बहराइच हिंसा का आज रविवार को 8वां दिन है। सड़कों पर आज भी सन्नाटा । जगह-जगह फोर्स तैनात है। हालांकि, अब प्रशासन एक्शन में जुट गया है। राम गोपाल की हत्या में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर पर बुलडोजर चल सकता है। इसी घर में भगवा झंडा लहराने के दौरान राम गोपाल को गोली मारी गई थी। PWD की ओर से शुक्रवार रात को महराजगंज में 23 मकानों पर नोटिस चस्पा किए गए। इनमें 20 मुस्लिम और 3 हिंदुओं के मकान हैं। प्रशासन ने 3 दिन का वक्त दिया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर बुलडोजर कार्रवाई हो सकती है। घर पर नोटिस चिपकने के बाद एक महिला गुड़िया जायसवाल फूट-फूटकर रोने लगी। उसने कहा- हमारा घर क्यों तोड़ा जा रहा है? योगी जी अगर हिंदुओं का घर तोड़ने से नहीं रोक पा रहे हैं, तो फिर किसी का घर न तोड़ा जाए। हालांकि, PWD ने एक बयान में कहा- महराजगंज में पहले भी अतिक्रमण हटाया गया था। दोबारा रोड किनारे अतिक्रमण हो गया। इसे हटाया जाएगा। जिन 23 घरों में नोटिस चस्पा किए गए हैं, उनमें हिंसा के आरोपियों में सिर्फ एक नाम अब्दुल हमीद का है। इधर, जिन घरों-दुकानों में नोटिस चस्पा हुए उनमें से कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान खाली करना शुरू कर दिया है। साथ ही कुछ लोगों ने खुद से अपना मकान भी तोड़ना शुरू कर दिया है। अफसरों का कहना है कि 2 से 3 दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे। राहत की बात यह है कि 14 अक्टूबर के बाद आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। इधर, राम गोपाल की पत्नी रोली के बाद उसके पिता कैलाश मिश्रा ने वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- पुलिस ने जो कार्रवाई की है, उससे संतुष्ट नहीं हूं। जैसे मेरा बेटा मारा गया, वैसे आरोपियों को मारा जाए। 13 अक्टूबर यानी रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की थी। शुक्रवार को पुलिस ने 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 89 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… बहराइच हिंसा का आज रविवार को 8वां दिन है। सड़कों पर आज भी सन्नाटा । जगह-जगह फोर्स तैनात है। हालांकि, अब प्रशासन एक्शन में जुट गया है। राम गोपाल की हत्या में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर पर बुलडोजर चल सकता है। इसी घर में भगवा झंडा लहराने के दौरान राम गोपाल को गोली मारी गई थी। PWD की ओर से शुक्रवार रात को महराजगंज में 23 मकानों पर नोटिस चस्पा किए गए। इनमें 20 मुस्लिम और 3 हिंदुओं के मकान हैं। प्रशासन ने 3 दिन का वक्त दिया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर बुलडोजर कार्रवाई हो सकती है। घर पर नोटिस चिपकने के बाद एक महिला गुड़िया जायसवाल फूट-फूटकर रोने लगी। उसने कहा- हमारा घर क्यों तोड़ा जा रहा है? योगी जी अगर हिंदुओं का घर तोड़ने से नहीं रोक पा रहे हैं, तो फिर किसी का घर न तोड़ा जाए। हालांकि, PWD ने एक बयान में कहा- महराजगंज में पहले भी अतिक्रमण हटाया गया था। दोबारा रोड किनारे अतिक्रमण हो गया। इसे हटाया जाएगा। जिन 23 घरों में नोटिस चस्पा किए गए हैं, उनमें हिंसा के आरोपियों में सिर्फ एक नाम अब्दुल हमीद का है। इधर, जिन घरों-दुकानों में नोटिस चस्पा हुए उनमें से कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान खाली करना शुरू कर दिया है। साथ ही कुछ लोगों ने खुद से अपना मकान भी तोड़ना शुरू कर दिया है। अफसरों का कहना है कि 2 से 3 दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे। राहत की बात यह है कि 14 अक्टूबर के बाद आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। इधर, राम गोपाल की पत्नी रोली के बाद उसके पिता कैलाश मिश्रा ने वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- पुलिस ने जो कार्रवाई की है, उससे संतुष्ट नहीं हूं। जैसे मेरा बेटा मारा गया, वैसे आरोपियों को मारा जाए। 13 अक्टूबर यानी रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की थी। शुक्रवार को पुलिस ने 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 89 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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गर्मी ने तोड़ा रिकॉर्ड, ट्रेनों के एसी हो रहे खराब:प्रयागराज, आगरा, झांसी मंडल की 62 ट्रेनों के एसी हुए फेल, 15 दिन में 178 शिकायतें अबकी बार भीषण गर्मी पड़ने का रिकॉर्ड भी टूट रहा है। तेज धूप, लू, तपिश, उमस भरी इस गर्मी में में ट्रेनों के एसी भी जवाब दे जा रहे हैं। इस वक्त रेलवे में शिकायतों का पिटारा एसी की कूलिंग न होने या फिर कम होने को लेकर है। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के तीनों मंडलों की बात करें तो प्रयागराज, आगरा और झांसी मंडल में एसी काम न करने की शिकायतें लगातार बढ़ी हैं। 15 दिनों में 178 शिकायतें यह दर्ज की गई कि ट्रेनों के एसी काम नहीं कर रहे, ऐसे में यात्री गर्मी से परेशान हैं। 139, रेल मदद एप पोर्टल, एक्स पर ऑनलाइन शिकायतें
यह वो शिकायतें हैं जो रेलवे के नंबर 139, रेल मदद एप पोर्टल, एक्स के जरिए की गईं। ऐसे बहुत सारे मामले हैं जिनमें ट्रेनों के बड़े स्टेशन पर पहुंचने पर यात्रियों ने हो हल्ला किया। इतनी शिकायतें करीब 60 से 62 ट्रेनों में आईं। एक तरह से कहा जाए तो गर्मी की वजह से अचानक एक-एक कर करीब 60 ट्रेनों के एसी फेल हो गए। हालांकि शिकायतों के बाद एसी ठीक कराया गया। ऑनलाइन शिकायतों की निगरानी खुद रेलवे अफसरों ने की, इसलिए यात्रियों को जल्दी राहत मिल गई। दिल्ली, मुंबई, बिहार, कोलकाता रूट पर ज्यादा दिक्कत
रेलवे अपने यात्रियों की सुवधाओं, परेशानियों को दूर करने के लिए शिकायत पेटिका के साथ ही ऑनलाइन बात रखने की सुविधा मुहैया करा रहा है। चलती ट्रेन में दिक्कत होने रेलवे ने कई ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाए हैं। शरीर झुलसाती गर्मी में यात्रियों की ज्यादातर शिकायतें भी इसी से जुड़ी आ रही हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा मामले ट्रेनों में एसी के काम न करने को लेकर है। सबसे ज्यादा शिकायतें दिल्ली और मुंबई रूट की ट्रेनों को लेकर आईं। इसके अलावा बिहार, कोलकाता, पुणे, गुजरात, के साथ पूर्वोत्तर जाने वाली ट्रेनों में शिकायतें दर्ज कराई गईं। प्रयागराज की बात करें तो तीन दिन पहले महानगरी एक्सप्रेस और नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस के एसी में कूलिंग न होने को लेकर यात्री बिफर पड़े थे। हालांकि गर्मी में यह परेशानी बढ़ने की वजह से रेलवे ने प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर एक टेक्निकल टीम तैयार रखी है ताकि यात्रियों की पेरशानी दूर की जा सके।
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लुधियाना सेंट्रल जेल में बंदियों में झड़प:बैरक में घुसे हमलावर, हत्या के केस में बंद व्यक्ति पर सुओं से हमला लुधियाना में आज देर शाम सेंट्रल जेल में बंदियों में झड़प हो गई। इस दौरान एक बंदी गंभीर रूप से घायल हुआ, उसे उपचार के लिए पटियाला भेजा गया है। बंदी पर सुओं से कुछ लोगों ने हमला कर दिया। जेल में बंदियों के बीच मारपीट का यह कोई पहला मामला नहीं है। जेल में अक्सर ही मारपीट के मामले सामने आते रहते हैं। घायल व्यक्ति की हालत गंभीर देख उसे डॉक्टरों ने पटियाला राजिंद्रा अस्पताल में रेफर कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, जिस व्यक्ति के सुए लगे हैं उसने शिमलापुरी इलाके में कत्ल किया था। घायल व्यक्ति पर कत्ल का आरोप जानकारी देते हुए घायल जतिंदर जोती ने बताया कि उस पर आरोप है कि उसने पिछले सप्ताह एक व्यक्ति का कत्ल किया है। इस कारण वह जेल में बंद है। आज वह अपनी बैरक में बैठा था। तभी कुछ लोग आए और मारपीट करनी शुरू कर दी। हमलावरों के पास सुएं थे। इस कारण उन लोगों ने उस पर ताबड़तोड़ सुएं मारे। जोती ने कहा कि जिन लोगों ने उस पर हमला किया है उनसे उसकी पुरानी रंजिश है। आज अचानक से हमला करके उन लोगों ने उसके शरीर पर कई जगह घाव दे दिए। हालत ठीक न होने के कारण उसे रेफर किया जा रहा है। जोती ने कहा कि जेल में सुएं या चम्मच मारना बंदियों के लिए आम बात बनी हुई है।
प्रयागराज: वक्फ संपत्तियों की जबरदस्त लूट, माफिया अतीक का इमामबाड़े पर था कब्जा, बनवाया था शापिंग कांप्लेक्स
प्रयागराज: वक्फ संपत्तियों की जबरदस्त लूट, माफिया अतीक का इमामबाड़े पर था कब्जा, बनवाया था शापिंग कांप्लेक्स <p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Act:</strong> केंद्र की मोदी सरकार को लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश करने की जरूरत क्यों पड़ी? अगर यह जानना है तो इसके लिए संगम नगरी प्रयागराज के हालात को ठीक से समझना होगा. वह प्रयागराज, जिसकी पहचान कभी माफिया अतीक अहमद के नाम से होती थी. वह प्रयागराज, जहां वक्फ की दो चार नहीं, बल्कि सैकड़ों संपत्तियों पर अतीक अहमद जैसे माफियाओं का कब्जा रहा है. संगम नगरी की बात की जाए तो यहां सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ की ही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज में कुल 3438 वक्फ संपत्तियां हैं. इनमें 3180 यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन है, जबकि 258 प्रॉपर्टीज का मैनेजमेंट शिया वक्फ बोर्ड देखता है. अनुमान के मुताबिक प्रयागराज में मौजूद वक्फ प्रॉपर्टीज की बाजारू कीमत पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. हालांकि ज्यादातर प्रॉपर्टीज बदहाली में है. कुछ प्रॉपर्टीज माफियाओं के शिकंजे में है तो कुछ पर दूसरे रसूखदार लोगों का कब्जा है. कहीं अतिक्रमण कर लिया गया है तो कहीं नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाई गई हैं. अकेले शहरी इलाके में पचास से ज्यादा वक्फ संपत्तियों पर माफिया अतीक अहमद और उसके गिरोह का कब्जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>संगम नगरी में वक्फ संपत्तियों के साथ किस तरह से खिलवाड़ और मनमानी की गई है, इसका जीता जागता उदाहरण शहर के बहादुरगंज इलाके की बताशा मंडी में स्थित इमामबाड़ा गुलाम हैदर है. तकरीबन आठ सौ वर्ग गज में स्थित यह इमामबाड़ा दो सौ साल पुराना है. यह इमामबाड़ा यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन है. शहर के चौक इलाके से सटे इस इमामबाड़े की जमीन पर माफिया अतीक अहमद की नजर साल 2015 में उस वक्त पड़ी, जब वह समाजवादी पार्टी का नेता हुआ करता था और सूबे में अखिलेश यादव की सरकार थी. अतीक अहमद ने उस वक्त अपने रसूख का इस्तेमाल कर वक्फ विभाग के कैबिनेट मंत्री आजम खान और चेयरमैन वसीम रिजवी पर दबाव बनाकर इमामबाड़ा गुलाम हैदर का मुतवल्ली अपने बेहद करीबी वकार रिजवी को बनवा दिया था. इसके पीछे माफिया की सोच कुछ और ही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुतवल्ली वकार रिजवी ने कुर्सी संभालते ही इमामबाड़े की पुरानी बिल्डिंग को जर्जर बताकर उसे गिरवा दिया. जीर्णोद्धार के नाम पर कुछ ही दिनों में वहां नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए चार मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा कर दिया गया. वहां इमामबाड़ा सिर्फ नाम का बचा. शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण का जिम्मा अतीक अहमद के बेहद करीबी राजीव जैन की कंपनी वर्धमान बिल्डर्स को दिया गया था. यहां इमामबाड़े को एक छोटे से हिस्से में सीमित कर चौंसठ दुकाने बनवाई गई. जानकारी के मुताबिक इस कामर्शियल इलाके में एक-एक दुकान पैंसठ से सत्तर लाख रुपए में बेची गई. इस तरह अतीक और उसके करीबियों ने यहां से तकरीबन चालीस करोड़ रुपए की कमाई की. इस दौरान जिसने भी आवाज उठाने या सवाल पूछने की कोशिश की, उसे माफिया के लोगों ने डरा धमका कर चुप करा दिया. प्रशासन और सरकार भी सिर्फ तमाशबीन बना रहा. सोशल एक्टिविस्ट शौकत भारती ने आवाज उठाई तो उन्हें धमकियां मिली और फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बहरहाल यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ तो सोशल एक्टिविस्ट और इस्लामिक स्कॉलर शौकत भारती ने हिम्मत जुटाकर आवाज उठानी शुरू की. इस मामले में सीबीआई जांच के भी आदेश हुए. माफिया की मर्जी पर इमामबाड़े को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाने के मामले में तूल पकड़ा तो साल 2020 में योगी सरकार ने यहां बुलडोजर चलवाकर अवैध रूप से बनवाए गए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को जमीदोज कर दिया. इसके बाद भी वहां कुछ कामर्शियल एक्टिविटी जारी रही तो करीब साल भर बाद दोबारा कार्रवाई की गई. यह इमामबाड़ा अब भी वीरान पड़ा है. यहां तीन परिवार पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि किसी भी तरह का कानून बने लेकिन उन्हें बेदखल ना किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माफिया अतीक अहमद ने सिर्फ इसी वक्फ संपत्ति पर नज़रें नहीं गड़ाई थी, बल्कि तमाम दूसरी वक्फ संपत्तियों पर भी उसने अपने करीबियों से कब्जा करा रखा था. चकिया इलाके में अपने दफ्तर के बगल स्थित छोटी कर्बला में उसने तालिब नाम के अपने करीबी रिश्तेदार को कब्जा करा दिया था. यहां तमाम दुकानें लगती हैं. इसके अलावा पूरामुफ्ती इलाके में कई वक्फ संपत्तियों पर उसके छोटे भाई अशरफ के ससुराल वालों ने कब्जा कर रखा है. ऐसी ही एक संपत्ति पर प्रशासन ने जून महीने में बुलडोजर चलवाया है. अशरफ के ससुराल वालों ने पुरामुफ्ती इलाके में ही एक वक्फ प्रॉपर्टी पर गलत तरीके से काबिज होकर जो आलीशान मकान और मार्केट बनवाई है, इसकी अनुमानित कीमत तकरीबन पचास करोड़ रुपए है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज में ज्यादातर वक्फ संपत्तियों का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. जरूरतमंदों को वहां घुसने तक की इजाजत नहीं है, जबकि माफिया – अपराधी – बिल्डर और रसूखदार लोग वक्फ की जमीनों से मालामाल हो रहे हैं. प्रयागराज में ज्यादातर वक्फ संपत्तियों की सही देखभाल नहीं होती. तमाम मुतवल्ली लोगों के हाथ की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं. यही वजह है कि प्रयागराज में इमामबाड़ा गुलाम हैदर के साथ ही तमाम वक्फ संपत्तियों के लिए पिछले लंबे अरसे से लड़ाई लड़ रहे सोशल एक्टिविस्ट शौकत भारती का कहना है कि बिल पेश करने या फिर कानून बनाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि वक्फ के नाम पर मची लूट खसोट को रोकने के लिए नियम कानून पर सख्ती से अमल कराना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनके मुताबिक वक्फ प्रापर्टीज के मामले में नेताओं-अफसरों-अपराधियों, पूंजीपतियों और वक्फ बोर्ड का संगठित गिरोह काम करता है. इसी वजह से आवाज उठाने वालों की कहीं कोई सुनवाई नहीं होती और उसका उत्पीड़न किया जाता है. उनके मुताबिक पहले इस नेक्सस को तोड़ना होगा और फिर मजबूत इच्छा शक्ति के साथ सख्ती दिखाते हुए ग्राउंड पर काम करना होगा, तभी कुछ बदलाव हो सकता है और वक्फ संपत्तियां लुटने से बच सकती हैं व जरूरतमंदो के काम आ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/pm-narendra-modi-fulfilled-demand-of-mayawati-and-chandrashekhar-azad-on-sc-st-reservation-2757734″><strong>UP Politics: PM मोदी ने पूरी कर दी मायावती और चंद्रशेखर आजाद की मांग!</strong></a></p>