बरनाला जिले के विधानसभा क्षेत्र महल कलां के बीहला गांव में सरकारी स्कूल के पुराने कुएं में काम कर रहे एक मजदूर की मिट्टी में दबने मौत हो गई। जेसीबी और ट्रैक्टरों की सहायता मजदूर को कई घंटे के बाद बाहन निकाला। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। कुएं में डाल रहे थे पाइप जानकारी अनुसार मजदूर सोहन खान पुत्र मोहन खान निवासी बीहला गांव के स्कूल में 15 फीट गहरे कुएं में पाइप डालने का काम कर रहा था। जब उसने पाइप डालने के लिए थोड़ी जगह बनाई तो उसके ऊपर कुएं की सारी मिट्टी गिर गई और वह मिट्टी के नीचे दब गया। डॉक्टरों ने किया मृत घोषित इसके बाद गांव के लोगों ने बड़ी मुश्किल से साथ उसे बाहर निकालने के लिए कोशिश की। जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद के साथ कई घंटे बाद मजदूर को मिट्टी के नीचे से बाहर निकाल गया। इसके बाद उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल बरनाला में दाखिल करवाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बरनाला जिले के विधानसभा क्षेत्र महल कलां के बीहला गांव में सरकारी स्कूल के पुराने कुएं में काम कर रहे एक मजदूर की मिट्टी में दबने मौत हो गई। जेसीबी और ट्रैक्टरों की सहायता मजदूर को कई घंटे के बाद बाहन निकाला। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। कुएं में डाल रहे थे पाइप जानकारी अनुसार मजदूर सोहन खान पुत्र मोहन खान निवासी बीहला गांव के स्कूल में 15 फीट गहरे कुएं में पाइप डालने का काम कर रहा था। जब उसने पाइप डालने के लिए थोड़ी जगह बनाई तो उसके ऊपर कुएं की सारी मिट्टी गिर गई और वह मिट्टी के नीचे दब गया। डॉक्टरों ने किया मृत घोषित इसके बाद गांव के लोगों ने बड़ी मुश्किल से साथ उसे बाहर निकालने के लिए कोशिश की। जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद के साथ कई घंटे बाद मजदूर को मिट्टी के नीचे से बाहर निकाल गया। इसके बाद उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल बरनाला में दाखिल करवाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म करने पर राजनीति गरमाई:AAP और SAD ने जताई आपत्ति, बोले- यह पंजाब के हक पर डाका डालने जैसा केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में 40 साल बाद बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया है। अब प्रशासन सलाहकार का पद खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य सचिव का पद सृजित किया गया है। वहीं चंडीगढ़ में दो आईएएस अधिकारियों के पद बढ़ाए गए हैं। अब अधिकारियों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि इस मामले में राजनीति गरमा गई है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि यह फैसला पंजाब के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है। इस बात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चंडीगढ़ बनने के बाद यहां चीफ कमिश्नर का पद हुआ करता था। लेकिन 3 जून 1984 को इस बात को बदल दिया गया। इसके साथ ही चीफ कमिश्नर का पद खत्म कर प्रशासन सलाहकार का पद सृजित किया गया। जबकि अब इस पद को खत्म कर चीफ सेक्रेटरी बना दिया गया है। वहीं जानकारों की मानें तो इस बदलाव से चंडीगढ़ का प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा। चंडीगढ़ में जो भी अधिकारी सलाहकार के पद पर आएगा। वे मुख्य सचिव के पद पर हैं। लेकिन यहां उन्हें सलाहकार कहा जाता है। इसलिए इस पद की मांग लंबे समय से की जा रही थी। चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने की कोशिश शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि चंडीगढ़ के एडवाइजर के पद को खत्म करने की निंदा करता हूं। यह चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को और कमजोर करने के लिए यह भारत सरकार का एक और भेदभावपूर्ण कदम है। मैं केंद्र से आग्रह करता हूँ कि वह देश की ताकत और अन्न भंडार को कमज़ोर न करे क्योंकि इसके दीर्घकालिक परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। चंडीगढ़ और पंजाबी भाषी क्षेत्रों को पंजाब को हस्तांतरित करना और नदी के पानी पर हमारे तटीय अधिकार प्रदान करना आदि पंजाब के 1966 के पुनर्गठन का एकमात्र अधूरा एजेंडा है। मैं पंजाब के लोगों को पंजाब के मुख्यमंत्री की पंजाब विरोधी निर्णयों पर केंद्र के साथ मिलीभगत के खिलाफ भी आगाह करता हू। चंडीगढ़ पर पहला हक पंजाब का है AAP के सीनियर नेता व प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके सलाहकार का एक पद खत्म करके चीफ सेक्रेटरी पद बनाया गया है। यह पंजाब सरकार को बर्दाश्त नहीं है। क्योंकि चंडीगढ़ के प्रशासनिक सिस्टम में तब्दीली करना, पंजाब के हकों पर डाका मारने जैसा है। 40 साल पुराने सिस्टम में तब्दीली करके केंद्र ने चंडीगढ़ से पंजाब के हक को कमजोर किया है। इसे पंजाब कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ पर सबसे पहला अधिकार पंजाब का है। इसलिए केंद्र सरकार से अपील करता हूं चंडीगढ़ में इस तरह कदम उठाने से पहले पंजाब सरकार से बातचीत व सलाह करनी चाहिए थी। गुपचुप तरीके से पंजाब के अधिकारों किया हनन SAD नेता अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा केंद्र ने पंजाब के चुप तरीके से पंजाब के हकों को मारने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव तो राज्यों के होते हैं। चंडीगढ़ को लेकर तो कोई सवाल नहीं है। इस पर तो देश की सांसद व हरियाणा की विधानसभा ने भी मोहर लगाई है कि यह पंजाब का है। फिर केंद्र सरकार क्यों इसे अलग राज्य का दर्जा देने की कोशिश कर रही है। दूसरा सवाल मेरा पंजाब के CM भगवंत मान से भी है। वह राज्य के गृहमंत्री भी हैं। ऐसे में इतना बड़ा फैसला केंद्र सरकार पंजाब सरकार को बताए बिना तो ले नहीं सकती है। क्या इस बारे में पंजाब सरकार को जानकारी थी। जानकारी थी तो यह इतनी बड़ी बात पंजाब सरकार ने पंजाबियों से क्यों छुपाई। क्यों लगातार केंद्र के साथ मिलकर पंजाब के हकों में डाका मारा जा रहा है। कभी ्देश के गृहमंत्री से मुलाकात होती है और BSF राज्य के 40 किलोमीटर तक अंदर आ जाती है। सिटको, बीबीएमबी में हमारी अगुवाई खत्म की गई। पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को खत्म किया जा रहा है। यह बहुत बड़े सवाल हैं। केंद्र सरकार से अपील की है कि पंजाब के हकों पर डाका न मार जाए। केंद्र पंजाब के दावे को कमजोर कर रहा है शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार न पंजाब के अपनी राजधानी पर दावे को कमजोर कर रही है। चंडीगढ़ पंजाब के गांवों की जमीन पर बना है। भारत की संसद ने पहले ही चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को मान्यता दे दी है। जबकि पंजाब की राजधानी को एक स्थायी यूटी में बदलने का मन बना लिया है। इससे पहले इसने यूटी चंडीगढ़ के लिए एक अलग कैडर बनाया था, जिससे पंजाब और हरियाणा का दावा कमजोर हो गया था, जो 60:40 के अनुपात में अधिकारियों को तैनात करते थे।पंजाबियों को इस बात से झटका लगा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इस कदम पर चुप हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने के लिए बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पंजाब और पंजाबी अपने हितों के साथ इस तरह के विश्वासघात को कभी माफ नहीं करेंगे। अब इस तरह रहेगा यूटी प्रशासन का स्ट्रक्चर चीफ सेक्रेटरी – 1 सेक्रेटरी ( होम) 1 सचिव ( फाइनेंस) 1सेक्रेटरी अर्बन प्लानिंग एंड समार्ट सिटी -1 डिप्टी कमिश्नर -1 ज्वाइंट सेक्रेटरी फाइनेंस 1 एक्साइज कमिश्नर 1 सेक्रेटरी (दो पद) एडिशनल सेक्रेटरी एडिशनल डिप्टी कमिश्नर प्रशासक को रिपोर्ट करेंगे चंडीगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद कोई बड़ा फेरबदल नहीं होगा। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो मुख्य सचिव का पद अन्य राज्यों के मुख्य सचिव के पद जैसा ही होगा। चंडीगढ़ में सलाहकार के पद पर एजीयूएमटी कैडर के वरिष्ठ आईएएस की नियुक्ति होती है। इसे मुख्य सचिव के पद के बराबर माना जाता है। जबकि, अन्य राज्यों में मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। इसी तरह मुख्य सचिव सीधे प्रशासक के अधीन रहेंगे और उन्हें रिपोर्ट करेंगे। हालांकि, इस फैसले से यूटी कैडर का दबदबा बढ़ना तय है। क्योंकि अब पदों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।
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लुधियाना में होटल से 16 लाख की लूट:फर्जी CIA बनकर कमरे में घुसे 5-6 लोग, पीड़ित को बांधकर पीटा, पैसे छीने पंजाब के लुधियाना में एक होटल में नकली सीआईए कर्मी बनकर आए बदमाशों ने दो लोगों से मारपीट कर उनसे 16 लाख रुपये और दो मोबाइल फोन लूट लिए। बदमाशों ने एक युवक को बंधक भी बना लिया। घटना के तुरंत बाद पीड़ितों ने शोर मचाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। मॉडल टाउन थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस को जानकारी देते हुए पीड़ित अमरजीत सिंह ने कहा कि उसकी राज कुमार नाम के व्यक्ति के साथ बातचीत चल रही थी। राजकुमार ने उसके दमनप्रीत सिंह को कनाडा भेजना था। इस संबंधी 16 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। 16 लाख रुपए कनाडा पहुंचने के बाद देने थे। अमरजीत सिंह मुताबिक राजकुमार ने उन्हें कहा कि वह अपने लड़के अमित कुमार को भेज रहा है वह उसे सिर्फ 16 लाख रुपए शो कर दें। अमित दिल्ली का रहने वाला है। अमरजीत के मुताबिक उसे अमित कुमार का फोन आया। उसने उससे कहा कि वह होटल रजेंटा क्लासिक में ठहरा है। वह वहीं पैसे लेकर आ जाए। अमरजीत ने कहा कि वह अपने दोस्त गौरव शर्मा के साथ अमित कुमार के पास होटल में ठहर गया। उस समय उसके पास 16 लाख रुपए की नकदी भी थी। सुबह साढ़े तीन बजे होटल में घुसे अपराधी करीब साढ़े तीन बजे अमित कुमार ने कमरे का दरवाजा खोला। तभी पांच से छह लोग जबरन कमरे में घुस आए। उन लोगों ने बताया कि वे सीआईए स्टाफ से हैं। अपराधियों ने उनकी कनपटी पर पिस्तौल रखकर मारपीट की। गौरव शर्मा को बंधक बनाकर 16 लाख रुपए और दोनों मोबाइल लूट लिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जगराओं में घर पहुंचते ही विवाहिता पर हमला:पति के खिलाफ दर्ज कराया था प्रताड़ना का केस, देवर ने छीनी कार की चाबी
जगराओं में घर पहुंचते ही विवाहिता पर हमला:पति के खिलाफ दर्ज कराया था प्रताड़ना का केस, देवर ने छीनी कार की चाबी जगराओं में करीब दस दिन पहले अपने पति पर दहेज प्रताड़ता का मामला दर्ज करवाने के बाद घर गई विवाहिता पर सास, ससुर ने अपने दूसरे बेटे व बहू संग मिलकर हमला कर घायल कर दिया। इस सबंधी पीड़ित महिला ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवा दी। पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद आरोपी सास, ससुर, देवर व देवरानी के खिलाफ केस दर्ज आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान सुखवीर सिंह, कुलदीप सिंह, मनदीप कौर, रविंदर कौर निवासी गांव बडूंदी के रूप में हुई है। जानकारी देते हुए थाना सदर रायकोट के एसआई गुरसेवक सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला गगनदीप कौर निवासी गांव जलालदीवाल ने थाने में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि उसकी शादी 2010 में जसवीर सिंह के साथ शादी हुई थी, लेकिन शादी के बाद उसका पति शराब के नशे में उसके साथ अक्सर मारपीट करने लगा। इतना ही नहीं उसका पति 8 तोले सोने के गहने भी उठाकर ले गया। इस बाबत उसने कई बीर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उसका पति हर बार माफी मांग कर समझौता कर लेता था। जिसे लेकर पंचायत में कई बार उनका फैसला हुआ था। लेकिन उसका पति अपनी आदतों से बाज नहीं आया, उल्टा उसे दहेज को लेकर तंग परेशान करने लगा था। इसे लेकर दस दिन पहले ही अपने पति के खिलाफ थाना रायकोट में मामला दर्ज कराया था। महिला ने बताया कि, वह 27 जुलाई पर अपनी बेटियों व रिश्तेदार के साथ अपने घर गई तो घर पर ताला लगा था। इस दौरान उसके सास, ससुर, देवर व देवरानी आ गए। जिन्होंने उसके साथ बहसबाजी करते हुए हमला कर घायल कर दिया। इतना ही नही ईंट उठाकर उसके सिर पर मार कर लहूलुहान कर दिया। जिसके बाद उसके देवर उससे कार की चाबी छीन ली।