बिलासपुर एसपी ऑफिस पहुंचे मृतक के परिजन:निष्पक्ष जांच करने की उठाई मांग, हत्या के बाद शव फेंकने का आरोप

बिलासपुर एसपी ऑफिस पहुंचे मृतक के परिजन:निष्पक्ष जांच करने की उठाई मांग, हत्या के बाद शव फेंकने का आरोप

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बीती 19 जून को कीरतपुर नेरचौक फोरलेन पर गांव पट्टा पुल के पास मिले शव के मामले को लेकर परिजनों और ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला मुख्यालय पर पहुंचा। जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मिलकर उन्हें मामले में जांच कराने की मांग की। जिसमें मांग की गई कि मृतक पवन कुमार की मौत के कारण का पता किया जाए। परिजनों ने जांच की मांग लोगों ने बताया कि पेशे से ट्रक चालक मृतक पवन कुमार पुत्र श्रवण कुमार निवासी गांव जोल कल्लर का शव बीती 10 जून की रात्रि को संदिग्ध हालत में पट्टा पुल के नीचे मिला था। जिस अवस्था में मृतक का शव मौके पर पड़ा था, उससे साफ जाहिर होता है कि मृतक को मारने के बाद मौके पर फेंका गया था। हत्या के बाद शव फेंकने का आरोप परिजनों ने मांग की है कि दाड़लाघाट से गांव पट्टा आने तक बीच रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और मौके पर जहां ट्रक खड़ा था, वहां भी सीसीटीवी कैमरा लगा है। तमाम सीसीटीवी कैमरा की फुटेज देखी जाए और मोबाइल जो पुलिस के कब्जे में है। उसकी भी कॉल डिटेल निकाली जाए। मामले की उचित कार्रवाई हो और परिजनों को न्याय दिलाया जाए। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बीती 19 जून को कीरतपुर नेरचौक फोरलेन पर गांव पट्टा पुल के पास मिले शव के मामले को लेकर परिजनों और ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला मुख्यालय पर पहुंचा। जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मिलकर उन्हें मामले में जांच कराने की मांग की। जिसमें मांग की गई कि मृतक पवन कुमार की मौत के कारण का पता किया जाए। परिजनों ने जांच की मांग लोगों ने बताया कि पेशे से ट्रक चालक मृतक पवन कुमार पुत्र श्रवण कुमार निवासी गांव जोल कल्लर का शव बीती 10 जून की रात्रि को संदिग्ध हालत में पट्टा पुल के नीचे मिला था। जिस अवस्था में मृतक का शव मौके पर पड़ा था, उससे साफ जाहिर होता है कि मृतक को मारने के बाद मौके पर फेंका गया था। हत्या के बाद शव फेंकने का आरोप परिजनों ने मांग की है कि दाड़लाघाट से गांव पट्टा आने तक बीच रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और मौके पर जहां ट्रक खड़ा था, वहां भी सीसीटीवी कैमरा लगा है। तमाम सीसीटीवी कैमरा की फुटेज देखी जाए और मोबाइल जो पुलिस के कब्जे में है। उसकी भी कॉल डिटेल निकाली जाए। मामले की उचित कार्रवाई हो और परिजनों को न्याय दिलाया जाए।   हिमाचल | दैनिक भास्कर