भाखड़ा नांगल बांध से पंजाब की ओर से नहरों में पानी छोड़ दिया गया है। भाखड़ा बांध से पानी छूटने के करीबन 40 घंटों फतेहाबाद और सिरसा में पहुंच जाता है। ऐसे में सिरसा की नहरों में शनिवार तक पानी पहुंच जाएगा। अभी किसान इस पानी का उपयोग खेती के लिए नहीं कर सकते है। कारण है कि यह पानी सिर्फ पेयजल सप्लाई के लिए आएगा। नहरबंदी लंबी रहने की संभावना है। इसलिए आमजन को पेजयल के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। शहर और गांव में बने जलघरों में पर्याप्त भंडारण हो सकेगा। इस समय शहर और गांव में अधिकांश जलघर में पानी कम है। कुछ जलघर में पानी भी नहीं है। इसके चलते टयूबवेल या जमीनी पानी की सप्लाई दी जा रही है। ऐसे में लोगों के बीमारी होने की आशंका भी है। इसे देखते हुए चंडीगढ़ में सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों और पंजाब अधिकारियों के बीच वीरवार को बैठक हुई थी। उसी में एक सप्ताह के लिए पानी छोड़ने पर सहमति बनी, ताकि लोगों को पेयजल के लिए दिक्कत न हो। इस बार पानी कम मिला इस बार पंजाब से नंगल डैम के जरिए हरियाणा को पानी कम मिला है। सिरसा में आने वाली किसी भी नहर में पानी नहीं छोड़ा गया। ऐसे में सरकार एवं विभाग ने नरवाणा ब्रांच के जरिए पानी सिरसा की नहरों में डायवर्ट करने का निर्णय लिया है। सिरसा और आसपास के गांव के जलघर सूखे सिरसा शहर और आसपास गांव के जलघर सूख चुके हैं। शहर में पेयजल की काफी किल्लत है। लोगों को मजबूरन पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। जलघरों में पानी का जो भंडारण था, वो मुश्किल से 15 दिन तक ही चल पाया। इसके बाद टयूबवेल के जरिए पानी की सप्लाई दी जा रही है। कई जगह पर लोगों ने पानी के लिए प्रदर्शन भी किया है। नहरों ही नहीं हुई सफाई सिरसा में लोकल नहरों व कनाल या चैनल का बुरा हाल है। कारण है कि नहरबंदी में नहरों की सफाई नहीं हुई, जिस कारण जो पानी खड़ा रह गया था। उसमें गंदगी पड़ी है। शनिवार को नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, जिससे यह गंदगी सीधा जलघरों में जाएगी। दूसरा यह भी कारण है कि यह पानी पेयजल सप्लाई के लिए आ रहा है। वरना खेतों में यह पानी चला तो लोगों को गंदगी नहीं पीनी पड़ती। भाखड़ा नांगल बांध से पंजाब की ओर से नहरों में पानी छोड़ दिया गया है। भाखड़ा बांध से पानी छूटने के करीबन 40 घंटों फतेहाबाद और सिरसा में पहुंच जाता है। ऐसे में सिरसा की नहरों में शनिवार तक पानी पहुंच जाएगा। अभी किसान इस पानी का उपयोग खेती के लिए नहीं कर सकते है। कारण है कि यह पानी सिर्फ पेयजल सप्लाई के लिए आएगा। नहरबंदी लंबी रहने की संभावना है। इसलिए आमजन को पेजयल के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। शहर और गांव में बने जलघरों में पर्याप्त भंडारण हो सकेगा। इस समय शहर और गांव में अधिकांश जलघर में पानी कम है। कुछ जलघर में पानी भी नहीं है। इसके चलते टयूबवेल या जमीनी पानी की सप्लाई दी जा रही है। ऐसे में लोगों के बीमारी होने की आशंका भी है। इसे देखते हुए चंडीगढ़ में सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों और पंजाब अधिकारियों के बीच वीरवार को बैठक हुई थी। उसी में एक सप्ताह के लिए पानी छोड़ने पर सहमति बनी, ताकि लोगों को पेयजल के लिए दिक्कत न हो। इस बार पानी कम मिला इस बार पंजाब से नंगल डैम के जरिए हरियाणा को पानी कम मिला है। सिरसा में आने वाली किसी भी नहर में पानी नहीं छोड़ा गया। ऐसे में सरकार एवं विभाग ने नरवाणा ब्रांच के जरिए पानी सिरसा की नहरों में डायवर्ट करने का निर्णय लिया है। सिरसा और आसपास के गांव के जलघर सूखे सिरसा शहर और आसपास गांव के जलघर सूख चुके हैं। शहर में पेयजल की काफी किल्लत है। लोगों को मजबूरन पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। जलघरों में पानी का जो भंडारण था, वो मुश्किल से 15 दिन तक ही चल पाया। इसके बाद टयूबवेल के जरिए पानी की सप्लाई दी जा रही है। कई जगह पर लोगों ने पानी के लिए प्रदर्शन भी किया है। नहरों ही नहीं हुई सफाई सिरसा में लोकल नहरों व कनाल या चैनल का बुरा हाल है। कारण है कि नहरबंदी में नहरों की सफाई नहीं हुई, जिस कारण जो पानी खड़ा रह गया था। उसमें गंदगी पड़ी है। शनिवार को नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, जिससे यह गंदगी सीधा जलघरों में जाएगी। दूसरा यह भी कारण है कि यह पानी पेयजल सप्लाई के लिए आ रहा है। वरना खेतों में यह पानी चला तो लोगों को गंदगी नहीं पीनी पड़ती। हरियाणा | दैनिक भास्कर
