बरनाला के गांव कालेके में देर शाम दो भाइयों पर फायरिंग हुई है। जिसमें एक की मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। गांव के ही युवकों ने घेरकर दोनों भाइयों पर हमला कर दिया। एक गोली मृतक के सिर व पैर में लगी वहीं घायल की एक गोली बांह में लगी। घटना में गोली लगने के बाद दोनों भाइयों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पहले सरकारी अस्पताल धनौला में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने युवक रूपिंदर को मृतक घोषित कर दिया। मृतक के शव को सरकारी अस्पताल बरनाला के शवगृह में रखवा दिया गया है, जबकि घायल भी सरकारी अस्पताल बरनाला में भर्ती हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए घायल युवक जसपाल सिंह ने बताया कि वह और उसका भाई रुपिंदर शर्मा गांव के पंजाब नेशनल बैंक के पास खड़े थे। जहां गांव के 15-20 युवकों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। भाई के सिर में भी गोली मारी गई हमलावरों ने आते ही उन पर फायरिंग शुरू कर दी और पहली गोली सीधे उन्हें लगी। उनके भाई के सिर में भी गोली मारी गई, जिससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हमलावर मृतक रूपिंदर से रंजिश रखते थे और कुछ दिन पहले धनौला में उसके साथ मारपीट की थी। आपसी रंजिश के चलते हुआ हमला इस संबंध में गांव के एंबुलेंस चालक हरदीप सिंह ने बताया कि उनके गांव के युवकों से आपसी रंजिश थी, जिसके चलते गांव में गोली चली है। इस झगड़े के बाद गांव से किसी ने उन्हें फोन पर सूचना दी, जिसके बाद वह दोनों युवकों को एंबुलेंस में सरकारी अस्पताल धनौला ले आए। उन्होंने बताया कि एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंध में थाना धनौला के एसएचओ ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही आरोपियों को काबू कर लिया जाएगा। बरनाला के गांव कालेके में देर शाम दो भाइयों पर फायरिंग हुई है। जिसमें एक की मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। गांव के ही युवकों ने घेरकर दोनों भाइयों पर हमला कर दिया। एक गोली मृतक के सिर व पैर में लगी वहीं घायल की एक गोली बांह में लगी। घटना में गोली लगने के बाद दोनों भाइयों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पहले सरकारी अस्पताल धनौला में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने युवक रूपिंदर को मृतक घोषित कर दिया। मृतक के शव को सरकारी अस्पताल बरनाला के शवगृह में रखवा दिया गया है, जबकि घायल भी सरकारी अस्पताल बरनाला में भर्ती हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए घायल युवक जसपाल सिंह ने बताया कि वह और उसका भाई रुपिंदर शर्मा गांव के पंजाब नेशनल बैंक के पास खड़े थे। जहां गांव के 15-20 युवकों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। भाई के सिर में भी गोली मारी गई हमलावरों ने आते ही उन पर फायरिंग शुरू कर दी और पहली गोली सीधे उन्हें लगी। उनके भाई के सिर में भी गोली मारी गई, जिससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हमलावर मृतक रूपिंदर से रंजिश रखते थे और कुछ दिन पहले धनौला में उसके साथ मारपीट की थी। आपसी रंजिश के चलते हुआ हमला इस संबंध में गांव के एंबुलेंस चालक हरदीप सिंह ने बताया कि उनके गांव के युवकों से आपसी रंजिश थी, जिसके चलते गांव में गोली चली है। इस झगड़े के बाद गांव से किसी ने उन्हें फोन पर सूचना दी, जिसके बाद वह दोनों युवकों को एंबुलेंस में सरकारी अस्पताल धनौला ले आए। उन्होंने बताया कि एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंध में थाना धनौला के एसएचओ ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही आरोपियों को काबू कर लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मंदिर हमले में कनाडा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष:भारतीय मूल के वकील ने दी याचिका, बोले-कोर्ट जांच करवाए; खालिस्तानी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की मांग
मंदिर हमले में कनाडा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष:भारतीय मूल के वकील ने दी याचिका, बोले-कोर्ट जांच करवाए; खालिस्तानी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की मांग कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले हिंदू पक्ष ने कनाडा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय मूल के वकील विनीत जिंदल ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रिचर्ड वैगनर के समक्ष अपील दायर की है। बीते दिन वकील विनीत जिंदल ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की। जिसमें 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों और अन्य व्यक्तियों की कार्रवाई की जांच का अनुरोध किया गया। याचिका में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई है। विनीत जिंदल ने कहा- कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है। साथ ही मांग की है कि कोर्ट द्वारा खालिस्तानियों के इस प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
ख़ालिस्तानी आतंकी डल्ला का ट्रायल नहीं होगा सार्वजनिक:ओंटारियो अदालत ने दिया आदेश; कनाडा सरकार ने प्रसारण पर पाबंदी लगाने की रखी थी मांग
ख़ालिस्तानी आतंकी डल्ला का ट्रायल नहीं होगा सार्वजनिक:ओंटारियो अदालत ने दिया आदेश; कनाडा सरकार ने प्रसारण पर पाबंदी लगाने की रखी थी मांग कनाडा की ओंटारियो अदालत ने गुरुवार को खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के अस्थायी प्रमुख अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला और उसके सहयोगी गुरजंट सिंह के ट्रायल की कार्यवाही पर मीडिया कवरेज, प्रसारण और रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी है। यह निर्णय कनाडा सरकार की मांग पर लिया गया है। दरअसल, कनाडा सरकार के वकील द्वारा अदालत में दाखिल एक अर्जी दाखिल की गई थी। जिसमें अदालत की कार्यवाही के प्रसारण पर प्रतिबंध की मांग की गई थी। इस अर्जी को ओंटारियो अदालत ने मान लिया है। यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा, जब तक ट्रायल समाप्त नहीं हो जाता। डल्ला के खिलाफ भारत की प्रत्यर्पण की मांग इस मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में, भारत ने अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध करने का संकेत दिया है। डल्ला पर भारत में कई गंभीर आपराधिक मामले और आतंकवाद गतिविधियों में शामिल होने आरोप हैं। डल्ला को 2023 में भारतीय गृह मंत्रालय द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था। जुलाई 2023 में भारत ने कनाडाई सरकार से डल्ला की अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था। हालांकि, उस समय यह अनुरोध खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब कनाडा में हुई हालिया गिरफ्तारी ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने कहा- हमने कनाडा में अर्श डल्ला की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स का संज्ञान लिया है। उसे 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, और कनाडाई प्रिंट और दृश्य मीडिया ने इस घटना पर व्यापक रिपोर्टिंग की है। भारत की प्रत्यर्पण की कार्यवाही जैसवाल ने बताया कि डल्ला के भारत में लंबित आपराधिक मामलों और कनाडा में उसकी अवैध गतिविधियों में संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए भारतीय एजेंसियां प्रत्यर्पण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अर्श डल्ला के अपराधों के चलते यह अपेक्षा की जाती है कि उसे भारत लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। हमारी एजेंसियां हाल की गिरफ्तारी के मद्देनजर प्रत्यर्पण पर जरूरी कार्रवाई करेंगी। 2023 में भी गिरफ्तारी की मांग की थी भारत ने 2023 में कनाडा से डल्ला की गिरफ्तारी की मांग की थी। लेकिन कनाडा सरकार ने उस समय इस मांग को खारिज कर दिया था। इसी दौरान भारत ने जनवरी 2023 में कनाडा को डल्ला के संदिग्ध पते, भारत में उसके ट्रांजैक्शन, उसकी संपत्तियों और मोबाइल नंबरों की जानकारी दी थी। भारत ने MLAT संधि (पारस्परिक कानूनी सहायता संधि) के तहत कनाडा से इन जानकारियों को वेरिफाई करने के लिए कहा था। दिसंबर 2023 में, कनाडा के न्याय विभाग ने इस मामले पर भारत से अतिरिक्त जानकारी मांगी थी। भारत ने इसका जवाब इस मार्च में दिया था। 50 से ज्यादा मामलों में नामजद है डल्ला अर्श खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का करीबी है और भारत में इस पर 50 से ज्यादा मामले चल रहे हैं। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, जबरन वसूली, आतंकी गतिविधियां और टेरर फंडिंग शामिल है। मई 2022 में भारत सरकार ने अर्श डल्ला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके बाद साल 2023 में उसे आतंकी घोषित कर दिया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए अर्श पंजाब से फरार होकर कनाडा चला गया और वहीं से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने लगा। भारत की एजेंसियां लंबे समय से डल्ला को पकड़ने की कोशिश कर रही हैं।
पटियाला में डिप्टी कमिश्नर के जाली हस्ताक्षर:आरोपी ने इसके जरिए फीस जमा करवाई; हथियार के फॉर्म भरे
पटियाला में डिप्टी कमिश्नर के जाली हस्ताक्षर:आरोपी ने इसके जरिए फीस जमा करवाई; हथियार के फॉर्म भरे पटियाला के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर की पीएलए ब्रांच में डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे के हथियार लाइसेंस के फार्मों पर जाली हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। इस मामले में डिप्टी कमिश्नर की शिकायत पर थाना त्रिपड़ी की पुलिस ने पीएलए ब्रांच के क्लर्क प्रवीन कुमार को गिरफ्तार किया है। प्रवीन कुमार ने डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे के फॉर्म पर जाली हस्ताक्षर करके हथियार लाइसेंस के फॉर्म की फीस भर दी। वह यह काम पिछले काफी समय से करता आ रहा पर आज जाली हस्ताक्षरों वाला एक फॉर्म डिप्टी कमिश्नर के हाथ लग गया। जैसे ही डिप्टी कमिश्नर को इसकी भनक पड़ी तो उन्होंने इस मामले की जांच शुरू की और मामला प्रवीन कुमार के पास जाकर पहुंचा। डिप्टी कमिश्नर ने प्रवीन कुमार को दफ्तर बुला कर जब इस संबंधी पूछताछ की तो स्पष्ट हुआ कि प्रवीन कुमार हथियार लाइसेंस के फॉर्म पर डिप्टी कमिश्नर के खुद ही हस्ताक्षर करके फीस जमा करवा देता था।