बिलासपुर जिले में सीढ़ियों से गिरने पर चार साल के बच्चे की मौत हो गई। जिससे परिवार में मातम परस गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना बरमाणा थाने क्षेत्र के पंजगाईं गांव की है। जहां रिशु अपने बड़े भाई के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह फिसलकर सीढ़ियों से गिर गया। जिससे गंभीर रूप से घायल रिशु के सिर पर गहरी चोट लग गई। एम्स में इलाज के दौरान मौत हादसे के तुरंत बाद उसके माता-पिता उसे नजदीकी सीएचसी पंजगाईं ले गए, जहां उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर रेफर कर दिया वहां भी उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई और उसे एम्स रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान रिशु ने दम तोड़ दिया। बिहार का रहने वाला है पीड़ित परिवार मिली जानकारी के अनुसार, मिथुन चौहान अपनी पत्नी के साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पंजगाईं में चल रहे निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे। वहीं उनका चार साल का बेटा रिशु और बड़ा बेटा भी उनके साथ थे। जो स्कूल परिसर में खेल रहे थे। इसी दौरान रिशु खेलते-खेलते स्कूल की सीढ़ियों से गिर गया। पीड़ित परिवार बिहार के गोपालगंज जिले के उचका गांव का रहने वाला है। बिलासपुर जिले में सीढ़ियों से गिरने पर चार साल के बच्चे की मौत हो गई। जिससे परिवार में मातम परस गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना बरमाणा थाने क्षेत्र के पंजगाईं गांव की है। जहां रिशु अपने बड़े भाई के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह फिसलकर सीढ़ियों से गिर गया। जिससे गंभीर रूप से घायल रिशु के सिर पर गहरी चोट लग गई। एम्स में इलाज के दौरान मौत हादसे के तुरंत बाद उसके माता-पिता उसे नजदीकी सीएचसी पंजगाईं ले गए, जहां उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर रेफर कर दिया वहां भी उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई और उसे एम्स रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान रिशु ने दम तोड़ दिया। बिहार का रहने वाला है पीड़ित परिवार मिली जानकारी के अनुसार, मिथुन चौहान अपनी पत्नी के साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पंजगाईं में चल रहे निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे। वहीं उनका चार साल का बेटा रिशु और बड़ा बेटा भी उनके साथ थे। जो स्कूल परिसर में खेल रहे थे। इसी दौरान रिशु खेलते-खेलते स्कूल की सीढ़ियों से गिर गया। पीड़ित परिवार बिहार के गोपालगंज जिले के उचका गांव का रहने वाला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में चंडीगढ़-मानाली NH 28 सितम्बर तक बंद:सप्ताह में दो दिन नहीं होगी वाहनों की आवाजाही; हवा में लटकती चट्टानों को हटाया जाएगा मंडी में चंडीगढ़-मानाली एनएच 23 अगस्त से लेकर 28 सितम्बर तक बिंद्रावनी से पंडोह तक सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को बंद रहेगा। यहां दो घंटे के लिए सुबह साढे 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्ण बंद रहेगा। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की तरफ से प्रशासन को सूचित किया था कि बिंद्रावनी से लेकर पंडोह तक हाईवे पर बार-बार भूस्खलन हो रहा है। लटकते पत्थरों के कारण सड़क यात्रियों के लिए यात्रा करने का जोखिम बढ गया है। ऐसी परिस्थितियों में बिंद्रावणी से लेकर पंडोह तक हाईवे से लटकते पत्थरों को हटाना आवश्यक है। अपुर्व देवगन ने कहा कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए एनएच-21 किरतपुर-मनाली को 23 अगस्त से लेकर 28 सितम्बर तक बुधवार और शुक्रवार को दो घंटे के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान एनएचएआई द्वारा बिंद्रावणी से लेकर पंडोह तक हवा में लटके बोल्डरों व चट्टानों को हटाने का कार्य किया जाएगा।
केंद्रीय बजट से हिमाचल को उम्मीदें:ऊना-हमीरपुर और बिलासपुर-मनाली-लेह रेल को मिल सकता है बजट; पहाड़ी राज्यों के नाते विशेष ग्रांट, आपदा राहत की आस
केंद्रीय बजट से हिमाचल को उम्मीदें:ऊना-हमीरपुर और बिलासपुर-मनाली-लेह रेल को मिल सकता है बजट; पहाड़ी राज्यों के नाते विशेष ग्रांट, आपदा राहत की आस हिमाचल सरकार केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी है। खासकर पर्यटन, रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने केंद्र से विशेष मदद मांगी है। बीते सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर पहाड़ी राज्यों की वजह से विशेष ग्रांट देने का आग्रह किया है। मोदी गवर्नमेंट के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट से प्रदेश में चल रही रेल योजनाओं को काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद की जा रही है कि ऊना-हमीरपुर रेल लाइन के लिए आज के बजट में बड़े ऐलान हो। ऊना से हमीरपुर तक नई रेल लाइन की लंबाई 41 किलोमीटर होगी। इस रेल लाइन की 3,361 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर ली गई है और यह सरकार के पास विचाराधीन है। इसके लिए आज बजट मिलने की उम्मीद है। इस रेल लाइन के अलावा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन योजना को भी बजट मिल सकता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला को जोड़ने वाली इस रेल लाइन को भी तवज्जो मिल सकती है। इस परियोजना की भी डीपीआर तैयार है। इस पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस रेल लाइन का निर्माण चार फेज में किया जाना है। पहले फेज में बैरी से मंडी, दूसरे फेज में मंडी से मनाली, तीसरे में मनाली से ऊपशी और चौथे फेज में ऊपशी से लेह तक का होगा। हरियाणा के जगाधरी से पांवटा साहिब रेल लाइन के सर्वे को भी बजट मिल सकता है। इसके बनने से हरियाणा और हिमाचल के दो बड़े औद्योगिक शहर आपस में जुड़ जाएंगे। साल 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पांवटा साहिब-जगाधरी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाने के निर्देश जरूर दिए थे। मगर यह योजना सीरे नहीं चढ़ पाई थी। आपदा राहत राशि बजट के साथ मिलने के आस हिमाचल में बीते साल बरसात में 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति तबाह हुई थी। केंद्र से आई टीमों ने भी 3000 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया था। मगर अब तक राहत राशि नहीं मिल पाई। लिहाजा सीएम सुक्खू ने इस राशि को बजट में जारी करने का आग्रह किया है। पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ी उम्मीदें मोदी सरकार के बजट से हिमाचल के पर्यटन को भी बड़ी उम्मीदे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बीते सप्ताह ही कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मसला पीएम मोदी से उठाया है। हिमाचल सरकार ने कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 3500 करोड़ रुपए जारी करने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह एयरपोर्ट न सिर्फ टूरिज्म के लिए, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी महत्त्वपूर्ण रहेगा। वर्तमान सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल का दर्जा दे रखा है। ऐसे में कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण करवाना बड़ी चुनौती है। इसके लिए अब सिर्फ पैसे की जरूरत है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट ज्यादा बनाने का निर्णय किया है। इसी तरह सड़क कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए छह सड़कों को नेशनल हाइवे बनाने तथा राज्य में चल रही फोरलेने परियोजनाओं का निर्माण के लिए भी केंद्र से बजट की आस है।
हिमाचल के 1100 स्कूलों में ठप पड़ी वोकेश्नल शिक्षा:2174 टीचर आज से हड़ताल पर; शिमला के चौड़ा मैदान में करेंगे प्रदर्शन
हिमाचल के 1100 स्कूलों में ठप पड़ी वोकेश्नल शिक्षा:2174 टीचर आज से हड़ताल पर; शिमला के चौड़ा मैदान में करेंगे प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश के 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में आज से वोकेश्नल सब्जेक्ट की पढ़ाई पूरी तरह ठप पड़ गई है। वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर करने, समय पर सैलरी देने और दिवाली पर भी एरियर नहीं देने से नाखुश है। इस वजह से शिमला के चौड़ा मैदान में आज और कल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सरकारी हाई व सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। मगर आज तक वोकेश्नल टीचर की सेवाएं निजी कंपनियों के माध्यम से ली जा रही है। शिक्षा विभाग ने 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी हैरानी इस बात की है कि शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी ने बताया कि अधिकांश कंपनियों ने दिवाली पर भी उनका एरियर नहीं दिया, जबकि शिक्षा निदेशक ने 5 अक्टूबर को एक ऑर्डर जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि 20 अक्टूबर तक सभी वोकेश्नल टीचर को सैलरी का एरियर एकमुश्त दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों ने एक-दो महीने का एरियर दिया है, जबकि शिक्षा निदेशक के ऑर्डर के मुताबिक छह माह के एरियर का भुगतान एकमुश्त होना था। सैलरी भी 28 अक्टूबर को नहीं दी गई राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को दिवाली को देखते हुए 28 अक्टूबर को सैलरी का भुगतान किया है। मगर वोकेश्नल टीचर को अब तक अक्टूबर की सैलरी नहीं मिल पाई। अश्वनी कुमार ने बताया, आज और कल शिमला के चौड़ा मैदान में वोकेश्नल टीचर प्रदर्शन करेंगे। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह हड़ताल को आगामी दिनों में भी जारी रख सकते हैं। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठयक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है। सरकार ने इस साल इनका मानदेय अप्रैल माह में बढ़ा दिया था। इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशक ने 20 अक्टूबर तक कंपनियों को बढ़े हुए वेतन का एरियर देने के आदेश जारी किए थे। कई सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने विभाग के आदेशों की भी परवाह नहीं की और टीचरों को दिवाली पर भी एरियर नहीं दिया गया।