हिमाचल में मानसून की एंट्री से पहले मौसम सुहावना हो गया है। बारिश के बाद प्रदेश के ज्यादातर शहरों के तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो प्रदेश के मैदानी इलाकों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में आज भी हल्की बारिश के आसार है। खासकर चंबा, कांगड़ा, कुल्लू व मंडी जिला के ऊपरी इलाकों में आंधी के साथ साथ आसमानी बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। IMD के अनुसार, कल यानी 26 जून को मौसम प्रदेशभर में साफ रहेगा। 27 जून से मानसून दस्तक दे सकती है। 27 जून को मानसून की एंट्री के बाद 28 जून के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले प्री-मानसून की एंट्री हो चुकी है। हालांकि प्री-मानसून की बारिश प्रदेश के कुछेक क्षेत्रों में ही हुई है। खासकर बीते 24 घंटे के दौरान लाहौल स्पीति के उदयपुर और सोलन जिला के गंभरपुल में बादल फटने से खूब तबाही देखी गई। गंभरपुल में तो एक ढाबा मलबे में बह गया, जबकि तीन दुकानों व एक घर में मलबा भरने से भारी नुकसान हुआ है। दो गाड़ियां भी मलबे की चपेट में आई है। हिमाचल में मानसून अक्सर 22 से 25 जून के बीच दस्तक देता है। मगर इस बार दो दिन की देरी से आ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 27 जून को मानसून की एंट्री संभावित है और 28 जून से ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 28 से 30 जून तक येलो अलर्ट डॉ. पॉल ने बताया कि 28 से 30 जून तक प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार मानसून में नॉर्मल रहने के आसार है। उन्होंने बताया कि मानसून की एंट्री से पहले कुछेक स्थानों पर आज व कल तापमान में हल्का उछाल आएगा। अभी ऊना का तापमान सर्वाधिक 40.2 डिग्री सेल्सियस और नारकंडा का सबसे कम 21.4 डिग्री चल रहा है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का पारा जून में अब तक नॉर्मल से 57% कम बारिश हिमाचल में अब तक जून महीने में नॉर्मल से 57 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जून के पहले 24 दिन में 66.7 मिलीमीटर नॉर्मल रैन होती है, लेकिन इस बार 28.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। हमीरपुर में नॉर्मल से 78 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं ऊना व कांगड़ा में 75-75 प्रतिशत, मंडी में 71 प्रतिशत, बिलासपुर में 45 प्रतिशत, चंबा में 55 प्रतिशत, किन्नौर में -69 प्रतिशत, कुल्लू में -51 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में -24 प्रतिशत, शिमला में 55 प्रतिशत, सिरमौर में 66 प्रतिशत और सोलन जिला में नॉर्मल से 43 प्रतिशत बादल बरसे है। हिमाचल में मानसून की एंट्री से पहले मौसम सुहावना हो गया है। बारिश के बाद प्रदेश के ज्यादातर शहरों के तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो प्रदेश के मैदानी इलाकों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में आज भी हल्की बारिश के आसार है। खासकर चंबा, कांगड़ा, कुल्लू व मंडी जिला के ऊपरी इलाकों में आंधी के साथ साथ आसमानी बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। IMD के अनुसार, कल यानी 26 जून को मौसम प्रदेशभर में साफ रहेगा। 27 जून से मानसून दस्तक दे सकती है। 27 जून को मानसून की एंट्री के बाद 28 जून के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले प्री-मानसून की एंट्री हो चुकी है। हालांकि प्री-मानसून की बारिश प्रदेश के कुछेक क्षेत्रों में ही हुई है। खासकर बीते 24 घंटे के दौरान लाहौल स्पीति के उदयपुर और सोलन जिला के गंभरपुल में बादल फटने से खूब तबाही देखी गई। गंभरपुल में तो एक ढाबा मलबे में बह गया, जबकि तीन दुकानों व एक घर में मलबा भरने से भारी नुकसान हुआ है। दो गाड़ियां भी मलबे की चपेट में आई है। हिमाचल में मानसून अक्सर 22 से 25 जून के बीच दस्तक देता है। मगर इस बार दो दिन की देरी से आ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 27 जून को मानसून की एंट्री संभावित है और 28 जून से ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 28 से 30 जून तक येलो अलर्ट डॉ. पॉल ने बताया कि 28 से 30 जून तक प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार मानसून में नॉर्मल रहने के आसार है। उन्होंने बताया कि मानसून की एंट्री से पहले कुछेक स्थानों पर आज व कल तापमान में हल्का उछाल आएगा। अभी ऊना का तापमान सर्वाधिक 40.2 डिग्री सेल्सियस और नारकंडा का सबसे कम 21.4 डिग्री चल रहा है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का पारा जून में अब तक नॉर्मल से 57% कम बारिश हिमाचल में अब तक जून महीने में नॉर्मल से 57 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जून के पहले 24 दिन में 66.7 मिलीमीटर नॉर्मल रैन होती है, लेकिन इस बार 28.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। हमीरपुर में नॉर्मल से 78 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं ऊना व कांगड़ा में 75-75 प्रतिशत, मंडी में 71 प्रतिशत, बिलासपुर में 45 प्रतिशत, चंबा में 55 प्रतिशत, किन्नौर में -69 प्रतिशत, कुल्लू में -51 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में -24 प्रतिशत, शिमला में 55 प्रतिशत, सिरमौर में 66 प्रतिशत और सोलन जिला में नॉर्मल से 43 प्रतिशत बादल बरसे है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 6 जिलों में बारिश का अलर्ट:कल से कमजोर पड़ेगा मानसून; 23 सितंबर तक खिलेगी धूप, अब तक सामान्य से 19% कम बारिश
हिमाचल के 6 जिलों में बारिश का अलर्ट:कल से कमजोर पड़ेगा मानसून; 23 सितंबर तक खिलेगी धूप, अब तक सामान्य से 19% कम बारिश हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में आज बारिश का पूर्वानुमान है, जबकि अन्य छह जिलों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग ने कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला को येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में एक-दो स्पेल तेज बारिश का हो सकता है। मौसम विभाग की माने तो कल से मानसून कमजोर पड़ जाएगा। प्रदेश में कल से आगामी 23 सितंबर तक बारिश की संभावना नहीं है। इस दौरान प्रदेशभर में धूप खिलेगी। वहीं सोलन, शिमला, बिलासपुर, सिरमौर, मंडी और कुल्लू जिला के कुछेक क्षेत्रों में देर रात को भी अच्छी बारिश हुई। इससे प्रदेश में 40 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध पड़ी है। मानसून सीजन में 19 प्रतिशत कम बारिश इस मानसून सीजन में सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। 1 जून से 17 सितंबर के बीच 695 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 565.9 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। शिमला और बिलासपुर को छोड़कर एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बादल बरसे हो। शिमला जिला में सामान्य से 18 प्रतिशत और बिलासपुर में नॉर्मल से 4 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। सितंबर में अच्छी बारिश बेशक, मानसून की रफ्तार इस बार ढीली रही है, लेकिन सितंबर में अच्छी बारिश हुई है। 1 से 17 सितंबर के बीच सामान्य से 14 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं। इस अवधि में 81.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 92.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसी तरह 11 से 17 सितंबर के बीच सामान्य से 44 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है।
हिमाचल प्रदेश में सेब प्रोडक्शन में लगातार गिरावट:हर साल बढ़ रहा रकबा, घट रहा उत्पादन, इस बार 2.91 करोड़ पेटी का अनुमान
हिमाचल प्रदेश में सेब प्रोडक्शन में लगातार गिरावट:हर साल बढ़ रहा रकबा, घट रहा उत्पादन, इस बार 2.91 करोड़ पेटी का अनुमान हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं के कारण हर साल सेब का उत्पादन गिर रहा है। सेब का रकबा बढ़ने के बावजूद उत्पादन कम हो रहा है। इस बार भी बागवानी विभाग ने 2.81 करोड़ पेटी सेब आने का अनुमान जताया है। प्रदेश में 1.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की खेती हो रही है। वर्ष 2009-10 में सेब का रकबा 99564 हेक्टेयर था, उस दौरान 5 करोड़ 11 लाख पेटी सेब का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2022-23 में सेब का रकबा बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया और उत्पादन घटकर 2.11 करोड़ पेटी रह गया। वर्ष 2010 के बाद पांच करोड़ तो छोड़िए, चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन भी नहीं हो सका। दूसरी सबसे अधिक फसल 11 साल पहले यानी 2013 में 3.69 करोड़ पेटी हुई थी। साल 2010 में हुई थी रिकॉर्ड प्रोडक्शन साल कितनी पेटी 2010 5.11 करोड़
2011 1.38 करोड़
2012 1.84 करोड़
2013 3.69 करोड़
2014 2.80 करोड़
2015 3.88 करोड़
2016 2.40 करोड़
2017 2.08 करोड़
2018 1.65 करोड़
2019 3.24 करोड़
2020 2.40 करोड़
2021 3.05 करोड़
2022 3.36 करोड़
2023 2.11 करोड़ विश्व बैंक की 1134 करोड़ की परियोजना भी नहीं बढ़ा पाई उत्पादन सेब उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में विश्व बैंक की 1134 करोड़ रुपये की परियोजना भी लागू की गई थी। वर्ष 2017 में जब इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, तब दावा किया गया था कि औसत सेब उत्पादन 8 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो जाएगा, जो 2017 में भी 6 मीट्रिक टन था। इसमें अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सेब उत्पादन पर मौसम का असर : डॉ. भारद्वाज बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि सेब उत्पादन पूरी तरह मौसम पर निर्भर है। पिछले कुछ सालों से मौसम सेब के अनुकूल नहीं रहा है। सर्दियों में अच्छी बर्फबारी न होना, फ्लावरिंग के दौरान बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि या सूखे जैसे कारणों से सेब का अच्छा उत्पादन नहीं हो पा रहा है। बर्फबारी का ट्रेंड बदलने से फसल पर बुरा असर हिमाचल में बीते एक दशक के दौरान बर्फबारी का ट्रेंड बदला है। आमतौर पर प्रदेश में दिसंबर से 15 फरवरी के बीच बर्फबारी होती थी। मगर पिछले कुछ सालों के दौरान फरवरी से मार्च में बर्फ गिरती रही है। कई ऊंचे क्षेत्रों में तो अप्रैल में भी बर्फबारी रिपोर्ट हुई है। इसका असर सेब की खेती पर पड़ रहा है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में बर्फ के बाद अचानक ठंड पड़ने से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित होती है। ठंडे मौसम में मधुमक्खियां परागण नहीं कर पाती और अच्छी फ्लावरिंग भी नहीं हो पाती। इसकी मार फसल पर पड़ती है। इसके विपरीत साल दर साल सेब पर उत्पादन लागत हर साल बढ़ती जा रही है और उत्पादन कम हो रहा है। इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब का पूर्वानुमान: नेगी बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा, इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब होने का पूर्वानुमान है। सेब की खेती मौसम पर निर्भर करती है। आने वाले दिनों में सेब के अच्छे साइज व रंग के लिए बारिश के साथ साथ धूप खिलना भी जरूरी है।
हिमाचल और हरियाणा पुलिस में टकराव:शिमला से टीम गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई, यहां उल्टा लोकल पुलिस ने दागे सवाल
हिमाचल और हरियाणा पुलिस में टकराव:शिमला से टीम गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई, यहां उल्टा लोकल पुलिस ने दागे सवाल हिमाचल में सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने से जुड़े केस में प्रदेश और हरियाणा पुलिस पुलिस में आमने-सामने हो गई हैं। राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले 9 विधायकों को हवाई सेवाएं देने वाली हेलिकॉप्टर कंपनी से पूछताछ के लिए शिमला पुलिस दो दिन पहले गुरुग्राम पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक गुरुग्राम में शिमला पुलिस को फजीहत झेल कर वापस लौटना पड़ा है। शिमला पुलिस अदालत द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर विमान कंपनी के गुरुग्राम स्थित दफ्तर में पूछताछ को गई थी। मगर वहां पर गुरुग्राम पुलिस पहले से मौजूद थी। इससे पहले की शिमला पुलिस कंपनी प्रबंधन से पूछताछ कर पाती और रिकॉर्ड कब्जे में लेती, गुरुग्राम पुलिस ने उल्टा शिमला पुलिस से सवाल कर दिए। सूत्रों के मुताबिक शिमला पुलिस से गुरुग्राम पुलिस ने लगभग 10 घंटे पूछताछ की। दरअसल, विमान कंपनी को रेड की पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसलिए कंपनी ने पहले ही लोकल पुलिस मौके पर बुला दी थी। इसके बाद गुरुग्राम पुलिस शिमला पुलिस पर हावी हो गई। शिमला से चार सदस्यीय टीम DSP मानविंदर की अगुआई में गुरुग्राम गई थी। शिमला के SP संजीव गांधी ने बताया कि गुरुग्राम गई टीम वापस लौट रही है। कोर्ट से सर्च वारंट था। गुरुग्राम में जो भी हुआ होगा, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी। उधर, गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है। शिमला पुलिस के खिलाफ FIR देने को तैयार हो गई हरियाणा पुलिस
आमतौर पर एक राज्य की पुलिस जब दूसरे प्रदेश में इस तरह की कार्रवाई करती है तो लोकल पुलिस सहयोग करती है, मगर इस केस में हरियाणा और हिमाचल पुलिस आमने-सामने हो गई। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम पुलिस तो शिमला पुलिस के खिलाफ एफआईआर देने को तैयार थी। इस विवाद की वजह से शिमला पुलिस विमान कंपनी से रिकॉर्ड भी कब्जे में नहीं ले सकी। शिमला पुलिस को इसलिए सहयोग नहीं मिला
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में कांग्रेस सरकार और हरियाणा में बीजेपी सरकार की वजह से इस मामले में लोकल पुलिस का सहयोग नहीं मिल पाया। कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में FIR कराई थी। इस शिकायत में सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए के लेन-देन, बागियों को फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराने और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने समेत जैसे गंभीर आरोप हैं। बालूगंज थाना में इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर
यह एफआईआर हमीरपुर से बीजेपी विधायक आशीष शर्मा और गगरेट से पूर्व विधायक एवं बीजेपी टिकट पर उपचुनाव लड़ने वाले चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज है। इस केस में शिमला पुलिस बीजेपी नेता एवं पूर्व में कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी समेत कई भाजपा नेताओं से पूछताछ कर चुकी है। अब पढ़िए पूरा मामला?
इस साल 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। जिस वजह से भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट को 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए, जबकि कांग्रेस के कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे। सरकार पर आया था संकट
इसके बाद सरकार पर संकट आ गया था। भाजपा ने गवर्नर से मिलकर कहा कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। दोनों के पास बराबर 34-34 विधायक हो गए थे। इसके बाद तुरंत कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को शिमला भेजा। इसके बाद सरकार का संकट टालने के लिए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस की शिकायत पर बागी हुए 6 विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया। बाद में 3 निर्दलीयों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से केस दर्ज कराया गया था। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे थे बागी विधायक
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे थे। इसके बाद ऋषिकेश गए। ऋषिकेश से गुरुग्राम पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। होटलों में ठहराया, हेलिकॉप्टर से बागियों को ले गए
आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने में मदद की।