भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम के बाद अब सरहद पर भी नर्मी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां भारत सरकार ने अफगान ट्रकों को अटारी से आने की अनुमति दी, वहीं अब सरहदी इलाके के किसानों को भी फेंसिंग के पार खेतों में काम करने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद अब किसान सरहद पार पराली काटने का काम शुरू कर सकते हैं। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला किसानों को उनके वैध अधिकारों के तहत उनकी ज़मीन पर खेती की सुविधा देने के उद्देश्य से लिया गया है। फेंसिंग के पार खेती के लिए विशेष सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए गए हैं ताकि किसान सुरक्षित रूप से कृषि कार्य कर सकें। बीएसएफ की किसान फोर्स के जवान इन किसानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दो दिन दिए थे फसल काटने के लिए पहलगाव आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद होने के कारण किसानों को मात्र दो ही दिन मिले थे। जिसमें किसान सिर्फ अपनी गेहूं की फसल को ही काट पाए थे। जबकि, फसल के पीछे बची पराली वैसी की वैसी ही खड़ी थी। बीएसएफ की तरफ से छूट मिलने के बाद अब किसान अपनी पराली काटने का काम शुरू कर सकते हैं। धान की फसल लगाने का काम होगा शुरू अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता तो किसानों का एक पूरा सीजन खराब हो सकता था। अब किसान पराली जलाने के बाद तारों के पार धाu रोपित करने का काम शुरू कर सकत हैं। पंजाब में धान रोपित करने का काम 15 मई से शुरू हो चुका है। जिसके बाद अब किसान जल्द ही तारों के पार भी धान लगा सकते हैं। सरहद पार अभी भी खड़ी है फसल बीएसएफ की तरफ से भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू होने से पहले तक किसानों को सरहद पर तारों के पार काम करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन पाकिस्तान की तरफ तनाव के बीच किसान अपनी फसल भी काट नहीं पाए। जिसके चलते अभी तक सरहद पार पाक किसानों की गेहूं वैसी की वैसी खड़ी है। इतना ही नहीं, किसान अपने खेती के औजार भी साथ ना ले जा सके और वे अभी भी खेतों में ही खड़े हैं। तकरीबन 3.5 हजार एकड़ जमीन तारबंदी में पंजाब में फाजिल्का, फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में 2500 से 3500 एकड़ जमीन ऐसी है, जो तारबंदी में है। यहां किसान बीएसएफ किसान फोर्स की देखरेख में तारों के पार जाकर अपने खेतों में काम करते हैं। भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम के बाद अब सरहद पर भी नर्मी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां भारत सरकार ने अफगान ट्रकों को अटारी से आने की अनुमति दी, वहीं अब सरहदी इलाके के किसानों को भी फेंसिंग के पार खेतों में काम करने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद अब किसान सरहद पार पराली काटने का काम शुरू कर सकते हैं। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला किसानों को उनके वैध अधिकारों के तहत उनकी ज़मीन पर खेती की सुविधा देने के उद्देश्य से लिया गया है। फेंसिंग के पार खेती के लिए विशेष सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए गए हैं ताकि किसान सुरक्षित रूप से कृषि कार्य कर सकें। बीएसएफ की किसान फोर्स के जवान इन किसानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दो दिन दिए थे फसल काटने के लिए पहलगाव आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद होने के कारण किसानों को मात्र दो ही दिन मिले थे। जिसमें किसान सिर्फ अपनी गेहूं की फसल को ही काट पाए थे। जबकि, फसल के पीछे बची पराली वैसी की वैसी ही खड़ी थी। बीएसएफ की तरफ से छूट मिलने के बाद अब किसान अपनी पराली काटने का काम शुरू कर सकते हैं। धान की फसल लगाने का काम होगा शुरू अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता तो किसानों का एक पूरा सीजन खराब हो सकता था। अब किसान पराली जलाने के बाद तारों के पार धाu रोपित करने का काम शुरू कर सकत हैं। पंजाब में धान रोपित करने का काम 15 मई से शुरू हो चुका है। जिसके बाद अब किसान जल्द ही तारों के पार भी धान लगा सकते हैं। सरहद पार अभी भी खड़ी है फसल बीएसएफ की तरफ से भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू होने से पहले तक किसानों को सरहद पर तारों के पार काम करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन पाकिस्तान की तरफ तनाव के बीच किसान अपनी फसल भी काट नहीं पाए। जिसके चलते अभी तक सरहद पार पाक किसानों की गेहूं वैसी की वैसी खड़ी है। इतना ही नहीं, किसान अपने खेती के औजार भी साथ ना ले जा सके और वे अभी भी खेतों में ही खड़े हैं। तकरीबन 3.5 हजार एकड़ जमीन तारबंदी में पंजाब में फाजिल्का, फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में 2500 से 3500 एकड़ जमीन ऐसी है, जो तारबंदी में है। यहां किसान बीएसएफ किसान फोर्स की देखरेख में तारों के पार जाकर अपने खेतों में काम करते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
