शंभू बॉर्डर पर पंजाब- हरियाणा के बैठे किसानों ने राजपुरा के गगन चौक को जाम करने का फैसला टाल दिया है। पंजाब से हरियाणा जाने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ी राहत है। शंभू बॉर्डर बंद होने के बाद अधिकतर वाहन इसी रूट से दिल्ली की तरफ जा रहे थे। वहीं, पंजाब- हरियाणा के अधिकारियों ने बीते दिनों किसानों की मांगों पर बातचीत की है। जिसके बाद अनुमान है कि किसानों को मनाने की एक और कोशिश जल्द हो सकती है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने दोनों फोरम एसकेएम गैर-राजनैतिक और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की तरफ से जानकारी दी कि आज शंभू बॉर्डर गगन चौक को जाम किया जाना था। लेकिन अब इस फैसले को मुलतवी कर दिया गया है। पंधेर का कहना है कि काफी काम प्रशासन ने कर दिया। लेकिन बिजली वाले मसले पर पंजाब सरकार की मानने को तैयार नहीं है। जो सरकार किसानों के समर्थकों की बात कर रही थी, गर्मी के बावजूद उन्हीं किसानों को बिजली उपलब्ध नहीं करवाई गई। प्रशासन ने समय मांगा है और हमने समय दे दिया है। पंधेर का कहना है कि ये समय उन्होंने लोगों की सुविधा को देखते हुए दिया है, ताकि वे परेशान ना हों। लेकिन अगर सरकार ने उनकी बिजली उपलब्ध करवाने की मांग ना मानी तो जल्द ही रास्ता बंद किया जाएगा। जल्द किसानों से मिल सकती है पावर कमेटी बुधवार शाम ही चंडीगढ़ में सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा गठित पावर कमेटी की चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में पहली मीटिंग हुई। इसमें पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। यह मीटिंग रिटायर जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में हुई। करीब दो घंटे तक चली मीटिंग में प्रत्येक मुद्दे पर मंथन हुआ। जिसके बाद अनुमान है कि आने वाले दिनों में कमेटी संघर्ष पर चल रहे किसानों से मीटिंग करेगी। मीटिंग में क्या विचार किया गया और क्या फैसला हुआ, इस पर किसी भी अधिकारी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। लेकिन अनुमान है कि सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई से पहले किसानों के साथ पावर कमेटी बातचीत कर सकती है। एक साइड खुलवाने की रहेगी कोशिश 13 दिन पहले शंभू बॉर्डर मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान हाई पॉवर कमेटी गठित की थी। साथ ही कहा था कि हम मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। पॉवर कमेटी भी जानती है कि किसानों को एक बैठक में मनाना आसान नहीं होगा। इसलिए वे धीरे-धीरे मांगों को मनवाएंगे। जिसमें उनकी पहली कोशिशें ट्रैक्टर-ट्राली रास्ते से हटवाना और सड़क की एक साइड को खुलवाना प्राथमिकता रहेगी। शंभू बॉर्डर पर पंजाब- हरियाणा के बैठे किसानों ने राजपुरा के गगन चौक को जाम करने का फैसला टाल दिया है। पंजाब से हरियाणा जाने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ी राहत है। शंभू बॉर्डर बंद होने के बाद अधिकतर वाहन इसी रूट से दिल्ली की तरफ जा रहे थे। वहीं, पंजाब- हरियाणा के अधिकारियों ने बीते दिनों किसानों की मांगों पर बातचीत की है। जिसके बाद अनुमान है कि किसानों को मनाने की एक और कोशिश जल्द हो सकती है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने दोनों फोरम एसकेएम गैर-राजनैतिक और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की तरफ से जानकारी दी कि आज शंभू बॉर्डर गगन चौक को जाम किया जाना था। लेकिन अब इस फैसले को मुलतवी कर दिया गया है। पंधेर का कहना है कि काफी काम प्रशासन ने कर दिया। लेकिन बिजली वाले मसले पर पंजाब सरकार की मानने को तैयार नहीं है। जो सरकार किसानों के समर्थकों की बात कर रही थी, गर्मी के बावजूद उन्हीं किसानों को बिजली उपलब्ध नहीं करवाई गई। प्रशासन ने समय मांगा है और हमने समय दे दिया है। पंधेर का कहना है कि ये समय उन्होंने लोगों की सुविधा को देखते हुए दिया है, ताकि वे परेशान ना हों। लेकिन अगर सरकार ने उनकी बिजली उपलब्ध करवाने की मांग ना मानी तो जल्द ही रास्ता बंद किया जाएगा। जल्द किसानों से मिल सकती है पावर कमेटी बुधवार शाम ही चंडीगढ़ में सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा गठित पावर कमेटी की चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में पहली मीटिंग हुई। इसमें पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। यह मीटिंग रिटायर जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में हुई। करीब दो घंटे तक चली मीटिंग में प्रत्येक मुद्दे पर मंथन हुआ। जिसके बाद अनुमान है कि आने वाले दिनों में कमेटी संघर्ष पर चल रहे किसानों से मीटिंग करेगी। मीटिंग में क्या विचार किया गया और क्या फैसला हुआ, इस पर किसी भी अधिकारी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। लेकिन अनुमान है कि सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई से पहले किसानों के साथ पावर कमेटी बातचीत कर सकती है। एक साइड खुलवाने की रहेगी कोशिश 13 दिन पहले शंभू बॉर्डर मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान हाई पॉवर कमेटी गठित की थी। साथ ही कहा था कि हम मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। पॉवर कमेटी भी जानती है कि किसानों को एक बैठक में मनाना आसान नहीं होगा। इसलिए वे धीरे-धीरे मांगों को मनवाएंगे। जिसमें उनकी पहली कोशिशें ट्रैक्टर-ट्राली रास्ते से हटवाना और सड़क की एक साइड को खुलवाना प्राथमिकता रहेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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