मध्यप्रदेश स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान को लेकर पंजाब में बवाल मच गया है। 18 मार्च को मुरादाबाद में धीरेंद्र शास्त्री ने हरिहर मंदिर को लेकर बयान दिया था। हालांकि पंजाब के सिख कट्टरपंथी बरजिंदर परवाना ने इसे अमृतसर स्थित हरमंदिर साहिब यानी गोल्डन टेंपल से जोड़ दिया। उसने पंडित शास्त्री को धमकी तक दी कि उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है और चाहे जैसे मर्जी, उन्हें मार डालेंगे। परवाना ने पंडित शास्त्री को पंजाब आने तक की चुनौती दे डाली। पंजाब के कपूरथला जिले के कादराबाद गांव में 26 से 30 नवंबर तक 5 दिन का समागम था। जिसके मंच से परवाना ने बाबा बागेश्वर को यह धमकी दी। वहीं इस मामले में एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया एवं विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने पुलिस से 48 घंटे के भीतर परवाना को गिरफ्तार करने की मांग की है। सिलसिलेवार ढंग से पूरा विवाद पढ़ें बाबा बागेश्वर ने कहा था- हरिहर मंदिर में रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए अब तो आवाज यहां तक भी आ गई। अब तो जल्दी से जल्दी उस मंदिर की पूजा भी प्रारंभ हो जानी चाहिए। अयोध्या में राम जी बैठ गए। काशी में नंदी भगवान निकल आए। यह मुहुर्त है। अब हरि हर मंदिर में भी अभिषेक… रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए। बाबा बागेश्वर के बयान को लेकर कहा जा रहा है कि यह गोल्डन टेंपल के लिए नहीं बल्कि कलकी धाम संभल के लिए था। परवाना ने कहा- गोल्डन टेंपल के लिए यह बात कही बरजिंदर परवाना ने कहा- बागेश्वर धाम वाले साधु ने बयान दिया कि वह जो हरमंदिर है, वहां हम अपनी पूजा करेंगे। अभिषेक करेंगे और मंदिर बनाएंगे। मैं कहता हूं कि आओ, पर एक बात याद रखना, हमने इंदिरा गांधी को मारा। उसे अंदर पैर नहीं रखने दिया। यहां लाखों की फौज आई, उसे हमने गोलियों से भून दिया। बेअंत (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह) को चंडीगढ़ में बम से उड़ाया। बागेश्वर वाला बाबा नोट कर ले कि आज से उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। तुझे भी टकरेंगे और चाहे जैसे मर्जी हो, तुझे भी मार डालेंगे। तू आ तो सही। हरमंदिर साहिब तो दूर, बागेश्वर वाला बाबा अमृतसर या पंजाब में आकर दिखाए। शांडिल्य बोले- हिंदू-सिख भाईचारा तोड़ने की साजिश वहीं इस मामले में एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया एवं विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने परवाना की धमकी का कड़ा विरोध किया। शांडिल्य ने कहा कि बरजिंद्र परवाना को 48 घंटे में गिरफ्तार किया जाए। इस बारे में उन्होंने पंजाब और हरियाणा के DGP को शिकायत भी भेजी। शांडिल्य ने आरोप लगाया कि परवाना ने हिंदू-सिख भाईचारे को तोड़ने की साजिश की है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो फिर वह इसको लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाएंगे। पटियाला हिंसा में पकड़ा जा चुका बरजिंदर परवाना बरजिंदर परवाना पहले भी विवादों में रहा है। साल 2022 में पटियाला में हिंसा में भी वह आरोपी था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था। परवाना मूल रूप से पटियाला के राजपुरा का रहने वाला है। वह 2007-08 के दौरान सिंगापुर गया था। वहां करीब डेढ़ साल रहने के बाद वापस पंजाब लौट आया। यहां आकर परवाना ने दमदमी टकसाल राजपुरा के नाम से एक जत्था बनाया और खुद उसका मुखिया बन गया। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन में भी परवाना शामिल रहा। वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहता है और उस पर भड़काऊ बयानबाजी के आरोप लगते रहते हैं। मध्यप्रदेश स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान को लेकर पंजाब में बवाल मच गया है। 18 मार्च को मुरादाबाद में धीरेंद्र शास्त्री ने हरिहर मंदिर को लेकर बयान दिया था। हालांकि पंजाब के सिख कट्टरपंथी बरजिंदर परवाना ने इसे अमृतसर स्थित हरमंदिर साहिब यानी गोल्डन टेंपल से जोड़ दिया। उसने पंडित शास्त्री को धमकी तक दी कि उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है और चाहे जैसे मर्जी, उन्हें मार डालेंगे। परवाना ने पंडित शास्त्री को पंजाब आने तक की चुनौती दे डाली। पंजाब के कपूरथला जिले के कादराबाद गांव में 26 से 30 नवंबर तक 5 दिन का समागम था। जिसके मंच से परवाना ने बाबा बागेश्वर को यह धमकी दी। वहीं इस मामले में एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया एवं विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने पुलिस से 48 घंटे के भीतर परवाना को गिरफ्तार करने की मांग की है। सिलसिलेवार ढंग से पूरा विवाद पढ़ें बाबा बागेश्वर ने कहा था- हरिहर मंदिर में रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए अब तो आवाज यहां तक भी आ गई। अब तो जल्दी से जल्दी उस मंदिर की पूजा भी प्रारंभ हो जानी चाहिए। अयोध्या में राम जी बैठ गए। काशी में नंदी भगवान निकल आए। यह मुहुर्त है। अब हरि हर मंदिर में भी अभिषेक… रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए। बाबा बागेश्वर के बयान को लेकर कहा जा रहा है कि यह गोल्डन टेंपल के लिए नहीं बल्कि कलकी धाम संभल के लिए था। परवाना ने कहा- गोल्डन टेंपल के लिए यह बात कही बरजिंदर परवाना ने कहा- बागेश्वर धाम वाले साधु ने बयान दिया कि वह जो हरमंदिर है, वहां हम अपनी पूजा करेंगे। अभिषेक करेंगे और मंदिर बनाएंगे। मैं कहता हूं कि आओ, पर एक बात याद रखना, हमने इंदिरा गांधी को मारा। उसे अंदर पैर नहीं रखने दिया। यहां लाखों की फौज आई, उसे हमने गोलियों से भून दिया। बेअंत (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह) को चंडीगढ़ में बम से उड़ाया। बागेश्वर वाला बाबा नोट कर ले कि आज से उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। तुझे भी टकरेंगे और चाहे जैसे मर्जी हो, तुझे भी मार डालेंगे। तू आ तो सही। हरमंदिर साहिब तो दूर, बागेश्वर वाला बाबा अमृतसर या पंजाब में आकर दिखाए। शांडिल्य बोले- हिंदू-सिख भाईचारा तोड़ने की साजिश वहीं इस मामले में एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया एवं विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने परवाना की धमकी का कड़ा विरोध किया। शांडिल्य ने कहा कि बरजिंद्र परवाना को 48 घंटे में गिरफ्तार किया जाए। इस बारे में उन्होंने पंजाब और हरियाणा के DGP को शिकायत भी भेजी। शांडिल्य ने आरोप लगाया कि परवाना ने हिंदू-सिख भाईचारे को तोड़ने की साजिश की है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो फिर वह इसको लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाएंगे। पटियाला हिंसा में पकड़ा जा चुका बरजिंदर परवाना बरजिंदर परवाना पहले भी विवादों में रहा है। साल 2022 में पटियाला में हिंसा में भी वह आरोपी था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था। परवाना मूल रूप से पटियाला के राजपुरा का रहने वाला है। वह 2007-08 के दौरान सिंगापुर गया था। वहां करीब डेढ़ साल रहने के बाद वापस पंजाब लौट आया। यहां आकर परवाना ने दमदमी टकसाल राजपुरा के नाम से एक जत्था बनाया और खुद उसका मुखिया बन गया। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन में भी परवाना शामिल रहा। वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहता है और उस पर भड़काऊ बयानबाजी के आरोप लगते रहते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
कपूरथला पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य:ममता कुमारी ने जेल का किया निरीक्षण, बोली- महिला बंदियों को दिया जाए काम
कपूरथला पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य:ममता कुमारी ने जेल का किया निरीक्षण, बोली- महिला बंदियों को दिया जाए काम राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने आज कपूरथला पहुंची। उन्होंने सेंट्रल जेल का दौरा किया। इस दौरान महिलाओं के मानव अधिकारों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया। उन्होंने DC अमित कुमार पांचाल के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की। सेंट्रल जेल का दौरा कर उन्होंने कैदियों के मानवाधिकार की रक्षा के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने केन्द्रीय जेल में महिला बंदियों से बातचीत की तथा उनकी कठिनाइयों को सुना तथा नियमानुसार मिलने वाली निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जानकारी प्राप्त की। महिला कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता के दिए निर्देश ममता कुमारी ने केंद्रीय जेल और प्रशासनिक अधिकारियों को जरूरतमंद महिला कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिए। ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने के बावजूद अपनी रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि बंदियों के पास आधार कार्ड होना जरूरी है। इसके लिए सेंट्रल जेल में कैंप लगाया जाए। इसके अलावा सेंट्रल जेल में बंद विधवा महिलाओं को पेंशन देने का व्यवस्था की जाए। महिला बंदियों को काम देने की कही बात उन्होंने जेल में महिला बंदियों को उनकी कुशलता के अनुरूप काम देने की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और कहा कि उन्हें उनकी कुशलता के अनुरूप काम दिया जाए। ताकि वे नए ढंग से जीवन शुरू कर समाज की प्रगति में भागीदारी निभा सकें। ममता ने कहा कि जेल में कैदियों के व्यवहार में सुधार के लिए जागरूकता प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए। ताकि यह वास्तव में सुधार गृह बन सके। ममता कुमारी ने बेसहारा महिलाओं को दी जा रही सुविधाएं आवास, भोजन और मुफ्त कानूनी सहायता जैसी सुविधाएं बेहतर बनाने को कहा। उन्होंने आगामी सर्दी के मौसम को देखते हुए ठंड से बचाव के लिए आवश्यक इंतजाम करने को भी कहा। जेल में निशुल्क कानूनी सेवाओं का चलेगा अभियान इससे पहले DC अमित कुमार पांचाल के नेतृत्व में कमिश्नर के सदस्यों का स्वागत किया गया। उन्होंने आयोग की सदस्य को बताया कि सेंट्रल जेल में प्रत्येक शुक्रवार को विशेष चिकित्सा कैंप का आयोजन किया जाता है। ताकि कैदी अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान कर सकें। उन्होंने कहा कि जेल में निशुल्क कानूनी सेवाओं के तहत विशेष अभियान चलाया जायेगा। ताकि हर जरूरतमंद को कानूनी मदद मिल सकें।
इस अवसर पर ADC (जनरल) नवनीत कौर बल्ल, नगर निगम कमिश्नर अनुपम कलेर, एसपी सरबजीत रॉय, एसडीएम मेजर इरविन कौर, जिला प्रोग्राम अधिकारी राजीव ढांडा, सेंट्रल जेल के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में नहीं की रिपोर्ट पेश:अफसरों-नेताओं पर हुए खर्च का मांगा ब्यौरा; चंडीगढ़ और हरियाणा सरकार को भी आदेश
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में नहीं की रिपोर्ट पेश:अफसरों-नेताओं पर हुए खर्च का मांगा ब्यौरा; चंडीगढ़ और हरियाणा सरकार को भी आदेश पंजाब में कितने लोगों को कितनी सुरक्षा और उस पर कितना खर्च आया इसे लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए 27 मई का समय दिया था। लेकिन पंजाब सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। जिसके बाद 24 घंटे का समय देते हुए हाईकोर्ट ने आज जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। अब इस मामले में देखना ये है कि पंजाब सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जाता है या फिर पंजाब सरकार रिपोर्ट सबमिट करने के लिए और समय मांगती है। 16 में को दिए थे हाईकोर्ट ने आदेश हाईकोर्ट ने 16 मई को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब व हरियाणा सरकार के साथ साथ चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए थे कि 27 मई को अगली सुनवाई तक कोर्ट को विस्तारपूर्वक यह बताया जाए कि कितने व्यक्तियों को पुलिस सुरक्षा दी गई है। कितने जवान सुरक्षा में तैनात हैं और सुरक्षा लेने वाला व्यक्ति किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है। किस धार्मिक या सामजिक संस्था से जुड़ा है। कितने सेलिब्रेटी हैं और कितने ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें जान-माल के खतरे को देखते हुए सुरक्षा दी गई। तीनों को विस्तार पूर्वक रिपोर्ट देनी होगी जिसका जिम्मा पुलिस प्रमुखों का होगा। कोर्ट ने कहा कि यह भी बताया जाए कि सुरक्षा में कितने पुलिस वाले और किस रैंक के कर्मी तैनात हैं और सरकारों व प्रशासन पर इसकी एवज में राजस्व का कितना बोझ पड़ा हुआ है। समाज में प्रतिष्ठा बनाने के लिए लोग लेते हैं सुरक्षा जस्टिस मनुजा ने कहा कि पुलिस सुरक्षा लेना, समाज में प्रतिष्ठा बन गई है और शान समझी जाती है जिसका खर्च सरकार वहन कर रही है जो कि असंवैधानिक है। कोर्ट ने सुरक्षा लेने वाले से सुरक्षा का खर्च वसूलने की बात कहते हुए सरकारों व यू.टी. प्रशासन को यह भी बताने को कहा था कि कितने ऐसे लोग हैं जिन्हें धमकी के कारण या बड़े आपराधिक मामलों में गवाह होने के कारण सुरक्षा दी गई है। उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने को भी कहा गया था। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि अभी कितने वी.आई.पी. और वी.वी.आई.पी. या सेलिब्रेटी सुरक्षा का खर्च दे रहे हैं और कितना राजस्व सरकार को मिल रहा है। और समय मिलना अब मुश्किल पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि चुनावी माहौल चल रहा है, राज्य में वी.वी.आई.पी. मूवमैंट है, मंगलवार को प्रधानमंत्री का दौरा है इसलिए डी.जी.पी. को राज्य में रहना अनिवार्य है। अधिवक्ता ने कोर्ट से सुरक्षा खर्च का ब्यौरा एकत्रित करने और खर्च वसूलने की ड्राफ्ट पॉलिसी बनाने को समय की मांग की। जिस पर कोर्ट ने समय देने से इंकार करते हुए अधिवक्ता को सरकार से बात कर 5 बजे से पहले यह बताने को कहा कि क्या मंगलवार तक विस्तृत ड्राफ्ट रिपोर्ट कोर्ट में पेश हो सकती है या नहीं। अधिवक्ता ने कुछ देर बाद कोर्ट में हामी भरी कि मंगलवार को पंजाब सरकार की ओर से ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई मंगलवार 2 बजे तक स्थगित कर दी। चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार को भी इस सम्बन्ध में पक्ष रखने के आदेश दिए गए हैं।
CM भगवंत मान ने AAP की पंजाब प्रधानगी छोड़ी:हिंदू चेहरा अरोड़ा नए अध्यक्ष बने, विधायक कलसी को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया
CM भगवंत मान ने AAP की पंजाब प्रधानगी छोड़ी:हिंदू चेहरा अरोड़ा नए अध्यक्ष बने, विधायक कलसी को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया पंजाब के CM भगवंत मान ने शुक्रवार (22 नवंबर) को आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ दिया। मंत्री अमन अरोड़ा को नया अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि अमनशेर सिंह शैरी कलसी को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया है। CM भगवंत मान ने सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी। CM की तरफ से पहले अमन अरोड़ा काे अध्यक्ष व शैरी कलसी काे उपाध्यक्ष बनाए जाने की पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली गई, लेकिन इसके तुरंत बाद सीएम की तरफ से दोबारा पोस्ट की गई। जिसमें कहा गया कि शैरी कलसी को वर्किंग प्रेसिडेंट लगाया है। CM ने दूसरे पोस्ट में लिखा – आज मैंने पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी अपने 2 करीबी साथी कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी को सौंप दी है। पार्टी ने फैसला किया है कि अमन अरोड़ा पार्टी अध्यक्ष और शैरी कलसी वर्किंग प्रेसिडेंट के तौर पर काम करेंगे। मुझे अपने दोनों साथियों पर पूरा विश्वास है कि वे आने वाले समय में पार्टी और संगठन को पंजाब में और मजबूत करेंगे और नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे। इससे पहले जून 2023 में प्रोफेसर बुद्ध राम को कार्यकारी प्रधान बनाया गया था। CM भगवंत मान की सोशल मीडिया (X) पर पहली डाली… कांग्रेस जैसे हिंदू-सिख कॉम्बिनेशन पर चली AAP
AAP ने पंजाब में हिंदू और सिख के कॉम्बिनेशन की प्रक्रिया को अपनाया है। इसमें सिख चेहरे के तौर पर भगवंत मान मुख्यमंत्री होंगे। वहीं हिंदू चेहरे के तौर पर अमन अरोड़ा प्रधान बनाए गए हैं। इससे पहले कांग्रेस इस फॉर्मूले पर काम करती थी। उनकी सरकार में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री रहे तो प्रधान हिंदू चेहरे सुनील जाखड़ को बनाया गया था। पिता मंत्री रहे, उनके निधन के बाद राजनीतिक विरासत संभाली
अमन अरोड़ा लंबे समय तक कांग्रेस से भी जुड़े रहे। उनके पिता स्वर्गीय बाबू भगवान दास अरोड़ा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे। 1992 और 1997 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करके बाबू भगवान दास अरोड़ा ने सियासत में अपना दमखम दिखाया। हालांकि साल 2000 में उनका निधन हो गया। इसके बाद अमन अरोड़ा ने उनकी सियासी विरासत संभाली। कांग्रेस में 2 बार हारे, AAP में लगातार दूसरी बार MLA बने
अमन अरोड़ा संगरूर जिले के सुनाम से दूसरी बार के विधायक हैं। हालांकि दोनों बार उन्हें AAP की टिकट पर कामयाबी मिली। उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए। इसके बाद अमन अरोड़ा ने 2016 में AAP का दामन थाम लिया और 2017 का विधानसभा चुनाव करीब 30 हजार मतों के अंतर से जीते। विपक्ष में रहने के बावजूद वह संघर्ष करते रहे। पंजाब में 2022 के चुनाव में 75,277 के अंतर से सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने सुनाम से कांग्रेस के जसविंदर धीमान को हराया था। दूसरी बार में मंत्री बने अरोड़ा
अमन अरोड़ा को प्रधान जैसे पद की जिम्मेदारी के बीच उनका मंत्री को लेकर सिलेक्शन चौंकाने वाला रहा। 2022 में जब AAP ने पंजाब की 117 में से 92 सीटें जीतीं तो तब उनका मंत्री बनना तय था। हालांकि पहली कैबिनेट से उनका नाम गायब रहा। मंत्री न बनाए जाने पर अमन अरोड़ा ने कहा था कि मेरी कोई कमी रह गई होगी, जो मेरा नाम रह गया। मैं उसे दूर करूंगा। मैं पार्टी का छोटा वर्कर हूं और पार्टी जहां भी ड्यूटी लगाएगी। वह काम करूंगा। इसके बाद जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो उन्हें मंत्री बनाया गया।