बरनाला के गांव काहनेके में निहंग की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मृतक के चेहरे और गर्दन पर तेजधार हथियार से कई वार किए थे। पुलिस ने फोरेंसिक टीमों की मदद से जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान 48 वर्षीय निहंग सिंह ज्ञानी गुरदयाल सिंह उर्फ जसविंदर सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी गांव कानेके के रूप में हुई है, जो निहंगों के संगठन बुड्ढा दल से संबंधित था। मृतक के परिजनों और गांववासियों ने बताया कि मृतक पिछले 25 वर्षों से गांव में अपने मकान में अकेला रहता था। वह बच्चों को गुरबाणी भी सुनाता था। रात को कुछ अज्ञात लोगों ने तेजधार हथियारों से गुरदयाल सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी। उन्हें इस घटना का आज सुबह पता चला। घर में अकेला रहता था मृतक मृतक का शव उसके घर में खून से लथपथ मिला। मृतक अपने परिवार से दूर गांव में ही मकान में अकेला रहता था। थाना रूड़ेके कलां के एसएचओ जगजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने विभिन्न कोणों से मामले की जांच शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम जांच में जुटी फोरेंसिक टीम भी हत्या के मामले की जांच कर रही है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों पर नजर रख रही है। थाना प्रभारी जगजीत सिंह ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। बरनाला के गांव काहनेके में निहंग की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मृतक के चेहरे और गर्दन पर तेजधार हथियार से कई वार किए थे। पुलिस ने फोरेंसिक टीमों की मदद से जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान 48 वर्षीय निहंग सिंह ज्ञानी गुरदयाल सिंह उर्फ जसविंदर सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी गांव कानेके के रूप में हुई है, जो निहंगों के संगठन बुड्ढा दल से संबंधित था। मृतक के परिजनों और गांववासियों ने बताया कि मृतक पिछले 25 वर्षों से गांव में अपने मकान में अकेला रहता था। वह बच्चों को गुरबाणी भी सुनाता था। रात को कुछ अज्ञात लोगों ने तेजधार हथियारों से गुरदयाल सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी। उन्हें इस घटना का आज सुबह पता चला। घर में अकेला रहता था मृतक मृतक का शव उसके घर में खून से लथपथ मिला। मृतक अपने परिवार से दूर गांव में ही मकान में अकेला रहता था। थाना रूड़ेके कलां के एसएचओ जगजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने विभिन्न कोणों से मामले की जांच शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम जांच में जुटी फोरेंसिक टीम भी हत्या के मामले की जांच कर रही है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों पर नजर रख रही है। थाना प्रभारी जगजीत सिंह ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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SGPC प्रधान पद के लिए चुनाव आज:धामी अकाली दल के उम्मीदवार; बागी गुट से जागीर कौर सामने, दावा-125 वोट हक में
SGPC प्रधान पद के लिए चुनाव आज:धामी अकाली दल के उम्मीदवार; बागी गुट से जागीर कौर सामने, दावा-125 वोट हक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान चुनाव आज हैं। इन चुनावों में शिरोमणि अकाली दल (SAD) से अलग हुआ बागी गुट भी मैदान में हैं। जिसके बाद इन चुनावों में तनाव बढ़ चुका है और मुकाबला कड़ा है। अकाली दल ने जहां पूर्व प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी पर विश्वास जताया है, वहीं बागी गुट ने बीबी जागीर कौर को अपना उम्मीदवार बनाया है। अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ बीते दिन सोमवार गोल्डन टेंपल के परिसर में स्थित तेजा सिंह समुंद्री हाल पहुंचे और अकाली दल से जुड़े एसजीपीसी सदस्यों के साथ बातचीत की। इस बैठक का मकसद आज के चुनावों के लिए रूप-रेखा तैयार करना था। वहीं, अकाली दल के बागी गुट के तेवर अभी भी कड़े हैं। बीबी जागीर कौर का दावा है कि उन्होंने अपने नेतृत्व के पक्ष में वोट हासिल करने के लक्ष्य के साथ लगभग 125 सदस्यों का समर्थन हासिल किया है। पांच तख्तों के स्वतंत्र अधिकार का कर रही वादा बीबी जागीर कौर SGPC सदस्यों से पांच तख्तों के जत्थेदारों जैसे सिख संस्थानों और नेताओं के स्वतंत्र अधिकार को बहाल करने और बाहरी राजनीतिक प्रभाव को रोकने के लिए सुधारों का वादा करने का वादा कर रही हैं। इसके साथ ही वे SGPC सदस्यों को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने और भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और धर्म प्रचार लहर जैसी पहल के माध्यम से सिख धार्मिक आउटरीच के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू करने का भी वादा कर रही हैं। धामी गिना रहे अपनी उपलब्धियां अकाली दल का समर्थन पा चुके एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी अपनी पिछली उपलब्धियों के आधार पर फिर से उन्हें वोट देने की मांग कर रहे हैं। जिसमें गोल्डन टेंपल में केंद्रीय सिख संग्रहालय में सिख शहीदों के चित्रों को जोड़ने जैसी पहल भी शामिल है। धामी गुट का कहना है कि अकाली दल बादल गुट चुनाव में पर्याप्त बहुमत हासिल करेगा। उनका आरोप है कि भाजपा और आरएसएस सहित पंथ विरोधी ताकतें एसजीपीसी सदस्यों को प्रभावित करने और सिख संस्थानों पर शिअद के प्रभाव को कमजोर करने के लिए वित्तीय प्रलोभन का उपयोग कर रही हैं। एसजीपीसी सदस्यों की संख्या वर्तमान सदन में 191 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से 170 पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से चुने जाते हैं, 15 सदस्य पूरे देश से नामित होते हैं, 6 सदस्यों में 5 तख्त साहिब के माननीय जत्थेदार और सचखंड श्री हरमंदर साहिब के प्रमुख ग्रंथी शामिल होते हैं। इनमें 30 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कई सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है और कई पद छोड़ चुके हैं। जिनके बाद अब सदस्यों की संख्या तकरीबन 148 रह चुकी है। 2002 में एडवोकेट धामी को मिले थे 104 वोट 2002 एसजीपीसी चुनावों में भी एडवोकेट धामी और बीबी जागीर कौर आमने सामने थे। इस दौरान धामी ने 104 वोट हासिल किए थे। जबकि बीबी जागीर कौर को 45 वोट मिले थे। वहीं, बीते साल एसजीपीसी के कुल 151 सदस्यों में से 136 ने वोट डाले थे। जिनमें एडवोकेट धामी को 118 वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंद्वी बाबा बलबीर सिंह घुनस को सिर्फ 17 वोट मिले थे।
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फाजिल्का में बस व कार की टक्कर:दोनों के परखच्चे उड़े, चालक व सवारियों को आई चोटें; लोग बोले- गड्ढे के कारण हादसा फाजिल्का के जलालाबाद में फिरोजपुर फाजिल्का हाईवे पर बस और कार में भयानक टक्कर हो गई। हादसे में कार चालक और बस में सवार यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं l जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। हादसे बताया बस्ती बाबा सरुप दास कालू वाला के पास हुआ। जहां सड़क पर गड्ढा होने से बेकाबू हुई तेज रफ्तार कार सामने से आ रही बस से जा टकराईl बस ड्राइवर के मुताबिक कार ओवर स्पीड थी l जिस वजह से हादसा हुआ है। फाजिल्का से अमृतसर जा रही थी बस पंजाब रोडवेज के बस ड्राइवर मंगल सिंह ने बताया कि वह फाजिल्का से अमृतसर जा रहे थे, कि सामने से ओवर स्पीड कार आ रही थीl बेकाबू हुई तेज रफ्तार कार ने बस में टक्कर मार दी l इसके बाद बेकाबू हुई बस को उन्होंने बहुत मुश्किल से काबू किया, जिससे यात्रियों की जान बचाई l हालांकि इस हादसे में कार और बस का काफी नुकसान हो गया। उधर मौके पर मौजूद सड़क के पास घर में रहने वाले नत्थू राम ने बताया कि उनके घर के सामने हाईवे पर सड़क में गड्ढा होने की वजह से हादसे हो रहे है l यहां पानी की निकासी होती है। यही वजह है पानी जमा होने से सड़क खराब हो रही है और रोजाना हादसे हो रहे है l
PM की मीटिंग से पहले पंजाब में पुलिस-किसानों की झड़प:जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन एक्वायर करने का विरोध; माहौल तनावपूर्ण
PM की मीटिंग से पहले पंजाब में पुलिस-किसानों की झड़प:जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन एक्वायर करने का विरोध; माहौल तनावपूर्ण पंजाब के मलेरकोटला में जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण करने को लेकर किसानों और पुलिस में झड़प हो गई। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। इसके बाद यहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यहां प्रशासन ने कल मंगलवार को जमीन एक्वायर की थी। इसके बाद आज बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के मेंबर विरोध करने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस के लगाए टिप्पर भी धक्के मारकर वहां से हटा दिए। इसी मामले को लेकर आज बुधवार शाम को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एक हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है। मीटिंग में NHAI के अधिकारियों के अलावा पंजाब सरकार के अधिकारी भी बुलाए गए हैं। इसी मीटिंग में दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे की जमीन अधिग्रहण को लेकर आ रही दिक्कतों पर रिपोर्ट रखी जाएगी। प्रोटेस्ट के PHOTOS… हाईकोर्ट भी सख्त
दूसरी तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट भी जमीन अधिग्रहण को लेकर सख्त है। गत दिनों हुई सुनवाई में HC ने पंजाब सरकार को दो हफ्तों में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी करने को कहा है। 6 सितंबर को हाईकोर्ट में इस मामले में पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाना है। मीटिंग तय होते ही राज्य सरकार हुई एक्टिव
जैसे ही PM कार्यालय की तरफ से NHAI के प्रोजेक्टों को लेकर मीटिंग रखी गई थी। उसके बाद पंजाब सरकार भी एक्टिव हो गई थी। मुख्य सचिव अनुराग वर्मा की तरफ से DGP गौरव यादव को पत्र लिखा गया था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस संबंध में उपायुक्तों के साथ समीक्षा करने पर पाया गया कि दो बहुत छोटे लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सों मलेरकोटला में (1.34 किलोमीटर की दूरी) और कपूरथला में (लगभग 1.25 किलोमीटर की दूरी) पर कब्जा लिया जाना है। इसे 27 अगस्त, 2024 तक लिया जाना है। ऐसे में इसके लिए दोनों जगह पर पुलिस फोर्स मुहैया करवाई जाए। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी का DGP को भेजा लेटर… केंद्र व पंजाब सरकार में चल रहा विवाद
पंजाब में नेशनल हाईवे प्रोजेक्टों की जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी समय से केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है। 16 जुलाई को दिल्ली में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें लोक निर्माण और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ शामिल हुए थे। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब सरकार को पहल के आधार पर हाईवे में आ रही जमीनों के कब्जे दिलाने को कहा था। साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर इस काम में देरी हुई तो प्रोजेक्ट कैंसिल कर देंगे। इसके बाद यह मामला थोड़ा गर्माया था। विरोधियों ने सरकार को घेरा था, लेकिन फिर माहौल शांत हो गया था। ठेकेदारों ने काम बंद करने की चेतावनी दी
फिर 7 अगस्त को NHAI प्रोजेक्टों में काम कर रहे ठेकेदारों ने केंद्र व पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। साथ ही कहा था कि उन्हें भू-माफिया द्वारा जलाने की धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह काम रोक देंगे। इसके बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने DGP को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा था। साथ ही उस समय 2 FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से पंजाब सरकार को पत्र लिखा गया था। NHAI ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
साथ ही NHAI के अधिकारियों और ठेकेदारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। उन्होंने धमकी भी दी थी कि उचित सुरक्षा नहीं मुहैया करवाई गई तो 293 किलोमीटर के 14288 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद कर देंगे। फिर 12 अगस्त को पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया की तरफ से इसी मुद्दे को लेकर अधिकारियों से मीटिंग की गई थी। दूसरी तरफ से इस मामले को लेकर NHAI हाईकोर्ट पहुंची थी। कहा था कि गत साल अक्तूबर में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जमीन का अधिग्रहण कर उन्हें सौंपने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके बाद गत शुक्रवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार ने दो हफ्तों में यह कार्रवाई पूरी करने को कहा था। CM मान ने सहयोग का भरोसा दिलाया
इसके बाद 13 अगस्त को पंजाब CM भगवंत मान ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि ठेकेदारों पर हमले के मामले में दो FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, उन्होंने पत्र में कहा था कि पंजाब में जमीनों की कीमत अन्य राज्य से ऊंची है। ऐसे में किसान जमीन देने से पीछे हट रहे हैं। वह किसानों से मीटिंग कर इस मामले को निपटाएंगे।