हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए बीजेपी ने सूची जारी कर दी है। मानेसर को छोड़कर 9 नगर निगमों में मेयर प्रत्याशियों की सूची जारी की है। बीजेपी ने 9 में से 6 निगमों में महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, अंबाला, पानीपत और यमुनानगर में महिलाओं को मेयर प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने 8 घंटे के अंतराल में मेयर प्रत्याशियों की 2 सूची जारी की। गुरुग्राम में मेयर प्रत्याशी को बदलकर राव इंद्रजीत की पसंद को तरजीह दी है। वहीं करनाल और सोनीपत में बीजेपी ने नाराज बीजेपी के बड़े नेताओं को मेयर प्रत्याशी बनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। इसके अलावा हिसार में दो पूर्व मंत्रियों सावित्री जिंदल और कमल गुप्ता की पसंद से अलग संगठन की पसंद के नेता को आगे किया है। अंबाला में शक्ति रानी शर्मा की जगह खाली हुई मेयर सीट पर पंजाबी समाज से आने वाली सैलजा सचदेवा को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने जातिगत संतुलन को भी साधने की कोशिश की है। गुरुग्राम में मेयर कैंडिडेट बदलने के 2 कारण.. 1. गुरुग्राम में राव इंद्रजीत की चली
भाजपा की दूसरी रिवाइज सूची में गुरुग्राम से चौकाने वाला नाम सामने आया। पहली सूची में पूर्व सांसद डॉक्टर सुधा यादव की करीबी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऊषा प्रियदर्शी को गुरुग्राम से मेयर कैंडिडेट बनाया गया। इस नाम से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह नाराज थे। उनकी नाराजगी का आभास भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को हो गया। दूसरी बार जारी हुई लिस्ट में राव इंद्रजीत का प्रभाव दिखाई दिया। उषा प्रियदर्शी की जगह महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजरानी मल्होत्रा को मेयर प्रत्याशी बनाया गया। 2. बाहरी नेता हैं प्रियदर्शनी
महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी गुरुग्राम में बाहरी नेता हैं। हरियाणा में चुनाव लड़ने के नियम भी वह पूरे नहीं करती। उषा प्रियदर्शी के पिता रोहिताश्व शर्मा राजस्थान के बानसूर विधानसभा से पूर्व विधायक हैं। प्रियदर्शनी को उम्मीदवारी से हटाने की यह भी एक बड़ी वजह रही। दूसरा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल प्रियदर्शनी के नाम से सहमत नहीं थे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर रो पड़ी थीं कविता जैन.. सोनीपत और करनाल में डैमेज कंट्रोल किया
भाजपा ने सोनीपत और करनाल दोनों जगह डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया। दोनों जगहों पर विधानसभा चुनाव में भाजपा अंदरूनी कलह थामते नजर आई थी। सोनीपत में विधायक उम्मीदवार के रूप में निखिल मदान का नाम आगे करने से मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन और उनकी पत्नी पूर्व मंत्री कविता जैन नाराज हो गई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मनाने पर वह माने थे। इसी तरह करनाल से पूर्व में मेयर रही रेणु बाला गुप्ता भी विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रही थी मगर उनका टिकट कट गया और वह नाराज हो गई। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर उनको मनाने खुद करनाल गए थे। हिसार में दो पूर्व मंत्रियों की नहीं चली
हिसार की बात करें तो हिसार में 2 पूर्व मंत्री मेयर प्रत्याशी को लेकर आमने-सामने थे। सावित्री जिंदल और डॉ. कमल गुप्ता अपने-अपने पसंद के नेताओं के लिए लॉबिंग कर रहे थे। कमल गुप्ता अनिल मानी को टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे थे। वहीं सावित्री जिंदल शकुंतला राजलीवाला के नाम के लिए जोर लगा रही थीं मगर पार्टी ने दोनों की सिफारिश को अनसुना कर संगठन की पंसद की नेता को टिकट दिया। दूसरा कारण यहां पंजाबी समाज की नाराजगी का था क्योंकि पूर्व मेयर गौतम सरदाना पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे। इसलिए पंजाबी समाज से आने वाले प्रवीण पोपली को यहां टिकट दिया गया। हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए बीजेपी ने सूची जारी कर दी है। मानेसर को छोड़कर 9 नगर निगमों में मेयर प्रत्याशियों की सूची जारी की है। बीजेपी ने 9 में से 6 निगमों में महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, अंबाला, पानीपत और यमुनानगर में महिलाओं को मेयर प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने 8 घंटे के अंतराल में मेयर प्रत्याशियों की 2 सूची जारी की। गुरुग्राम में मेयर प्रत्याशी को बदलकर राव इंद्रजीत की पसंद को तरजीह दी है। वहीं करनाल और सोनीपत में बीजेपी ने नाराज बीजेपी के बड़े नेताओं को मेयर प्रत्याशी बनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। इसके अलावा हिसार में दो पूर्व मंत्रियों सावित्री जिंदल और कमल गुप्ता की पसंद से अलग संगठन की पसंद के नेता को आगे किया है। अंबाला में शक्ति रानी शर्मा की जगह खाली हुई मेयर सीट पर पंजाबी समाज से आने वाली सैलजा सचदेवा को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने जातिगत संतुलन को भी साधने की कोशिश की है। गुरुग्राम में मेयर कैंडिडेट बदलने के 2 कारण.. 1. गुरुग्राम में राव इंद्रजीत की चली
भाजपा की दूसरी रिवाइज सूची में गुरुग्राम से चौकाने वाला नाम सामने आया। पहली सूची में पूर्व सांसद डॉक्टर सुधा यादव की करीबी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऊषा प्रियदर्शी को गुरुग्राम से मेयर कैंडिडेट बनाया गया। इस नाम से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह नाराज थे। उनकी नाराजगी का आभास भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को हो गया। दूसरी बार जारी हुई लिस्ट में राव इंद्रजीत का प्रभाव दिखाई दिया। उषा प्रियदर्शी की जगह महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजरानी मल्होत्रा को मेयर प्रत्याशी बनाया गया। 2. बाहरी नेता हैं प्रियदर्शनी
महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी गुरुग्राम में बाहरी नेता हैं। हरियाणा में चुनाव लड़ने के नियम भी वह पूरे नहीं करती। उषा प्रियदर्शी के पिता रोहिताश्व शर्मा राजस्थान के बानसूर विधानसभा से पूर्व विधायक हैं। प्रियदर्शनी को उम्मीदवारी से हटाने की यह भी एक बड़ी वजह रही। दूसरा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल प्रियदर्शनी के नाम से सहमत नहीं थे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर रो पड़ी थीं कविता जैन.. सोनीपत और करनाल में डैमेज कंट्रोल किया
भाजपा ने सोनीपत और करनाल दोनों जगह डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया। दोनों जगहों पर विधानसभा चुनाव में भाजपा अंदरूनी कलह थामते नजर आई थी। सोनीपत में विधायक उम्मीदवार के रूप में निखिल मदान का नाम आगे करने से मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन और उनकी पत्नी पूर्व मंत्री कविता जैन नाराज हो गई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मनाने पर वह माने थे। इसी तरह करनाल से पूर्व में मेयर रही रेणु बाला गुप्ता भी विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रही थी मगर उनका टिकट कट गया और वह नाराज हो गई। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर उनको मनाने खुद करनाल गए थे। हिसार में दो पूर्व मंत्रियों की नहीं चली
हिसार की बात करें तो हिसार में 2 पूर्व मंत्री मेयर प्रत्याशी को लेकर आमने-सामने थे। सावित्री जिंदल और डॉ. कमल गुप्ता अपने-अपने पसंद के नेताओं के लिए लॉबिंग कर रहे थे। कमल गुप्ता अनिल मानी को टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे थे। वहीं सावित्री जिंदल शकुंतला राजलीवाला के नाम के लिए जोर लगा रही थीं मगर पार्टी ने दोनों की सिफारिश को अनसुना कर संगठन की पंसद की नेता को टिकट दिया। दूसरा कारण यहां पंजाबी समाज की नाराजगी का था क्योंकि पूर्व मेयर गौतम सरदाना पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे। इसलिए पंजाबी समाज से आने वाले प्रवीण पोपली को यहां टिकट दिया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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