भिवानी जिले के बवानी खेड़ा स्थित वार्ड-12 में पीने के पानी की समस्या को लेकर महिलाओं ने जलघर पहुंचकर रोष जाहिर किया। महिलाओं के प्रदर्शन के बाद कनिष्ट अभियंता ने बताया कि पानी की व्यवस्था करवाई जा रही है। बवानी खेड़ा के दोनों जलघरों में नहीं है पानी बवानी खेड़ा के दोनों जलघरों में पानी नहीं है। एनएचएआई द्वारा व्यवस्था को बिगाड़ने व उसे समय पर दुरुस्त न करवाए जाने को लेकर सुंदर नहर से पानी जलघर नहीं पहुंच पाया। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा भरसक प्रयास करके टैंकरों के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी की सप्लाई करवाई जा रही है। लोग बाल्टियों के सहारे टैंकर से पानी भरने पर मजबूर है और घरों में पानी जमा नहीं कर पा रहे हैँ। क्योंकि अधिकतर लोगों की छतों पर पानी की टंकियां बनी हुई है। छत पर बाल्टियों के सहारे पानी ले जाना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। कई दिनों से नहीं हुई पानी की सप्लाई वहीं महिलाओं ने बताया कि उनके वार्ड में पिछले कई दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है। पानी की सप्लाई आती है, तो बहुत कम आती है। जिससे उन्हें खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है। महिलाओं ने पानी न आने से रोष होकर जलघर में प्रदर्शन किया और जल्द समाधान न होने पर कड़ा निर्णय लेने के संकेत दिए हैँ। टैंकरों से की जा रही पानी की व्यवस्था जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ट अभियंता सचिन कौशिक ने बताया कि दोनों जलघर खाली है, सुंदर नहर में पानी नहीं है। टैंकरों के सहारे पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कोई पानी से वंचित न रहे। भिवानी जिले के बवानी खेड़ा स्थित वार्ड-12 में पीने के पानी की समस्या को लेकर महिलाओं ने जलघर पहुंचकर रोष जाहिर किया। महिलाओं के प्रदर्शन के बाद कनिष्ट अभियंता ने बताया कि पानी की व्यवस्था करवाई जा रही है। बवानी खेड़ा के दोनों जलघरों में नहीं है पानी बवानी खेड़ा के दोनों जलघरों में पानी नहीं है। एनएचएआई द्वारा व्यवस्था को बिगाड़ने व उसे समय पर दुरुस्त न करवाए जाने को लेकर सुंदर नहर से पानी जलघर नहीं पहुंच पाया। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा भरसक प्रयास करके टैंकरों के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी की सप्लाई करवाई जा रही है। लोग बाल्टियों के सहारे टैंकर से पानी भरने पर मजबूर है और घरों में पानी जमा नहीं कर पा रहे हैँ। क्योंकि अधिकतर लोगों की छतों पर पानी की टंकियां बनी हुई है। छत पर बाल्टियों के सहारे पानी ले जाना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। कई दिनों से नहीं हुई पानी की सप्लाई वहीं महिलाओं ने बताया कि उनके वार्ड में पिछले कई दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है। पानी की सप्लाई आती है, तो बहुत कम आती है। जिससे उन्हें खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है। महिलाओं ने पानी न आने से रोष होकर जलघर में प्रदर्शन किया और जल्द समाधान न होने पर कड़ा निर्णय लेने के संकेत दिए हैँ। टैंकरों से की जा रही पानी की व्यवस्था जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ट अभियंता सचिन कौशिक ने बताया कि दोनों जलघर खाली है, सुंदर नहर में पानी नहीं है। टैंकरों के सहारे पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कोई पानी से वंचित न रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में मामा-भांजे पर जानलेवा हमला:युवकों ने पहले गोलियां चलाईं, फिर तलवारों से वार किए; एक चंडीगढ़ रेफर हरियाणा के अंबाला में मामा-भांजे पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि बदमाशों ने पहले गोलियां दागी, उसके बाद लोहे की रॉड व गंडासी से हमला किया। हमले में गंभीर रूप से घायल हुए मामा को चंडीगढ़ PGI रेफर किया गया है। पुलिस ने पीड़ित के बयान दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। तेपला गांव के रहने वाले नरेंद्र सिंह उर्फ निंदा ने बताया कि वह दूध बेचने का काम करता है। मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे अंबाला कैंट के कच्चा बाजार निवासी यश ने उसे कॉल करके कृषि विज्ञान केंद्र तेपला के पास बुलाया। वह अपने मामा राजिंद्र, भूपिंद्र सिंह के साथ तेपला पहुंचा। पहले फायरिंग की, फिर तलवारों से हमला यहां पहुंचते ही यश और उसके साथी राघव, अभिषेक बॉन्ड, निखिल बॉन्ड, अमन गड्डी वगैरा ने अपने 7-8 साथियों के साथ मिलकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। बदमाशों ने उसके ऊपर तलवारों से हमला बोल दिया। यश ने पहले उसके मामा राजिंद्र सिंह को गोलियां मारी। उसका मामा बेहोश हो गया। उसके बाद यश व उसके एक अन्य साथी ने उसके ऊपर कई गोलियां दागीं। इनमें से एक गोली उसकी दाहिनी टांग पर घुटने से नीचे लगी। गाड़ियों में बैठकर भागे बदमाश नरेंद्र ने आगे बताया कि बदमाशों ने उसके ऊपर गंडासियों व रॉड से हमला बोला। रॉड लगने से उसकी बाई कोहनी टूट गई। उसके दूसरे मामा भूपिंद्र सिंह ने भागकर अपनी जान बचाई। गोलियों की आवाज सुन गांव के अन्य लोग मौके पर पहुंचे। यहां से बदमाश ऑल्टो K10 व एक अन्य कार में बैठ फरार हो गए। लोग उन्हें मुलाना CHC ले गए। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज किया। यहां से परिजन उन्हें अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए उसके मामा राजिंद्र सिंह को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 191(3), 190. 115, 109 (1), 351(2) BNS के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने कई बार सीएम पद को लेकर अपनी मंशा जाहिर की, लेकिन उनकी इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। हरियाणा के दूसरे इलाके के मुकाबले बीजेपी 10 साल बाद भी दक्षिणी हरियाणा में सबसे ज्यादा मजबूत है। दोनों बार सूबे में सरकार बनाने में दक्षिणी हरियाणा का अहम रोल रहा है। इस बार भी अन्य इलाकों के मुकाबले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस इलाके की दोनों सीट गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर जीत दर्ज की है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह की उम्मीदें फिर से जगी हैं। 2019 के चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में 8 सीटें जीती
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किरण चौधरी के घर से हटा कांग्रेस का झंडा:बेटी समेत जॉइन की भाजपा; हविपा का कांग्रेस में विलय भी किरण ने कराया था
किरण चौधरी के घर से हटा कांग्रेस का झंडा:बेटी समेत जॉइन की भाजपा; हविपा का कांग्रेस में विलय भी किरण ने कराया था हरियाणा के भिवानी में दो दशक के बाद एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की कोठी से कांग्रेस का झंडा हट गया है। बुधवार को दिल्ली में बीजेपी जॉइन करते ही किरण चौधरी की कोठी पर लगे कांग्रेस पार्टी का झंडा व होर्डिंग,बैनर हटाए गए। कार्यकर्ताओं ने बीजेपी जॉइन करने पर किरण चौधरी को बधाई दी और खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अभी किरण चौधरी के माध्यम से अब रुके हुए काम जो तेजी के साथ होंगे। इससे हरियाणा प्रदेश में विकास होगा। किरण ने ही हविपा का कांग्रेस में करवाया था विलय
हरियाणा की राजनीति के योद्धा व विकास पुरुष कहलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने 1995-96 में कांग्रेस का दामन छोड़कर नई हरियाणा विकास पार्टी का गठन किया था। जिसके बाद बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, लेकिन चौधरी बंसीलाल व बीजेपी का सफर लंबा नहीं चला और गठबंधन टूट गया। इसके बाद दिल्ली की राजनीति कर रही उनकी पुत्रवधू किरण चौधरी की एंट्री हरियाणा की राजनीति में हुई। किसी तरह अपने जिद्दी व राजनीतिक सूझबूझ वाले ससुर बंसीलाल को मना कर किरण ने ही हरियाणा विकास पार्टी का विलय कांग्रेस में करवाया था। चौधरी बंसीलाल की निधन के बाद उनकी पोती श्रुति चौधरी को पगड़ी पहना कर राजनीति विरासत सौंपी गई। तब से ही किरण चौधरी व श्रुति चौधरी द्वारा चौधरी बंसीलाल की विरासत को सक्रियता के साथ संभाला जा रहा है। चौधरी बंसीलाल की कोठी का झंडा दो दशक के बाद बदल कर भाजपा का हो गया है। इसकी भी साक्षी किरण चौधरी बनी है।