उत्तर प्रदेश सरकार बौद्ध तीर्थ पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में ख्याति प्राप्त बौद्ध तीर्थ स्थलियों पर देश-विदेश से तीर्थयात्री, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 28 जून को ‘द बोधि यात्रा 2024’ नाम के कार्यक्रम का नई दिल्ली में आयोजन करने जा रही है। इस एक दिन के कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के बौद्ध विरासत स्थलों के माध्यम से भगवान बुद्ध की असाधारण जीवन यात्रा के संस्मरणों को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कार्यक्रम में बौद्ध कला-संस्कृति के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के योगदान और उत्तर प्रदेश से भगवान बुद्ध के जुड़ाव व महत्व को विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियों के जरिए दर्शाया जाएगा। देश-विदेश से अतिथियों का होगा कार्यक्रम में आगमन माना जा रहा है कि कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से अतिथियों को आमंत्रित किया जाएगा तथा उनके सम्मान में डिनर का भी आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ‘द बोधि यात्रा’ कार्यक्रम के दौरान इंटरैक्टिव व क्लचरल सेशन का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के 5 सितारा होटल में किया जाएगा।वही इस कार्यक्रम में 400 से ज्यादा विजिटर्स भाग ले सकते हैं और इसी अनुरूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग कार्यक्रम के दृष्टिगत अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने की दिशा में कार्यरत है। आरएफपी माध्यम से मांगे गए हैं आवेदन कार्यक्रम के उचित संचालन व अन्य संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए उ.प्र पर्यटन विभाग द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम के जरिए इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों से आवेदन मांगे हैं।वही ई-निविदा के माध्यम से कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसी को कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में बौद्ध सर्किट स्थलों की विस्तृत प्रदर्शनी को सुनिश्चित करना होगा। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में सांस्कृतिक संध्या मंच की स्थापना, ब्रांडिंग और सजावट, फूलों से सजावट, आयोजन स्थल की ब्रांडिंग, स्मारिका किट की आपूर्ति और वितरण का कार्य करना होगा। पूरे कार्यक्रम के समन्वय को एजेंसी करेगी सुनिश्चित काम करने वाली इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी को कल्चरल सेशन के दौरान कलाकार, एंकर, दर्शकों के बैठने की व्यवस्था, तकनीकी सहायता, रखरखाव और अन्य सभी संबंधित जनशक्ति सहायता उपलब्ध करानी होगी। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में लाइट-साउंड, एलईडी और वीडियो आपूर्ति के साथ ऑडियो सेटअप को सुनिश्चित करने के साथ विभागीय अधिकारियों के साथ पूरे कार्यक्रम का समन्वय सुनिश्चित करना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार बौद्ध तीर्थ पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में ख्याति प्राप्त बौद्ध तीर्थ स्थलियों पर देश-विदेश से तीर्थयात्री, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 28 जून को ‘द बोधि यात्रा 2024’ नाम के कार्यक्रम का नई दिल्ली में आयोजन करने जा रही है। इस एक दिन के कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के बौद्ध विरासत स्थलों के माध्यम से भगवान बुद्ध की असाधारण जीवन यात्रा के संस्मरणों को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कार्यक्रम में बौद्ध कला-संस्कृति के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के योगदान और उत्तर प्रदेश से भगवान बुद्ध के जुड़ाव व महत्व को विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियों के जरिए दर्शाया जाएगा। देश-विदेश से अतिथियों का होगा कार्यक्रम में आगमन माना जा रहा है कि कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से अतिथियों को आमंत्रित किया जाएगा तथा उनके सम्मान में डिनर का भी आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ‘द बोधि यात्रा’ कार्यक्रम के दौरान इंटरैक्टिव व क्लचरल सेशन का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के 5 सितारा होटल में किया जाएगा।वही इस कार्यक्रम में 400 से ज्यादा विजिटर्स भाग ले सकते हैं और इसी अनुरूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग कार्यक्रम के दृष्टिगत अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने की दिशा में कार्यरत है। आरएफपी माध्यम से मांगे गए हैं आवेदन कार्यक्रम के उचित संचालन व अन्य संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए उ.प्र पर्यटन विभाग द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम के जरिए इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों से आवेदन मांगे हैं।वही ई-निविदा के माध्यम से कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसी को कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में बौद्ध सर्किट स्थलों की विस्तृत प्रदर्शनी को सुनिश्चित करना होगा। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में सांस्कृतिक संध्या मंच की स्थापना, ब्रांडिंग और सजावट, फूलों से सजावट, आयोजन स्थल की ब्रांडिंग, स्मारिका किट की आपूर्ति और वितरण का कार्य करना होगा। पूरे कार्यक्रम के समन्वय को एजेंसी करेगी सुनिश्चित काम करने वाली इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी को कल्चरल सेशन के दौरान कलाकार, एंकर, दर्शकों के बैठने की व्यवस्था, तकनीकी सहायता, रखरखाव और अन्य सभी संबंधित जनशक्ति सहायता उपलब्ध करानी होगी। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में लाइट-साउंड, एलईडी और वीडियो आपूर्ति के साथ ऑडियो सेटअप को सुनिश्चित करने के साथ विभागीय अधिकारियों के साथ पूरे कार्यक्रम का समन्वय सुनिश्चित करना होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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जम्मू कश्मीर चुनाव के ऐलान से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, इतने अधिकारियों का तबादला, NC का विरोध
जम्मू कश्मीर चुनाव के ऐलान से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, इतने अधिकारियों का तबादला, NC का विरोध <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Latest News:</strong> चुनाव आयोग शुक्रवार (16 अगस्त) को जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. दोपहर तीन बजे विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने जा रही है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासनिक विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उपायुक्तों सहित कई अधिकारियों के तबादले किए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश के अनुसार 27 IPS-KPS अधिकारियों का तबादला हुआ है. साथ ही 89 IAS/KAS अधिकारियों का तबादला भी हुआ है. जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार देर रात तत्काल प्रभाव से 89 अधिकारियों के तबादलों और तैनाती के आदेश जारी किए. जिन अधिकारियों के तबादले किए गए हैं उनमें पुंछ और बांदीपोरा जिलों के उपायुक्त, सचिव, आयुक्त, महानिदेशक, प्रबंध निदेशक और कई विभागों के निदेशक शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसे कहां भेजा गया?<br /></strong>निर्वाचन आयोग ने 31 जुलाई को केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से कहा था कि वह उन अधिकारियों का तबादला करे जो अपने गृह जिलों में तैनात हैं. चुनाव कराने से पहले सामान्य तौर पर यह कवायद की जाती है. बता दें आईएएस अभिषेक शर्मा जो सांबा के उपायुक्त थे उनका ट्रांसफर कर राजौरी का उपायुक्त नियुक्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास कुंडल को जम्मू-कश्मीर पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए पुंछ का उपायुक्त नियुक्त किया गया है. शकील यूआई रहमान राथर, डिप्टी कमिश्नर, बांदीपोरा को स्थानांतरित कर पुष्प और उद्यान विभाग, कश्मीर के निदेशक के पद पर तैनात किया गया है. वहीं माजिद खलील अहमद द्राबू जो विधिक माप विज्ञान, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रक के पद पर तैनात थे उन्हें आईसीपीएस, जम्मू-कश्मीर का मिशन निदेशक बनाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया विरोध<br /></strong>नेशनल कॉन्फ्रेंस नें इस फेरबदल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “चुनाव की घोषणा से पहले कल शाम से लेकर आज सुबह तक पुलिस और प्रशासन में बड़े पैमाने पर फेरबदल का आदेश क्यों किया गया? ऐसा लगता है कि यह बीजेपी द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल द्वारा यह अपनी पार्टी और उसके सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने कहा कि “यह कदम स्पष्ट रूप से चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने के इरादे से उठाया गया है. एलजी सरकार ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के सिद्धांतों से समझौता करते हुए पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को रणनीतिक रूप से हिला दिया है. हम सरकार से अपील करते हैं कि वह इस तरह के कदम को रोके.”</p>
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<p style=”text-align: justify;”>सीएम ने कहा कि आपकी समृद्धि और प्रदेश में सुख और शांति का वातावरण ही आपका भविष्य सुधारेगा. कानून व्यवस्था की स्थिति को ऐसा रखा गया है कि जहां हर दूसरे तीसरे दिन दंगे होते थे. आज न दंगों का पता है, न दंगाइयों का. दंगाई गायब और दंगे भी गायब तो आम नागरिक तो सुरक्षित है लेकिन दंगाइयों को आका परेशान हैं क्योंकि इसी से उनका रोजगार चलता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maharajganj-contract-health-worker-collected-money-from-patient-suspended-2785515″><strong>Maharajganj News: महराजगंज में एक रुपये अधिक वसूलने पर संविदा कर्मचारी की गई नौकरी, जानें पूरा मामला</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अगर कोई कानून को ठेंगा दिखएगा तो…'</strong><br />मुख्यमंत्री ने कहा कि वो आपके रोजगार पर ठोकर मारकर दंगों में अपनी रोटी सेंकते थे. आज सुरक्षा पहली आवश्यकता है. त्योहार और पर्व शांति पूर्ण तरीके से मनाए जाएं. मांगलिक कार्यक्रम अच्छे ढंग से संपन्न हों इसलिए सरकार की प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि सबको सुरक्षा दे. </p>
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NCP अजित पवार गुट ने अखबार में दिया चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का विज्ञापन, कही ये बात <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> के प्रचार के बीच नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का विवाद फिर सामने आया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से डिप्टी सीएम अजित पवार को 36 घंटे के अंदर अखबारों में चुनाव चिन्ह घड़ी का डिस्क्लेमर छपवाने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद मराठी अखबार में अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने चुनाव चिन्ह का विज्ञापन छपवाया है. इसमें जिक्र किया गया है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और चुनाव में घड़ी के चुनाव चिन्ह का उपयोग करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति प्राप्त है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अजित पवार को अखबार में विज्ञापन छपवाने के बाद शपथ पत्र जमा करने का निर्देश भी दिया था. फिलहाल चुनाव चिन्ह घड़ी के विवाद में अजित पवार गुट को बड़ी राहत मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो न्यायाधीश की ओर से अजित पवार और शरद पवार को नसीहत दी गई कि कोर्ट में वे अपना समय बर्बाद न करें, चुनाव प्रचार में जाकर वोटरों को लुभाएं. साथ ही अजित गुट को कहा वे किसी मराठी अखबार में डिस्क्लेमर छपवाएं कि घड़ी चुनाव चिह्न का मामला अभी कोर्ट में है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले पर क्या बोले दोनों पक्षों के वकील?</strong><br />कोर्ट के आदेश के बाद अजित पवार गुट के वकील बलबीर सिंह ने आश्वासन दिया था कि 36 घंटे में मराठी भाषा के अखबारों में डिस्क्लेमर प्रकाशित करवाया जाएगा, ताकि मतदाताओं तक व्यापक जानकारी पहुंचाई जा सके. उन्होंने दावा किया कि शरद पवार गुट चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहा है, जबकि अब उम्मीदवारों के नामांकन भी दाखिल हो चुके हैं और नाम वापस लेने की डेट भी निकल चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/07/88ee5c3b598af020cda37ead371d600a1730972877304367_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं शरद पवार गुट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि घड़ी चुनाव चिन्ह 30 सालों से एनसीपी से जुड़ा हुआ है और ये शरद पवार की पहचान का भी हिस्सा बन गया है. ऐसे में सिंघवी ने कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा कि अजित पवार गुट को कोई ओर चुनाव चिन्ह दिया जाए, ताकि वोटरों में भम्र की स्थिति न बने. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”SRA प्रोजेक्ट की वजह से हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या? मुंबई क्राइम ब्रांच ने नए एंगल से शुरू की जांच” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/baba-siddique-murder-case-new-angle-slum-rehabilitation-authority-mumbai-crime-branch-inquiry-ann-2818199″ target=”_blank” rel=”noopener”>SRA प्रोजेक्ट की वजह से हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या? मुंबई क्राइम ब्रांच ने नए एंगल से शुरू की जांच</a></strong></p>