भास्कर न्यूज | अमृतसर ग्रीन फील्ड स्थित श्री मुक्ति नारायण धाम तिरूपति बालाजी मंदिर में श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा का आयोजन किया गया। हेम कुंज बंधू द्वारा संगीतमय धुन पर गाई कथा दौरान कई भक्तजन शामिल रहे। इससे पहले भक्तों ने मिलकर पवित्र ज्योति जलाई और ठाकुर जी की आरती उतारी। महाराज ने कथा में कहा कि भगवान श्री कृष्ण के मुख्य से निकला हरेक शब्द सत्य है। कथा सुनने और करने मात्र से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं। अंत में कई भक्तों ने भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर चरणजीत अग्निहोत्री, चरणजीत भास्कर, धर्मपाल पराशर, रवि शर्मा, संजीव शर्मा, पंडित विजय शास्त्री, विष्णु, अशोक चोपड़ा परिवार समेत कई भक्तजन मौजूद थे। भास्कर न्यूज | अमृतसर ग्रीन फील्ड स्थित श्री मुक्ति नारायण धाम तिरूपति बालाजी मंदिर में श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा का आयोजन किया गया। हेम कुंज बंधू द्वारा संगीतमय धुन पर गाई कथा दौरान कई भक्तजन शामिल रहे। इससे पहले भक्तों ने मिलकर पवित्र ज्योति जलाई और ठाकुर जी की आरती उतारी। महाराज ने कथा में कहा कि भगवान श्री कृष्ण के मुख्य से निकला हरेक शब्द सत्य है। कथा सुनने और करने मात्र से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं। अंत में कई भक्तों ने भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर चरणजीत अग्निहोत्री, चरणजीत भास्कर, धर्मपाल पराशर, रवि शर्मा, संजीव शर्मा, पंडित विजय शास्त्री, विष्णु, अशोक चोपड़ा परिवार समेत कई भक्तजन मौजूद थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कला, साहित्य, संस्कृति और संगीत का एक समन्वय पर्व है दुर्गा पूजा भास्कर न्यूज | लुधियाना शारदीय नवरात्र में बंगाल में मनाया जाने वाला दुर्गापूजा पर्व बंगाल का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। वास्तव में यह पर्व कला, साहित्य, संस्कृति और संगीत का एक समन्वय है। लुधियाना शहर में बांगिया समसद की ओर से दुगरी रोड स्थित द इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियर्स इंडिया कांप्लेक्स में 63वां श्रीश्री दुर्गा पूजा फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बंगाली कल्चरल क्लब की ओर से 25वीं लुधियाना कालीबारी का आयोजन जमालपुर फेस-1 अर्बन स्टेट में किया जा रहा है। मंगलवार को मां दुर्गा जी की सुबह षष्टी पूजा की गई और शाम के समय बोधन किया गया। जिसमें मां दुर्गा को शस्त्र दिए गए। बांगिया समसद के जनरल सचिव सुमंत्रा ढोले, सुजीत बेनर्जी, नारायण बनर्जी और चेयरमैन केके गर्ग ने बताया कि इस दौरान सभी भक्त नए-नए कपड़े पहनकर दुर्गा पांडाल में पहुंचते है और पूजा-अर्चना करते है। इस दौरान पांडालों में नृत्य, संगीत और रंगमंच का आयोजन भी किया जाता है। पहले दिन रात के समय व्यंजन का आयोजन किया गया। जिसमें सभी अपने-अपने घरों से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर लाए। जिसमें मुख्यातिथियों द्वारा इसका स्वाद चखा गया। सिंदूर खेला, धुनुची नाच और विसर्जन : नवरात्र के अंतिम दिन, विवाहित महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला खेलकर मनाया जाता है, जहां वे एक-दूसरे पर सिंदूर लगा सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। यह दिन महिषासुर पर दुर्गा की जीत का प्रतीक है। उत्सव का समापन ऊर्जावान धुनुची नाच और मूर्तियों के विसर्जन के साथ होता है, जो देवी के अपने दिव्य घर में लौटने का प्रतीक है। सुजीत बेनर्जी ने बताया कि दुर्गा पूजा की तैयारियां जुलाई में रथ यात्रा के दिन की जाने वाली ‘पाटा पूजा’ से शुरू होती हैं। इस अनुष्ठान के दौरान, मूर्तियों के लिए आधार बनाने वाले लकड़ी के फ्रेम या ‘पाटा’ की पूजा की जाती है। अंधिवास : बोधन के बाद, देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रतीकात्मक प्रसाद चढ़ाया जाता है। बोधन : यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान त्योहार के छठे दिन षष्ठी को होता है। इसमें घटस्थापना (देवी का आह्वान) और प्राणप्रतिष्ठा (मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा) शामिल है, जो देवी दुर्गा के जागरण और स्वागत का प्रतीक है। देवी का आह्वान किया: आयोजकों के मुताबिक मंगलवार को पहले दिन बोधन, अधिवास का आयोजन किया जाता है। बोधन: यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान त्योहार के छठे दिन षष्ठी को होता है। इसमें घटस्थापना (देवी का आह्वान) और प्राणप्रतिष्ठा (मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा) शामिल है, जो देवी दुर्गा के जागरण और स्वागत का प्रतीक है।
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फाजिल्का में युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान:7 साल पहले हो गई थी मां-बाप की मौत, डिप्रेशन में आकर किया सुसाइड पंजाब के फाजिल्का में एक 23 वर्षीय युवक ने दिल्ली-फाजिल्का ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान गांव नुकेरिया के रहने वाले कर्मजीत सिंह के रूप में हुई है। रेलवे पुलिस अधिकारी भजन लाल के अनुसार, घटना मंडी रोड़ावाली के पास हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कर्मजीत लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रहा था। लगभग 7 वर्ष पहले उसके पिता की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी, जबकि उसकी माता की सर्प दंश से मृत्यु हुई थी। माता-पिता की असामयिक मृत्यु के बाद से वह गंभीर मानसिक तनाव में था। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में भेज दिया है। मामले में बीएनएस की धारा 194 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और समय पर मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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