बुलंदशहर में नकली दूध और पनीर बनाने की फैक्ट्री पर खाद्य विभाग ने छापा मारा। मौके से 100 क्विंटल सिंथेटिक दूध और 80 किलो नकली पनीर बरामद हुआ। मिल्क पाउडर, कास्टिक पोटाश, वे पाउडर, रिफाइंड, सिंथेटिक सीरम को मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा था। मिलावटी पनीर बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला स्किम्ड दूध और पामोलिन तेल भी मिला है। टीम ने कुल 20 लाख रुपए का माल जब्त किया है। तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। टीम ने जब केमिकल से दूध बनाया तो वह 2 मिनट में तैयार हो गया, जिसे देख अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। फूड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केमिकल से बने नकली दूध और पनीर खाने से किडनी, लीवर और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा होता है। 2 फोटो देखिए… 25 किलो नकली पनीर मौके से बरामद मामला खुर्जा क्षेत्र के अगोरा अमीरपुर गांव का है। खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बुधवार देर रात फैक्ट्री पर छापा मारा। खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त विनीत कुमार ने बताया- फैक्ट्री में 80 किलो नकली पनीर रखा था। साथ ही पनीर बनाने के लिए 25-25 kg के स्किम्ड मिल्क पाउडर के 10 बैग, रिफाइंड पामोलिन तेल के 15-15 लीटर के 20 टीन और तैयार सफेद तरल केमिकल पेस्ट मौके पर मिला। फैक्ट्री में केमिकल मिलाकर पनीर बनाने की तैयारी चल रही थी। टीम को मौके पर दूध खरीद से संबंधित कोई सबूत फैक्ट्री मालिक नहीं दिखा पाया। टीम ने मौके से पनीर स्किम्ड मिल्क, रिफाइंड पामोलिन तेल केमिकल पेस्ट का एक-एक नमूना लेकर जांच के लिए लैब भेजा है। तीन आरोपी फैक्ट्री से पकड़े गए टीम ने जब फैक्ट्री मालिक से केमिकल सप्लायर के बारे में पूछताछ की तो मामले का राजफाश हो गया। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि पकड़ी गई फैक्ट्री से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे स्याना रोड स्थित पांच गोदामों से केमिकल और अन्य सामग्री खरीदते थे। गोदामों में लगभग 100 कुंतल नकली दूध बनाने का सामान बरामद किया गया। इन गोदामों से पकड़े गए माल की कुल कीमत 20, 23,750 रुपए आंकी गई है। तीन लाख लीटर नकली दूध बनाने का रखा था सामान जांच में सामने आया कि गोदामों से बरामद सामग्री का इस्तेमाल करके तीन लाख लीटर सिंथेटिक दूध तैयार किया जा सकता था। फूड विभाग से फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस नहीं लिया गया था। करीब 10 सालों से यह अवैध फैक्ट्री चल रही थी। फैक्ट्री बुलंदशहर के देवीपुरा निवासी अजय कुमार अग्रवाल के नाम है। यह पहले भी दो बार पकड़े जा चुके हैं। पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस फैक्ट्री से गाजियाबाद, दिल्ली, हापुड़, मेरठ, नोएडा, अलीगढ़ और हाथरस में नकली पनीर की सप्लाई होती थी। डीएम ने एडीएम प्रशासन को जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। 2 मिनट में तैयार हो गया नकली दूध खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम गांव अगौरा अमीरपुर में छापेमारी कर वापस कार्यालय लौटी। गुरुवार कार्यालय में फैक्ट्री से जब्त किए गए केमिकल व अन्य सामान को मिलाकर देखा गया तो दो मिनट के अंदर ही दूध तैयार हो गया। जिसे देखकर अधिकारी हैरत में पड़ गए। छापेमारी में ये सामान मिले, जानिए उनकी कीमत नकली पनीर और दूध की पहचान के टिप्स जानिए… ————————————— यह भी पढ़िए… कार नहीं मिली तो मंडप से भागा दूल्हा:वाराणसी में दुल्हन बोली- मुझे लगा मजाक कर रहे; पिता ने कहा- गिफ्ट, रुपए नहीं लौटाए ‘हमें दहेज में कार चाहिए, नहीं तो शादी नहीं करेंगे।’ यह कहकर वाराणसी में दूल्हा मंडप छोड़कर भाग गया। घटना राजवंश पैलेस कंचनपुर की है। गाजीपुर के भदौरा से अपनी बेटी की शादी करने अजय कुमार जायसवाल वाराणसी आए थे। उन्होंने अपनी बेटी की शादी चितईपुर के रहने वाले विशाल जायसवाल से तय की थी। 4 दिसंबर को शादी थी, लेकिन जयमाल के बाद दूल्हा भाग गया। पढ़ें पूरी खबर… बुलंदशहर में नकली दूध और पनीर बनाने की फैक्ट्री पर खाद्य विभाग ने छापा मारा। मौके से 100 क्विंटल सिंथेटिक दूध और 80 किलो नकली पनीर बरामद हुआ। मिल्क पाउडर, कास्टिक पोटाश, वे पाउडर, रिफाइंड, सिंथेटिक सीरम को मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा था। मिलावटी पनीर बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला स्किम्ड दूध और पामोलिन तेल भी मिला है। टीम ने कुल 20 लाख रुपए का माल जब्त किया है। तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। टीम ने जब केमिकल से दूध बनाया तो वह 2 मिनट में तैयार हो गया, जिसे देख अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। फूड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केमिकल से बने नकली दूध और पनीर खाने से किडनी, लीवर और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा होता है। 2 फोटो देखिए… 25 किलो नकली पनीर मौके से बरामद मामला खुर्जा क्षेत्र के अगोरा अमीरपुर गांव का है। खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बुधवार देर रात फैक्ट्री पर छापा मारा। खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त विनीत कुमार ने बताया- फैक्ट्री में 80 किलो नकली पनीर रखा था। साथ ही पनीर बनाने के लिए 25-25 kg के स्किम्ड मिल्क पाउडर के 10 बैग, रिफाइंड पामोलिन तेल के 15-15 लीटर के 20 टीन और तैयार सफेद तरल केमिकल पेस्ट मौके पर मिला। फैक्ट्री में केमिकल मिलाकर पनीर बनाने की तैयारी चल रही थी। टीम को मौके पर दूध खरीद से संबंधित कोई सबूत फैक्ट्री मालिक नहीं दिखा पाया। टीम ने मौके से पनीर स्किम्ड मिल्क, रिफाइंड पामोलिन तेल केमिकल पेस्ट का एक-एक नमूना लेकर जांच के लिए लैब भेजा है। तीन आरोपी फैक्ट्री से पकड़े गए टीम ने जब फैक्ट्री मालिक से केमिकल सप्लायर के बारे में पूछताछ की तो मामले का राजफाश हो गया। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि पकड़ी गई फैक्ट्री से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे स्याना रोड स्थित पांच गोदामों से केमिकल और अन्य सामग्री खरीदते थे। गोदामों में लगभग 100 कुंतल नकली दूध बनाने का सामान बरामद किया गया। इन गोदामों से पकड़े गए माल की कुल कीमत 20, 23,750 रुपए आंकी गई है। तीन लाख लीटर नकली दूध बनाने का रखा था सामान जांच में सामने आया कि गोदामों से बरामद सामग्री का इस्तेमाल करके तीन लाख लीटर सिंथेटिक दूध तैयार किया जा सकता था। फूड विभाग से फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस नहीं लिया गया था। करीब 10 सालों से यह अवैध फैक्ट्री चल रही थी। फैक्ट्री बुलंदशहर के देवीपुरा निवासी अजय कुमार अग्रवाल के नाम है। यह पहले भी दो बार पकड़े जा चुके हैं। पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस फैक्ट्री से गाजियाबाद, दिल्ली, हापुड़, मेरठ, नोएडा, अलीगढ़ और हाथरस में नकली पनीर की सप्लाई होती थी। डीएम ने एडीएम प्रशासन को जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। 2 मिनट में तैयार हो गया नकली दूध खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम गांव अगौरा अमीरपुर में छापेमारी कर वापस कार्यालय लौटी। गुरुवार कार्यालय में फैक्ट्री से जब्त किए गए केमिकल व अन्य सामान को मिलाकर देखा गया तो दो मिनट के अंदर ही दूध तैयार हो गया। जिसे देखकर अधिकारी हैरत में पड़ गए। छापेमारी में ये सामान मिले, जानिए उनकी कीमत नकली पनीर और दूध की पहचान के टिप्स जानिए… ————————————— यह भी पढ़िए… कार नहीं मिली तो मंडप से भागा दूल्हा:वाराणसी में दुल्हन बोली- मुझे लगा मजाक कर रहे; 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जालंधर में संत निरंजन दास को हत्या की धमकी:सोशल मीडिया पर लाइव होकर गुरु रविदास को दी गालियां; समाज के लोगों में रोष श्री गुरु रविदास महाराज और डेरा बल्लां के संत निरंजन दास को सोशल मीडिया लाइव होकर गाली गलौज करने का मामला सामने आया है। इस मामले में जालंधर देहात पुलिस के थाना गोराया में एक आरोपी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की पहचान गोराया के गांव पद्दी खालसा के रहने वाले संदीप कुमार उर्फ बंटी के रूप में हुई है। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गुरुओं के लिए भद्दी शब्दावली का किया इस्तेमाल पुलिस को दिए गए बयानों में डॉ. अंडेबरकर सेना के जालंधर प्रधान गुलशन कुमार ने कहा कि वह मूल रूप से गोराया के गांव मुसंदपुर बड़ा गांव के रहने वाले हैं और रविदास समाज से संबंध रखते हैं। 24 नवंबर को वह अपने घर में मौजूद थे। इस दौरान उनके वॉट्सऐप पर एक 2 मिनट 1 सेकेंड का एक वीडियो पहुंचा। जिसमें उक्त व्यक्ति रविदास समाज के बारे में भद्दी शब्दावली का इस्तेमाल कर रहा था। जिससे पूरे समाज को काफी ठेस पहुंची। आरोपी ने संत निरंजन दास को दी धमकी गुलशन कुमार ने बताया कि आरोपी यहीं नहीं रुका। उसने संत निरंजन दास को जान से मारने की धमकियां तक दे डाली। आरोपी ने लाइव में कहा- हमने एक को मार दिया है और दूसरे की भी बारी है। कुमार ने आगे कहा- आरोपी की इन बातों में समाज का मन आहत हुआ है। इसे लेकर रविदास समाज द्वारा गोराया थाने पहुंचे कर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की गई थी। जिसके बाद मामले में गोराया थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गई। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी।
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क्लाइमेट चेंज से भूकंप पर कोई असर नहीं:NCS के वैज्ञानिक बोले-162 स्टेशन से हो रही निगरानी, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अजय प्रताप सिंह वाराणसी पहुंचे। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा- हम लोग 24 घंटे, दिन-रात सिर्फ भूकंप की मॉनिटरिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे इंडिया में हम लोगों ने 162 स्टेशन लगाए हैं। जिससे देश में कहीं भी कोई एक्टिविटी होती है, तो हमें स्टेशनों की मदद से तुरंत पता चल जाता है। भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र
डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया- भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में सर्वाधिक तीव्रता के भूकंप आते हैं। उन्होंने बताया कि हिमालय बेल्ट में भूकंप की हलचल सबसे ज्यादा होती है। उससे ज्यादा अंडमान-निकोबार में केंद्र होता है। इसके अलावा सुनामी दो तरह से आती है, एक अंडमान निकोबार दीप समूह, दूसरा मकरान सब एस्क जोन बेस्ट बंगाल के एरिया को टच करता है। रेनफॉल की वजह से गुजरात और पालघर में हुई भूकंप की एक्टिविटी
डॉ. अजय ने बताया- देखने को मिल रहा है जो गुजरात के कच्छ रीजन जो जोन-5 पड़ता है, वहां उस रीजन में सबसे ज्यादा एक्टिविटी होती है। कुछ एक्टिविटी पालघर रीजन में भी शुरू हुए हैं। पालघर स्वराज और कर्नाटक रीजन में भी एक्टिविटी देखी जा रही है। लेकिन यह एक्टिविटी मानसून से रिलेटेड हो गया है। जब रेनफॉल ज्यादा हो रहा है, तो उस छोटे-छोटे अर्थ क्विक निकल रहे हैं। यह भी कुछ दिन से देखा जा रहा है कि जब रेनफाल ज्यादा हो रहा है तो छोटे-छोटे अर्थ क्विक आ रहे हैं। अर्थ क्विक मशीन कहा और कैसे लगाया जाता है? डॉ. अजय ने बताया अर्थ क्विक यंत्र के को नापने के लिए हम जो मशीन लगाते हैं। वह काफी शांत इलाके में लगाते हैं, जहां किसी का आवागमन भी काफी कम हो। इसके लिए हम रोड से दूर स्थान को चुनते हैं। उन्होंने कहा कि फिर हम एक पिलर बनाते हैं और उसके ऊपर उस यंत्र को रखा जाता है। अगर हम एक मशीन लगा दिए तो वह सिर्फ वहां के 1000 किलोमीटर का ही नहीं, बल्कि यहां तक कि अगर अर्थ क्विक जापान और अमेरिका में भी आया तब भी वह यंत्र बता देगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में 110 स्टेशन लगाया गया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के बीएचयू में हमने एक मशीन लगाई है। भूकंप तीन प्रकार के होते हैं… जानिए कौन-कौन से
भूकंपों के तीन प्रकार होते हैं। पहला इंड्यूस्ड अर्थ क्विक यानी ऐसे भूकंप जो इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं। जैसे सुरंगों को खोदना, किसी जलस्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े भौगोलिक या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना। बांधों के निर्माण की वजह से भी भूकंप आते हैं। दूसरा होता है वॉल्कैनिक अर्थक्वेक यानी वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं। ये भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के नीचे उनके बहने की वजह से आते हैं। तीसरा होता है कोलैप्स अर्थ क्विक यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं। जमीन के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी ये आते हैं।
यूपी पुलिस के पूर्व मुखिया का दावा उड़ा देगा सबकी नींद, खुद की नियुक्ति पर ही खड़े किए सवाल
यूपी पुलिस के पूर्व मुखिया का दावा उड़ा देगा सबकी नींद, खुद की नियुक्ति पर ही खड़े किए सवाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन को लेकर योगी कैब‍िनेट के फैसले पर सियासत गरमाई हुई है. इसी बीच अब उत्तर प्रदेश में डीजीपी बनाने के कैबिनेट के फैसले पर पूर्व डीजीपी और हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुलखान सिंह का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. यूपी के डीजीपी रह चुके सुलखान सिंह माना है कि डीजीपी पद पर उनकी नियुक्ति भी यूपीएससी के पैनल के माध्यम से नहीं हुई थी. </p>
<p>पूर्व डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए दावा किया कि उनकी खुद की नियुक्ति भी यूपीएससी के पैनल के माध्यम से नहीं हुई थी. एक तरफ अखिलेश यादव जो मौजूदा सरकार पर केंद्र और राज्य के बीच के द्वंद्व की चर्चाएं पर कटाक्ष करते हुए डीजीपी के नियुक्ति पर तमाम सवाल खड़े करते रहे. वहीं अब सुलखान सिंह ने अखिलेश यादव के कार्यकाल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.</p>
<p>सुलखान सिंह ने बताया कि अखिलेश यादव के समय पर भी नियुक्ति यूपीएससी से नहीं होती थी. अखिलेश यादव अपने हिसाब से मनचाहे लोगों को डीजीपी बनाते थे. उनसे पहले जगमोहन यादव को भी 14 लोगों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाया गया था. हालांकि सुलखान सिंह ने अपने बारे में बात करते हुए कहा कि जब वह डीजीपी बने तब सीनियर मोस्ट अफसर थे, तो अगर यूपीएससी पैनल जाता भी तब भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती. सुलखान सिंह ने कहा कि अधिकतर सरकार है बिना यूपीएससी के पैनल के अपना डीजीपी बनाये हैं. उन्होंने कहा की लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश में हितेश चंद्र अवस्थी सही तरीके से पैनल से डीजीपी बनाए गए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 1980 बैच के आईपीएस अफसर सुलखान सिंह उत्तर प्रदेश में 37 साल की सेवा के बाद 31 दिसंबर 2017 को पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के पद से सेवानिवृत हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है नई नियमावली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नई नियमावली तैयार की है और कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी है. इस नई नियमावली के अनुसार डीजीपी के चयन और नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी. इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या एक नामित प्रतिनिधि, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और राज्य के एक सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक सदस्य होंगे.</p>
<p><strong>जानें क्या कहती है पुरानी नियमावली</strong></p>
<p>अभी तक यूपी में डीजीपी चयन के लिए प्रदेश की सरकार पुलिस सेवा में 30 साल पूरा करने वाले अफसरों का नाम यूपीएससी को भेजती थी. ये वह अफसर होते थे जिनका कम से कम छह महीने का कार्यकाल शेष बचा हो. इसके बाद यूपीएससी इन नामों पर चर्चा करके प्रदेश सरकार को तीन अफसरों के नाम का पैनल भेजा करती था, फिर सरकार किसी एक अफसर को डीजीपी बनाती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerapur-by-election-samajwadi-party-candidate-sumbul-rana-without-permission-public-meeting-police-dozens-people-filed-fir-ann-2817628″>UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी समेत कई लोगों पर FIR, पुलिस ने बताई ये वजह, बढ़ी सरगर्मी</a></strong></p>