बस्ती: 10 साल पहले बनकर तैयार नहर के नाम पर करोड़ों का गबन, डीएम को सौंपी गई जांच

बस्ती: 10 साल पहले बनकर तैयार नहर के नाम पर करोड़ों का गबन, डीएम को सौंपी गई जांच

<p style=”text-align: justify;”><strong>Basti Latest News:</strong> योगी सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर तमाम नेताओं ने आरोप लगाया है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने साफ तौर पर कहा है कि आप सबूत दीजिए हम अपने भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ तत्काल एक्शन लेंगे. बस्ती के एक इंजीनियर साहब का कारनामा सुनेंगे तो आपको यकीन नहीं होगा. कैसे 10 साल पहले पूर्ण हो चुकी एक नहर के नाम पर सरकार का करोड़ों रुपए पानी में बहा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमीन अधिग्रहण के नाम पर इंजीनियर ने ऐसा खेल खेला कि सारे नियम कानून धरे रह गए, जिस नहर में लगातार पानी बह रहा है उस नहर को कागजों में अधूरा दिखाकर किसानों की जमीन की खरीद फरोख्त की गई और लगभग 3 करोड़ से अधिक के सरकारी बजट का बंदरबांट कर लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपदा में भी घोटाले का अवर ढूंढ लिया&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यह मामला भानपुर तहसील क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है, जहां गांव के किनारे से होकर सरयू नहर वर्ष 2000 में बनाई गई. उस वक्त नहर बनाने के लिए 17 से 18 किसानों की जमीन भी अधिग्रहण किया गया, और वर्ष 2005 में नहर का कार्य पूरा हो गया. इसके 15 साल बाद भ्रष्ट इंजीनियर राकेश गौतम बस्ती की कमान संभालने पहुंचे और उन्होंने इस आपदा में भी अवसर ढूंढ लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसानों की जमीन दोबारा खरीदी गई&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिशाषी अभियंता आरके गौतम ने सरयू नहर को अधूरी दिखाकर फिर से पहले अपनी जमीन नहर के नाम पर अपनी जमीन दे चुके किसानों के 7 से 8 रिश्तेदार किसानों की जमीन अधिग्रहण कर साढ़े तीन करोड़ का भुगतान कर दोबारा न्यारा कर दिया गया. शिकायतकर्ता लाल बिहारी का आरोप है कि किसानों से सांठगांठ कर सरयू नहर के अधिकारियों ने दोबारा से किसानों की फर्जी तरीके से जमीन खरीदी गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान ने लगाया गंभीर आरोप&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बस्ती जनपद के भगवानपुर के रहने वाले किसान लाल बिहारी ने सरयू नहर में हुए भ्रष्टाचार और गबन की जांच सतर्कता आयोग से करने की मांग की थी. पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने भी इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिस पर जांच शुरू हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने बताया कि उनके गांव से सरयू नहर की एक शाखा जा रही थी, जिसका गजट सन 2000 में&nbsp; हुआ था जिसमें कुछ काश्तकारों से नहर विभाग ने 26 अगस्त 2000 को नहर की जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिग्रहित भूमि का बैनामा करवाया गया. इसी दौरान गांव की चकबंदी का बजट हो गया था. उसके बाद बैनामा फार्म 23 के आधार पर करवाया गया था, लेकिन ग्राम-भगवानपुर की चकबन्दी निरस्त कर दी गयी और अभिलेख पुनः तहसील में वापस कर दिये गये.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी धन का किया गया दुरुपयोग&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं चकबन्दी निरस्त होने से चौकीदारों का चेक निरस्त हो गया और मूल काश्तकार दोबारा से अपने चको पर कायम हो गये. सरयू नहर विभाग ने जिन नंबरों का दस्तावेज बैनामा वर्ष 2000 को कराया था, जिसके बाद चकबन्दी निरस्त होने पर दोबारा उन्हीं नंबरों का दस्तावेज बैनामा साल 2017 को उसी भूमि का चार गुना दर से बैनामा करा कर सरयू नहर योजना के अधिशाषी अभियंता आरके गौतम ने करोड़ों का गबन किया. वर्ष 2000 में हुए किसानों के जमीन अधिग्रहण के बैनामा के वजूद में रहते दोबारा 15 साल बाद दिनांक 16.12.2017 व 18.12.2017 को फिर से बैनामा करा कर चार गुना धन देकर किसानों से मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी मिली&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता का कहना है कि उक्त बैनामे की कार्यवाही में अधिशाषी अभियन्ता राकेश कुमार गौतम, अवर अभियन्ता बलिकरन चौहान, तत्कालीन इंजीनियर सींचपाल और स्टेनो देवेन्द्र की आपसी सहमति और असली किसानों को धोखा देकर भूमिधरों से अच्छी-खासी कमीशन की राशि ली गई और दोबारा भुगतान कर दिया गया है. इस बैनामे की कार्रवाई धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरुपयोग का जब शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने विरोध किया तो दबंगों ने उसे जान से मारने की धमकी दिए, जिसकी सूचना स्थानीय थाने पर दी गयी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती के जिलाधिकारी को सौंपी गई घोटाले की जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में किसान लाल बिहारी ने शासन को एक शिकायती पत्र के माध्यम से जानकारी दिया गया, जिसमें सिंचाई विभाग लखनऊ के जांच अधिकारी निष्पक्ष जांच करने के बजाय जांच को ही बंद कर दिया. इस बात की जानकारी होते ही पूरे मामले की शिकायत मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को दिया गया है. इस मामले में मुख्य सचिव कार्यालय से जिलाधिकारी बस्ती को इस घोटाले की जांच सौंपी गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती के जिलाधिकारी ने क्या बताया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश के आदेश के बाद जिलाधिकारी बस्ती रवीश कुमार गुप्ता के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी संजीव ओझा इस गबन की जांच कर रहे हैं. मुख्य राजस्व अधिकारी से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि शासन में शिकायत हुई थी जिसकी जांच की जा रही है. कहा कि शिकायतकर्ता को बुलाकर उनका बयान ले लिया गया है. इस संबंध में सभी साक्ष्य लिए गए हैं. प्रकरण अत्यंत गंभीर है जिसके क्रम में जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट जल्द शासन को भेज दी जाएगी ताकि जल्द कार्रवाई हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिशासी अभियंता राकेश कुमार गौतम ने दिया ये जवाब</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिशासी अभियंता राकेश कुमार गौतम से जब हमने इस मामले पर उनका पक्ष लेने के लिए बात किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि सरयू नहर बनाने के लिए विभाग की तरफ से 2017 में कुछ किसानों की जमीन का बैनामा कराया गया था, शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने शासन में कुछ आरोप लगाए है, जो सरासर गलत है. किसानों की जमीन लेकर सरयू नहर के लिए नहर बनाई गई है. इस प्रकरण की कई जांच हो चुकी है. उन्होंने अपना पक्ष जांच अधिकारियों के सामने रख दिया है. उनकी तरफ से कोई जमीन घोटाला नहीं किया गया है. मगर जब उनसे पूछा गया कि जब सरयू नहर का काम वर्ष 2005 में ही पूरा हो चुका था तो फिर 15 साल पर फिर क्यों किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया तो इसका सवाल का वो कोई जवाब नहीं दे सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बस्ती में बेसमेंट में चल रही 4 लाइब्रेरी सील, दिल्ली कोचिंग के हादसे के बाद BDA ने लिया एक्शन” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/basti-district-four-libraries-sealed-action-taken-after-delhi-rao-ias-coaching-accident-ann-2754339″ target=”_self”>बस्ती में बेसमेंट में चल रही 4 लाइब्रेरी सील, दिल्ली कोचिंग के हादसे के बाद BDA ने लिया एक्शन</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Basti Latest News:</strong> योगी सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर तमाम नेताओं ने आरोप लगाया है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने साफ तौर पर कहा है कि आप सबूत दीजिए हम अपने भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ तत्काल एक्शन लेंगे. बस्ती के एक इंजीनियर साहब का कारनामा सुनेंगे तो आपको यकीन नहीं होगा. कैसे 10 साल पहले पूर्ण हो चुकी एक नहर के नाम पर सरकार का करोड़ों रुपए पानी में बहा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमीन अधिग्रहण के नाम पर इंजीनियर ने ऐसा खेल खेला कि सारे नियम कानून धरे रह गए, जिस नहर में लगातार पानी बह रहा है उस नहर को कागजों में अधूरा दिखाकर किसानों की जमीन की खरीद फरोख्त की गई और लगभग 3 करोड़ से अधिक के सरकारी बजट का बंदरबांट कर लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपदा में भी घोटाले का अवर ढूंढ लिया&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यह मामला भानपुर तहसील क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है, जहां गांव के किनारे से होकर सरयू नहर वर्ष 2000 में बनाई गई. उस वक्त नहर बनाने के लिए 17 से 18 किसानों की जमीन भी अधिग्रहण किया गया, और वर्ष 2005 में नहर का कार्य पूरा हो गया. इसके 15 साल बाद भ्रष्ट इंजीनियर राकेश गौतम बस्ती की कमान संभालने पहुंचे और उन्होंने इस आपदा में भी अवसर ढूंढ लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसानों की जमीन दोबारा खरीदी गई&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिशाषी अभियंता आरके गौतम ने सरयू नहर को अधूरी दिखाकर फिर से पहले अपनी जमीन नहर के नाम पर अपनी जमीन दे चुके किसानों के 7 से 8 रिश्तेदार किसानों की जमीन अधिग्रहण कर साढ़े तीन करोड़ का भुगतान कर दोबारा न्यारा कर दिया गया. शिकायतकर्ता लाल बिहारी का आरोप है कि किसानों से सांठगांठ कर सरयू नहर के अधिकारियों ने दोबारा से किसानों की फर्जी तरीके से जमीन खरीदी गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान ने लगाया गंभीर आरोप&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बस्ती जनपद के भगवानपुर के रहने वाले किसान लाल बिहारी ने सरयू नहर में हुए भ्रष्टाचार और गबन की जांच सतर्कता आयोग से करने की मांग की थी. पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने भी इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिस पर जांच शुरू हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने बताया कि उनके गांव से सरयू नहर की एक शाखा जा रही थी, जिसका गजट सन 2000 में&nbsp; हुआ था जिसमें कुछ काश्तकारों से नहर विभाग ने 26 अगस्त 2000 को नहर की जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिग्रहित भूमि का बैनामा करवाया गया. इसी दौरान गांव की चकबंदी का बजट हो गया था. उसके बाद बैनामा फार्म 23 के आधार पर करवाया गया था, लेकिन ग्राम-भगवानपुर की चकबन्दी निरस्त कर दी गयी और अभिलेख पुनः तहसील में वापस कर दिये गये.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी धन का किया गया दुरुपयोग&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं चकबन्दी निरस्त होने से चौकीदारों का चेक निरस्त हो गया और मूल काश्तकार दोबारा से अपने चको पर कायम हो गये. सरयू नहर विभाग ने जिन नंबरों का दस्तावेज बैनामा वर्ष 2000 को कराया था, जिसके बाद चकबन्दी निरस्त होने पर दोबारा उन्हीं नंबरों का दस्तावेज बैनामा साल 2017 को उसी भूमि का चार गुना दर से बैनामा करा कर सरयू नहर योजना के अधिशाषी अभियंता आरके गौतम ने करोड़ों का गबन किया. वर्ष 2000 में हुए किसानों के जमीन अधिग्रहण के बैनामा के वजूद में रहते दोबारा 15 साल बाद दिनांक 16.12.2017 व 18.12.2017 को फिर से बैनामा करा कर चार गुना धन देकर किसानों से मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी मिली&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता का कहना है कि उक्त बैनामे की कार्यवाही में अधिशाषी अभियन्ता राकेश कुमार गौतम, अवर अभियन्ता बलिकरन चौहान, तत्कालीन इंजीनियर सींचपाल और स्टेनो देवेन्द्र की आपसी सहमति और असली किसानों को धोखा देकर भूमिधरों से अच्छी-खासी कमीशन की राशि ली गई और दोबारा भुगतान कर दिया गया है. इस बैनामे की कार्रवाई धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरुपयोग का जब शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने विरोध किया तो दबंगों ने उसे जान से मारने की धमकी दिए, जिसकी सूचना स्थानीय थाने पर दी गयी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती के जिलाधिकारी को सौंपी गई घोटाले की जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में किसान लाल बिहारी ने शासन को एक शिकायती पत्र के माध्यम से जानकारी दिया गया, जिसमें सिंचाई विभाग लखनऊ के जांच अधिकारी निष्पक्ष जांच करने के बजाय जांच को ही बंद कर दिया. इस बात की जानकारी होते ही पूरे मामले की शिकायत मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को दिया गया है. इस मामले में मुख्य सचिव कार्यालय से जिलाधिकारी बस्ती को इस घोटाले की जांच सौंपी गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती के जिलाधिकारी ने क्या बताया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश के आदेश के बाद जिलाधिकारी बस्ती रवीश कुमार गुप्ता के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी संजीव ओझा इस गबन की जांच कर रहे हैं. मुख्य राजस्व अधिकारी से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि शासन में शिकायत हुई थी जिसकी जांच की जा रही है. कहा कि शिकायतकर्ता को बुलाकर उनका बयान ले लिया गया है. इस संबंध में सभी साक्ष्य लिए गए हैं. प्रकरण अत्यंत गंभीर है जिसके क्रम में जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट जल्द शासन को भेज दी जाएगी ताकि जल्द कार्रवाई हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिशासी अभियंता राकेश कुमार गौतम ने दिया ये जवाब</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिशासी अभियंता राकेश कुमार गौतम से जब हमने इस मामले पर उनका पक्ष लेने के लिए बात किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि सरयू नहर बनाने के लिए विभाग की तरफ से 2017 में कुछ किसानों की जमीन का बैनामा कराया गया था, शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने शासन में कुछ आरोप लगाए है, जो सरासर गलत है. किसानों की जमीन लेकर सरयू नहर के लिए नहर बनाई गई है. इस प्रकरण की कई जांच हो चुकी है. उन्होंने अपना पक्ष जांच अधिकारियों के सामने रख दिया है. उनकी तरफ से कोई जमीन घोटाला नहीं किया गया है. मगर जब उनसे पूछा गया कि जब सरयू नहर का काम वर्ष 2005 में ही पूरा हो चुका था तो फिर 15 साल पर फिर क्यों किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया तो इसका सवाल का वो कोई जवाब नहीं दे सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बस्ती में बेसमेंट में चल रही 4 लाइब्रेरी सील, दिल्ली कोचिंग के हादसे के बाद BDA ने लिया एक्शन” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/basti-district-four-libraries-sealed-action-taken-after-delhi-rao-ias-coaching-accident-ann-2754339″ target=”_self”>बस्ती में बेसमेंट में चल रही 4 लाइब्रेरी सील, दिल्ली कोचिंग के हादसे के बाद BDA ने लिया एक्शन</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड नशाखोरी पर सिरमौर पुलिस का एक्शन, तस्कर के घर छापामारी में बरामद हुए 59 लाख कैश, आरोपी फरार