भिवानी| भारत निर्वाचन आयोग ने जिला के अंतर्गत आने वाली चरों विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो सामान्य पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। 54-लोहारू विधानसभा क्षेत्र तथा 59-बवानीखेड़ा (आरक्षित) के लिए रंजीत कुमार सिंह आईएएस को सामान्य पर्यवेक्षक लगाया गया है। महावीर कौशिक ने बताया कि चुनाव से संबंधित किसी भी शिकायत अथवा सुझाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि व आमजन पर्यवेक्षक रंजीत कुमार सिंह के मोबाइल नंबर 9485553278 पर संपर्क कर सकते हैं। भिवानी| भारत निर्वाचन आयोग ने जिला के अंतर्गत आने वाली चरों विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो सामान्य पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। 54-लोहारू विधानसभा क्षेत्र तथा 59-बवानीखेड़ा (आरक्षित) के लिए रंजीत कुमार सिंह आईएएस को सामान्य पर्यवेक्षक लगाया गया है। महावीर कौशिक ने बताया कि चुनाव से संबंधित किसी भी शिकायत अथवा सुझाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि व आमजन पर्यवेक्षक रंजीत कुमार सिंह के मोबाइल नंबर 9485553278 पर संपर्क कर सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जेजेपी की सभी इकाइयां भंग:जल्द होगी नए पदाधिकारियों की घोषणा; अजय चौटाला बोले- संगठन में होंगे बड़े बदलाव
जेजेपी की सभी इकाइयां भंग:जल्द होगी नए पदाधिकारियों की घोषणा; अजय चौटाला बोले- संगठन में होंगे बड़े बदलाव जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपनी सभी प्रमुख इकाइयों को भंग कर दिया है। जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जेजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी, सभी जिला व हलका स्तर की कार्यकारिणी को तुरंत प्रभाव से भंग कर दिया है। हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया गया है। अब जेजेपी जल्द ही नए पदाधिकारियों की घोषणा करेगी। जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने कहा कि जेजेपी अपने संगठन में बदलाव कर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। अगली घोषणा तक क्षेत्रों में जिम्मेदारी से काम करने का निर्देश उन्होंने कहा कि संगठन पुनर्गठन के तहत जेजेपी के कर्मठ, ऊर्जावान नेताओं व कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। अजय चौटाला ने कहा कि जेजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श के बाद संगठन के नए स्वरूप पर काम करेगी। उन्होंने सभी जेजेपी कार्यकर्ताओं से अगली घोषणा तक अपने-अपने क्षेत्रों में जिम्मेदारी से काम करते रहने को कहा।
सिरसा में छत गिरने से महिला की मौत:बारिश के कारण हादसा; रात को मलबे के नीचे दबी, प्रशासन ने नहीं दी थी मदद
सिरसा में छत गिरने से महिला की मौत:बारिश के कारण हादसा; रात को मलबे के नीचे दबी, प्रशासन ने नहीं दी थी मदद हरियाणा के सिरसा शहर में बारिश के कारण बीती रात को इंदिरा विकास नगर स्थित एक मकान की छत ढह गई। कच्ची छत का मलबा कमरे में सो रही महिला पर गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई। शुक्रवार दोपहर को मृतका के शव का पोस्टमार्टम सिविल हॉस्पिटल में किया गया। महिला की मौत होने से उसके पति का रो रोकर बुरा हाल है। पीड़ित पति का कहना है कि वह बहुत गरीब है, प्रशासन को उसकी सहायता करनी चाहिए। जानकारी के अनुसार इंद्र विकास नगर निवासी सुशील कुमार पेशे से पेंटर है। सुनील का कहना है कि उसके मकान की छत कच्ची थी। वीरवार को तेज बारिश आई थी। रात को वह कमरे में अपनी पत्नी सुमन के साथ सोया हुआ था। देर रात को कच्ची छत का एक हिस्सा ढह गया और उसका मलबा सुमन के ऊपर आ गिरा। सुमन मलबे के नीचे दब गई। सुनील का कहना है कि उसने अपनी पत्नी को मलबे से निकाले की काफी कोशिश,लेकिन सफल नहीं हो पाया। इसके बाद उसने पड़ोसी कालू व बिट्टू को बुलाया। पड़ोसियों ने उसकी मदद करते हुए मलबे से सुमन को बाहर निकाला। इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से सुमन को हॉस्पिटल लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसकी जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। सुनील का कहना है कि उसकी 2 बेटियां व 2 बेटे हैं। दोनों बेटियों व एक बेटे की शादी हो चुकी है। वह बहुत गरीब है,इसलिए मकान की छत पक्की नहीं डाल सका। सुनील का कहना है कि उसने व उसकी पत्नी ने मकान की छत पक्की डालने के लिए बीडीपीओ दफ्तर के काफी चक्कर लगाए,लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। अगर सरकार से उसे आर्थिक सहायता मिलती तो वह मकान की छत पक्की करवा लेता और आज उसकी पत्नी सुमन जिंदा होती। पुलिस का कहना है कि पति सुशील के बयान पर इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई की जा रही है।
हरियाणा साइंटिस्ट डेथ केस: CBI जांच की मांग:कुलपति पर लगा उत्पीड़न का आरोप, यूनिवर्सिटी संघ ने कहा- CM से करेंगे मुलाकात
हरियाणा साइंटिस्ट डेथ केस: CBI जांच की मांग:कुलपति पर लगा उत्पीड़न का आरोप, यूनिवर्सिटी संघ ने कहा- CM से करेंगे मुलाकात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) की वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गोल्ड मेडलिस्ट वैज्ञानिक बहन की मौत से आहत भाई विशाल फोगाट ने राज्यपाल व अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी है। विशाल ने कुलपति डॉ. बीआर कंबोज पर बहन को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। डॉ. दिव्या के मामले में कई संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कई संगठन पहले ही विरोध कर चुके हैं और दीपेंद्र हुड्डा से लेकर सांसद जयप्रकाश तक वैज्ञानिक की मौत पर सवाल उठा चुके हैं। अब 15 दिसंबर को दिव्या के भाई विशाल फोगाट ने ईमेल के जरिए बहन को परेशान करने की शिकायत की है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग तक की है। विशाल फोगाट ने शिकायत में कहा कि उनकी बहन बहुत होनहार थी और उसने कई किस्में निकाली थीं। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने उन्हें प्रोजेक्ट के लिए मैक्सिको और बांग्लादेश भी नहीं जाने दिया। साथ ही उनके विभागाध्यक्ष ने बिना किसी कारण के उन्हें नोटिस थमा दिया। डॉ. दिव्या ने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब परिजनों ने शिकायत कर मामला उठाया है। हौटा पदाधिकारी ने प्रताड़ित करने के आरोपों को किया खारिज
वहीं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) कार्यकारिणी की बैठक हौटा प्रधान डॉ. अशोक गोदारा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में डा. दिव्या फौगाट के विषय पर विश्वविद्यालय के प्रताड़ित करने के आरोपों को हौटा ने खारिज किया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस विषय पर मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी से भी मुलाकात की जाएगी और इस बारे में अवगत करवाया जाएगा। हौटा पदाधिकारियों ने कहा कि आजकल इंटरनेट मीडिया व कुछ सामाजिक संगठनों व राजनैतिक व्यक्तियों की तरफ से विश्वविद्यालय पर तथ्यहीन आरोप लगाए जा रहे हैं। डॉ. दिव्या फोगाट की नियुक्ति इसी सरकार में बिना खर्ची व पर्ची के हुई। उन्हें विश्वविद्यालय ने लड़कियों के हॉस्टल के वार्डन की जिम्मेदारी भी दे रखी थी, जिससे पता चलता है कि प्रशासन को उन पर कितना भरोसा था। हौटा ने डॉ. दिव्या के निधन पर दुख प्रकट किया। वह लंबे समय से गंभीर बीमारी से ग्रस्त थी। हौटा ने दिया आरोपों का जवाब
हौटा प्रधान डॉ. अशोक ने कहा कि उसे मैक्सिको न भेजने की बात फैलाई जा रही है जबकि उस क्षेत्र में डॉ. ओपी बिश्नोई पिछले 30 वर्षों से कार्य कर रहे थे। इस विषय में इतने अनुभव का और कोई वैज्ञानिक नहीं था जबकि डॉ. दिव्या को जॉइन करे 4 साल भी नहीं हुए थे। विश्वविद्यालय के पास यह जानकारी होती है कि कौन वैज्ञानिक किस क्षेत्र में कार्य कर रहा है। डॉ. ओपी बिश्नोई ने गेहूं की दर्जनों किस्मों को इजाद करने में अपना योगदान दिया है जिसमें मुख्य रूप से डब्ल्यूएच 1270 गेहूं की किस्म जिसका उत्पादन क्षमता व मांग पूरे भारत में सबसे ज्यादा है। वहीं डॉ. दिव्या का किसी भी किस्म में मुख्य प्रजनक में नाम नहीं आता है। हौटा पदाधिकारियों ने बांग्लादेश जाने की बात पर कहा कि गेहूं में रोग संबंधित प्रशिक्षण था तो विश्वविद्यालय का नियम यह कहता है कि उसमें गेहूं के रोग पर कार्य करने वाला वैज्ञानिक ही जाए। डॉ. दिव्या गेहूं में प्रजनन पर विशेषज्ञ थी न कि गेहूं रोग की।