ब्लास्ट होते ही धरती कांप जाती है:सोनभद्र में पहाड़ को बम से तोड़ रहे, 150 मीटर दूर स्कूल की दीवारों में दरार आई, बच्चे बोले-डर लगता है

ब्लास्ट होते ही धरती कांप जाती है:सोनभद्र में पहाड़ को बम से तोड़ रहे, 150 मीटर दूर स्कूल की दीवारों में दरार आई, बच्चे बोले-डर लगता है

सोनभद्र में पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है। खनन विभाग ने पहाड़ को 10 साल के लिए लीज पर दे रखा है। जिसे ठेकेदार तोड़ कर पत्थर बेच रहे हैं। पहाड़ तोड़ने के लिए पत्थरों में आरडीएक्स लगाकर हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। जिससे पहाड़ से मात्र 150 मीटर दूर बसे गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ तोड़ने लिए जब ब्लास्टिंग की जाती है तो जमीन और घरों में कंपन महसूस होता है। दीवारों में दरार पड़ गई हैं। पत्थर के टुकड़े छिटककर घरों में आते हैं। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। दैनिक भास्कर एप की टीम जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से 73 किलोमीटर दूर दुद्धी पहुंची। जहां जाताजुआ और बघमंदवा गांव में तीन पहाड़ हैं। जिसे तोड़ने का काम चल रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 2023 में लीज पर दिया था पहाड़ जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से 73 किलोमीटर दूर दुद्धी में जाताजुआ और बघमंदवा गांव। बघमंदवा गांव में 500 और जाताजुआ गांव में 800 घर हैं। दोनों गांव के बीच 150 मीटर की दूरी पर तीन पहाड़ियां हैं। जिसे खनन विभाग ने 09-01- 2023 से 08-01-2033 तक 2.9950 हेक्टेयर जमीन अजय सिंह के नाम से लीज पर दिया है। 2023 में वन विभाग ने NOC जारी किया था। इसके बाद खनन विभाग अधिकारी आशीष कुमार ने टेंडर जारी किया। इसके बाद जाताजुआ गांव में पहाड़ी का टेंडर लाइफमैप बिल्डर्स प्रा. लि. और बघमंदवा गांव में पहाड़ी का टेंडर ए. के.एस हाईवे प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. को दिया गया। जिसके डायरेक्टर अजय सिंह हैं। अजय सिंह पहाड़ों से पत्थरों को तुड़वाकर बेच रहे हैं। जहां पत्थरों को तोड़ने के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। जो नियमों के खिलाफ है। खनन विभाग के नियम के अनुसार अबादी के आस-पास पहाड़ों में हैवी ब्लास्टिंग नहीं कर सकते हैं। यहां होल कर केमिकल द्वारा ब्लास्ट कर सकते हैं। अब जानिए हैवी ब्लास्टिंग से क्या हो रहा असर… दीवारों में दरार पड़ी रही, बच्चे स्कूल जाने में डरते हैं पहाड़ी से 150 मीटर की दूरी पर जाताजुआ गांव में प्राथमिक विद्यालय है। जहां 142 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल में तीन टीचर हैं। बच्चों का कहना है कि जब ब्लास्टिंग होती है तो तेज आवाज से डर लगता है। पत्थर के टुकड़े कभी-कभी स्कूल में आ जाते हैं। स्कूल आने में भी डर लगता है।
स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश कुमार ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने में भी दिक्कत होती है। स्कूल की दीवारों में दरार आ गई है। गिरने का डर लगा रहता है। ब्लास्टिंग होते ही जैसे धरती कांपने लगती है। ब्लास्ट होते ही बच्चे डर जाते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि जब ब्लास्ट हुआ तो हम डर गए। फिर सर जी ने समझाया डरो मत कुछ नहीं होगा। पत्थर के टुकड़े यहां तक आते हैं। हमें बहुत डर लगता है। हम लोगों के घर पर पत्थर गिरता है। बता दें कि 6 मार्च को जाताजुआ के ग्रामीण कृष्ण कुमार, हरिशंकर यादव, विनोद व अन्य ग्रामीणों के साथ उपजिलाधिकारी निखिल यादव के पास हैवी ब्लास्टिंग की शिकायत लेकर पहुंचे थे। जहां भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता भी मौजूद थे। ग्रामीणों ने पूरी बात बताई। जिसके बाद जिलाध्यक्ष ने उप जिलाधिकारी को स्थलीय निरीक्षण कर समाधान के लिए कहा। एसडीएम ने तहसीलदार के संयुक्त टीम को वहां का जायजा लेने भेजा था। ग्रामीणों ने बताया सोमवार को उप जिलाधिकारी ब्लास्टिंग वाले क्षेत्र में स्थल निरीक्षण करने आएंगे। जाताजुआ गांव के रहने वाले विनोद कुमार ने बताया कि पहाड़ का जब ठेका हो रहा था, उस समय अधिकारियों और गांव वालों के बीच जन सुनवाई हुई थी। उस समय अधिकारियों और ठेकेदार ने कहा था, कि यहां ब्लास्टिंग नहीं होगी। पहाड़ को केमिकल ब्लास्टिंग से तोड़ा जाएगा। किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन कुछ दिन बाद से ही हैवी ब्लास्टिंग होनी लगी। ब्लास्ट होते ही घरों में कंपन होने लगता है। घर की दीवारों में दरार आ गई है। पत्थर के टुकड़े छिटक कर घरों में आते हैं। खेत में भी टुकड़े आ रहे हैं। जिससे खेती को भी नुकसान हो रहा है। ब्लास्टिंग से हम लोग परेशान हैं। घरों की दीवारों में आई दरार जाताजुआ गांव के ग्रामीण कामता प्रसाद और ईश्वरी प्रसाद ने कहा कि हैवी ब्लास्टिंग से गांव के कई मकानों में बड़ी दरारें आ गई हैं। ब्लास्टिंग इतनी तेज होती है कि पत्थर के टुकड़े घरों की छतों और आंगन में गिर रहे हैं। आबादी से महज 150 मीटर की दूरी पर खनन पट्टा देना नियमों के खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली, 2018 के अनुसार, खनन स्थल आबादी, जल स्रोतों और सार्वजनिक स्थलों से उचित दूरी पर होना चाहिए। नियमों के बावजूद यहां खनन की अनुमति दी गई है। खनन पट्टा केवल कागजों में सही दिखाने के लिए दिया गया है, जबकि हकीकत में एमएम-11 परमिट का दुरुपयोग कर अन्य स्थानों पर अवैध खनन किया जा रहा है। इस गड़बड़ी में प्रशासनिक अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत है। शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई वहीं, बघमंदवा गांव के बुजुर्ग बोले, ब्लास्ट होने पर पत्थर के टुकड़े यहां तक आते हैं। कल मैं बाल-बाल बचा था। एक टुकड़ा छिटककर यहां आ गया था। कई बार प्रशासन से शिकायत की लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लगातार हो रही अवैध ब्लास्टिंग से ग्रामीण दहशत में हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ब्लास्टिंग क्षेत्र से मात्र 20 मीटर की दूरी पर पंचायत भवन है। 150 मीटर की दूरी पर घनी आबादी है। इसके बावजूद अधिकारियों ने खनन पट्टा जारी कर दिया, जो बेहद चिंताजनक है।
प्रशासन से अवैध ब्लास्टिंग पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। संलिप्त अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई करने की अपील की है। बघमंदवा गांव के युवक ने बताया कि पहाड़ों में हो रही ब्लास्टिंग की वजह से इस दीवार में दरार आई है। पहले यह बिल्कुल ठीक था। लेकिन अब आए दिन हैवी ब्लास्टिंग होती है। घर गिरने का डर बना रहता है। हम लोगों ने विरोध भी किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा। उत्तर प्रदेश में खनन के नियम राज्य में खनन गतिविधियों के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा कुछ सख्त नियम और दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। खनिज परिवहन परमिट एमएम-11 परमिट केवल उसी स्थान के लिए वैध होता है, जहां से खनिज निकाला गया है। किसी अन्य स्थान पर इसका उपयोग करना अवैध है। उप जिलाधिकारी निखिल यादव ने बताया कि जाताजुआ और बघमंदवा गांव में पहाड़ी में हैवी ब्लास्टिंग की शिकायत मिल रही है। इससे ग्रामीणों को भी परेशानी हो रही है। खनन विभाग को साथ लेकर इस शिकायत की जांच की जाएगी। अगर शिकायत सहित पाई गई तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी । जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए दुद्धी विधायक विजय सिंह गोंड ने कहा कि बघमंदवा और जाताजुआ में जो खनन पट्टा हुआ है। पहाड़ी के नजदीक गांव की घनी आबादी है। ब्लास्टिंग के समय ग्रामीणों को परेशानी होती है। कई घरों में दरार पड़ चुके हैं। इसकी शिकायत कई बार आई है। एक बार मैंने मौके पर भी जाकर देखा है। ब्लास्टिंग से वहां जान माल का भी खतरा बना रहता है। अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण कर खनन नियमावली से कार्य हो रहे हैं या नहीं इसकी जांच करनी चाहिए। गलत पाए जाने पर लिप्त लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सोनभद्र में पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है। खनन विभाग ने पहाड़ को 10 साल के लिए लीज पर दे रखा है। जिसे ठेकेदार तोड़ कर पत्थर बेच रहे हैं। पहाड़ तोड़ने के लिए पत्थरों में आरडीएक्स लगाकर हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। जिससे पहाड़ से मात्र 150 मीटर दूर बसे गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ तोड़ने लिए जब ब्लास्टिंग की जाती है तो जमीन और घरों में कंपन महसूस होता है। दीवारों में दरार पड़ गई हैं। पत्थर के टुकड़े छिटककर घरों में आते हैं। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। दैनिक भास्कर एप की टीम जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से 73 किलोमीटर दूर दुद्धी पहुंची। जहां जाताजुआ और बघमंदवा गांव में तीन पहाड़ हैं। जिसे तोड़ने का काम चल रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 2023 में लीज पर दिया था पहाड़ जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से 73 किलोमीटर दूर दुद्धी में जाताजुआ और बघमंदवा गांव। बघमंदवा गांव में 500 और जाताजुआ गांव में 800 घर हैं। दोनों गांव के बीच 150 मीटर की दूरी पर तीन पहाड़ियां हैं। जिसे खनन विभाग ने 09-01- 2023 से 08-01-2033 तक 2.9950 हेक्टेयर जमीन अजय सिंह के नाम से लीज पर दिया है। 2023 में वन विभाग ने NOC जारी किया था। इसके बाद खनन विभाग अधिकारी आशीष कुमार ने टेंडर जारी किया। इसके बाद जाताजुआ गांव में पहाड़ी का टेंडर लाइफमैप बिल्डर्स प्रा. लि. और बघमंदवा गांव में पहाड़ी का टेंडर ए. के.एस हाईवे प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. को दिया गया। जिसके डायरेक्टर अजय सिंह हैं। अजय सिंह पहाड़ों से पत्थरों को तुड़वाकर बेच रहे हैं। जहां पत्थरों को तोड़ने के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। जो नियमों के खिलाफ है। खनन विभाग के नियम के अनुसार अबादी के आस-पास पहाड़ों में हैवी ब्लास्टिंग नहीं कर सकते हैं। यहां होल कर केमिकल द्वारा ब्लास्ट कर सकते हैं। अब जानिए हैवी ब्लास्टिंग से क्या हो रहा असर… दीवारों में दरार पड़ी रही, बच्चे स्कूल जाने में डरते हैं पहाड़ी से 150 मीटर की दूरी पर जाताजुआ गांव में प्राथमिक विद्यालय है। जहां 142 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल में तीन टीचर हैं। बच्चों का कहना है कि जब ब्लास्टिंग होती है तो तेज आवाज से डर लगता है। पत्थर के टुकड़े कभी-कभी स्कूल में आ जाते हैं। स्कूल आने में भी डर लगता है।
स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश कुमार ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने में भी दिक्कत होती है। स्कूल की दीवारों में दरार आ गई है। गिरने का डर लगा रहता है। ब्लास्टिंग होते ही जैसे धरती कांपने लगती है। ब्लास्ट होते ही बच्चे डर जाते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि जब ब्लास्ट हुआ तो हम डर गए। फिर सर जी ने समझाया डरो मत कुछ नहीं होगा। पत्थर के टुकड़े यहां तक आते हैं। हमें बहुत डर लगता है। हम लोगों के घर पर पत्थर गिरता है। बता दें कि 6 मार्च को जाताजुआ के ग्रामीण कृष्ण कुमार, हरिशंकर यादव, विनोद व अन्य ग्रामीणों के साथ उपजिलाधिकारी निखिल यादव के पास हैवी ब्लास्टिंग की शिकायत लेकर पहुंचे थे। जहां भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता भी मौजूद थे। ग्रामीणों ने पूरी बात बताई। जिसके बाद जिलाध्यक्ष ने उप जिलाधिकारी को स्थलीय निरीक्षण कर समाधान के लिए कहा। एसडीएम ने तहसीलदार के संयुक्त टीम को वहां का जायजा लेने भेजा था। ग्रामीणों ने बताया सोमवार को उप जिलाधिकारी ब्लास्टिंग वाले क्षेत्र में स्थल निरीक्षण करने आएंगे। जाताजुआ गांव के रहने वाले विनोद कुमार ने बताया कि पहाड़ का जब ठेका हो रहा था, उस समय अधिकारियों और गांव वालों के बीच जन सुनवाई हुई थी। उस समय अधिकारियों और ठेकेदार ने कहा था, कि यहां ब्लास्टिंग नहीं होगी। पहाड़ को केमिकल ब्लास्टिंग से तोड़ा जाएगा। किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन कुछ दिन बाद से ही हैवी ब्लास्टिंग होनी लगी। ब्लास्ट होते ही घरों में कंपन होने लगता है। घर की दीवारों में दरार आ गई है। पत्थर के टुकड़े छिटक कर घरों में आते हैं। खेत में भी टुकड़े आ रहे हैं। जिससे खेती को भी नुकसान हो रहा है। ब्लास्टिंग से हम लोग परेशान हैं। घरों की दीवारों में आई दरार जाताजुआ गांव के ग्रामीण कामता प्रसाद और ईश्वरी प्रसाद ने कहा कि हैवी ब्लास्टिंग से गांव के कई मकानों में बड़ी दरारें आ गई हैं। ब्लास्टिंग इतनी तेज होती है कि पत्थर के टुकड़े घरों की छतों और आंगन में गिर रहे हैं। आबादी से महज 150 मीटर की दूरी पर खनन पट्टा देना नियमों के खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली, 2018 के अनुसार, खनन स्थल आबादी, जल स्रोतों और सार्वजनिक स्थलों से उचित दूरी पर होना चाहिए। नियमों के बावजूद यहां खनन की अनुमति दी गई है। खनन पट्टा केवल कागजों में सही दिखाने के लिए दिया गया है, जबकि हकीकत में एमएम-11 परमिट का दुरुपयोग कर अन्य स्थानों पर अवैध खनन किया जा रहा है। इस गड़बड़ी में प्रशासनिक अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत है। शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई वहीं, बघमंदवा गांव के बुजुर्ग बोले, ब्लास्ट होने पर पत्थर के टुकड़े यहां तक आते हैं। कल मैं बाल-बाल बचा था। एक टुकड़ा छिटककर यहां आ गया था। कई बार प्रशासन से शिकायत की लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लगातार हो रही अवैध ब्लास्टिंग से ग्रामीण दहशत में हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ब्लास्टिंग क्षेत्र से मात्र 20 मीटर की दूरी पर पंचायत भवन है। 150 मीटर की दूरी पर घनी आबादी है। इसके बावजूद अधिकारियों ने खनन पट्टा जारी कर दिया, जो बेहद चिंताजनक है।
प्रशासन से अवैध ब्लास्टिंग पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। संलिप्त अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई करने की अपील की है। बघमंदवा गांव के युवक ने बताया कि पहाड़ों में हो रही ब्लास्टिंग की वजह से इस दीवार में दरार आई है। पहले यह बिल्कुल ठीक था। लेकिन अब आए दिन हैवी ब्लास्टिंग होती है। घर गिरने का डर बना रहता है। हम लोगों ने विरोध भी किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा। उत्तर प्रदेश में खनन के नियम राज्य में खनन गतिविधियों के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा कुछ सख्त नियम और दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। खनिज परिवहन परमिट एमएम-11 परमिट केवल उसी स्थान के लिए वैध होता है, जहां से खनिज निकाला गया है। किसी अन्य स्थान पर इसका उपयोग करना अवैध है। उप जिलाधिकारी निखिल यादव ने बताया कि जाताजुआ और बघमंदवा गांव में पहाड़ी में हैवी ब्लास्टिंग की शिकायत मिल रही है। इससे ग्रामीणों को भी परेशानी हो रही है। खनन विभाग को साथ लेकर इस शिकायत की जांच की जाएगी। अगर शिकायत सहित पाई गई तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी । जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए दुद्धी विधायक विजय सिंह गोंड ने कहा कि बघमंदवा और जाताजुआ में जो खनन पट्टा हुआ है। पहाड़ी के नजदीक गांव की घनी आबादी है। ब्लास्टिंग के समय ग्रामीणों को परेशानी होती है। कई घरों में दरार पड़ चुके हैं। इसकी शिकायत कई बार आई है। एक बार मैंने मौके पर भी जाकर देखा है। ब्लास्टिंग से वहां जान माल का भी खतरा बना रहता है। अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण कर खनन नियमावली से कार्य हो रहे हैं या नहीं इसकी जांच करनी चाहिए। गलत पाए जाने पर लिप्त लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर