बीमार पिता की पीट-पीटकर हत्या, फिर TV देखता रहा बेटा:झांसी में 20 घंटे लाश के साथ सोया, शव चादर से ढककर भागा

बीमार पिता की पीट-पीटकर हत्या, फिर TV देखता रहा बेटा:झांसी में 20 घंटे लाश के साथ सोया, शव चादर से ढककर भागा

बेटे ने बीमार पिता को पीट-पीटकर मार डाला। 20 घंटे तक लाश के साथ सोया। टीवी भी देखा। बाद में शव को चादर से ढककर भाग गया। मोहल्ले वालों ने लाश देखी तो हड़कंप मच गया। थोड़ी देर बाद बेटा दोबारा घर पहुंचा। तब लोगों ने उसे पकड़ लिया और रस्सी से बांध दिया, फिर पुलिस के हवाले कर दिया। पूरी घटना झांसी के कोतवाली थाना के छनियापुरा मोहल्ले की है। हाथ टूटने पर बेटी के घर गई थी मां मृतक का नाम गोपाल अहिरवार (55) था। वह छनियापुरा मोहल्ले का रहने वाला था। पड़ोस में रहने वाली मृतक की बहू पिस्ता देवी ने बताया- 8 साल पहले गोपाल को लकवा मार गया था। तब से उनको चलने-फिरने में दिक्कत थी। उनका इकलौता बेटा आशीष (25) नशे का आदी है। वह अक्सर पिता के साथ मारपीट करता था। कुछ दिन पहले गोपाल की पत्नी शकुंतला गिर गई थीं। उनके हाथ में फैक्चर हो गया था। 4 जुलाई को शकुंतला को उनकी बेटी रजनी ससुराल तालबेहट ले गई। घर पर गोपाल और उनका बेटा थे। उसी दिन से आरोपी बेटा पिता पर जुल्म ढा रहा था। घर से बाहर नहीं निकलने देता था, न ही खाना देता। रात को पीटता रहा बेटा, चिल्लाते रहे पिता पिस्ता देवी ने बताया- शुक्रवार सुबह मैं चाय लेकर गई तो आशीष ने पिता को चाय नहीं पीने दी। समझाने पर भी नहीं माना। मैं वापस आ गई। उसने पूरे दिन पिता को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। शाम को आशीष बाजार की तरफ चला गया। तब मैं खाना लेकर गई। गोपाल ने दो रोटी खाई। फिर मैं लौट आई। थोड़ी देर बाद आशीष झल्लाते हुए आया। पिता को धमकाने लगा। रात होने पर हम लोग सो गए। देर रात 12 बजे आशीष ने पिता को बुरी तरह पीटा। वो जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और रो रहे थे। आशीष का मोहल्ले में खौफ है, तो कोई बचाने नहीं गया। थोड़ी देर बाद आवाजें आनी बंद हो गईं। 20 घंटे शव के साथ रहा, टीवी भी देखी पिस्ता देवी ने बताया- हत्या के बाद आरोपी बेटा शव के पास सो गया। शनिवार सुबह भी वह घर से बाहर नहीं निकला। घर में टीवी देखता रहा। अंदर से कुंडी लगाए था। रात 8 बजे आशीष घर से बाहर आया। मोहल्ले के लोग घर के अंदर गए। कमरे में बेड पर पिता लेटे थे। ऊपर से चादर डला था। लोगों ने हाथ हिलाया तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। चादर हटाया तो गोपाल मृत पड़े थे। तकिया में खून लगा था और होंठ में सूजन थी। शरीर पर चोट के निशान थे। दोबारा आया तो पकड़ा गया
थोड़ी देर बाद आशीष दोबारा घर आया। लोगों ने उसे देखते ही पकड़ लिया और रस्सी से बांध दिया। पुलिस को सूचना दी। SP सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की। मोहल्ले वालों ने बताया- आशीष झगड़ालू किस्म का है। वह मुंह के अंदर ब्लड रखता है। चाकू भी साथ लेकर चलता था। मोहल्ले के कई लोगों पर हमला भी कर चुका है। हत्या के बाद शकुंतला बेटी के साथ झांसी के लिए रवाना हो गई। उनकी 4 बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि आशीष इकलौता बेटा था। थाने में गुमसुम बैठा, कुछ बोल नहीं रहा
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है- आरोपी आशीष से पूछताछ की जा रही है। वह थाने में गुमसुम बैठा है और कुछ बोल नहीं रहा है। पूछताछ कर उससे हत्या का कारण पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। ये भी पढ़ें.. 5वीं पास शबीना ने अफसर से ठगे 1.26 करोड़ प्रयागराज में रिटायर्ड सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा से ठगी करने वो साइबर शातिरों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। रिटायर्ड सीएमओ से ऑनलाइन ट्रेडिंग एप और वॉट्सऐप, टेलीग्राम के माध्यम से निवेश लाखों के मुनाफे का लालच देकर 1.26 करोड़ की ठगी की गई थी। पढ़ें पूरी खबर बेटे ने बीमार पिता को पीट-पीटकर मार डाला। 20 घंटे तक लाश के साथ सोया। टीवी भी देखा। बाद में शव को चादर से ढककर भाग गया। मोहल्ले वालों ने लाश देखी तो हड़कंप मच गया। थोड़ी देर बाद बेटा दोबारा घर पहुंचा। तब लोगों ने उसे पकड़ लिया और रस्सी से बांध दिया, फिर पुलिस के हवाले कर दिया। पूरी घटना झांसी के कोतवाली थाना के छनियापुरा मोहल्ले की है। हाथ टूटने पर बेटी के घर गई थी मां मृतक का नाम गोपाल अहिरवार (55) था। वह छनियापुरा मोहल्ले का रहने वाला था। पड़ोस में रहने वाली मृतक की बहू पिस्ता देवी ने बताया- 8 साल पहले गोपाल को लकवा मार गया था। तब से उनको चलने-फिरने में दिक्कत थी। उनका इकलौता बेटा आशीष (25) नशे का आदी है। वह अक्सर पिता के साथ मारपीट करता था। कुछ दिन पहले गोपाल की पत्नी शकुंतला गिर गई थीं। उनके हाथ में फैक्चर हो गया था। 4 जुलाई को शकुंतला को उनकी बेटी रजनी ससुराल तालबेहट ले गई। घर पर गोपाल और उनका बेटा थे। उसी दिन से आरोपी बेटा पिता पर जुल्म ढा रहा था। घर से बाहर नहीं निकलने देता था, न ही खाना देता। रात को पीटता रहा बेटा, चिल्लाते रहे पिता पिस्ता देवी ने बताया- शुक्रवार सुबह मैं चाय लेकर गई तो आशीष ने पिता को चाय नहीं पीने दी। समझाने पर भी नहीं माना। मैं वापस आ गई। उसने पूरे दिन पिता को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। शाम को आशीष बाजार की तरफ चला गया। तब मैं खाना लेकर गई। गोपाल ने दो रोटी खाई। फिर मैं लौट आई। थोड़ी देर बाद आशीष झल्लाते हुए आया। पिता को धमकाने लगा। रात होने पर हम लोग सो गए। देर रात 12 बजे आशीष ने पिता को बुरी तरह पीटा। वो जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और रो रहे थे। आशीष का मोहल्ले में खौफ है, तो कोई बचाने नहीं गया। थोड़ी देर बाद आवाजें आनी बंद हो गईं। 20 घंटे शव के साथ रहा, टीवी भी देखी पिस्ता देवी ने बताया- हत्या के बाद आरोपी बेटा शव के पास सो गया। शनिवार सुबह भी वह घर से बाहर नहीं निकला। घर में टीवी देखता रहा। अंदर से कुंडी लगाए था। रात 8 बजे आशीष घर से बाहर आया। मोहल्ले के लोग घर के अंदर गए। कमरे में बेड पर पिता लेटे थे। ऊपर से चादर डला था। लोगों ने हाथ हिलाया तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। चादर हटाया तो गोपाल मृत पड़े थे। तकिया में खून लगा था और होंठ में सूजन थी। शरीर पर चोट के निशान थे। दोबारा आया तो पकड़ा गया
थोड़ी देर बाद आशीष दोबारा घर आया। लोगों ने उसे देखते ही पकड़ लिया और रस्सी से बांध दिया। पुलिस को सूचना दी। SP सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की। मोहल्ले वालों ने बताया- आशीष झगड़ालू किस्म का है। वह मुंह के अंदर ब्लड रखता है। चाकू भी साथ लेकर चलता था। मोहल्ले के कई लोगों पर हमला भी कर चुका है। हत्या के बाद शकुंतला बेटी के साथ झांसी के लिए रवाना हो गई। उनकी 4 बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि आशीष इकलौता बेटा था। थाने में गुमसुम बैठा, कुछ बोल नहीं रहा
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है- आरोपी आशीष से पूछताछ की जा रही है। वह थाने में गुमसुम बैठा है और कुछ बोल नहीं रहा है। पूछताछ कर उससे हत्या का कारण पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। ये भी पढ़ें.. 5वीं पास शबीना ने अफसर से ठगे 1.26 करोड़ प्रयागराज में रिटायर्ड सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा से ठगी करने वो साइबर शातिरों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। रिटायर्ड सीएमओ से ऑनलाइन ट्रेडिंग एप और वॉट्सऐप, टेलीग्राम के माध्यम से निवेश लाखों के मुनाफे का लालच देकर 1.26 करोड़ की ठगी की गई थी। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर