी। जांच में सामने आया है कि आरोपी जसवंत सिंह और अंजू ने उससे लिफ्ट मांगी थी और ट्रक ड्राइवर से लूटपाट की कोशिश की थी। नेशनल हाईवे पर दिया वारदात को अंजाम पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों पर पहले कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। पुलिस ने उन्हें जिला बठिंडा के चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर पड़ते गांव जेठूके जिला बठिंडा से गिरफ्तार किया है। आरोपी बठिंडा के रहने वाले हैं। उन्होंने बठिंडा से बरनाला जाने वाले हाईवे पर ट्रक चालक से लिफ्ट मांगी थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने ट्रक ड्राइवर से कहा था कि उन्हें बरनाला जाना है। ट्रक ड्राइवर ने उन्हें अपने साथ बैठा लिया। ट्रक ड्राइवर से उन्होंने लूटपाट की कोशिश की। इसके बाद ट्रक ड्राइवर ने उसे उनके साथ हाथापाई की। आरोपी जसवंत ने ट्रक में पड़े एक लोहे के औजार से ट्रक ड्राइवर के सिर पर वार किए। जिससे वह लहूलुहान हो गया। उन्होंने ट्रक ड्राइवर के1500 रुपए व एक मोबाइल ले लिया और ट्रक में उसे छोड़कर भाग गए। फिर उन्होंने किसी दूसरे ट्रक को हाथ दिया और उस पर चढ़कर बठिंडा चले गए। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल लोहे का औजार और मृतक का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। पंजाब के बरनाला में एक सप्ताह पूर्व मिले ट्रक ड्राइवर के शव के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले एक दंपती को गिरफ्तार किया है। दंपती ने ट्रक ड्राइवर से लिफ्ट लेने के बाद मौत के घाट उतारा था। आपको बता दें कि 8 जून को पुलिस स्टेशन रुडेके कलां के क्षेत्रांतर्गत मानसा रोड पर एक ट्रक ड्राइवर की ट्रक में लाश मिली थी। पुलिस ने इस केस को सुलझाने का दावा किया है और बठिंडा निवासी जसवंत सिंह और उसकी पत्नी अंजू निवासी बठिंडा को गिरफ्तार किया है। आज प्रेस वार्ता के दौरान बरनाला पुलिस के एसपी सनदीप सिंह मंड, डीएसपी तथा मनजीत सिंह ने बताया कि 8 जून को तेजिंदर सिंह निवासी उत्तर प्रदेश की लाश मिली थी। जांच में सामने आया है कि आरोपी जसवंत सिंह और अंजू ने उससे लिफ्ट मांगी थी और ट्रक ड्राइवर से लूटपाट की कोशिश की थी। नेशनल हाईवे पर दिया वारदात को अंजाम पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों पर पहले कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। पुलिस ने उन्हें जिला बठिंडा के चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर पड़ते गांव जेठूके जिला बठिंडा से गिरफ्तार किया है। आरोपी बठिंडा के रहने वाले हैं। उन्होंने बठिंडा से बरनाला जाने वाले हाईवे पर ट्रक चालक से लिफ्ट मांगी थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने ट्रक ड्राइवर से कहा था कि उन्हें बरनाला जाना है। ट्रक ड्राइवर ने उन्हें अपने साथ बैठा लिया। ट्रक ड्राइवर से उन्होंने लूटपाट की कोशिश की। इसके बाद ट्रक ड्राइवर ने उसे उनके साथ हाथापाई की। आरोपी जसवंत ने ट्रक में पड़े एक लोहे के औजार से ट्रक ड्राइवर के सिर पर वार किए। जिससे वह लहूलुहान हो गया। उन्होंने ट्रक ड्राइवर के1500 रुपए व एक मोबाइल ले लिया और ट्रक में उसे छोड़कर भाग गए। फिर उन्होंने किसी दूसरे ट्रक को हाथ दिया और उस पर चढ़कर बठिंडा चले गए। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल लोहे का औजार और मृतक का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव की तारीख पर सुनवाई टली:बैलेट पेपर से चुनाव न कराने की मांग; याचिका पर अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी चंडीगढ़ में 24 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने कोर्ट में याचिका दायर कर समय से पहले अपना कार्यकाल खत्म करने और आगामी चुनाव में हाथ उठाकर वोट करने के प्रावधान पर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी तय की है। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा है कि क्या मेयर चुनाव टाला जा सकता है? कोर्ट ने प्रशासन से इस पर स्पष्ट निर्देश लाने को कहा है। मेयर ने 19 फरवरी तक चुनाव कराने का अनुरोध किया था चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर यह अहम घटनाक्रम है और सभी की निगाहें इसके नतीजों पर रहेंगी। शहर के मेयर कुलदीप कुमार ने बुधवार को डिप्टी कमिश्नर (डीसी) निशांत यादव से आगामी चुनाव टालने और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए 19 फरवरी के बाद चुनाव कराने का अनुरोध किया था। बुधवार को ही उन्होंने इन चुनावों की तारीख बदलने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। जिस पर शुक्रवार को जस्टिस सुरेश ठाकुर की अदालत में फैसला आना है। किन दो मुद्दों को लेकर जाना पड़ा कोर्ट मेयर कुलदीप कुमार का कहना था कि मेयर चुनावों की तय डेट 24 जनवरी तक उनका कार्यकाल पूरा नहीं होता है। दूसरा, आप के पार्षद चाहते थे कि इस बार का चुनाव बैलेट से न होकर “हाथ उठाकर” सबके सामने निष्पक्ष तरीके से हो। जिससे पिछली बार की तरह किसी भी मतभेद से बचा जा सके।
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।
लुधियाना में धान घोटाले का आरोपी गिरफ्तार:पनसप के जिला मैनेजर ने पहले किया सरेंडर, काफी दिनों से चल रहा था फरार
लुधियाना में धान घोटाले का आरोपी गिरफ्तार:पनसप के जिला मैनेजर ने पहले किया सरेंडर, काफी दिनों से चल रहा था फरार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना जिले की अनाज मंडियों में बहु-करोड़ धान घोटाले के मामले में पनसप (लुधियाना) के पूर्व जिला मैनेजर (डी.एम.) जगनदीप सिंह ढिल्लों ने आज लुधियाना की अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने उसे गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी रवींद्रपाल सिंह संधु ने बताया कि जगनदीप सिंह ढिल्लों खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में धान की ढुलाई से संबंधित टेंडर घोटाले में वांछित था। मामले में आरोपी समेत पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और अन्य आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के लुधियाना रेंज थाने में धारा 409, 467, 420 और अन्य संबंधित धाराओं के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत 16 अगस्त 2022 को मामला दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की थी रद्द एसएसपी ने बताया कि ढिल्लों ने पहले 18 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई 2024 को उसकी जमानत के आदेश रद्द कर दिए थे। विभाग ने उसे नौकरी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो द्वारा उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। ये था घोटाला जगनदीप सिंह ढिल्लों वर्ष 2020-21 की अवधि के दौरान जिला टेंडर समिति के सदस्य के रूप में घोटाले में शामिल कुछ ठेकेदारों के टेंडरों को अस्वीकृत करने में विफल रहा। इसके अलावा, ढिल्लों ने संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए कमीशन एजेंट (आढ़तियों) कृष्ण लाल और अनिल जैन की दुकानों से अनाज को उनके रिश्तेदारों के शैलरों में स्थानांतरित कर राज्य कस्टम मिलिंग नीति की धारा 12(जे) का उल्लंघन किया। उन्होंने बताया कि यह भी सामने आया कि आरोपियों में से कृष्ण लाल ने दूसरे राज्यों से 2000 से अधिक जूट के बोरे प्राप्त किए, जिनका उपयोग धान की ढुलाई के लिए किया गया। उन्होंने आगे बताया कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए ढिल्लों ने पनग्रेन के तत्कालीन जिला मैनेजर सह-अभियुक्त सुरिंदर बेरी के साथ मिलकर पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के प्रभाव का उपयोग करते हुए लुधियाना जिले के गांव ललतों और धांदरा की अनाज मंडियों से संबंधित धान को किला रायपुर सेंटर की बजाय लुधियाना सेंटर की मंडियों में भेज दिया। स्टॉक में की हेरोफेरी बता दें कि यह हेराफेरी चावल मिलर्स से बड़ी रिश्वत लेने के इरादे से की गई थी। जांच के दौरान यह पाया गया कि ढिल्लों ने मनमाने तरीके से आवंटन के बदले चावल मिलर्स से 3 रुपए से 10 रुपए प्रति बोरी रिश्वत ली। इसके अलावा, उसने गेट पास की रजिस्ट्रेशन में हुई गड़बड़ियों को भी नजरअंदाज किया, जिसमें ट्रक के नंबरों की बजाय स्कूटर और मोटरसाइकिल के नंबर दर्ज थे। इस तरह उसने ठेकेदारों की मिलीभगत से गोदामों में रखे गए धान के स्टॉक में हेराफेरी की इस कार्रवाई को अंजाम दिया। उन्होंने आगे बताया कि लगातार छापेमारी और विजिलेंस ब्यूरो के बढ़ते दबाव के बाद ढिल्लों ने और कोई रास्ता न देखकर आज लुधियाना की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और केस की आगे की जांच जारी है।