भिवानी जिले में करंट लगने से एक महिला की मौत हो गई। मृतक महिला खेत पर गंडासा मशीन से चारा काटने के लिए गई थी। करंट लगने पर परिजन उसे भिवानी के सिविल अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना जूई कलां थाना के लोहानी गांव की है। खेत पर गंडासा मशीन से काट रही थी चारा मृतका के भाई ने बताया कि आज सुबह करीब 10 बजे उसकी बहन सुमन अपने खेत में लगाएं गंडासे पर पशुओं के लिए हरा चारा काटने के लिए गई थी। काफी समय बाद भी वह घर पर वापस नहीं आई तो बड़ी बेटी 18 वर्षीय निशा खेत में अपनी मां को बुलाने गई। खेत में जाकर देखा तो सुमन को करंट लगने से जमीन पर पड़ी थी। उसने परिवार के लोगों को बुलाया। वहां से सुमन को भिवानी के नागरिक अस्पताल लेकर आए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलने पर जूई कलां थाना पुलिस अस्पताल पहुंची। पुलिस ने मृतका के भाई मुकेश के बयान दर्ज किए। मृतका के तीन बच्चे हैं मुकेश ने बताया कि उसकी बहन सुमन की शादी लालावास गांव निवासी मुकेश के साथ हुई थी। सुमन के तीन बच्चे एक बेटी और दो बेटे हैं। 39 वर्षीय सुमन खेती बाड़ी में परिवार का सहयोग करती थी, जबकि उसके पति पवन ने गांव में ही परचून की दुकान खोल रखी है। भिवानी जिले में करंट लगने से एक महिला की मौत हो गई। मृतक महिला खेत पर गंडासा मशीन से चारा काटने के लिए गई थी। करंट लगने पर परिजन उसे भिवानी के सिविल अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना जूई कलां थाना के लोहानी गांव की है। खेत पर गंडासा मशीन से काट रही थी चारा मृतका के भाई ने बताया कि आज सुबह करीब 10 बजे उसकी बहन सुमन अपने खेत में लगाएं गंडासे पर पशुओं के लिए हरा चारा काटने के लिए गई थी। काफी समय बाद भी वह घर पर वापस नहीं आई तो बड़ी बेटी 18 वर्षीय निशा खेत में अपनी मां को बुलाने गई। खेत में जाकर देखा तो सुमन को करंट लगने से जमीन पर पड़ी थी। उसने परिवार के लोगों को बुलाया। वहां से सुमन को भिवानी के नागरिक अस्पताल लेकर आए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलने पर जूई कलां थाना पुलिस अस्पताल पहुंची। पुलिस ने मृतका के भाई मुकेश के बयान दर्ज किए। मृतका के तीन बच्चे हैं मुकेश ने बताया कि उसकी बहन सुमन की शादी लालावास गांव निवासी मुकेश के साथ हुई थी। सुमन के तीन बच्चे एक बेटी और दो बेटे हैं। 39 वर्षीय सुमन खेती बाड़ी में परिवार का सहयोग करती थी, जबकि उसके पति पवन ने गांव में ही परचून की दुकान खोल रखी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट मामले में पूर्व सॉलिसिटर जनरल का दावा:साल्वे बोले- हम CAS के फैसले को स्विस कोर्ट में चुनौती देना चाहते थे, रेसलर ने इनकार किया
विनेश फोगाट मामले में पूर्व सॉलिसिटर जनरल का दावा:साल्वे बोले- हम CAS के फैसले को स्विस कोर्ट में चुनौती देना चाहते थे, रेसलर ने इनकार किया रेसलर विनेश फोगाट के पेरिस ओलिंपिक में भारतीय दल के कोई मदद न करने के आरोप पर देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे मीडिया के सामने आए हैं। एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए साल्वे ने कहा कि खेल कोर्ट (CAS) के फैसले को वह स्विस कोर्ट में चैलेंज करना चाहते थे। मगर, इस बारे में विनेश ने अपने वकीलों के जरिए आगे कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। बता दें कि साल्वे ने खेल कोर्ट में सिल्वर मेडल के लिए विनेश के पक्ष में पैरवी की थी। साल्वे का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि कुछ दिन पहले विनेश फोगाट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पेरिस ओलिंपिक में डिस्क्वालिफाई होने के बाद उन्हें कोई मदद नहीं मिली। खेल कोर्ट में भी उन्होंने खुद ही केस किया था। भारतीय दल ने तो उन्हें इसके बारे में बताया तक नहीं था। विनेश ने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी ऊषा पर भी आरोप लगाए थे। विनेश ने कहा था कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान बिना परमिशन के उनकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दी गई। विनेश फोगाट ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन की वजह से फाइनल मुकाबले से बाहर हो गई थीं। इसके बाद उन्हें बिना मेडल लौटना पड़ा। देश लौटकर वे कांग्रेस में शामिल हो गईं। अब वे हरियाणा विधानसभा चुनाव में जींद की जुलाना सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। विनेश फोगाट को लेकर पूर्व सॉलिसिटर जनरल से सवाल-जवाब
सवाल: विनेश फोगाट ने कहा कि डिस्क्वालिफिकेशन के बाद IOA और पीटी ऊषा से सहयोग नहीं मिला?
साल्वे: इस बारे में पीटी ऊषा ही बता सकती हैं। इस मामले में शुरुआत में तालमेल की बहुत कमी थी। IOA ने बहुत अच्छे वकीलों को इंगेज किया था, लेकिन विनेश के वकीलों ने कहा कि हम आपके साथ कुछ शेयर नहीं करेंगे। आपको कुछ नहीं देंगे। हमें सब कुछ मिलने में बहुत देरी हुई। हालांकि, बाद में हमें सब कुछ मिल गया था। हमने पूरी मजबूती से केस लड़ा। हमने विनेश को सुझाव दिया था कि खेल कोर्ट के फैसले को हम स्विस कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं। मुझे उनके वकीलों ने कहा कि वह इसे आगे नहीं ले जाना चाहती थीं। सवाल: विनेश ने कहा कि किसी भी मौके पर सरकार की तरफ से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला?
साल्वे: इसमें सरकार का कोई रोल नहीं था। अगर सरकार को कोई रोल निभाना होता तो IOA बाहर हो जाती। IOA अपने आप में स्वतंत्र संस्था है। सवाल: क्या आपको लगता है कि यह मामला IOA की तरफ से बेहतर ढंग से हैंडल किया जा सकता था?
साल्वे: मुझे नहीं लगता। इसमें पीटी ऊषा से पूछ सकते हैं कि वह कितनी बेसब्री से विनेश फोगाट से मिलना चाहती थीं, लेकिन ओलिंपिक खत्म होने से पहले एथलीट को बाहर नहीं आने दिया जाता। विनेश ओलिंपिक गांव में थीं, वहां एक्सेस की प्रॉब्लम थी। पीटी ऊषा इस बारे में बता सकती हैं। सवाल: क्या आपको लगता है कि यह राजनीतिक मामला है, क्योंकि विनेश अब कांग्रेस में शामिल होकर हरियाणा चुनाव लड़ रही हैं?
साल्वे: मैं उन्हें नए करियर के लिए बेस्ट ऑफ लक कहता हूं। मैं सिर्फ उम्मीद करता हूं कि वह मिसगाइडेड कमेंट न करें। इस बारे में पीटी ऊषा बता सकती हैं कि हमने कितनी कोशिश की। विनेश ने कहा था- भारतीय दल ने मदद नहीं की
विनेश ने पिछले दिनों दावा किया था कि मेडल को लेकर उनके पास कानूनी विकल्प था, यह उन्हें भारतीय डेलिगेशन नहीं, बल्कि एक दोस्त ने बताया था। BJP वालों ने ओलिंपिक मेडल को मेरा मेडल समझा। मेरी कोई मदद नहीं की गई। केस भी मैंने किया था, ये लोग बाद में आए थे। वह मेरा नहीं, देश का मेडल था। देश चाहता तो ला सकता था। वह कौन नहीं लेकर आए, सबको पता है। विनेश फोगाट मामले में क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. पेरिस ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में 6 अगस्त को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
7 अगस्त की सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वे 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने 8 अगस्त को कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। 6. खेल कोर्ट ने याचिका खारिज की
विनेश फोगाट की याचिका पर खेल कोर्ट में सुनवाई चली। हालांकि पेरिस ओलिंपिक के बाद इसका फैसला आया, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद विनेश बिना मेडल के ही देश वापस लौटीं। यहां दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर पैतृक गांव बलाली तक उनका काफिला निकालकर स्वागत किया गया।