’3 साल पहले पत्नी की मौत के बाद दिव्यांग बेटी की देखभाल मेरा छोटा भाई ही करता था। होली के बाद शू कटिंग की जॉब छूट गई। खुशी मुझसे कहती कि पापा आधी रात को सोते-सोते उठ जाते हैं। सिर पर हाथ रखकर बैठे रहते। मुझे लगा कि वह डिप्रेशन में हैं, मगर ऐसा कुछ कर लेंगे, ये नहीं समझ पाया।’ यह कहते हुए इंद्रजीत रोने लगते हैं। उन्होंने कहा- चंद्र प्रकाश ने दूसरी शादी नहीं की थी। लोग गलत बातें कर रहे हैं। खुशी दिव्यांग थी। देखभाल के लिए एक महिला को केयरटेकर रखा। उसको 1 साल पहले दिल्ली से बुलाया था। वह 24 घंटे घर में ही रहती थी। मोहल्ले के लोग बातें न बनाएं, इसलिए महिला की मांग में सिंदूर और पाव में बिछिया पहनने के लिए कह दिया गया था। अब वो महिला दिल्ली वापस चली गई है। वो कभी पत्नी नहीं बन सकी। पहले पूरा मामला समझिए…
कटरा वजीर खां में रहने वाले चंद्र प्रकाश अपनी 14 साल की बेटी खुशी के साथ रहते थे। खुशी जन्म से दिव्यांग थी। उसके पैर खराब थे। खुशी की मां का 3 साल पहले बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसके बाद करीब 1 साल पहले चंद्रप्रकाश ने दिल्ली की महिला सुनीता को बेटी की देखभाल के लिए घर पर रख लिया। सुनीता विधवा थी। दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। 3 दिन पहले सुनीता दिल्ली चली गई थी। बेटी के लिए खाना बनाया, उसी में जहर दिया
घर में जो परिस्थितियां हैं, उसे देखकर पुलिस अनुमान लगा रही है कि चंद्रप्रकाश ने बेटी ने खुशी के लिए गुरुवार रात को खाना बनाया था। माना जा रहा है कि चंद्रप्रकाश ने उसी खाने में जहर मिला दिया था। पुलिस को रसोई में गैस के पास से सल्फास के चार पैकेट भी मिले। बेटी को खाना खिलाने के बाद उसे चादर ओढ़ाकर सुला दिया। पुलिस का मानना है कि बेटी की मौत होने के बाद रात में करीब 11 बजे चंद्रप्रकाश ने रसोई में पंखे से लटककर सुसाइड कर लिया। पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टर बोले– हत्या और सुसाइड की कहानी सही
बेटी की हत्या के बाद पिता ने सुसाइड किया। ये कहानी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी साफ है। डॉक्टर के मुताबिक, चंद्र प्रकाश की फंदे पर लटकने से मौत हुई थी। जबकि खुशी की मौत जहर की वजह से हुई है। इसलिए विसरा सुरक्षित रखा गया है। रिपोर्ट में मौत का समय गुरुवार रात का बताया जा गया है।
चंद्र प्रकाश का मोबाइल घर से ‘गायब’
इस मामले के बाद पुलिस को चंद्रप्रकाश की सभी चीजें मिली, मगर मोबाइल नहीं मिला। कॉल करने पर रिंग जा रही है, मगर घर में मोबाइल नहीं है। ऐसे में आगरा सर्विलांस टीम इस मोबाइल की लोकेशन निकाल रही है। क्योंकि सुसाइड नोट नहीं मिलने से मौत की सटीक वजह अभी सामने नहीं आई है। पिता और बेटी की मौत के बाद किसको सबसे ज्यादा फायदा होने वाला था, पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। केयरटेकर महिला से 3 घंटे बंद कमरे में पूछताछ
खुशी की केयरटेकर इस घटना से 3 दिन पहले दिल्ली चली गई थी। चंद्रप्रकाश की मौत के बाद वह भी देर शाम आगरा लौट आई थी। वहीं, चंद्रप्रकाश के साले सुनील ने केयरटेकर महिला पर जीजा को प्रॉपर्टी के लिए परेशान करने के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने करीब 3 घंटे बंद कमरे में पूछताछ की। हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी कोई ऐसा आधिकारिक बयान नहीं आया है कि चंद्रप्रकाश ने इस महिला से परेशान होकर अपनी बेटी को मार डाला फिर खुद भी सुसाइड कर लिया। खुशी अकेली थी, इसलिए हम ऊपर के कमरे में रहने लगे
अपने छोटे भाई और भतीजी को खो देने वाले इंद्रजीत कहते हैं- पहले हम लोग इस घर में नहीं रहते थे। मगर खुशी के अकेले होने की वजह से हम ऊपर की मंजिल में आ गए। सुबह और रात का खाना नीचे ही होता था। घर में नीचे के फ्लोर पर चंद्र प्रकाश, खुशी के साथ रहता था। इंद्रजीत ने बताया कि सुबह करीब 8 बजे वो रोज की तरह नीचे आए। चाय बनाने के लिए रसोई में गए तो देखा भाई फांसी पर लटका हुआ है। जब वो बेटी खुशी के पास गए तो उसके मुंह से भी झाग निकल रहा था। इसके बाद उन्होंने शोर मचाया। आसपास के लोग आ गए। लोगों की मदद से शव को फंदे से उतारा गया। बेटी को लेकर परेशान रहते थे चंद्रप्रकाश
पुलिस की जांच में सामने आया कि चंद्र प्रकाश बेटी खुशी को लेकर भी परेशान रहते थे। बेटी बड़ी हो गई थी। मां का साया भी उठ गया था। ऐसे में कौन उसका ख्याल रखेगा? इसको लेकर चंद्रप्रकाश को चिंता रहती थी। 4 दिन पहले साथ में रहने वाली महिला भी दिल्ली चली गई थी। इसके बाद बेटी के सारे काम चंद्र प्रकाश को ही करने पड़ रहे थे। ऐसे में सुसाइड के पीछे ये एंगल भी माना जा रहा है। ACP छत्ता हेमंत कुमार ने कहा- शुरुआती जांच सामने आया है कि पिता ने बेटी को जहर देकर फिर खुद सुसाइड किया है। अन्य संभावित बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
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आगरा में दिव्यांग बेटी को जहर देकर पिता का सुसाइड:पहली पत्नी की हो चुकी थी मौत; एक साल पहले की थी दूसरी शादी, वो तीन दिन से लापता आगरा में गुरुवार रात दिव्यांग बेटी की जहर देकर हत्या करने के बाद पिता ने सुसाइड कर लिया। शुक्रवार सुबह बड़ा भाई जब चाय पीने के लिए कमरे में पहुंचा तो मामले का खुलासा हुआ। कमरे में बेड पर दिव्यांग बेटी की लाश पड़ी थी। जिसके मुहं से झाग निकल रहा था। पढ़िए पूरी खबर… ’3 साल पहले पत्नी की मौत के बाद दिव्यांग बेटी की देखभाल मेरा छोटा भाई ही करता था। होली के बाद शू कटिंग की जॉब छूट गई। खुशी मुझसे कहती कि पापा आधी रात को सोते-सोते उठ जाते हैं। सिर पर हाथ रखकर बैठे रहते। मुझे लगा कि वह डिप्रेशन में हैं, मगर ऐसा कुछ कर लेंगे, ये नहीं समझ पाया।’ यह कहते हुए इंद्रजीत रोने लगते हैं। उन्होंने कहा- चंद्र प्रकाश ने दूसरी शादी नहीं की थी। लोग गलत बातें कर रहे हैं। खुशी दिव्यांग थी। देखभाल के लिए एक महिला को केयरटेकर रखा। उसको 1 साल पहले दिल्ली से बुलाया था। वह 24 घंटे घर में ही रहती थी। मोहल्ले के लोग बातें न बनाएं, इसलिए महिला की मांग में सिंदूर और पाव में बिछिया पहनने के लिए कह दिया गया था। अब वो महिला दिल्ली वापस चली गई है। वो कभी पत्नी नहीं बन सकी। पहले पूरा मामला समझिए…
कटरा वजीर खां में रहने वाले चंद्र प्रकाश अपनी 14 साल की बेटी खुशी के साथ रहते थे। खुशी जन्म से दिव्यांग थी। उसके पैर खराब थे। खुशी की मां का 3 साल पहले बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसके बाद करीब 1 साल पहले चंद्रप्रकाश ने दिल्ली की महिला सुनीता को बेटी की देखभाल के लिए घर पर रख लिया। सुनीता विधवा थी। दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। 3 दिन पहले सुनीता दिल्ली चली गई थी। बेटी के लिए खाना बनाया, उसी में जहर दिया
घर में जो परिस्थितियां हैं, उसे देखकर पुलिस अनुमान लगा रही है कि चंद्रप्रकाश ने बेटी ने खुशी के लिए गुरुवार रात को खाना बनाया था। माना जा रहा है कि चंद्रप्रकाश ने उसी खाने में जहर मिला दिया था। पुलिस को रसोई में गैस के पास से सल्फास के चार पैकेट भी मिले। बेटी को खाना खिलाने के बाद उसे चादर ओढ़ाकर सुला दिया। पुलिस का मानना है कि बेटी की मौत होने के बाद रात में करीब 11 बजे चंद्रप्रकाश ने रसोई में पंखे से लटककर सुसाइड कर लिया। पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टर बोले– हत्या और सुसाइड की कहानी सही
बेटी की हत्या के बाद पिता ने सुसाइड किया। ये कहानी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी साफ है। डॉक्टर के मुताबिक, चंद्र प्रकाश की फंदे पर लटकने से मौत हुई थी। जबकि खुशी की मौत जहर की वजह से हुई है। इसलिए विसरा सुरक्षित रखा गया है। रिपोर्ट में मौत का समय गुरुवार रात का बताया जा गया है।
चंद्र प्रकाश का मोबाइल घर से ‘गायब’
इस मामले के बाद पुलिस को चंद्रप्रकाश की सभी चीजें मिली, मगर मोबाइल नहीं मिला। कॉल करने पर रिंग जा रही है, मगर घर में मोबाइल नहीं है। ऐसे में आगरा सर्विलांस टीम इस मोबाइल की लोकेशन निकाल रही है। क्योंकि सुसाइड नोट नहीं मिलने से मौत की सटीक वजह अभी सामने नहीं आई है। पिता और बेटी की मौत के बाद किसको सबसे ज्यादा फायदा होने वाला था, पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। केयरटेकर महिला से 3 घंटे बंद कमरे में पूछताछ
खुशी की केयरटेकर इस घटना से 3 दिन पहले दिल्ली चली गई थी। चंद्रप्रकाश की मौत के बाद वह भी देर शाम आगरा लौट आई थी। वहीं, चंद्रप्रकाश के साले सुनील ने केयरटेकर महिला पर जीजा को प्रॉपर्टी के लिए परेशान करने के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने करीब 3 घंटे बंद कमरे में पूछताछ की। हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी कोई ऐसा आधिकारिक बयान नहीं आया है कि चंद्रप्रकाश ने इस महिला से परेशान होकर अपनी बेटी को मार डाला फिर खुद भी सुसाइड कर लिया। खुशी अकेली थी, इसलिए हम ऊपर के कमरे में रहने लगे
अपने छोटे भाई और भतीजी को खो देने वाले इंद्रजीत कहते हैं- पहले हम लोग इस घर में नहीं रहते थे। मगर खुशी के अकेले होने की वजह से हम ऊपर की मंजिल में आ गए। सुबह और रात का खाना नीचे ही होता था। घर में नीचे के फ्लोर पर चंद्र प्रकाश, खुशी के साथ रहता था। इंद्रजीत ने बताया कि सुबह करीब 8 बजे वो रोज की तरह नीचे आए। चाय बनाने के लिए रसोई में गए तो देखा भाई फांसी पर लटका हुआ है। जब वो बेटी खुशी के पास गए तो उसके मुंह से भी झाग निकल रहा था। इसके बाद उन्होंने शोर मचाया। आसपास के लोग आ गए। लोगों की मदद से शव को फंदे से उतारा गया। बेटी को लेकर परेशान रहते थे चंद्रप्रकाश
पुलिस की जांच में सामने आया कि चंद्र प्रकाश बेटी खुशी को लेकर भी परेशान रहते थे। बेटी बड़ी हो गई थी। मां का साया भी उठ गया था। ऐसे में कौन उसका ख्याल रखेगा? इसको लेकर चंद्रप्रकाश को चिंता रहती थी। 4 दिन पहले साथ में रहने वाली महिला भी दिल्ली चली गई थी। इसके बाद बेटी के सारे काम चंद्र प्रकाश को ही करने पड़ रहे थे। ऐसे में सुसाइड के पीछे ये एंगल भी माना जा रहा है। ACP छत्ता हेमंत कुमार ने कहा- शुरुआती जांच सामने आया है कि पिता ने बेटी को जहर देकर फिर खुद सुसाइड किया है। अन्य संभावित बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
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