बिहारी-पंजाबी छात्रों में एक महीने से थी तनातनी:छात्र बोला- कल्चरल फेस्ट में डांस के दौरान हुई बहस, फिर बढ़ा बवाल

बिहारी-पंजाबी छात्रों में एक महीने से थी तनातनी:छात्र बोला- कल्चरल फेस्ट में डांस के दौरान हुई बहस, फिर बढ़ा बवाल

‘हमें कसूरवार और गलत ठहराया जा रहा है, हमें क्रांतिवीर बनने का शौक नहीं है। हम यहां पढ़ने आए हैं, हमें बेहतर एजुकेशन बिहार में मिलता, तो यहां नहीं आते। हमें तो बोलने में शर्म आ रही है। हमें ऐसे इंडिकेट किया जाता है कि तुम बिहारी हो, मजदूर हो, पढ़ने लायक नहीं हो। मुझे नहीं पता कि मैं सोमवार तक बचूंगा या नहीं।’ ये बयान उस छात्र का है, जो पंजाब के गुरु काशी यूनिवर्सिटी में 19 मार्च को पंजाबी लड़कों की ओर से किए गए हमले में घायल है। छात्र के पैर में चोट लगी है। कुल 15 लड़के घायल हुए थे। सभी इलाज कराकर हॉस्टल लौट चुके हैं। दैनिक भास्कर ने यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मौजूद घायल छात्र से बात की। साथ ही ये जानने की कोशिश की कि पंजाब में बिहारी स्टूडेंट्स पर हमले का कारण क्या था। 19 मार्च और 21 मार्च को क्या हुआ था? बिहार के कितने स्टूडेंट घायल हुए? तलवंडी पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से क्या मदद की गई? अब वहां का माहौल क्या है? पटना के रहने वाले फार्मेसी सेकेंड ईयर के घायल छात्र ने सभी सवालों के जवाब तो दिए, लेकिन कहा, ‘प्लीज मेरा नाम मत लिखिएगा। मुझे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता है।’ पढ़िए छात्र ने पंजाब की यूनिवर्सिटी में पंजाबी बनाम बिहारी छात्रों के बीच चल रहे बवाल के बारे में क्या कहा? हिंदी बोलने पर बिहार के सीनियर स्टूडेंट्स का भी पीटा छात्र ने बताया, ‘लोकल लड़कों ने हमारे सीनियर बिहारी छात्र की जमकर पिटाई की थी। वजह सिर्फ इतनी थी कि वो हिंदी बोल रहे थे। सीनियर की पिटाई की जानकारी मिलने के बाद हम लोगों ने पीड़ित को साथ लेकर एडमिन ब्लॉक में मेन अथॉरिटी से मुलाकात की थी। इसके बाद तलवंडी थाना के SHO से मुलाकात की थी। उस वक्त हम लोगों ने लिखित में शिकायत दी थी। SHO ने कहा था- ‘FIR करना है क्या? तब हमलोगों ने कहा, ‘हम लोग पढ़ाई के लिए आए हैं, ये सब करके कुछ नहीं होगा। बस हमें अपनी सुरक्षा की चिंता है।’ ‘फिर SHO ने भी रजिस्ट्रार वगैरह के साथ मिलकर लोकल लड़कों से कॉम्प्रोमाइज करा दिया। सब ठीक हो गया।’ 17 मार्च; कल्चरल फेस्ट के दौरान बिगड़े हालात घायल छात्र ने बताया, ‘लोकल लड़कों से मारपीट के बाद हम लोगों ने दिमाग से निकाल दिया था कि किसी से कोई लड़ाई झगड़ा हुआ है, लेकिन लोकल लड़कों के मन में बदला लेने की भावना थी। इसी भावना के साथ लोकल लड़के कल्चरल फेस्ट में आ रहे थे।’ ’17 मार्च से 19 मार्च तक होने वाले कल्चरल फेस्ट के पहले दिन डांस के दौरान कुछ बिहारी लड़कों और पंजाबी लड़कों में बहस शुरू हो गई, जिसके बाद हम बिहारी लड़के फेस्ट से निकलकर बाहर आ गए।’ ’18 मार्च को हम लोगों को पता चला कि कुछ बिहारी छात्रों को पंजाबी लड़कों ने घेर लिया है। हम अन्य लड़के मौके पर गए तो देखा कि तलवंडी पुलिस सभी पंजाबी लड़कों को हटा रही थी, लेकिन पंजाबी लड़कों ने हमें मारने की धमकी दी। SHO ने सभी को समझाकर हटा दिया।’ 19 मार्च; बिश्नोई गैंग का सदस्य समझकर बिहारी छात्रों को पीटा छात्र के मुताबिक, ’19 मार्च को पंजाबी सिंगर गुलाब सिद्धू का कार्यक्रम था। उन्हें शाम साढ़े चार बजे आना था। वे तय समय पर कार्यक्रम में पहुंचे। उनके आने के पहले ही फेस्ट में करीब 5000 लड़के-लड़कियों की भीड़ हो गई थी। इनमें अधिकतर लड़के यूनिवर्सिटी के ही थे, जबकि कुछ बाहर के लोकल लड़के भी थे।’ ‘कल्चरल फेस्ट के लिए हम बिहारी लड़कों ने 300-300 रुपए दिए थे। हमारी संख्या करीब 4000 हजार है। हम लोगों का कहना था कि जब पैसे लिए गए हैं तो हमें सपोर्ट करना चाहिए था, सुरक्षा देनी थी, क्योंकि हम लोगों का पंजाबी लड़कों से झगड़ा पहले से चल रहा था, भीड़ में कुछ नए चेहरे भी दिख रहे थे, जो शायद यूनिवर्सिटी के नहीं थे, वे बाहरी लड़के थे।’ घायल ने बताया- ‘गुलाब सिद्धू का कार्यक्रम शुरू होते ही सभी लड़के डांस करने लगे। डांस के दौरान मैं अपने चार दोस्तों के साथ था। जब बहस होने लगी तो हमारे बोलने के टोन से वे समझ गए कि ये बिहारी हैं और कुछ लड़कों ने चोटी रखी थी, जिसे देखकर पंजाबी लड़के कहने लगे कि ये बिश्नोई गैंग के हैं। अगर कोई बिहारी पंडित है और उसने चोटी रखी है, तो ये लोग उसे बिश्नोई समझते हैं।’ पीड़ित ने बताया, ‘बहस के बाद हम लोगों को 4 से 5 पंजाबी लड़कों ने घेरा। बहस ज्यादा होने लगी तो समझदारी दिखाते हुए हम लोग वहां से निकल गए। इसके बाद पंजाबी लड़कों ने गुट बनाना शुरू कर दिया।’ ‘इसके बाद पंजाबी लड़कों को जो भी बिहारी मिला उसकी पिटाई करने लगे। एक लड़के का तो मारकर सिर फाड़ दिया गया। उसे जो भी बिहारी बचाने गया, पंजाबी लड़के उसे मारने लगे।’ ‘इसी बीच एक महीना पहले पंजाबी लड़कों की जिस लड़के से झगड़ा हुआ था, वो भी वहां पहुंचा। उस पर तलवार और अन्य धारदार हथियार से हमला किया गया। उसे बचाने के लिए जो भी गया, उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।’ फेस्ट के लिए बने ग्रुप में नोटिस आया था, विदाउट कार्ड एंट्री नहीं मिलेगी घायल छात्र ने बताया, ‘फेस्ट के लिए बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज आया था कि बिना आईडी कार्ड के फेस्ट में कोई भी एंट्री नहीं करेगा। हम लोगों ने तो आईडी कार्ड रखा था, लेकिन झगड़े के वक्त पहुंचे पंजाबी लड़कों ने आईडी कार्ड नहीं लिया था। दरअसल, वो कॉलेज के नहीं थे। वे सभी तलवार, कृपाण और सिक्सर (बंदूक) लेकर पहुंचे थे।’ ‘सभी पंजाबी लड़के तलवारों से हमला कर 10 से 15 लड़कों को घायल कर दिया। उनकी हालत देखकर लग रहा था कि उन पर जानलेवा हमला किया गया है। ऐसा लग रहा था कि उनकी हमसे पहले से दुश्मनी हो। किसी घायल के सिर पर, किसी के पैर पर, किसी के हाथ पर, किसी के पीठ पर तलवार और कृपाण से वार के निशान थे।’ सूचना के बाद पुलिस आई और घायल छात्रों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। हमें वहां इलाज करके साढ़े नौ बजे हॉस्टल पहुंचा दिया गया। घायल छात्र ने बताया, ‘हमारे कुछ मुस्लिम भाई थे, जो रोजा पर थे। वे न तो एक महीने पहले की लड़ाई में शामिल थे और न ही फेस्ट में गए थे। घटना वाले दिन रोजा खोलने से पहले कुछ सामान लेने के लिए कैंपस के बाहर गए।’ ‘जब वे सामान ले रहे थे, तो हिंदी बोल रहे थे, तभी स्थानीय लोगों ने उनसे पूछा कि बिहार से हो? लड़कों ने जैसे ही हां कहा, कृपाण से उनके पीठ पर हमला कर घायल कर दिया गया।’ 20 मार्च; जांच कमेटी ने सुरक्षा और कार्रवाई का आश्वासन दिया ‘अगली सुबह यानी 20 मार्च को वार्डन ने कहा, ‘घटना को लेकर कमेटी बैठेगी, पूछेगी, जानेगी कि क्या हुआ, कब हुआ और क्यों हुआ? हम लोगों को बुलाया गया तो 10 से 20 लड़के कमेटी के सामने पेश हुए। अपनी बातें रखी गई। फिर कमेटी की ओर से हमें सुरक्षा और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया और कहा गया कि 22 मार्च तक कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी।’ ’22 की सुबह 10 बजे हम लोग कॉलेज जा रहे थे। तभी जिन लड़कों ने हम लोगों पर हमला किया था, उन्होंने हमें देखा तो भागना शुरू कर दिया। इसके बाद हम लोग भी गेट की ओर दौड़े ताकि उन्हें पकड़कर कमेटी के सामने सौंपा जा सके, लेकिन गेट पर मौजूद गार्ड हम लोगों से उलझ गए।’ ‘हम लोगों ने गार्ड से कहा कि जब आरोपी लड़के भाग रहे थे, तो उन्हें आप पकड़ते, कॉलेज प्रशासन को सौंपते, पुलिस को सौंपते, इतना कहने के बाद गार्ड ने हम लोगों पर दो फायर झोंक दिया। इसके बाद हम लोगों की गार्ड से बहस हुई और फिर हम एडमिन ब्लॉक की ओर जाने लगे। इसी बीच गार्ड ने मेन गेट खोल दिया। गेट के खोलते ही 20 से 25 लड़के यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर पहुंच गए।’ ‘घायल ने कहा, ‘मैं तो यहां 2 साल से पढ़ रहा हूं, लेकिन अंदर घुसने वाले किसी लड़के को पहले कभी भी नहीं देखा था, सभी लड़के बाहर के थे। सभी लड़के हम लोगों की ओर दोधारी तलवार लेकर दौड़े। फिर से हम लोगों पर हमला कर दिया गया। हम लोग किसी तरह जान बचाकर एडमिन ब्लॉक की ओर भागे।’ एडमिन ब्लॉक वालों ने पुलिस बुलाकर हमें उन्हें सौंप दिया छात्र ने आगे बताया, ‘एडमिन ब्लॉक वालों ने करीब 11 बजे तलवंडी पुलिस को बुलाया और हम लोगों को पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद पुलिस ने हम 11 छात्रों को हिरासत में ले लिया। फिर थाना ले जाकर पुलिस ने कहा कि तुम लोगों को हिरासत में नहीं लिया जा रहा है, तुम लोगों से बात करनी है।’ ‘हम लोगों ने कहा कि बात ही करनी थी तो यहां क्यों लाया गया। कॉलेज में बात कर लेते, हमारे हॉस्टल में बात कर लेते। उन्होंने कहा कि आपके यूनिवर्सिटी के चांसलर और रजिस्ट्रार आ रहे हैं, उनके सामने बात की जाएगी। यहां हम लोगों को शाम चार बजे तक रखा गया और फिर कॉलेज पहुंचा दिया गया।’ कॉम्प्रोमाइज के नाम पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिया फीस घटाने का लालच घायल ने आगे बताया, ‘हम लोगों के कॉलेज पहुंचते ही प्रशासन की ओर से बुलावा आया और कहा गया कि लोकल लड़कों से आप लोग कॉम्प्रोमाइज कर लो। तुम लोगों ने जो सोशल मीडिया पर रायता फैलाया है, उसे बंद कीजिए।’ ‘कुछ ऐसे लड़कों को भी बुलाया गया, जो बिल्कुल नए थे। उन्हें फीस कम करने और अन्य लालच दिया गया। कहा गया कि वीडियो रिकार्ड करो, बोलो कि अब हम लोग लड़ाई झगड़ा नहीं करेंगे, लेकिन नए लड़कों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि नहीं कल को हमारे साथ भी ये दिक्कत हो सकती है, हम बिहारी लड़कों के साथ हैं। आप लोग उनसे बात कीजिए।’ ‘हम लोगों ने कॉलेज प्रशासन के पास जाने से इनकार कर दिया और कहा कि अब बिहार सरकार आप लोगों से बात करेगी। इसके बाद शाम 7 बजे तलवंडी थाना के SHO, DSP आए, हम लोगों से हॉस्टल में आकर मुलाकात की। इस दौरान हम लोगों ने पुलिस से अपील की कि हम लोगों को सुरक्षा दिलाई जाए, नहीं तो कॉलेज प्रशासन की ओर से NOC दिलवाइए और हम लोगों को सुरक्षा के साथ बिहार पहुंचाया जाए। इसी बीच बिहार सरकार के मंत्री ने जो ट्वीट किया, उसके बाद तलवंडी पुलिस हरकत में आई, जो भी बिहारी छात्रों के हॉस्टल हैं, उनके बाहर दो-तीन कॉन्स्टेबलों को लगाया। आज यानी 22 मार्च को फिर से सुबह करीब 10 बजे पुलिस ने एडमिन ब्लॉक में बुलाया और हमारी शिकायतों को सुनने के बाद कहा कि एक हफ्ते का टाइम दीजिए, सब कुछ सही हो जाएगा। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर यूनिवर्सिटी में 4000 बिहारी छात्र-छात्राओं का एडमिशन गुरु काशी यूनिवर्सिटी में बिहार सरकार के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के आधार पर एडमिशन होता है। पिछले चार सालों में यहां पढ़ाई करने वाले बिहारी छात्र छात्राओं ने 64 करोड़ से अधिक की राशि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए फीस के रूप में दी है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर चार हजार से अधिक बिहारी छात्र-छात्राओं का नामांकन इस यूनिवर्सिटी में है। बिहार के छात्र-छात्राओं को कॉलेज कैम्पस के अलावा 10 किलोमीटर के दायरे में बनाए हॉस्टल में रखा जाता है। कुछ बिहारी छात्र यहां के घरों में भी किराए पर रहते हैं। ‘हमें कसूरवार और गलत ठहराया जा रहा है, हमें क्रांतिवीर बनने का शौक नहीं है। हम यहां पढ़ने आए हैं, हमें बेहतर एजुकेशन बिहार में मिलता, तो यहां नहीं आते। हमें तो बोलने में शर्म आ रही है। हमें ऐसे इंडिकेट किया जाता है कि तुम बिहारी हो, मजदूर हो, पढ़ने लायक नहीं हो। मुझे नहीं पता कि मैं सोमवार तक बचूंगा या नहीं।’ ये बयान उस छात्र का है, जो पंजाब के गुरु काशी यूनिवर्सिटी में 19 मार्च को पंजाबी लड़कों की ओर से किए गए हमले में घायल है। छात्र के पैर में चोट लगी है। कुल 15 लड़के घायल हुए थे। सभी इलाज कराकर हॉस्टल लौट चुके हैं। दैनिक भास्कर ने यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मौजूद घायल छात्र से बात की। साथ ही ये जानने की कोशिश की कि पंजाब में बिहारी स्टूडेंट्स पर हमले का कारण क्या था। 19 मार्च और 21 मार्च को क्या हुआ था? बिहार के कितने स्टूडेंट घायल हुए? तलवंडी पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से क्या मदद की गई? अब वहां का माहौल क्या है? पटना के रहने वाले फार्मेसी सेकेंड ईयर के घायल छात्र ने सभी सवालों के जवाब तो दिए, लेकिन कहा, ‘प्लीज मेरा नाम मत लिखिएगा। मुझे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता है।’ पढ़िए छात्र ने पंजाब की यूनिवर्सिटी में पंजाबी बनाम बिहारी छात्रों के बीच चल रहे बवाल के बारे में क्या कहा? हिंदी बोलने पर बिहार के सीनियर स्टूडेंट्स का भी पीटा छात्र ने बताया, ‘लोकल लड़कों ने हमारे सीनियर बिहारी छात्र की जमकर पिटाई की थी। वजह सिर्फ इतनी थी कि वो हिंदी बोल रहे थे। सीनियर की पिटाई की जानकारी मिलने के बाद हम लोगों ने पीड़ित को साथ लेकर एडमिन ब्लॉक में मेन अथॉरिटी से मुलाकात की थी। इसके बाद तलवंडी थाना के SHO से मुलाकात की थी। उस वक्त हम लोगों ने लिखित में शिकायत दी थी। SHO ने कहा था- ‘FIR करना है क्या? तब हमलोगों ने कहा, ‘हम लोग पढ़ाई के लिए आए हैं, ये सब करके कुछ नहीं होगा। बस हमें अपनी सुरक्षा की चिंता है।’ ‘फिर SHO ने भी रजिस्ट्रार वगैरह के साथ मिलकर लोकल लड़कों से कॉम्प्रोमाइज करा दिया। सब ठीक हो गया।’ 17 मार्च; कल्चरल फेस्ट के दौरान बिगड़े हालात घायल छात्र ने बताया, ‘लोकल लड़कों से मारपीट के बाद हम लोगों ने दिमाग से निकाल दिया था कि किसी से कोई लड़ाई झगड़ा हुआ है, लेकिन लोकल लड़कों के मन में बदला लेने की भावना थी। इसी भावना के साथ लोकल लड़के कल्चरल फेस्ट में आ रहे थे।’ ’17 मार्च से 19 मार्च तक होने वाले कल्चरल फेस्ट के पहले दिन डांस के दौरान कुछ बिहारी लड़कों और पंजाबी लड़कों में बहस शुरू हो गई, जिसके बाद हम बिहारी लड़के फेस्ट से निकलकर बाहर आ गए।’ ’18 मार्च को हम लोगों को पता चला कि कुछ बिहारी छात्रों को पंजाबी लड़कों ने घेर लिया है। हम अन्य लड़के मौके पर गए तो देखा कि तलवंडी पुलिस सभी पंजाबी लड़कों को हटा रही थी, लेकिन पंजाबी लड़कों ने हमें मारने की धमकी दी। SHO ने सभी को समझाकर हटा दिया।’ 19 मार्च; बिश्नोई गैंग का सदस्य समझकर बिहारी छात्रों को पीटा छात्र के मुताबिक, ’19 मार्च को पंजाबी सिंगर गुलाब सिद्धू का कार्यक्रम था। उन्हें शाम साढ़े चार बजे आना था। वे तय समय पर कार्यक्रम में पहुंचे। उनके आने के पहले ही फेस्ट में करीब 5000 लड़के-लड़कियों की भीड़ हो गई थी। इनमें अधिकतर लड़के यूनिवर्सिटी के ही थे, जबकि कुछ बाहर के लोकल लड़के भी थे।’ ‘कल्चरल फेस्ट के लिए हम बिहारी लड़कों ने 300-300 रुपए दिए थे। हमारी संख्या करीब 4000 हजार है। हम लोगों का कहना था कि जब पैसे लिए गए हैं तो हमें सपोर्ट करना चाहिए था, सुरक्षा देनी थी, क्योंकि हम लोगों का पंजाबी लड़कों से झगड़ा पहले से चल रहा था, भीड़ में कुछ नए चेहरे भी दिख रहे थे, जो शायद यूनिवर्सिटी के नहीं थे, वे बाहरी लड़के थे।’ घायल ने बताया- ‘गुलाब सिद्धू का कार्यक्रम शुरू होते ही सभी लड़के डांस करने लगे। डांस के दौरान मैं अपने चार दोस्तों के साथ था। जब बहस होने लगी तो हमारे बोलने के टोन से वे समझ गए कि ये बिहारी हैं और कुछ लड़कों ने चोटी रखी थी, जिसे देखकर पंजाबी लड़के कहने लगे कि ये बिश्नोई गैंग के हैं। अगर कोई बिहारी पंडित है और उसने चोटी रखी है, तो ये लोग उसे बिश्नोई समझते हैं।’ पीड़ित ने बताया, ‘बहस के बाद हम लोगों को 4 से 5 पंजाबी लड़कों ने घेरा। बहस ज्यादा होने लगी तो समझदारी दिखाते हुए हम लोग वहां से निकल गए। इसके बाद पंजाबी लड़कों ने गुट बनाना शुरू कर दिया।’ ‘इसके बाद पंजाबी लड़कों को जो भी बिहारी मिला उसकी पिटाई करने लगे। एक लड़के का तो मारकर सिर फाड़ दिया गया। उसे जो भी बिहारी बचाने गया, पंजाबी लड़के उसे मारने लगे।’ ‘इसी बीच एक महीना पहले पंजाबी लड़कों की जिस लड़के से झगड़ा हुआ था, वो भी वहां पहुंचा। उस पर तलवार और अन्य धारदार हथियार से हमला किया गया। उसे बचाने के लिए जो भी गया, उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।’ फेस्ट के लिए बने ग्रुप में नोटिस आया था, विदाउट कार्ड एंट्री नहीं मिलेगी घायल छात्र ने बताया, ‘फेस्ट के लिए बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज आया था कि बिना आईडी कार्ड के फेस्ट में कोई भी एंट्री नहीं करेगा। हम लोगों ने तो आईडी कार्ड रखा था, लेकिन झगड़े के वक्त पहुंचे पंजाबी लड़कों ने आईडी कार्ड नहीं लिया था। दरअसल, वो कॉलेज के नहीं थे। वे सभी तलवार, कृपाण और सिक्सर (बंदूक) लेकर पहुंचे थे।’ ‘सभी पंजाबी लड़के तलवारों से हमला कर 10 से 15 लड़कों को घायल कर दिया। उनकी हालत देखकर लग रहा था कि उन पर जानलेवा हमला किया गया है। ऐसा लग रहा था कि उनकी हमसे पहले से दुश्मनी हो। किसी घायल के सिर पर, किसी के पैर पर, किसी के हाथ पर, किसी के पीठ पर तलवार और कृपाण से वार के निशान थे।’ सूचना के बाद पुलिस आई और घायल छात्रों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। हमें वहां इलाज करके साढ़े नौ बजे हॉस्टल पहुंचा दिया गया। घायल छात्र ने बताया, ‘हमारे कुछ मुस्लिम भाई थे, जो रोजा पर थे। वे न तो एक महीने पहले की लड़ाई में शामिल थे और न ही फेस्ट में गए थे। घटना वाले दिन रोजा खोलने से पहले कुछ सामान लेने के लिए कैंपस के बाहर गए।’ ‘जब वे सामान ले रहे थे, तो हिंदी बोल रहे थे, तभी स्थानीय लोगों ने उनसे पूछा कि बिहार से हो? लड़कों ने जैसे ही हां कहा, कृपाण से उनके पीठ पर हमला कर घायल कर दिया गया।’ 20 मार्च; जांच कमेटी ने सुरक्षा और कार्रवाई का आश्वासन दिया ‘अगली सुबह यानी 20 मार्च को वार्डन ने कहा, ‘घटना को लेकर कमेटी बैठेगी, पूछेगी, जानेगी कि क्या हुआ, कब हुआ और क्यों हुआ? हम लोगों को बुलाया गया तो 10 से 20 लड़के कमेटी के सामने पेश हुए। अपनी बातें रखी गई। फिर कमेटी की ओर से हमें सुरक्षा और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया और कहा गया कि 22 मार्च तक कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी।’ ’22 की सुबह 10 बजे हम लोग कॉलेज जा रहे थे। तभी जिन लड़कों ने हम लोगों पर हमला किया था, उन्होंने हमें देखा तो भागना शुरू कर दिया। इसके बाद हम लोग भी गेट की ओर दौड़े ताकि उन्हें पकड़कर कमेटी के सामने सौंपा जा सके, लेकिन गेट पर मौजूद गार्ड हम लोगों से उलझ गए।’ ‘हम लोगों ने गार्ड से कहा कि जब आरोपी लड़के भाग रहे थे, तो उन्हें आप पकड़ते, कॉलेज प्रशासन को सौंपते, पुलिस को सौंपते, इतना कहने के बाद गार्ड ने हम लोगों पर दो फायर झोंक दिया। इसके बाद हम लोगों की गार्ड से बहस हुई और फिर हम एडमिन ब्लॉक की ओर जाने लगे। इसी बीच गार्ड ने मेन गेट खोल दिया। गेट के खोलते ही 20 से 25 लड़के यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर पहुंच गए।’ ‘घायल ने कहा, ‘मैं तो यहां 2 साल से पढ़ रहा हूं, लेकिन अंदर घुसने वाले किसी लड़के को पहले कभी भी नहीं देखा था, सभी लड़के बाहर के थे। सभी लड़के हम लोगों की ओर दोधारी तलवार लेकर दौड़े। फिर से हम लोगों पर हमला कर दिया गया। हम लोग किसी तरह जान बचाकर एडमिन ब्लॉक की ओर भागे।’ एडमिन ब्लॉक वालों ने पुलिस बुलाकर हमें उन्हें सौंप दिया छात्र ने आगे बताया, ‘एडमिन ब्लॉक वालों ने करीब 11 बजे तलवंडी पुलिस को बुलाया और हम लोगों को पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद पुलिस ने हम 11 छात्रों को हिरासत में ले लिया। फिर थाना ले जाकर पुलिस ने कहा कि तुम लोगों को हिरासत में नहीं लिया जा रहा है, तुम लोगों से बात करनी है।’ ‘हम लोगों ने कहा कि बात ही करनी थी तो यहां क्यों लाया गया। कॉलेज में बात कर लेते, हमारे हॉस्टल में बात कर लेते। उन्होंने कहा कि आपके यूनिवर्सिटी के चांसलर और रजिस्ट्रार आ रहे हैं, उनके सामने बात की जाएगी। यहां हम लोगों को शाम चार बजे तक रखा गया और फिर कॉलेज पहुंचा दिया गया।’ कॉम्प्रोमाइज के नाम पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिया फीस घटाने का लालच घायल ने आगे बताया, ‘हम लोगों के कॉलेज पहुंचते ही प्रशासन की ओर से बुलावा आया और कहा गया कि लोकल लड़कों से आप लोग कॉम्प्रोमाइज कर लो। तुम लोगों ने जो सोशल मीडिया पर रायता फैलाया है, उसे बंद कीजिए।’ ‘कुछ ऐसे लड़कों को भी बुलाया गया, जो बिल्कुल नए थे। उन्हें फीस कम करने और अन्य लालच दिया गया। कहा गया कि वीडियो रिकार्ड करो, बोलो कि अब हम लोग लड़ाई झगड़ा नहीं करेंगे, लेकिन नए लड़कों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि नहीं कल को हमारे साथ भी ये दिक्कत हो सकती है, हम बिहारी लड़कों के साथ हैं। आप लोग उनसे बात कीजिए।’ ‘हम लोगों ने कॉलेज प्रशासन के पास जाने से इनकार कर दिया और कहा कि अब बिहार सरकार आप लोगों से बात करेगी। इसके बाद शाम 7 बजे तलवंडी थाना के SHO, DSP आए, हम लोगों से हॉस्टल में आकर मुलाकात की। इस दौरान हम लोगों ने पुलिस से अपील की कि हम लोगों को सुरक्षा दिलाई जाए, नहीं तो कॉलेज प्रशासन की ओर से NOC दिलवाइए और हम लोगों को सुरक्षा के साथ बिहार पहुंचाया जाए। इसी बीच बिहार सरकार के मंत्री ने जो ट्वीट किया, उसके बाद तलवंडी पुलिस हरकत में आई, जो भी बिहारी छात्रों के हॉस्टल हैं, उनके बाहर दो-तीन कॉन्स्टेबलों को लगाया। आज यानी 22 मार्च को फिर से सुबह करीब 10 बजे पुलिस ने एडमिन ब्लॉक में बुलाया और हमारी शिकायतों को सुनने के बाद कहा कि एक हफ्ते का टाइम दीजिए, सब कुछ सही हो जाएगा। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर यूनिवर्सिटी में 4000 बिहारी छात्र-छात्राओं का एडमिशन गुरु काशी यूनिवर्सिटी में बिहार सरकार के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के आधार पर एडमिशन होता है। पिछले चार सालों में यहां पढ़ाई करने वाले बिहारी छात्र छात्राओं ने 64 करोड़ से अधिक की राशि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए फीस के रूप में दी है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर चार हजार से अधिक बिहारी छात्र-छात्राओं का नामांकन इस यूनिवर्सिटी में है। बिहार के छात्र-छात्राओं को कॉलेज कैम्पस के अलावा 10 किलोमीटर के दायरे में बनाए हॉस्टल में रखा जाता है। कुछ बिहारी छात्र यहां के घरों में भी किराए पर रहते हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर