बिलासपुर हिमाचल पुलिस की स्पेशल टीम ने पेट्रोलिंग के दौरान दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। पंजगाई के पास टीम ने दो व्यक्तियों के पास से 9.94 ग्राम चिट्टा बरामद किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुभाष चंद (निवासी धोन कोठी) और अविनाश शर्मा (निवासी पंजगाई, बिलासपुर) के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का इस मामले में कहना है कि वे यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि यह ड्रग कहां से लाया गया था और इसका वितरण किस प्रकार किया जा रहा था। बिलासपुर पुलिस का यह अभियान नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए पुलिस हर संभव कदम उठा रही है। बिलासपुर हिमाचल पुलिस की स्पेशल टीम ने पेट्रोलिंग के दौरान दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। पंजगाई के पास टीम ने दो व्यक्तियों के पास से 9.94 ग्राम चिट्टा बरामद किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुभाष चंद (निवासी धोन कोठी) और अविनाश शर्मा (निवासी पंजगाई, बिलासपुर) के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का इस मामले में कहना है कि वे यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि यह ड्रग कहां से लाया गया था और इसका वितरण किस प्रकार किया जा रहा था। बिलासपुर पुलिस का यह अभियान नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए पुलिस हर संभव कदम उठा रही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में हिन्दू समुदाय ने निकाली आक्रोश रैली:संजौली की मस्जिद को गिराने की मांग; समुदाय विशेष पर माहौल खराब करने का आरोप
शिमला में हिन्दू समुदाय ने निकाली आक्रोश रैली:संजौली की मस्जिद को गिराने की मांग; समुदाय विशेष पर माहौल खराब करने का आरोप हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में बनी एक मस्जिद को लेकर रविवार को खूब बवाल हुआ है। हिन्दू समुदाय के सैकड़ों लोगों ने मस्जिद के खिलाफ संजौली में विशाल आक्रोश रैली निकाली। इस दौरान भीड़ ने सड़क पर बैठ कर दुकान लगाने वाले विशेष समुदाय के लोगों की दुकानें भी बन्द करवाई है। संजौली में बनी मस्जिद के बाहर जोरदार नारेबाजी करते हुए मस्जिद अवैध करार देते हुए।उसे हटाने के मांग की और 5 घण्टे तक मस्जिद के बाहर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी बोले संजौली में बनी मस्जिद अवैध प्रदर्शन करने पहुंचे लोगो ने आरोप लगाया कि संजौली में बनी मस्जिद अवैध है। 5 मंजिला मस्जिद का निर्माण हो गया, लेकिन प्रशासन को कानों कान खबर नहीं लगी। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करते हुए अवैध मस्जिद को ध्वस्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि विशेष समुदाय के लोग बाहर से आकर यहाँ धर्म के नाम पर माहौल खराब करते है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मल्याणा में इन्ही विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक पर तेजदार हथियार से हमला किया है। विशेष समुदाय के लोगों की दुकानें करवाई बंद जानकारी के मुताबिक भीड़ दोपहर 1 बजे के करीब संजौली चौक में एकत्रित हुई और जुलूस निकालती हुई मस्जिद की तरफ आगे बढ़ी। प्रत्यक्षदर्शी संजय ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ठेले लगाने वाले विशेष समुदाय के ठेलों को बन्द करवाया और कल से सड़क पर ठेले न लगाने की बात कही । उन्होंने कहा कि भीड़ गुस्से में जरूर थी लेकिन किसी तरह का कोई उपद्रव नहीं किया । उन्होंने बताया कि भीड़ नारेबाजी करती हुई मस्जिद के पास पहुंची और वहां पर समुदाय विशेष के खिलाफ जोरजार नारेबाजी की ओर हनुमान चालीसा और हिन्दू धर्म के भजनों का गुणगान किया । अवैध छापेवालों पर कार्रवाई की मांग भट्टाकुफर वार्ड से नगर निगम के पार्षद नरेंद्र ठाकुर भीड़ के सामने प्रशासन से मांग रखी कि प्रशासन सड़क पर बैठने वाले अवैध छापेवालों ( ठेला लगाने वाले) के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि संजौली में हर कोई बाहर से आकर कोई भी व्यक्ति अपना ठेला लगा रहे है। स्थानीय लोग इसमें खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि आज जनता ने समुदाय विशेष के लोगो के छापे बन्द करवाए है। प्रशासन से मांग है कि कल से एक भी अवैध ठेले वाला नही मिलना चाइए । प्रशासन अगर इसका आश्वासन देता है तो भीड़ यहां से उठेगी। DC ,SP और MC कमिश्नर ने खुद संभाला मोर्चा भीड़ के आक्रोश को देखकर DC शिमला , एसपी शिमला व नगर निगम के कमिश्नर को स्वयं मोके पर पहुंच कर मोर्चा संभालना पड़ा। DC , SP व कमिश्नर ने प्रदर्शकारियों को आश्वासन देते हुए मामले में उचित कार्रवाही का आश्वासन दिया। जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद प्रदर्शकारियों ने प्रदर्शन खत्म किया। मामला कोर्ट के विचाराधीन , नगर निगम करेगा उचित कार्रवाही MC कमिश्नर ने प्रदर्शकारियों से बात करते हुए कहा कि मस्जिद के ऊपरी तीन फ्लोर गैर कानूनी है यह कोरोना काल के दौरान बनाए गए है । जिसका मामला कोर्ट में चला हुआ है । यह जमीन बफ्फ बोर्ड की है। ।उन्होंने कहा कि कोर्ट में मामले में समय इसलिए लगा क्योंकि पार्टी गलत बनाई गई थी उन्होंने कहा कि गलती को दुरस्त करते हुए अब कोर्ट में बफ्फ बोर्ड को पार्टी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह मामले में नगर निगम कोर्ट में सुनवाई होगी। सभी पहलुओं पर होगी जांच ,एडिशनल एसपी को सौंपा जिम्मा एसपी ने मौके पर पहुँच कर प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस ने आप सभी के मांग सुन ली है ।पुलिस मामले में उचित कार्रवाही करेगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियो के बीच कहा कि मामले में अधिकारी स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों पर जांच होगी ।उन्होंने लोगो को आश्वासन देते हुए कहा कि एडिशनल एसपी मामले की जांच करेंगे । मल्याणा में युवक के साथ हुई मारपीट पर एसपी ने भीड़ को आश्वासन देते हुए कहा कि आरोपी के ख़िलाक धारा 307 के अंतर्गत कार्रवाही की जाएगी। और स्थापित प्रक्रिया के तहत सभी सारी कार्रवाई करेंगे। सभी सवालों को शॉट आउट करेंगे।। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। मल्याणा में हुई युवक के साथ मारपीट बता दें कि बीते दिनों शिमला के मल्याणा में एक युवक के साथ विशेष समुदाय के लोगो द्वारा मारपीट की गई। विशेष समुदाय के लोगो द्वारा तेजदार हथियारों से एक युवक पर हमला किया। जिसका सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ है।जिसके बाद विरोध के स्वर उठने शुरू हुए है।
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।
हिमाचल में CPS आज खाली करेंगे दफ्तर:मुख्य सचिव ने सभी सुख सुविधाएं छीनने के ऑर्डर जारी किए; फॉर्चुनर गाड़ियां GAD को हेंड-ओवर
हिमाचल में CPS आज खाली करेंगे दफ्तर:मुख्य सचिव ने सभी सुख सुविधाएं छीनने के ऑर्डर जारी किए; फॉर्चुनर गाड़ियां GAD को हेंड-ओवर हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) की गाड़ी, बंगला, दफ्तर और स्टाफ जैसी सुख-सुविधाएं छीनने के सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। इनसे स्टाफ और गाड़ियां वापस ले ली गई हैं। अब दफ्तर और बंगले भी खाली करने होंगे। कोर्ट के आदेशों पर बीती शाम को ही मुख्य सचिव ने भी इन सुविधाएं वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्य सचिव के आदेशों दफ्तर और सरकारी बंगले भी खाली किए जा सकते हैं। सरकार ने इन्हें सचिवालय में दफ्तर और रहने के लिए आलीशान कोठियां दे रखी हैं। फॉर्चुनर गाड़ी जीएडी को हेंड-ओवर करनी होगी CPS को सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने फॉर्चुनर गाड़ियां दे रखी थी। इन्हें आज GAD को हेंड-ओवर करना होगा। जो सीपीएस बीते कल शिमला में थे, उन्होंने अपनी गाड़ियां GAD को दे दी है। प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में सीपीएस के साथ गई आज GAD को सौंपी जाएगी। हालांकि सीपीएस ने गाड़ियों का इस्तेमाल बीती शाम से ही बंद कर दिया है। अब 2.20 लाख सैलरी नहीं सीपीएस के साथ अटैच स्टाफ वापस करने के भी बीती शाम को ही आदेश कर दिए गए हैं। हाईकोर्ट द्वारा राज्य का 2006 का CPS एक्ट निरस्त करने के बाद अब इन विधायकों को प्रति माह 2.20 लाख रुपए सेलरी और भत्ते भी नहीं मिलेंगे। किस सीपीएस को कौन सा विभाग पूर्व CPS मोहन लाल ब्राक्टा विधि विभाग और बागवानी, रामकुमार नगर नियोजन, उद्योग और राजस्व, आशीष बुटेल शहरी विकास विभाग के साथ शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ अटैच थे। वहीं, सीपीएस किशोरी लाल पशुपालन विभाग व ग्रामीण विकास और संजय अवस्थी स्वास्थ्य जनसंपर्क और लोक निर्माण विभाग की जिम्मा देख रहे थे। CPS के होकर जाती रही फाइलें सीपीएस को बेशक मंत्रियों के बराबर सुख सुविधाएं मिल रही थी। मगर इन्हें फाइल पर साइन करने की शक्तियां नहीं थी। फिर भी संबंधित विभागों की फाइन मंत्रियों को सीपीएस के थ्रू जाती थी।