<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Assembly Election 2025:</strong> बिहार में खरमास खत्म होते ही सियासी गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ ली है. एनडीए ने 15 जनवरी को बगहा के बबुई टोला मैदान में एक संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए मिशन 2025 का आगाज किया है. इस कार्यक्रम के दौरान विधानसभा चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही एनडीए के सियासी अभियान को मजबूती देने की कोशिश की गई है. NDA के पांच घटक दल-बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड), लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLP) ने एकजुट होकर मंच साझा किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, एलजेपी (रामविलास) के राजू तिवारी, HAM के अनिल कुमार, और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम के मदन चौधरी ने अपने संबोधन में गठबंधन की एकजुटता और तालमेल का संदेश दिया. इन नेताओं ने कार्यकर्ताओं को एकजुट कर स्पष्ट रूप से कहा कि इस साल हो रहे विधानसभा चुनाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि यह कार्यकर्ता सम्मेलन गठबंधन के भीतर तालमेल मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> 2020 की सीख और 2025 की रणनीति </strong><br />2020 के विधानसभा चुनावों में एनडीए के भीतर तालमेल की कमी साफ नजर आई थी. चिराग पासवान के नेतृत्व में एलजेपी ने एनडीए के खिलाफ अलग चुनाव लड़कर जेडीयू को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. इसके परिणामस्वरूप एनडीए को 2015 की तुलना में कम सीटों पर संतोष करना पड़ा. इन अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार एनडीए ने तालमेल सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया है. कार्यकर्ता सम्मेलन में जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं तक, सभी ने हिस्सा लिया. कड़कड़ाती ठंड में बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने अपने-अपने दलों की उम्मीदें बढ़ा दीं. नेताओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि जब दल एकजुट हैं, तो कार्यकर्ताओं के बीच भी एकता दिखनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>41 दिनों का कार्यकर्ता सम्मेलन</strong><br />एनडीए के इस सम्मेलन की शुरुआत बगहा से हुई और यह बेतिया, सीतामढ़ी, शिवहर जैसे जिलों से होकर आगे बढ़ेगा. 41 दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के पहले चरण के बाद दूसरे चरण का भी ऐलान हो चुका है, जिसमें जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इन सम्मेलनों में प्रदेश और जिला अध्यक्षों के साथ स्थानीय सांसद भी मौजूद रहेंगे. डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने और गठबंधन की एकजुटता दिखाने के इस प्रयास ने बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. एनडीए का मिशन 2025 केवल सीटों का आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि यह विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती देने और नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से सत्ता में लौटने का सुनियोजित प्रयास है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगले चुनावों की तैयारी या संदेश? </strong><br />एनडीए का यह अभियान केवल चुनावी तैयारी नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं और जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश है कि गठबंधन के घटक दल आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हैं. चुनावी रणनीति और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के इस प्रयास का प्रभाव आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में साफ दिखाई देगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए का यह मिशन 2025 किस हद तक सफल होता है और क्या यह गठबंधन 225 सीटों का लक्ष्य हासिल कर पाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”दिल्ली BJP ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, बिहार के इन दो दिग्गज नेताओं को मिली जगह” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/delhi-assembly-election-2025-bjp-star-campaigners-list-releases-giriraj-singh-samrat-chaudhary-name-also-included-2863804″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली BJP ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, बिहार के इन दो दिग्गज नेताओं को मिली जगह</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Assembly Election 2025:</strong> बिहार में खरमास खत्म होते ही सियासी गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ ली है. एनडीए ने 15 जनवरी को बगहा के बबुई टोला मैदान में एक संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए मिशन 2025 का आगाज किया है. इस कार्यक्रम के दौरान विधानसभा चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही एनडीए के सियासी अभियान को मजबूती देने की कोशिश की गई है. NDA के पांच घटक दल-बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड), लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLP) ने एकजुट होकर मंच साझा किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, एलजेपी (रामविलास) के राजू तिवारी, HAM के अनिल कुमार, और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम के मदन चौधरी ने अपने संबोधन में गठबंधन की एकजुटता और तालमेल का संदेश दिया. इन नेताओं ने कार्यकर्ताओं को एकजुट कर स्पष्ट रूप से कहा कि इस साल हो रहे विधानसभा चुनाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि यह कार्यकर्ता सम्मेलन गठबंधन के भीतर तालमेल मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> 2020 की सीख और 2025 की रणनीति </strong><br />2020 के विधानसभा चुनावों में एनडीए के भीतर तालमेल की कमी साफ नजर आई थी. चिराग पासवान के नेतृत्व में एलजेपी ने एनडीए के खिलाफ अलग चुनाव लड़कर जेडीयू को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. इसके परिणामस्वरूप एनडीए को 2015 की तुलना में कम सीटों पर संतोष करना पड़ा. इन अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार एनडीए ने तालमेल सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया है. कार्यकर्ता सम्मेलन में जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं तक, सभी ने हिस्सा लिया. कड़कड़ाती ठंड में बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने अपने-अपने दलों की उम्मीदें बढ़ा दीं. नेताओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि जब दल एकजुट हैं, तो कार्यकर्ताओं के बीच भी एकता दिखनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>41 दिनों का कार्यकर्ता सम्मेलन</strong><br />एनडीए के इस सम्मेलन की शुरुआत बगहा से हुई और यह बेतिया, सीतामढ़ी, शिवहर जैसे जिलों से होकर आगे बढ़ेगा. 41 दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के पहले चरण के बाद दूसरे चरण का भी ऐलान हो चुका है, जिसमें जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इन सम्मेलनों में प्रदेश और जिला अध्यक्षों के साथ स्थानीय सांसद भी मौजूद रहेंगे. डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने और गठबंधन की एकजुटता दिखाने के इस प्रयास ने बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. एनडीए का मिशन 2025 केवल सीटों का आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि यह विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती देने और नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से सत्ता में लौटने का सुनियोजित प्रयास है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगले चुनावों की तैयारी या संदेश? </strong><br />एनडीए का यह अभियान केवल चुनावी तैयारी नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं और जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश है कि गठबंधन के घटक दल आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हैं. चुनावी रणनीति और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के इस प्रयास का प्रभाव आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में साफ दिखाई देगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए का यह मिशन 2025 किस हद तक सफल होता है और क्या यह गठबंधन 225 सीटों का लक्ष्य हासिल कर पाता है.</p>
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