हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा कस्बा में कौशल रोजगार निगम में लगे 2 कर्मचारियों द्वारा नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से लाखों रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। व्यक्ति द्वारा अब रुपए वापस मांगने पर धमकी दी जा रही है। उसने अब पुलिस व अन्य अधिकारियों को शिकायत की गई है। बवानी खेड़ा के वार्ड 15 निवासी रघबीर ने बताया कि वह मजदूरी का कार्य करता है। उसका बवानी खेड़ा में एक दुकान पर दो व्यक्तियों से संपर्क हुआ। उन्होंने बताया वे चाचा भतीजा हैं और वे पहले ठेकेदार प्रथा पर सामान्य अस्पताल बवानी खेड़ा में सिक्योरिटी गार्ड लगे थे और अब कौशल में कार्य कर रहे हैं। दोनों ने उसको बताया कि वे सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं। केवल 32 हजार रुपए लौटाए रघबीर ने बताया कि उसने भाई के बेटे व चाचा के बेटे को लगवाने के नाम पर इनके 11 अक्टूबर 2022 को 2.40 लाख रुपए दिए। दोनों ने उसके भतीजे व चाचा के बेटे को नौकरी नहीं लगवाया। उसने दोनों से रुपए वापस मांगे। दोनों ने बार बार चक्कर कटवाकर वर्ष 2023 में उसे केवल 32 हजार रुपए दिए। बाकी के 2.08 लाख रुपए बाद में किस्तों में देने की बात कही। अब इन्होंने उसे बकाया रुपए देने से साफ मना कर दिया है। मोबइल नंबर किया ब्लॉक, दी धमकी रघबीर ने बताया कि इनसे रुपए मांगने पर जान से मारने की धमकी दी है व अब मोबाइल भी ब्लॉक कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि इनका पूरा गैंग है, जो ऐसा कार्य करके लोगों को गुमराह करके लोगों से रुपया ऐंठने का कार्य कर रहा है। सीएमओ बोले करेंगे जांच इस मामले को लेकर भिवानी सीएमओ रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि ये मामला उनकी जानकारी में नहीं है। शिकायत प्राप्त होने पर जांच की जाएगी और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा कस्बा में कौशल रोजगार निगम में लगे 2 कर्मचारियों द्वारा नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से लाखों रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। व्यक्ति द्वारा अब रुपए वापस मांगने पर धमकी दी जा रही है। उसने अब पुलिस व अन्य अधिकारियों को शिकायत की गई है। बवानी खेड़ा के वार्ड 15 निवासी रघबीर ने बताया कि वह मजदूरी का कार्य करता है। उसका बवानी खेड़ा में एक दुकान पर दो व्यक्तियों से संपर्क हुआ। उन्होंने बताया वे चाचा भतीजा हैं और वे पहले ठेकेदार प्रथा पर सामान्य अस्पताल बवानी खेड़ा में सिक्योरिटी गार्ड लगे थे और अब कौशल में कार्य कर रहे हैं। दोनों ने उसको बताया कि वे सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं। केवल 32 हजार रुपए लौटाए रघबीर ने बताया कि उसने भाई के बेटे व चाचा के बेटे को लगवाने के नाम पर इनके 11 अक्टूबर 2022 को 2.40 लाख रुपए दिए। दोनों ने उसके भतीजे व चाचा के बेटे को नौकरी नहीं लगवाया। उसने दोनों से रुपए वापस मांगे। दोनों ने बार बार चक्कर कटवाकर वर्ष 2023 में उसे केवल 32 हजार रुपए दिए। बाकी के 2.08 लाख रुपए बाद में किस्तों में देने की बात कही। अब इन्होंने उसे बकाया रुपए देने से साफ मना कर दिया है। मोबइल नंबर किया ब्लॉक, दी धमकी रघबीर ने बताया कि इनसे रुपए मांगने पर जान से मारने की धमकी दी है व अब मोबाइल भी ब्लॉक कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि इनका पूरा गैंग है, जो ऐसा कार्य करके लोगों को गुमराह करके लोगों से रुपया ऐंठने का कार्य कर रहा है। सीएमओ बोले करेंगे जांच इस मामले को लेकर भिवानी सीएमओ रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि ये मामला उनकी जानकारी में नहीं है। शिकायत प्राप्त होने पर जांच की जाएगी और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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प्रदेश में हिंदी शिक्षकों के 1681 पद खाली, स्कूलों में हिंदी पढ़ना कैसे सीखेंगे बच्चे?
प्रदेश में हिंदी शिक्षकों के 1681 पद खाली, स्कूलों में हिंदी पढ़ना कैसे सीखेंगे बच्चे? भास्कर न्यूज | रोहतक अपनी खूबियों से समृद्ध और राष्ट्रभाषा का गौरव प्राप्त िंहंदी की दुर्दशा कम नहीं हो रही है। इसकी वजह शासन-प्रशासन की तरफ से इसको लेकर लगातार किया जा रहा उपेक्षा का व्यवहार है। देश की सांस्कृतिक धरोहर संजोने वाली इस भाषा के प्रति समाज का भी नजरिया हीन भावना वाला है, जबकि आमजन की ओर से सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली भाषा यही हिंदी है। इसके बावजूद हिंदी भाषा की उन्नति पर संकट बरकरार है। सार्वजनिक स्थलों पर मार्गदर्शन के लिए लगे बैनर पोस्टरों पर भी आम बोलचाल के लिखे शब्दों में त्रुटियां देखने को मिलती हैं। यही नहीं, शहर में विभिन्न प्रमुख विभागों और सरकारी कार्यालयों में जहां तहां लिखे हिंदी के वाकयों में गलती मिलती हैं। यह समस्या हिंदी के प्रति उदासीनता को दर्शाती है। क्योंकि हिंदी के आम बोलचाल चाल के शब्दों में भी त्रुटियां मिल रही हैं। यहां तक की आमजन को सतर्क और मार्गदर्शन करने वाले बैनर व पोस्टर के शब्दों में अशुद्धियां देखने को मिलती हैं। इतना ही नहीं, विभिन्न विभागों के नामों में गलतियां अकसर प्रशासनिक दस्तावेजों और सार्वजनिक सूचनाओं में देखने को भी मिलती हैं। सरकारी विभागों में अंग्रेजी शब्दों का हो रहा प्रयोग प्रदेश के सरकारी स्कूलों हिंदी विषय के कुल 7381 हैं। इनमें से जिले में 4487 नियमित शिक्षक, 922 अतिथि शिक्षक, 185 एचकेआरएन शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, लगभग 1681 पद अभी भी खाली हैं। प्रदेश भर में कक्षा 12वीं के 186815 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 185329 विद्यार्थी पास हुए हैं। यानी हिंदी विषय का कुल परीक्षा पास प्रतिशत 99.20 रहा। कक्षा 10वीं में 286714 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 277913 विद्यार्थी पास हुए हैं, जोकि 96.93 % रहा है।
20 तक अपलोड होगा फसल नुकसान ब्योरा:चरखी दादरी सहित 7 जिलों में ओलावृष्टि से खराब हुई फसल, सीएम ने दिए भरपाई के आदेश
20 तक अपलोड होगा फसल नुकसान ब्योरा:चरखी दादरी सहित 7 जिलों में ओलावृष्टि से खराब हुई फसल, सीएम ने दिए भरपाई के आदेश हरियाणा के चरखी दादरी जिले सहित 7 जिलों में बीते दिनों ओलावृष्टि से हुए नुकसान का ब्योरा प्रभावित किसान को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करना होगा। इसके लिए आगामी 20 जनवरी तक का समय निर्धारित किया गया है। बुधवार को चरखी दादरी डीसी मुनीश शर्मा ने वित्त आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, हरियाणा के पत्र का हवाला देते हुए किसानों से नुकसान का ब्योरा दर्ज करवाने की बात कही है। 7 जिलों में हुआ था नुकसान
बता दें कि बीते 26 और 27 दिसंबर की रात को चरखी दादरी जिले के अलावा महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार और पलवल जिले में ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण मौजूदा रबी सीजन की सरसों, गेहूं, चना सहित सब्जी की फसलों में नुकसान हुआ था। जिसके चलते किसानों ने प्रशासन और सरकार से गिरदावरी करवाकर नुकसान की भरपाई की मांग की थी। उसी के चलते ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसानों से नुकसान का ब्योरा मांगा गया है। 20 जनवरी तक दर्ज करवाए ब्योरा:डीसी
दादरी उपायुक्त मुनीश शर्मा ने बुधवार को बताया कि 26 दिसंबर के बाद जिले में हुई बरसात और ओलावृष्टि के कारण कहीं पर भी अगर किसानों की फसलों को कोई नुकसान हुआ है तो उसकी सूचना ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज की जा सकती है। वित्त आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, हरियाणा, चंडीगढ़ के पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों को हुए नुकसान के दावे अपलोड करने के लिए जिला के किसान आगामी 20 जनवरी तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। 13 हजार एकड़ फसल प्रभावित
पिछले दिनों हुई बारिश के साथ ओलावृष्टि के चलते दादरी जिला में फसलों को काफी नुकसान हुआ था। कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में ओलावृष्टि के कारण दादरी जिला के 38 गांवों की करीब 13 हजार एकड़ में फसलों को नुकसान हुआ है। फसलों में नुकसान की भरपाई को लेकर सरकार द्वारा 20 जनवरी तक ई क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। कृषि विभाग के अधिकारी चंद्रभान श्योराण ने बताया कि किसानों को फसलों के नुकसान का दावा पोर्टल पर अपलोड कराना होगा। आधार कार्ड और जमीनी दस्तावेजों से किसान अपनी खराब फसल का पंजीकरण कर दावे अपलोड करवाएं। जिसके आधार पर ही फसलों के नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।