<p style=”text-align: justify;”><strong>Corbett Tiger Reserve:</strong> देशभर में बाघों की सुरक्षा को लेकर वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) ने बड़ा अलर्ट जारी किया है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में हुए बाघ के शिकार के बाद उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को भी अलर्ट पर रखा गया है. WCCB ने चेतावनी दी है कि शिकारियों के कई बड़े गिरोह सक्रिय हैं, जो बाघों का शिकार करने की ताक में हैं. इसके बाद से कॉर्बेट प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों की पैदल गश्त तेज कर दी गई है, ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है और साथ ही हाथियों और सैटेलाइट तकनीक की मदद से जंगल के हर हिस्से पर नजर रखी जा रही है. कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक व्यस्क बाघ का शिकार किया गया था. यह घटना सामने आने के बाद WCCB ने पूरे देश में बाघों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत सरकार को बाघों के शिकार को लेकर मिली जानकारी<br /></strong>WCCB के मुताबिक, मध्य भारत के टाइगर रिजर्व सबसे ज्यादा खतरे में हैं. खासतौर पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में बाघों के शिकार की आशंका जताई गई है. यहां शिकारियों के संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जो बेहद शातिर तरीके से बाघों का शिकार करते हैं और उनके अंगों की तस्करी करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि टाइगर पोचिंग (बाघों के अवैध शिकार) से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां भारत सरकार द्वारा साझा की गई हैं. इनमें शिकारियों की मूवमेंट और संभावित शिकार के इलाकों के बारे में जानकारी दी गई है. चूंकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है और यहां करीब 250 से ज्यादा बाघ हैं, इसलिए इसे भी अलर्ट पर रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सेटेलाइट तकनीक से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है<br /></strong>कॉर्बेट प्रशासन ने शिकारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए गश्त बढ़ा दी है. ड्रोन कैमरों से जंगल के संवेदनशील इलाकों की निगरानी की जा रही है. हाथियों के जरिए दूर-दराज के इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. सैटेलाइट तकनीक की मदद से भी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>WCCB ने अपनी रिपोर्ट में बावरिया गिरोह का जिक्र किया है, जो देश में वन्यजीवों के अवैध शिकार में सबसे आगे है. यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से बाघों और अन्य वन्यजीवों का शिकार करता है और उनके अंगों की तस्करी करता है. बाघ सिर्फ भारत की राष्ट्रीय धरोहर ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं. अगर बाघों की संख्या कम होती है, तो इसका असर पूरे जंगल के इकोसिस्टम पर पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी कई बार हो चुका है बाघों का शिकार<br /></strong>WCCB ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है, ग्रामीण और जंगली इलाकों में कुछ विशेष शिकारी समुदाय सक्रिय हैं, जो बाघों के शिकार और तस्करी में लिप्त हैं. ये शिकारी बेहद शातिर होते हैं और कुछ ही घंटों में बाघ का मांस आपस में बांटकर सबूत मिटा देते हैं. बाघ की खाल और अन्य अंगों को विदेशों में तस्करी कर देते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पहली बार नहीं है जब बाघों के शिकार को लेकर अलर्ट जारी किया गया हो. बीती 5 जनवरी को भी एक बाघिन का शिकार किया गया था. इसके बाद जांच में खुलासा हुआ कि उस बाघिन के बॉडी पार्ट्स असम के रास्ते म्यांमार तक तस्करी कर दिए गए थे. यही वजह है कि WCCB ने अब पूरे देश में बाघों की सुरक्षा को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> वन्यजीवों की चेन पर पड़ेगा प्रभाव<br /></strong>टाइगर रिजर्व के संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है सैटेलाइट से शिकारियों की मूवमेंट को ट्रैक किया जा रहा है. जंगल के अंदरूनी हिस्सों में वनकर्मियों की पैदल गश्त बढ़ा दी गई है. हाथियों के जरिए ऐसे इलाकों की निगरानी की जा रही है, जहां वाहनों से पहुंचना मुश्किल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाघों की संख्या में कमी होने से वन्यजीवों की चेन बिगड़ सकती है. इससे शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे जंगलों पर दबाव बढ़ेगा. अंततः इसका असर पर्यावरण और मानव जीवन पर भी पड़ेगा. बाघों के शिकार और तस्करी को रोकने के लिए सरकार और वन विभाग सख्त कदम उठा रहे हैं. WCCB के अलर्ट के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व समेत देशभर के टाइगर रिजर्व में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकारियों की हर गतिविधि पर ड्रोन, सैटेलाइट और पैदल गश्त के जरिए नजर रखी जा रही है. सरकार और वन विभाग की यह कोशिश है कि भारत में बाघों की संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें शिकारियों के चंगुल से बचाया जाए. भारत सरकार और राज्य सरकारें बाघों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठा रही हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व समेत सभी टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वन विभाग के कर्मियों को 24×7 निगरानी के आदेश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/acharya-satyendra-das-chief-priest-of-shri-ram-janmabhoomi-has-passed-away-2882583″>राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Corbett Tiger Reserve:</strong> देशभर में बाघों की सुरक्षा को लेकर वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) ने बड़ा अलर्ट जारी किया है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में हुए बाघ के शिकार के बाद उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को भी अलर्ट पर रखा गया है. WCCB ने चेतावनी दी है कि शिकारियों के कई बड़े गिरोह सक्रिय हैं, जो बाघों का शिकार करने की ताक में हैं. इसके बाद से कॉर्बेट प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों की पैदल गश्त तेज कर दी गई है, ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है और साथ ही हाथियों और सैटेलाइट तकनीक की मदद से जंगल के हर हिस्से पर नजर रखी जा रही है. कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक व्यस्क बाघ का शिकार किया गया था. यह घटना सामने आने के बाद WCCB ने पूरे देश में बाघों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत सरकार को बाघों के शिकार को लेकर मिली जानकारी<br /></strong>WCCB के मुताबिक, मध्य भारत के टाइगर रिजर्व सबसे ज्यादा खतरे में हैं. खासतौर पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में बाघों के शिकार की आशंका जताई गई है. यहां शिकारियों के संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जो बेहद शातिर तरीके से बाघों का शिकार करते हैं और उनके अंगों की तस्करी करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि टाइगर पोचिंग (बाघों के अवैध शिकार) से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां भारत सरकार द्वारा साझा की गई हैं. इनमें शिकारियों की मूवमेंट और संभावित शिकार के इलाकों के बारे में जानकारी दी गई है. चूंकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है और यहां करीब 250 से ज्यादा बाघ हैं, इसलिए इसे भी अलर्ट पर रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सेटेलाइट तकनीक से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है<br /></strong>कॉर्बेट प्रशासन ने शिकारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए गश्त बढ़ा दी है. ड्रोन कैमरों से जंगल के संवेदनशील इलाकों की निगरानी की जा रही है. हाथियों के जरिए दूर-दराज के इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. सैटेलाइट तकनीक की मदद से भी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>WCCB ने अपनी रिपोर्ट में बावरिया गिरोह का जिक्र किया है, जो देश में वन्यजीवों के अवैध शिकार में सबसे आगे है. यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से बाघों और अन्य वन्यजीवों का शिकार करता है और उनके अंगों की तस्करी करता है. बाघ सिर्फ भारत की राष्ट्रीय धरोहर ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं. अगर बाघों की संख्या कम होती है, तो इसका असर पूरे जंगल के इकोसिस्टम पर पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी कई बार हो चुका है बाघों का शिकार<br /></strong>WCCB ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है, ग्रामीण और जंगली इलाकों में कुछ विशेष शिकारी समुदाय सक्रिय हैं, जो बाघों के शिकार और तस्करी में लिप्त हैं. ये शिकारी बेहद शातिर होते हैं और कुछ ही घंटों में बाघ का मांस आपस में बांटकर सबूत मिटा देते हैं. बाघ की खाल और अन्य अंगों को विदेशों में तस्करी कर देते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पहली बार नहीं है जब बाघों के शिकार को लेकर अलर्ट जारी किया गया हो. बीती 5 जनवरी को भी एक बाघिन का शिकार किया गया था. इसके बाद जांच में खुलासा हुआ कि उस बाघिन के बॉडी पार्ट्स असम के रास्ते म्यांमार तक तस्करी कर दिए गए थे. यही वजह है कि WCCB ने अब पूरे देश में बाघों की सुरक्षा को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> वन्यजीवों की चेन पर पड़ेगा प्रभाव<br /></strong>टाइगर रिजर्व के संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है सैटेलाइट से शिकारियों की मूवमेंट को ट्रैक किया जा रहा है. जंगल के अंदरूनी हिस्सों में वनकर्मियों की पैदल गश्त बढ़ा दी गई है. हाथियों के जरिए ऐसे इलाकों की निगरानी की जा रही है, जहां वाहनों से पहुंचना मुश्किल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाघों की संख्या में कमी होने से वन्यजीवों की चेन बिगड़ सकती है. इससे शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे जंगलों पर दबाव बढ़ेगा. अंततः इसका असर पर्यावरण और मानव जीवन पर भी पड़ेगा. बाघों के शिकार और तस्करी को रोकने के लिए सरकार और वन विभाग सख्त कदम उठा रहे हैं. WCCB के अलर्ट के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व समेत देशभर के टाइगर रिजर्व में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकारियों की हर गतिविधि पर ड्रोन, सैटेलाइट और पैदल गश्त के जरिए नजर रखी जा रही है. सरकार और वन विभाग की यह कोशिश है कि भारत में बाघों की संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें शिकारियों के चंगुल से बचाया जाए. भारत सरकार और राज्य सरकारें बाघों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठा रही हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व समेत सभी टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वन विभाग के कर्मियों को 24×7 निगरानी के आदेश दिए गए हैं.</p>
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