हरियाणा के भिवानी में 49 साल पहले चैन स्नेचिंग के एक केस में नाम शामिल होने से अपराधी श्रेणी का कलंक झेल रहे सरमान को शुक्रवार को इस कलंक से छुटकारा मिल गया। इसको लेकर जैन चौक क्षेत्र निवासी सरमान ने समाधान शिविर में न्याय की गुहार लगाई थी। डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार ने सरमान का नाम अपराधियों की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया। इसके बाद आपराधिक रिकॉर्ड से उसका नाम हटा दिया गया है। भिवानी लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में शुक्रवार को समाधान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें एसडीएम हरबीर सिंह, नगराधीश विपिन कुमार और डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार ने लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान जैन चौक क्षेत्र निवासी सरमान ने अपनी समस्या रखते हुए बताया कि करीब 49 साल पहले उन पर चेन स्नेचिंग का मामला धारा 392 के तहत दर्ज हुआ था। वह मामला बाद में रफा-दफा हो गया था,, लेकिन उनका नाम पुलिस की अपराधी प्रवृति के लोगों की श्रेणी में डाल दिया, जो कि थाना शहर से संबंधित है। उसने बताया कि वर्ष 2007 में उनका नाम एक बार तो इस सूची से हटा भी दिया था, लेकिन मामूली कहासुनी पर एक साल बाद फिर उनका नाम बीसी श्रेणी या आपराधिक प्रवृति के लोगों की सूची में शामिल कर दिया गया। उसने बताया कि वह सामान्य नागरिक की तरह अपना काम कर जीवन व्यतीत कर रहा है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से उनका नाम इस सूची से हटाने की गुहार लगाई। मौके पर मौजूद डीएसपी रमेश कुमार ने सरमान को उनका नाम अपराधियों की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया। इस पर सरमान ने पुलिस के साथ-साथ पूरे जिला प्रशासन का आभार जताया। हरियाणा के भिवानी में 49 साल पहले चैन स्नेचिंग के एक केस में नाम शामिल होने से अपराधी श्रेणी का कलंक झेल रहे सरमान को शुक्रवार को इस कलंक से छुटकारा मिल गया। इसको लेकर जैन चौक क्षेत्र निवासी सरमान ने समाधान शिविर में न्याय की गुहार लगाई थी। डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार ने सरमान का नाम अपराधियों की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया। इसके बाद आपराधिक रिकॉर्ड से उसका नाम हटा दिया गया है। भिवानी लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में शुक्रवार को समाधान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें एसडीएम हरबीर सिंह, नगराधीश विपिन कुमार और डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार ने लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान जैन चौक क्षेत्र निवासी सरमान ने अपनी समस्या रखते हुए बताया कि करीब 49 साल पहले उन पर चेन स्नेचिंग का मामला धारा 392 के तहत दर्ज हुआ था। वह मामला बाद में रफा-दफा हो गया था,, लेकिन उनका नाम पुलिस की अपराधी प्रवृति के लोगों की श्रेणी में डाल दिया, जो कि थाना शहर से संबंधित है। उसने बताया कि वर्ष 2007 में उनका नाम एक बार तो इस सूची से हटा भी दिया था, लेकिन मामूली कहासुनी पर एक साल बाद फिर उनका नाम बीसी श्रेणी या आपराधिक प्रवृति के लोगों की सूची में शामिल कर दिया गया। उसने बताया कि वह सामान्य नागरिक की तरह अपना काम कर जीवन व्यतीत कर रहा है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से उनका नाम इस सूची से हटाने की गुहार लगाई। मौके पर मौजूद डीएसपी रमेश कुमार ने सरमान को उनका नाम अपराधियों की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया। इस पर सरमान ने पुलिस के साथ-साथ पूरे जिला प्रशासन का आभार जताया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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